मेरी क्लास में हो चुके प्रश्न 3
🌺समवसरण🌺
1️⃣समवसरण में कितने भवो के बारे मे देखा व जाना जा सकता है ❓
🅰 3 भव ( भूत , भविष्य, वर्तमान)
2️⃣इस अवसर्पिणी काल में कितनी बार समवसरण की रचना हुई ❓
🅰 64 बार
3️⃣समवसरण में कितने वाद्य बजते है ❓
🅰 साढ़े 12 करोड़
4️⃣प्रथम गढ़ के चारों किनारो पर देवता क्या करते है
🅰️प्रथम गढ़ के चारों किनारो पर देवता मीठे जल की एक-एक बावड़ी सरोवर का निर्माण करते हैं
5️⃣किसके प्रभाव से समवसरण में स्थान का अभाव नहीं होता ???
🅰️. तीर्थंकरजी के अतिशय के कारण
6️⃣जब तीर्थंकर विहार करते हैं तो कितने प्रातिहार्य रहते हैं
🅰️5 )दुदंभी, चमार भामंडल और छत्र त्रय दिव्यध्वनि
7️⃣घुटनो तक अचित पुष्पो की वृष्टी कौन करता है ?
🅰️. अधिष्ठायक देव जी
8️⃣भगवान ऋषभदेव जी का मोक्ष समवसरण कितने कोस प्रमाण था
🅰️48 कोस(144कि. मि)
9️⃣छ' कोष समवसरण की ऊचाई कौन से तीर्थंकर की थी?
🅰️नेमिनाथ जी
🔟प्रथम समवसरण रचना कब हुई?
🅰️ फाल्गुन बदी 11
1️⃣1️⃣ब्रह्मेन्द्र द्वारा बनाया हुआ समवसरण कितने दिन रहता है ?-
🅰️चार माह तक
1️⃣2️⃣ईशानेन्द्र ने बनाया हुआ समवसरण कितने दिन रहता है ?-
🅰️15 दिन
1️⃣3️⃣चैत्यवृक्ष के नीचे रत्नमय पीठ पर ---- और उस पर में प्रभु सिंहासन पर विराजमान होते हैं।
,🅰️देवछंदक
1️⃣4️⃣वर्तमान चौबीसी के कितने तीर्थंकरों के समवसरण सिद्धाचल तीर्थ भूमि पर हुए ?*
🅰️श्री नेमिनाथजी के सिवाय शेष 23 तीर्थंकरों के ।
1️⃣5️⃣भगवान ऋषभदेव के समवसरण का श्रीविहार रथ देश में किस उद्देश्य से किया गया था ?
🅰️जैनधर्म की प्राचीनता, पारस्परिक मैत्री भाव का प्रचार करने एवं पर्यावरण को शुद्ध करने के उद्देश्य से ‘‘ऋषभदेव समवसरण श्रीविहार’’ रथ का प्रवर्तन किया गया।
1️⃣6️⃣समवशरण में तीर्थंकर की दिव्यध्वनि एक दिन में कितनी बार खिरती है?
🅰️दिव्यध्वनि एक दिन में तीन बार खिरती है।
1️⃣7️⃣भगवान्समवसरण में धर्मदेशना के प्रारम्भ में किसको प्रणाम करते हैं ?
