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☔आज के प्रश्नो के उत्तर ☔
🅰क्र. 274🅰
मेरा व्हाट्सअप बाला no
09425063722
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(1) ढाई द्वीप में कितने द्वीप हे नाम लिखो
🅰 जम्बूद्वीप धातकीखंड अर्धपुष्करार्ध
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(2) ढाई द्वीप में कितने समुद्र हे नाम लिखो
🅰लवण समुद्र कालोदधि समुद्र
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(3) ढाई द्वीप का विस्तार कितना हे
🅰 45लाख योजन
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(4) ढाई द्वीप में कितने भरत क्षेत्र हे
🅰 पांच
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(5) ढाई द्वीप में कितने ऐरावत क्षेत्र हे
🅰 पांच
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(6) ढाई द्वीप में कितने विदेह क्षेत्र हे
🅰 पांच
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(7) ढाई द्वीप में कितने मेरु हे नाम लिखो
🅰 पांच
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(8) ढाई द्वीप में कितने कुलाचल पर्वत हे
🅰 30
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(9) ढाई द्वीप में कितने आर्य खंड हे
🅰 170
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(10) ढाई द्वीप में कितनी भोग भूमि हे
🅰 30
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(11) ढाई द्वीप में कितने मलेक्छ खंड हे
🅰 850
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ब्र. सुनील भैया इंदौर
☎09425963722☎
कल के प्रश्नो के उत्तर
क्र.273
मेरा नया no जिस पर व्हाट्सअप चालु हे 09425063722
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सभी प्रश्नो के उत्तर ध शब्द से
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(1) एक महापुरुष का नाम जो श्रेणिक के दामाद थे
🅰 धन्यकुमार
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(2) चार हाथ का होता हे एक
🅰 धनुष
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(3) मुनि पुष्पदंत भुतवली के गुरु का नाम
🅰 आ. धरसेन स्वामी
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(4) वस्तु स्वभाव को कहते हे 🅰 धर्म
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(5) एक अस्तिकाय का नाम
🅰 धर्मास्तिकाय
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(6)एक स्तोत्र के रचियता कवि का नाम
🅰 कवि धनञ्जय
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(7) एक नक्षत्र का नाम
🅰 ध्रुव
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(8) एक अस्त्र का नाम
🅰 धनुष
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(9) जिसके पास बहुत पैसा होता हे उसे कहते हे
🅰 धनवान
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(10)जिसका जीवन धर्म मय व्यतीत होता हे उसे कहते हे
🅰 धर्मात्मा
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(11) विहार राज्य के एक स्टेशन का नाम
🅰 धनवाद
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
(12) एक भावना और एक तीर्थंकर का नाम
🅰 धर्म भावना और
भ. धर्मनाथ
👏👏👏👏👏👏👏👏👏
ब्र. सुनील भैया इंदौर
☎ 09425963722☎
🏯आज के प्रश्नो के उत्तर🏯
🅰क्र. 275🅰
(1) सातवे स्वर्ग की जघन्य आयु कितनी हे
🅰 10 सागर
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(2) लोकान्तिक देवो कि उत्कृष्ठ आयु कितनी हे
🅰 8 सागर
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(3) मनुष्यो की उत्कृष्ट आयु कितनी हे
🅰 3 पल्य
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(4) तिर्यंचो की जघन्य आयु कितनी हे
🅰 अन्तर्मुर्हूर्त
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(5) असुरकुमार देवो की उत्कृष्ट आयु कितनी हे
🅰 1 सागर
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(6) सौधर्म स्वर्ग की देवांगनाओं की उत्कृष्ट आयु
🅰 5 पल्य
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(7) कम से कम कितनी उम्र में केवल ज्ञान हो सकता हे
🅰 8 वर्ष अन्तरमुहूर्त
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(8) श्रीमंधर भगवान की आयु कितनी हे
🅰 1 कोटि पूर्व
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(9) आदिनाथ भगवान् की आयु कितनी थी
🅰 84 लाख पूर्व
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(10) सवसे कम गणधर कोन से भगवान के थे
🅰पार्श्वनाथ भगवान
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(11) सवसे कम समय में केवलज्ञान कोन से तीर्थंकर को हुआ
🅰 मल्लिनाथ भगवान
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ब्र. सुनील भैया इंदौर
☎09425963722☎
🙏 श्री महावीराय नमः 🙏
जय भिक्षु अर्हम् जय महाश्रमण
MTG#85
प्रश्न 1.प्राणी को मृत कब माना जाता है ?
उत्तर - शरीर की समस्त क्रियाओं और समस्त अंगों का संचालन तभी तक हो सकता है जब तक आयुष्य प्राण क्रियाशील हो।उसके समाप्त होते ही समस्त क्रियाएं संपूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं और हम कहते हैं कि उस प्राणी की मौत हो चुकी है।
प्रश्न 2. अकाल मृत्यु किसे कहते हैं ?
