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शिव भोले है इसी लिए दंण्ड कमंडल वाले है

शिव भोले है इसी लिए दंण्ड कमंडल वाले है शिव सत्य है ,   कल्याणकारी है ,और  सुन्दर है , जल्दी मान जाते है ,जल्दी सबकी इच्छा  पूरी कर देते  है ,पर  खुद भगवान्  होकर भी ,एक छोटा सा घर भी नहीं बनाये,  ना  आभूषणों से सज्जित  है ,बस  मृगछाला लपेट  कैलाश  में धुनी रमाते रहे , शायद इसी के कारण उन्हें भोले ,कहते है , और सभी  अपना काम उनसे सहज  ही  करवा  लेते है , आज उन्ही जैसे सरलचित्त जो शिव सदृश्य होते है उनको इस्तेमाल करते है ,काम होता है तो याद करते हैं ,औऱ फिर यूँ व्यवहार करते जैसे वे कुछ है ही नहीं उन्हें  बेचारगी नजर से भी देखते है ,बस डरते है, तो केवल उनके तांडव से . जो ऐसे लोग  करते भी तो कम है .

स्वस्ध परिवार का आधार

स्वस्ध परिवार  का आधार  भावना  से जुड़े रिश्ते ही स्वस्थ होते है  जिसे  उत्सर्ग की ,प्रधानता और स्वार्थ की नगण्यता . बंधे रखते है  रिश्ते ऐसी  कसौटी,  परीक्षा  और  प्रतियोगिता है    जिसमे एक दुसरे को जीताने की मस्कत चलती है  ऐसा  भावना प्रधान है , जिसमे दुसरे की  खुशीकी जदोजहद चलती है  जिसमे मै, की कोई कहानी नहीं  बस हम की बात चलती है  बड़ों को सन्मान, छोटों को प्यार' एक दुसरे की ख़ुशी में तन मन दो वार गुणों का पान , अवगुणों से रहे बेध्यान , बस यही यही है स्वस्थ परिवार का आधार  और ऐसे ही निर्माण होगा स्वस्थ सुन्दर विश्व परिवार  परिवार के प्रति हो , निष्ठा,प्यार और विश्वाश तनिक भी न हो प्रमाद के लिए अवकाश . इन्ही मानको  से बस निर्माण होता है निहायत अपना प्यारा स्वप्निल परिवार .

स्वास्थय हज़ार नियामत

स्वास्थय हज़ार नियामत १ जैन, पुराण. वास्तु या विज्ञानं  सबका प्रथम यही है .ज्ञान  स्वस्थ रहे  मानव तो ही कर पायेगा ,उपार्जित धन . और लगा पायेगा  ,प्रभु में ध्यान . २ .करो योग और प्राणायाम ये तो है ही अच्छा पर पर ख़ुशी मन से खाओगे तो पत्थर      भी लोगे पचा  ३ भूख बढाओ फिर खाओ