🅰️साधु, साध्वी, श्रावक एवं श्राविका के चतुर्विध संघ रूप तीर्थ को "नमो तित्थस्स" यह कह कर प्रणाम करते हैं ।
,1️⃣8️⃣समरवसरण में बली विधान होता है उसमें क्या उसमें किसकी बली तैयार के की जाती है
🅰️उसमें अर्ध पक्के चावल की बली तैयार की जाती है
1️⃣9️⃣गण धरो के सिर पर तीर्थंकर अनुक्रम से क्या डालते है
🅰️वासक्षेप
2️⃣0️⃣तीर्थंकर के तीन दिशा में तीन प्रतिबिंब कौन बनाते हैं
🅰️व्यन्तर देव
2️⃣1️⃣तीर्थंकर जिन कमल पर चलते हैं वे किससे बने होते हैं
🅰️सुवर्ण से
,2️⃣2️⃣केवली आत्माएँ समवसरण में तीर्थंकरों को वंदन करतीं हैं क्या
🅰️नहीं
क्योंकि वंदन घातिकमाँ के क्षय के लिए किया जाता है एवं केवलज्ञानियों ने घातिकर्मों का क्षय कर लिया होता है 'अतः वंदन की आवश्यकता नहीं होती।
*टॉपिक लौकिक, लोकोत्तर पहेलियाँ*
1️⃣केवल देवलोक से ही नहीं नाता ,मोक्ष नरक भी जाते है,
कर्म करके खाते है, नहीं पेड़ो के सहारे नहीं जीता हैं
🅰️कर्मभूमि के मनुष्य
2️⃣पांच पुण्य का उपार्जन कर सकता हूँ,
चार गति में एक गति , नहीं जानता भाषा ,नहीं अपनी पहचान बात सकता हूं
🅰️तिर्यंच(पाँच पुण्य-मन,वचन पुण्य, काय पुण्य,औऱ नमस्कार पुण्य)
3️⃣चार लाख द्रम्म से बोली का प्रारम्भ किया,पर नहीं बोली बढ़ पाई
किस सेठ ने सीधे ,सवा करोड की बोली लगाकर माता जी को तीर्थमाला पहनाई ।
🅰️जगदुशाह (महुवा के )
4️⃣मन से ज्ञान की आशातन करने वाला हूँ मैं विराधक,
ऊपरी तौर पर ज्ञान का समर्थन करने वाला, ना कभी बना आराधक ।
अगले जन्म कैसी , मिलेगी गति मुझे
अभी विज्ञ जन कराओ ज्ञान
🅰️गूँगा-ज्ञानशून्य
5️⃣क्या बच्चे क्या बुढे देखो, सभी मुझ पर जाते बलिहारी ? धन देने वाली वृद्व पति कीअल्पवयी सुंदर सन्नारी
🅰️लक्ष्मी जी
वैडूर्यरत्न का नीलवर्णा नील वंत पर्वत , पर्वत पर द्रह
द्रह पर निवास करती देवी नाम का हिंट है यश का पर्यायवाची हैं,
🅰️ कीर्ति देवी जी
,6️⃣मैं जीव कर्मों का प्रवेश द्वार बंद करता और
आश्रव द्वार भी बन्द करता
बताओ कौन हूँ, मैं
त्याग ,तपस्या से मेरा गहरा नाता
🅰️पच्चखाण
7️⃣दिन में लटके, रात में भटके, ताज़ा फल खाता है
🅰️चमगादड़
8️⃣तीन तप मेरे एक के करने से हो जाता
चार अक्षर का नाम मेरा, आगे के दो हटाये तो
रहनेका स्थान बन जाता
🅰️उपवास
3 तप:-वॄति संक्षेप तप रसात्याग तप उनोदरी तप
9️⃣कुबड़ा होकर घर में बैठे, सीधा होकर कान समेटे ?
🅰️चाक़ू
,1️⃣🔟पीत सुवर्णवर्णा लघु हिमवंत पर्वत , पर्वत पर पद्म द्रह
द्रह पर निवास करती देवी नाम का हिंट है लक्ष्मीका पर्यायवाची हैं, प्रसिद्ध अभिनेत्री थी
🅰️श्री देवी
1️⃣1️⃣कभी हंसाती, कभी रुलाती, पर वह बोल नहीं पाती ?
🅰️पत्र
1️⃣2️⃣कढ़ाई में तेल में तैरती पूरी जैसा गोल-गोल
पूर्णिमा के चांद जैसा गोल-गोल एक द्वीप का हैं नाम
उत्तर देना तुम सटीक
🅰️जम्मू द्वीप
1️⃣3️⃣गोल-गोल चक्री, चक्री में चक्कर, बिना किसी मुँह के पी गई शक्कर ?
