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अपहरण

  अनुशासन का अपहरण किसने  किया उच्छृंखलता ने मनमानी ने सीता जी का अपहरण किसने किया  रावण जी ने देवकी के छः पुत्रों का अपहरण किसने किया हिरेंगामेशी देव द्वारा सरलता ऋजुता का अपहरण किसने  किया मान माया लोभ ने चिलाती पुत्र ने किसका अपहरण किया सेठ की बेटी का अपहरण किया किस बहन ने कपने भाई को एक सतीका कपहरण करने के लिए उकसाया ⁉️* * 🅰️ ‼️चंद्र नखा (सुपर्ण खां) * अभय कुमार का अपहरण किसने किससे करवाया     अपहरण चण्डप्रद्योत ने  करवाया  गणिका  से (अभयकुमार इस श्राविका(का ढोंग कर रखा था) रूप में रह रही गणिका के आवास पर आये। ) भामण्डल जी का अपहरण किसने किया देव ने पिंगलमुनि मृत्यु पाकर प्रथम देवलोक में देव हुए और अपने शत्रु को देखने लगे, पूर्वभव का संचित वैर उत्पन्न हुआ और देखा  और अपहरण कर लिया द्रोपदी का अपहरण किसने किया अमरकंकापुरी नगरी के राजा पद्मनाभ  ने शांति का अपहरण किसने किया  क्रोध ने उदायन का अपहरण  किसने किया चंड़प्रद्योत द्वाराहाथी जैसी काष्ठ के एक कृत्रिम हाथी का निर्माण करवाया। जिसके मध्य में कुछ पोलार रखी ताकि अंदर स...

जैन मरण

  *༺꧁ पारस प्रश्र मंच ग्रुप  ꧂༻* https://www.facebook.com/groups/parasprashnamanch/ *📕 रोज के 10 प्रश्र्न 📘*  *DATE ~ 18/02/2021*  *आशीर्वाद एवं प्रेरणा स्रोत* *श्री चम्पक गच्छ नायक तपस्वीराज परम पूज्य गुरुदेव श्री पारस मुनिजी म.सा*  *प्रवचन प्रभावक परम पूज्य श्री पंकज मुनीजी म सा* ❀•~•~•~•~•~•~•~•~•~•❀      *🌸आज के गुरूजी 🌸*           *हंसराजजी भंसाली*                   *चैन्नई* ❀•~•~•~•~•~•~•~•~•~•❀ 🦚 *टॉपिक -: संथारा*🦜 *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* 🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚 1संथारा कितने तरह का होता है 3 2 कोंनसा संथारा अति दुर्लभ होता है पदोपगमन संथारा 3 यह अति दुर्लभ क्यो होता है यह व्रज ऋषभ नारच सहनन वाले को होता है 4कय्या कारण है यह हर कोई नहीं कर सकता है इस संथारे में अंगोपांग का हिलना डुलना नहीं होता 5इंगित मरण संथारा किसे कहते है निश्चित स्थान से चल फिर सकते है 6अंतिम संथारे का नाम क्या भक्त प्रत्याख्यान संथारा 7यह संथारा कैसा होता है तिविहार ओर चोविहार भी 8कौनसे संथारे चोविहार ही ह...

नमुत्थुणं (25 बोल ) क्लास का4

*1:2:21* *पहला बोल  -- गति चार* *भाग  -- 1* 1 नरक गति     2  तिर्यंच गति  3 मनुष्य गति   4  देव गति  गतियाँ जीव की होती है तो आइये पहले जीव के बारे में जाने जैन दर्शन में जीव दो प्रकार के माने गए हैं --  *२. जीव के दो प्रकार हैं*- *१. सिद्ध* *२. संसारी* वैसे ही राशि   दो भागों में विभक्त है , 1 जीव और 2,अजीव।  इन दो राशिमें सारा संसार  समा जाता है। इसके बाहर कुछ भी नही  यह वर्गीकरण संग्रहनय की दृष्टि से है।(संग्रह नय मतलब विस्तृत वस्तु को संक्षिप्त करके बताना )  इसमें एक दृष्टि से सारा संसार बंध गया। पर यह दृष्किोण व्यावहारिक कम है। किसी भी तत्व को व्यावहारिक बनाए बिना यह जन-भोग्य नहीं बन पाता। इसलिए, उक्त वर्गीकरण को व्यवहार नय की दृष्टि से समझना भी जरूरी है। इस क्रम में हम सबसे पहले जीव तत्त्व को लेते हैं। जीव के दो प्रकार हैं-सिद्ध और संसारी ।  पहले सिद्ध को जानने का प्रयत्न करते  है।(औऱ पहले सिद्ध गति  जो सर्वोपरि गति है  इसे स्थिति के हिसाब से गति कह सकते है । पर गति में इस...