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टॉपिक-- मनुष्य गति।

❓1⃣ कौन सी गति से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है?

🅰1⃣ मनुष्य गति ।

❓2⃣ मनुष्य गति के जीव में कितने इंद्रिया होती है?

🅰2⃣ 5

❓3⃣ मनुष्य गति के जीव में कौन सी कोय होती है?

🅰3⃣ त्रस काय ।

❓4⃣ मनुष्य गति में कितने शरिर पाये जाते है?

🅰4⃣ 5

❓5⃣ मनुष्य गति में कितने उपयोग पाये जाते है?

🅰5⃣ 12(सभी)

❓6⃣ मनुष्य गति में कितने योग पाये जाते है?

🅰6⃣ 15

❓7⃣ मनुष्य गति में कितने प्राण पाये जाते है?

🅰7⃣ 10(सभी)

❓8⃣ मनुष्य गति में कितनी दृष्टि पायी जाती है?

🅰8⃣ 3

❓9⃣ 563 भेद में मनुष्य के कुल कितने भेद है?

🅰9⃣ 303

❓🔟 मनुष्य गति में कितनी लेश्या पायी जाती है?

🅰🔟 सभी 6 लेश्या ।

❓1⃣1⃣ असन्नी मनुष्य में कितने इन्द्रिय होती है?

🅰1⃣1⃣ 5

❓1⃣2⃣ 563 भेद में से असन्नी मनुष्य के कितने भेद है?

🅰1⃣2⃣ 101

❓1⃣3⃣ मनुष्य गति के जीव में कितने ध्यान पाये जाते है?

🅰1⃣3⃣ 4

❓1⃣4⃣ 563 भेद में से अपर्याप्त मनुष्य के कितने भेद है?

🅰1⃣4⃣ 202

असन्नी मनुष्य के 101 और सन्नी मनुष्य के 101=202

❓1⃣5⃣ मनुष्य के कितने समुद्घात हो सकते है?

🅰1⃣5⃣ सभी 7

❓1⃣6⃣ 563 भेद में से पर्याप्त मनुष्य के कितने भेद है?

🅰1⃣6⃣ 101

❓1⃣7⃣ मनुष्य कौन से लोक में है?

🅰1⃣7⃣ मनुष्य लोक और अधो लोक में(महाविदेह की 2 विजय अधोलोक में गयी हुई इस अपेक्षा से अधोलोक में भी है)

❓1⃣8⃣ 5 शरीर में से कौन सा शरीर सिर्फ मनुष्य गति के जीव को ही हो सकता है?

🅰1⃣8⃣ आहारक शरीर ।

❓1⃣9⃣ मनुष्य मरकर कौन-कौन से गति में जा सकता है?

🅰1⃣9⃣ चारो गति में(सभी 4)

❓2⃣0⃣ मनुष्य गति में कितने गुणस्थान होते है?

🅰2⃣0⃣ सभी 14 गुणस्थान

❓2⃣1⃣ मनुष्य गति में कितने वेद पाये जाते है?

🅰2⃣1⃣ सभी 3

❓2⃣2⃣ मनुष्य के कौन से गति है?

🅰2⃣2⃣ पंचेन्द्रिय गति

❓2⃣3⃣ मनुष्य के कुल कितने विषय और विकार है?

🅰2⃣3⃣ विषय-23

                 विकार-240

❓2⃣4⃣ मनुष्य गति में कौन सी संज्ञा अधिक है?

1) आहार

2) भय

3)मैथुन

4) परिग्रह

🅰2⃣4⃣ मैथुन

❓2⃣5⃣ कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य के कितने भेद है?(563में से)

🅰2⃣5⃣ 30

15 कर्मभूमि के अपर्याप्त और

पर्याप्त में से 30 भेद


 /mahavir

1️⃣ भक्तामर की रचना किसने की?

🅰️आचार्य श्री मानतुंग जी

2️⃣भक्तामर स्त्रोत कौनसे तीर्थंकर जी को समर्पित हैं?

🅰️प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ जी (ऋषभदेव जी) को।


3️⃣भक्तामर स्त्रोत की रचना किस नगर में हुई?

🅰️ धार नगर में।


4️⃣ भक्तामर स्त्रोत में कितने श्लोक हैं?

🅰️ भक्तामर स्त्रोत में कुल 48 श्लोक हैं।


5️⃣भक्तामर स्त्रोत किस छंद में रचा गया है?

🅰️ भक्तामर स्त्रोत वसन्त तिलका(मधु मालती) छंद में लिखा गया है।

6️⃣ भक्तामर स्त्रोत की प्रत्येक पंक्ति में कितने अक्षर हैं?

🅰️ भक्तामर की प्रत्येक पंक्ति में 14 अक्षर हैं।

7️⃣ भक्तामर स्त्रोत के पाठ का समय क्या है?

🅰️भक्तामर स्त्रोत प्रातःकाल से दोपहर 12 बजे तक पढा जा सकता है।

8️⃣भक्तामर स्त्रोत में भगवान को किससे ज्यादा तेजस्वी बताया गया है ?

🅰️ भक्तामर स्त्रोत में भगवान आदिनाथ जी को सूर्य से भी ज्यादा तेजस्वी बताया गया है।

9️⃣ भक्तामर स्त्रोत में प्रभु की माता जी को कौनसी दिशा के समान बताया गया है?

🅰️ भक्तामर स्त्रोत में प्रभु की माता जी को प्राची (पूर्व) दिशा की तरह बताया गया है।

🔟 जो भक्तगण भक्तामर स्त्रोत को कंठस्थ करेंगे उन्हें कौनसी लक्ष्मी प्राप्त होगी?

🅰️ जो भक्तगण भक्तामर स्त्रोत को कंठस्थ करेंगे उन्हें मोक्ष रूपी लक्ष्मी प्राप्त होगी


🌀1⃣ द्रव्य किसे कहते है ⁉

💠1⃣ जो गुण और पर्याय का आधार हो ।

🌀2⃣ जीव किसे कहते है ⁉

💠2⃣ जो द्रव्य प्राण और भाव प्राण को धारण करे ।

🌀3⃣ भाव प्राण किसे कहते है ⁉

💠3⃣ आत्मा के निज गुणों को भाव प्राण कहते है ।

🌀4⃣ भाव प्राण के कितने भेद है और कौन - कौनसे ⁉

💠4⃣ चार - ज्ञान , दर्शन , सुख और वीर्य ।

🌀5⃣ मुक्त किसे कहते है ⁉

💠5⃣ जिसके जन्म - मरण अथवा कर्म न हो ।

🌀6⃣ संसारी किसे कहते है ⁉

💠6⃣ जो कर्मों से लिप्त हो जन्म - मरण के चक्र में फ़ंसे हो ।

🌀7⃣ द्रव्येंद्रिय किसे कहते है ⁉

💠7⃣ पुदग़लमय जड़ इंद्रियों को द्रव्येंद्रिय कहते है ।

🌀8⃣ भावेंद्रिय क्या है ⁉

💠8⃣ आत्मिक परिणाम रूप इन्द्रिय ।

🌀9⃣ इंद्रियों का कार्य क्या है ⁉

💠9⃣ अपने - अपने विषय को ग्रहण करना ।

🌀🔟 सूक्ष्म किसे कहते है ⁉

💠🔟जो काटने से कटे नही , छेदने से छेदे नही , अग्नि में जले नही , रोकने से रुके नही और केवली भगवान के ही ज्ञान गम्य हो ।

🌀1⃣1⃣ साधारण किसे कहते है ⁉

💠1⃣1⃣ निगोद को ।

🌀1⃣2⃣ निगोद किसे कहते है ⁉

💠1⃣2⃣ एक शरीर को आश्रित करके जिन अनंत जीवो को एक समान आहार , आयु , श्वासोच्छवास आदि हो उन्हें निगोद कहते है ।

🌀1⃣3⃣ निगोद कितने प्रकार के व कौन कौनसे है ⁉

💠1⃣3⃣ दो - व्यवहार राशि - अव्यवहार राशि ।

🌀1⃣4⃣ व्यवहार राशि किसे कहते है ⁉

💠1⃣4⃣ जिसने एक बार भी निगोद को छोड़कर त्रस आदि गति पायी हो ।

🌀1⃣5⃣ अव्यवहार राशि किसे कहते है ⁉

💠1⃣5⃣ जो जीव अनंतकाल से निगोद में पड़ा है , जिन्होंने कभी निगोद को नही छोड़ा ।

🌀1⃣6⃣बोल किसे कहते है ⁉

💠1⃣6⃣ जो भगवान या गुरुदेव बोले - वचन - कथन - बात ।

🌀1⃣7⃣ थोकड़ा किसे कहते है ⁉

💠1⃣7⃣ जिसके द्वारा शास्त्र के मूलभूत तत्वों का ज्ञान हो ।

🌀1⃣8⃣ प्रवचन माता किसे कहते है ⁉

💠1⃣8⃣ जिनेंद्र देव के उपदेशों के मूल को प्रवचन माता कहते है ।

🌀1⃣9⃣ तत्व किसे कहते है ⁉

💠1⃣9⃣ मोक्षमार्गी जीव को मोक्ष मार्ग प्राप्त करने के लिए जो जानना , छोड़ना , आदरना है , उस सार वाली वस्तु को तत्व कहते है ।

🌀2⃣0⃣ ज्ञान किसे कहते है ⁉

💠2⃣0⃣ जिसे जानने के बाद जीव संसार से डरे ।

🌀2⃣1⃣ भवनपति देव को असुर क्यों कहते है ⁉

💠2⃣1⃣ क्रोधी स्वभाव के होने के कारण ।

🌀2⃣2⃣ स्कंध किसे कहते है ⁉

💠2⃣2⃣ परमाणुओ के समूह को ।

🌀2⃣3⃣ परमाणु किसे कहते है ⁉

💠2⃣3⃣ स्कंध से अलग हुए निर्विभाज्य - सूक्षतम अंश को ।

🌀2⃣4⃣ प्रदेश किसे कहते है ⁉

💠2⃣4⃣ स्कंध में मिले हुए अति सूक्ष्म भाग, जिसका विभाग न हो सके ।

🌀2⃣5⃣ पुदग़ल का लक्षण क्या है ⁉

💠2⃣5⃣ शब्द , अंधकार , प्रकाश , छाया , वर्ण , गंध , रस , स्पर्श आदि पुदग़ल के लक्षण है ।

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