🅰️जलेबी
1️⃣4️⃣छः पर सारा संसार टिका है , छः के बाहर ना कोई
छः का नाम बता दो तो तुमसे ज्यादा ज्ञानी न कोई
🅰️छः द्रव्य-जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश, काल.
1️⃣5️⃣एक थाली, बारह कटोरी, तीन चमचें ?
🅰️घड़ी
1️⃣6️⃣रात अन्धेरी में हैं चमकता, तारे दौड रहे हो ऐसा लगता ?
🅰️खघोत/जुगनू
1️⃣7️⃣जो सड़ता भी हैं ,जो गलता भी है, जिसमें जीव अजीव
रहता भी हैं,
🅰️पुदगल
1️⃣8️⃣डरते है हम डराते हो तुम
कौन हो तुम ?जगती के क्रीड़ा पर्वत में स्थित प्रसाद में उद्यानों में लता ग्रहण में जलाशय में मंडपों में स्वर्ण शीला पट्टी पर क्रीड़ा करते हो
🅰️वांव्यन्तर
1️⃣9️⃣पूनम और अमावस को मैं, दिखता हूं, अपनी पूर्णता में पर औऱ दिन दिखता सबको भिन्न-भिन्न वेश में?
,🅰️चाँद
2️⃣0️⃣जम्बूद्वीप में 16 बड़े द्रह /सरोवर है,
वर्षधर पर पद्म आदि 6 द्रह हैं, तो बताओ तो जाने गुरु तुमको माने
उत्तर -देवकुरु में द्रह है कितने? राइमिंग शब्द हैं बस
🅰️10
2️⃣1️⃣काली काली प्यारी भी, मीठी और गुणकारी भी ?
🅰️जामुन
🌹लौकिक-लोकोत्तर पहेलियाँ2🌹
1️⃣शीतलता देता सदा मैं आता पूजा के काम,पर अति तन रगड़ा मेरा तो, उठ जाती है आग, बताओ मेरा नाम
🅰️चंदन
2️⃣बलि प्रथा नहीं जरूरी ,नही बेजुबान को मारूंगा,
लो यह ला दिए पशु सारे ,देवी को भूख होगी तो स्वयं ही खा लेगी ,यह कौन से राजा धर्मी थे ,वे किस देवी को दिए ललकार
🅰️कुमार पाल राजा, देवी थी कंटकेश्वरी देवी
3️⃣मैं हूं ऐसी वस्तु जिसकी कीमत ज्यादा पर मान कम है
🅰️मौजड़ी/जूता
4️⃣महाबल राजा ने पुत्र कोराज्य सौंपकर स्वयं को आचार्य विमलचन्द्र के चरणों में संयमी बना लिया
यह किस तीर्थंकर को याद कर हमने जीवन संवार लिया
🅰️भगवान् श्री अभिनन्दन स्वामी क़ा
5️⃣न शादी हुई न बच्चा हुआ, फिर भी परम्परा बढ़ती जाये
,🅰️ साधु साध्वी जी
6️⃣चारों खड़ी, चारों पड़ी, चारों में दो-दो गड़ी ?
🅰️चारपाई
7️⃣शुक्लध्यान में लीन *पद्मोत्तर जी* ने मरण प्राप्त कर प्राणत स्वर्ग में ऋद्धिमान देव बनें, यही *पद्मोत्तर* का जीव आगे चलकर बताओ
किन तीर्थंकर के नाम से अवतरित हुए
🅰️भगवान वासुपूज्य
8️⃣चक्रव्युह में मैं फंसी, जल्दी से निकालो मेरे भाई ?
