भोगा जाना सत्य
अर्थ बदलते रिश्ते
भाई चारा ::
भाई को चारा बनाया जाता है
उसके नाम बड़े बड़े काम किये जाते है
वक़्त आने पर भाई को भाई चारा बनाकर डकार जाते है
इसका मतलब ही भाईचारा निकला जाता है
रिश्ते बनाम रीसते ::
रिश्ते तो रीसते है आजकल
आंसू से लेकर खून तक
वादों को लेकर जज्बातों तक
बहते ही जाते है कुछ ढ हरता ही नहीं
क्योंकि रिश्ते तो रीसते है आजकल
परिवार ::
पहले था
जो चारो तरफ के वार को रोके वोह है परिवार
आज के सन्दर्भमें
जो चारों ओर से वार करे वो है परिवार 1
मजाक ::
मजाक को व्यंग्य का जरिया बना दिए लोग
मजाक का भी मजाक बना दिए लोग
मजाक में कह देते हैं चुभती बात
सहो तो व्यंग की चुभन
कहो तो कहेगें
अरे !. मजाक का क्या बुरा मानना
बुरा लगा है तो माफ़ करना यार
मजाक की मजाक व्यंग्य का व्यंग्य
देखो कितने चालक हो गए है लोग 1
तुक::
मत मांगो तुक की कविता या तुक बंदी की कविता
इतनी जिन्दगी ने सही है आपा धापी की सारे तुक बेतुके होगए
बिखर गई रिश्तों की मर्यादा, खो गए नीतियों के मानदंड
जो हमने पकड़ी थी .ईमानदारी विश्वास सच्चाई की राह
माँगते हे उनके लिए सजा ईश्वरसे , बस इतना विश्वास तो अभी भी बाकि है
कि उसके घर देर हे पर अंधेर नहीं है १
पुण्य :
पुण्य कि खालो रोटी
जुल्म से अत्याचार से
जब पुण्य का बेलेंस ख़त्म हो जायगा
उस दिन तो भैया धरती पर भी जगह नज़र नहीं आएगी 1
इतनी जिन्दगी ने सही है आपा धापी की सारे तुक बेतुके होगए
बिखर गई रिश्तों की मर्यादा, खो गए नीतियों के मानदंड
जो हमने पकड़ी थी .ईमानदारी विश्वास सच्चाई की राह
रंज है तो सिर्फ इतना कि उसी पर हम क्यों ढगे से खड़े है ?,
चलो छोडो .हम अकेले तो नहीं, इस राहजनी के शिकार, और भी हैमाँगते हे उनके लिए सजा ईश्वरसे , बस इतना विश्वास तो अभी भी बाकि है
कि उसके घर देर हे पर अंधेर नहीं है १
पुण्य :
पुण्य कि खालो रोटी
जुल्म से अत्याचार से
जब पुण्य का बेलेंस ख़त्म हो जायगा
उस दिन तो भैया धरती पर भी जगह नज़र नहीं आएगी 1
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