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भोगा जाना सत्य

अर्थ बदलते रिश्ते    भाई चारा :: भाई को चारा बनाया जाता है  उसके नाम बड़े बड़े  काम किये जाते है  वक़्त  आने पर भाई को भाई चारा बनाकर डकार जाते है  इसका मतलब ही भाईचारा निकला  जाता है  रिश्ते  बनाम रीसते ::   रिश्ते  तो रीसते है आजकल आंसू  से लेकर खून तक  वादों को लेकर जज्बातों  तक  बहते ही जाते है  कुछ ढ हरता  ही नहीं  क्योंकि रिश्ते तो रीसते है  आजकल  परिवार :: पहले था  जो चारो तरफ के वार को रोके वोह है परिवार  आज के सन्दर्भमें  जो चारों ओर से वार करे  वो है परिवार 1 मजाक  :: मजाक को व्यंग्य का जरिया बना दिए  लोग  मजाक का भी मजाक बना दिए  लोग  मजाक में कह देते हैं चुभती बात  सहो तो व्यंग की चुभन  कहो तो कहेगें अरे !. मजाक का क्या बुरा मानना बुरा लगा है तो माफ़ करना यार  मजाक की मजाक व्यंग्य का व्यंग्य  देखो  कितने चालक हो गए है लोग 1 तुक:: मत मांगो तुक की कविता या तुक बंदी की कविता इतनी जिन्दगी ने सही है...

पुराने सन्दर्भ नयी परिभाषाये

शादी की अंगूठी - दुनिया की सबसे छोटी हथकड़ी  बजट - जिसमे सब चीजो का भाव बढ़ जाये  अर्धांगिनी -जो पति की आधी तनखा गिन ले  सफल हेरोइने -तंग कपडे ढीली आदतें   पति -जो बिना गलती सॉरी कहे  वित्  मंत्री -वेध्य रूप से जेब कतरा

मेरी काव्य रचना

तुम बरसात की नन्ही बूंद सद्रश मुझ  सागर सीपी के खुले हृदय में  मोती बनकर झरे  हो मूल्यहीन से मूल्यवान बनते ही  बिकाऊ हो गए मेरा  सीना चाक कर काफिरों ने  तुमे मुझसे छीना  है  देखो मेरी जरा किस्मत  हस्ती मिटी   है मेरी  तब,  जब एक जर्रे को मोती बनाया हैं