🅰️इमरती/जलेबी
9️⃣कषाय की परिणिति द्वारा जीव का जब कर्म पुद्गल को ग्रहण करना फिर नहीं , छोड़ना अपितु बढ़ाते ही जाना हैं, यह क्या चकल्लस है भाई सर चकराया
इसे कहते हैं ,क्या तुम ही बताओ भाई
🅰️चय उपचय
🔟जो तुझमें है वह उसमें नहीं, जो झण्डे में हैं वह डण्डे में नहीं ?
🅰️झ
1️⃣1️⃣कटु वचन बोलने से कितने दिन की तपस्या नष्ट हो जाती है एक दिनकी ।
तो
आक्षेप देने से कितने माह की तपश्चयों नष्ट हो जाती है?
🅰️एकमाह की
1️⃣2️⃣राई जितना भार नहीं, दो बिन उठे नहीं ?
🅰️लड़ाई
1️⃣3️⃣कर्म के उदय में अच्छे-बुरे फल पाना वेदन हैं तो
तप के द्वारा कर्मों का क्षय करना क्या है ?
🅰️निर्जरा
1️⃣4️⃣गरज़ा बादल बरसी धूल, बूझो या करो हार कबूल ?
🅰️घट्टी
1️⃣5️⃣जीवों का अंतिम निवास मोक्ष हैं तो, प्रथम निवास तो बताओ, नहीं बता पाओ तो हार मान जाओ
🅰️निगोद
1️⃣6️⃣साल में एक बार ही आता हूं, खुशी में मुंह मीठा करवाता हूं ?
🅰️जन्मदिन
1️⃣7️⃣त्रिभुवन का दीया, पाया समकित जिसने भी जलाया
🅰️धर्म
1️⃣8️⃣रोज24/07/2023 सवेरे करे प्रणाम, मेरे बिना चले न काम ?
🅰️बुहारी
1️⃣9️⃣जीवन का टॉनिक जो मानस करे दुरुस्त
🅰️स्वाध्याय
,2️⃣0️⃣हाथो से बोवे, मुँह से चुगे
🅰️अक्षर
,2️⃣1️⃣ भोग मानव वृति, योग मानव की प्रवृत्ति
तो क्या है। मानव की प्रकृति
🅰️मानवता
Topic:दोष
1️⃣सूर्यकांता जी को किस आलोचना ना करनेका दोष लगा ❓
🅰️माया मोशो
2️⃣जो मनुष्य किसी का दोष नहीं देखता है, मात्र गुण ही देखता है, वह मनुष्य क्या बन सकता है
,🅰️गुणानुरागी
3️⃣एक दोष, जिसकी वजह से १४ पूर्वीधर भी निगोद की यात्रा कर लेते हे ?
🅰️प्रमाद
4️⃣अस्वाध्याय में स्वाध्याय करना कौन सा दोष है?*
🅰️अकाले स्वाध्याय
5️⃣अरिहन्त दोष रहित है तो,अरिहन्त के
दोष कितने है,,? जिनसे वे रहित होते है
अरिहंत भगवान १८ दोषों से रहित है।
१)दानंतराय
२)लाभानतराय
३) भोगंतराय
४) उपभोगंतराय
५) विर्यांतराय
६) मिथ्या भाव
७) अज्ञान
८)अविरति
९)काम
१०)हास्य
११) रति
१२) अराति
१३)शौक
१४)भय
१५)जुगुप्सा
१६)राग
१७)द्वेष
१८) निद्रा
अरिहंत भगवान १८ दोषों से रहित है।
6️⃣ "तुमको क्या चाहिये"
इस प्रकार याचक से पूछकर जहाँ उसकी इच्छानुसार दान दिया जाता है। ऐसी दान शाला आदि से आहारादि लेना कौन सा दोष साधु जी को लगता हैं
,🅰️किमिच्छए (किमिच्छक)-
7️⃣सरलता से कौन सा दोष मिटता है
🅰️माया
8️⃣किसी भी प्राणीकी निंदा करने से कौन सा दोष लगता हैं
🅰️आशातना
9️⃣अधाकर्म दोष के कितने प्रकार हैं
🅰️ *चार प्रकार है*
🔟शबल दोष कितने है
🅰️21
1️⃣1️⃣पदार्थ पर द्वेष करके दोष का सेवन करना कौनसी प्रतिसेवना है❓
🅰️प्रदोष प्रतिसेवना
1️⃣2️⃣गुणी जनों को दोष देना कौन सा दोष है
🅰️चान्डाल
1️⃣3️⃣कुस्वप्न व दुःस्वप्न के दोष निवारण के लिए कायोत्सर्ग करना, कौन-सा प्रायश्चित्त है ?
