क्षमा याचना दिवस किस से माफ़ी मांगे
सामुहिक खमत खामना , जरूरी है करना ही चाहिए पर कभी 2 लगता हैं ये सामुहिक खमतखामना, एक रीत बनगई , पर लगता है कुछ समय बाद ही खमाऊं की ध्वनि, खाऊं -2 की प्रतिध्वनि में परिवर्तित हो जाता हैं,
पर मैं कहती हूँ ,आज एक नई परम्परा को अपनाओ ,स्वयं से 2 मिनट नैत्र बंद कर , अपनी आत्मा से ख़माओ, की हमनें कितनी बार इसकी अवमानना कर कार्य किये , ये कितनी बार हमें सही गलत का बोध कराती रही , पर हमनें इसकी एक नहीं सुनी, इसका जो भोजन है , आध्यात्मिक क्रिया कलाप ,हमनें उसे नहीं दिया, इसे क्षुधाग्रस्त रखा, तो इस बार अवमानित अपनी आत्मा को सम्मानित करो ,इसे पोषित करो ,और इसे आश्वासन दो की मैं तुम्हारी इच्छाविरुद्ध कुछ नहीं करूंगी/करूंगा। सच वह आपका सच्चा क्षमापना दिवस होगा ,स्वयं कीआत्मा को जागृत रखो ,वो आपको गलतियां करने ही नहीं देगा ,औऱ विश्व में तब क्षमापना दिवस की परम्परा ही नहीं रहेगी क्योंकि कोई गलती करेगा ही नहीं
पर मैं कहती हूँ ,आज एक नई परम्परा को अपनाओ ,स्वयं से 2 मिनट नैत्र बंद कर , अपनी आत्मा से ख़माओ, की हमनें कितनी बार इसकी अवमानना कर कार्य किये , ये कितनी बार हमें सही गलत का बोध कराती रही , पर हमनें इसकी एक नहीं सुनी, इसका जो भोजन है , आध्यात्मिक क्रिया कलाप ,हमनें उसे नहीं दिया, इसे क्षुधाग्रस्त रखा, तो इस बार अवमानित अपनी आत्मा को सम्मानित करो ,इसे पोषित करो ,और इसे आश्वासन दो की मैं तुम्हारी इच्छाविरुद्ध कुछ नहीं करूंगी/करूंगा। सच वह आपका सच्चा क्षमापना दिवस होगा ,स्वयं कीआत्मा को जागृत रखो ,वो आपको गलतियां करने ही नहीं देगा ,औऱ विश्व में तब क्षमापना दिवस की परम्परा ही नहीं रहेगी क्योंकि कोई गलती करेगा ही नहीं
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें