दीप विश्वास की ज्योति

ये सेंकडो दीप जो चुपचाप
रात के अँधेरे में  
अमा की रात में  जला देते है 
और एहसास लेकर  लौट जाते है
कि उसके दीप प्रकाश स्तम्भ बनकर  
जलते रहेंगे 
और यही विश्वास कि ज्योति 
हर यात्री के पथ पर निरंतर रौशनी बिखरती 
 जलती रहती है
और भटकने से उसे
बचाए रहती है 

 
 

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