🅰️व्युत्सर्ग
1️⃣4️⃣घोडे के पैर की तरह खड़े होकर काउस्सग करे उसको कौन सा दोष कहते है
🅰️घोटक दोष
1️⃣5️⃣ 42 दोष कितने भाग में है ?
🅰️: *3 भाग*
1️⃣6️⃣ प्रथम उद्गम के कितने दोष बताये गए हैं?
🅰️ *उद्गम(उदगम) के 16 दोष बताये गये है।*
1️⃣7️⃣शुद्ध आहार में आधाकर्मी आहार का अंश मिल जाये तो क्या होगा ?
🅰️: *पुतिकर्म*
1️⃣8️⃣साधु और गृहस्थ दोनो के द्वारा लगने वाले दोष क्या कहलाता है?
,🅰️ *एषणा दोष*/उद्गम दोष ।
1️⃣9️⃣महासती के वचन दोष से हुआ एक युद्ध ⁉️
🅰️. महाभारत।
2️⃣0️⃣आहार के दोष कितने
🅰️106
2️⃣1️⃣स्वयं के दोष देखते हुए केवली कौन बने*❓
🅰️ *केसरी जी चोर*
**काश हाथ में होता तो* *आसमान देने को मन करता है*
*सिर झुक झुक कर जाता है* *इतना मान देने को मन करता है*
*आपने तो बंजर जमीन में चंदन उगा दिए*🌹🌹
*आपकी इस अदा पर दिलो जान देने का मन करता है*
Topic:-मूर्ख
✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️✳️
**गुलाब का फूल बागों में खिल रहा है,* *चमेली का फूल चमन में महक रहा है, कमल का फूल पानी में तैर रहा है,* 🔴🔴🔴🔴🔴
*औऱ सबसे बड़ा मूर्ख वहीं है जो ख़ुद की मूर्खता छोड़ दूसरों की मूर्खता पर हंस रहा है,**
*और अप्रैल फूल मना रहा /रही है*
*मत मनना यह त्यौहार ,पाप के भागी बनोगे
कैसी कैसी मूर्खता कैसे कैसे कष्ट कारी हैं
यह ही इस क्लास में बता रही हूं*
💠💠💠💠💠💠💠💠💠
1️⃣साधु ने कहा पर मै इतना जान गया हु कि तुम एक घमंडी और मुर्ख योद्धा हो…”
किसने किसे कहा(सा,ने सिसे)
🅰️साधू ने सिकंदर से कहा :
2️⃣1. गुरु के साथ
2. मित्र के साथ
3. मूर्ख के साथ
4. पागल के साथ(वि से)
🅰️विवाद न करो...*
3️⃣महानुभाव ! मैं मूर्ख कैसे हुआ ? यदि सैकड़ों युद्धों में अप्रतिहत रहे आपके बन्धु बिना युद्ध के ही गतप्राण हो सकते हैं और वे पुनः जीवित भी हो सकते हैं, तो मेरा रथ यथापूर्व क्यों नहीं हो सकता" देव ने कहा । -किसने किसे कहा
🅰️देव ने बलराम से कहा
4️⃣1. कंजूस का शत्रु-याचक
2. मूर्ख का शत्रु-----(हि से)
🅰️हितोपदेश
5️⃣आजकल कहते हैं...*
1. अहिंसक को कायर ।
2. सत्यवादी को चाटुकारिता ।
3. अपरिग्रही को निर्धन ।
4. श्रद्धालु को अंधविश्वासी ।
5. धार्मिक को पागल ।
6. ----को मूर्ख।(मौ से)
🅰️मौनी
6️⃣3. भूकम्प से नीचे से बचो