उत्तर - मंद परिणाम-जनित शिथिल बंध वाली आयु (आयुष्य) किसी शस्त्र,विष,दुर्घटना का योग होते ही अपनी नियत काल-मर्यादा समाप्त होने से पहले ही अन्तर्मुहूर्त्त मात्र में भोग ली जाती है। इस प्रकार की आयु को अपवर्तनीय आयु तथा होने वाली मृत्यु को अकाल मृत्यु कहते हैं।
प्रश्न 3. काल मृत्यु या स्वाभाविक मृत्यु किसे कहते हैं ?
उत्तर - तीव्र परिणाम-जनित गाढ़ बंध वाली आयु शस्त्र,विष,दुर्घटना आदि के योग होने पर भी अपनी निश्चित काल मर्यादा से पहले पूर्ण नहीं होती,वह आयु अपवर्तनीय आयु कहलाती है तथा नियत स्थिति तक आयु को भोग लेने को काल या स्वाभाविक मृत्यु कहते हैं।
प्रश्न 4.अपवर्तनीय आयु को किस प्रकार की आयु कहा जाता है ?
उत्तर -सोपक्रम (उपक्रम सहित) अर्थात् अकाल मृत्यु लाने वाले उपक्रमों,निमित्तों की प्राप्ति होती हैं और अकाल मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 5.अनपवर्तनीय आयु को किस प्रकार की आयु कहा जाता है ?
उत्तर - सोपक्रम व निरुपक्रम (उपक्रम रहित) दोनों।इसमें अकाल मृत्यु लाने वाले निमित्त प्राप्त होते हैं, फिर भी आयु पूर्ण होने पर ही मृत्यु होती है,अकाल मृत्यु नहीं होती है।
🙏*प्रश्नोत्तर(तत्त्वज्ञान, जैनभूगोल आदि) तेरापंथ के आगम की मान्यतानुसार लिख रहे हैं। निश्चय में केवलीगम्य हैं।
🎯महाश्रमण तत्त्व ज्ञान नाथद्वारा .
🙏 श्री महावीराय नमः 🙏
जय भिक्षु अर्हम् जय महाश्रमण
MTG#85
प्रश्न 1.प्राणी को मृत कब माना जाता है ?
उत्तर - शरीर की समस्त क्रियाओं और समस्त अंगों का संचालन तभी तक हो सकता है जब तक आयुष्य प्राण क्रियाशील हो।उसके समाप्त होते ही समस्त क्रियाएं संपूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं और हम कहते हैं कि उस प्राणी की मौत हो चुकी है।
प्रश्न 2. अकाल मृत्यु किसे कहते हैं ?
उत्तर - मंद परिणाम-जनित शिथिल बंध वाली आयु (आयुष्य) किसी शस्त्र,विष,दुर्घटना का योग होते ही अपनी नियत काल-मर्यादा समाप्त होने से पहले ही अन्तर्मुहूर्त्त मात्र में भोग ली जाती है। इस प्रकार की आयु को अपवर्तनीय आयु तथा होने वाली मृत्यु को अकाल मृत्यु कहते हैं।
प्रश्न 3. काल मृत्यु या स्वाभाविक मृत्यु किसे कहते हैं ?
उत्तर - तीव्र परिणाम-जनित गाढ़ बंध वाली आयु शस्त्र,विष,दुर्घटना आदि के योग होने पर भी अपनी निश्चित काल मर्यादा से पहले पूर्ण नहीं होती,वह आयु अपवर्तनीय आयु कहलाती है तथा नियत स्थिति तक आयु को भोग लेने को काल या स्वाभाविक मृत्यु कहते हैं।
प्रश्न 4.अपवर्तनीय आयु को किस प्रकार की आयु कहा जाता है ?
उत्तर -सोपक्रम (उपक्रम सहित) अर्थात् अकाल मृत्यु लाने वाले उपक्रमों,निमित्तों की प्राप्ति होती हैं और अकाल मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 5.अनपवर्तनीय आयु को किस प्रकार की आयु कहा जाता है ?
उत्तर - सोपक्रम व निरुपक्रम (उपक्रम रहित) दोनों।इसमें अकाल मृत्यु लाने वाले निमित्त प्राप्त होते हैं, फिर भी आयु पूर्ण होने पर ही मृत्यु होती है,अकाल मृत्यु नहीं होती है।
🙏*प्रश्नोत्तर(तत्त्वज्ञान, जैनभूगोल आदि) तेरापंथ के आगम की मान्यतानुसार लिख रहे हैं। निश्चय में केवलीगम्य हैं।
🎯महाश्रमण तत्त्व ज्ञान नाथद्वारा .
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