राखी का सन्देश

 राखी  का   सन्देश

दुनिया  की  तल्खियों ,  रूसवाइयों से रहे अलायदा मेरा भैया ,
     बहना ने यही अरमान ,धागे में है पिरोया
     बस बन गई प्रेम की सौदाई,
     मांग रही रब से ,तेरे लबों की हंसी
     तुम्हारी हर कामना ,मंगल- टीके में भर लाई



राखी का त्योंहार ,कहाँ हम कहाँ तुम,  पर रेशम के धागे है -स्मृति के आधार
 इन  धागों को सजा लेना- कलाई में,
,कितना संजीदा रिश्ता है-संजो लेना दिल में ,
और आहिस्ता आहिस्ता उड़ेल देना भावनाओ का सागर
नयनों  के गागर  में।
 बस जब तक ----------------
 युहीं हम बसे रहे एक दूजे के  अहसासों में ,
बस तब तक ============
मिल जाया करेगा , मुझे मेरा उपहार तुम्हारे प्यार में


रेशम के  मामूली धागों ने नया , आयाम रच दिया ,
गैर के हाथों में बंध के भी वात्स्लीय ,छलका दिया .
बंध गया जिस हाथ में ,एक रिश्ता बना दिया
राखी के साथ जुड़ते गए कई इतिहास
वाकया कई है -कई बार इसने दरिदें ,को भी भाई बना दिया

बहन ने भाई का कुमकुम रोली चावल से श्रंगार किया  है
कलाई में राखी, मुहँ में मीठा ग्रास दिया हैं
हर बुरी नजर से बचाए , मेरे भइया को
हर अरदास में इसको शामिल किया है

mahkane ke liye deodorant ka jaar lai hun
roshan karane aapko CFL, ke bulb hazar lai hun
aapki muskaan ke liye chocolate-baar lai hun
milenge tab dungi udhar hai uphaar
abhi to bandhlo bhiya kalai pe bhan ka pyar


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