4. बिजली के ऊपर से बचो
5. परन्तु मूर्ख से---- से बचो।(चा से)
🅰️चारों तरफ
7️⃣1 जो विचार करने की इच्छा न करें, वह अंधविश्वासी कहलाता है।
2जो---- वह मूर्ख कहलाता है।(वि से)
🅰️विचार न करें,
8️⃣2. धीरज के बिना ध्यान घटता है।
3. नित्य जाने से सम्मान घटता है।
4. औषधि से रोग घटता है।
5मूर्ख के संग से ---घटता है।(ज्ञ से)
🅰️ज्ञान
9️⃣तू कठियारे जैसा मूर्ख हैं , किसने किससे कहा(क ने प से)
🅰️केशी जी ने परदेशी राजा को
🔟हम थोडा सा पढ़ लिख गए तो किन को मुर्ख समझने लगते हैं !(प से)
🅰️ *परिजनों, मित्रजनों को*
1️⃣1️⃣होशियार होना अच्छी बात हैं*
*पर दूसरों को मूर्ख समझना* --//(ब से)
*🅰️बेवकूफी है. ...*
1️⃣2️⃣खाट के पायों से मेरा मतलब चार मूर्खों से है। आज चार मूर्खों की गिनती पूरी हो गई।' किसने कहा (क ने जि से)
🅰️कनकमंजरी नेराजा जितशत्रु से
– 1️⃣3️⃣थोड़े लाभ के लिए अधिक को गवां देने वाला मूर्ख होता है बड़ी साधना करने वाला साधना के बदले कोई क्यान करें (न से)
🅰️निदान
1️⃣4️⃣1. योगी
2. राजा
3. पंडित
4. मूर्ख इनकी क्यान करें...*
🅰️इनकी हँसी न करें...*
1️⃣5️⃣मूर्ख को मत सुधारो
वो आपसे विरोध करेगा किसी समझदार को सुधारो, वो आपका क्या मानेगा(ए से)
🅰️एहसान
1️⃣6️⃣मूर्खभेड़ को भ्रम हो गया कि गड़रिया ऊन बेच कर अमीर हो रहा है, तो वह किस के पास चली गईं..।(क)
🅰️कसाई
1️⃣7️⃣मूर्ख को कभी भूल कर भी
ज्ञान नहीं देना
चाहिए..क्योंकि उसके लिए वो ज्ञान
है!किस के समान
होता हैं
🅰️विष के समान ही कड़वा
होता
1️⃣8️⃣5. अभिमानी को वश में करना हो तो नम्र बनो।
6. मूर्ख को वश में करना हो तो---- भरो।
🅰️ हाँ में हाँ
1️⃣9️⃣मूर्ख ! अंतपुर जला दिया क्या ? निकल जा मेरे घर में से ! पिताजी के ये वचन सुनते ही मैंने प्रभु के पास दीक्षा ले ली !
🅰️अभय कुमार जी
2️⃣0️⃣*संसार मे मूर्ख कौन ?*
🅰️*व्यर्थ जीवन खोनेवाला।*
2️⃣1️⃣बहुत बड़ा जलघर मेरा, 56 नगर समाये ।
सारे जन है मूरख, बैठे पेट भराये।
🅰️56 अन्तरद्वीप
**काश हाथ में होता तो* *आसमान देने को मन करता है*
*सिर झुक झुक कर जाता है* *इतना मान देने को मन करता है*
*आपने तो बंजर जमीन में चंदन उगा दिए*🌹🌹
*आपकी इस अदा पर दिलो जान देने का मन करता है*
*
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