दूसरों का मैल(बुराई)

दूसरों   का मैल(बुराई) निचोड़ -2  कर अपना  घर   गन्दा  मत करो , नहीं तो  ,इतनी  दुर्गन्ध फैलेगी,  कि वो आप स्वयं भी सहन नहीं कर  पाओगे। और लगातार इस तरह का  विष  वमन करोगे तो इतनी  दुर्गन्ध और सड़ाँध फैला दोगे, कि  आस -पास  के लोगों  को भी परेशान करदोगे, मोरल  ये हैकि  दूसरों के बुरे कर्मो कि विवेचना को ज्यादा महत्व  न दे कर दूसरों के सत्कर्मो  का जिक्र ज्यादा करो ताकि आपका घर-प्रागंण  महके . जिससे आपके साथ -२ आपके आस पास का वातावरण भी गमक उठे .

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगवान पार्श्वनाथ प्रश्नोत्तरी

जैन प्रश्नोत्तरी

सतियाँ जी 16