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संसार और समुद्र*

*📚१) संसार में सोया कौन?* *🅰️  अविवेकी* *📚२) संसार में जागृत कौन?* *🅰️   विवेकी,  सम्कदृष्टी* *📚३) संसार में धनवान कौन?* *🅰️ संतोषी* *📚४) संसार में निर्धन कौन?* *🅰️ लोभी* *📚५) संसार में गरम से गरम क्या?* *🅰️ क्रोध* *📚6) संसार में ठंडे से ठंडा क्या?* *🅰️ क्षमा* *📚7) भय और भय ऐसा स्थान कौनसा?* *🅰️   नरक*   *📚8) भय और निर्भय कौन?* *🅰️ जगत के जीव* *📚9) भय नहीं,  निर्भय नहीं,  कौन?* *🅰️ सिद्ध जीव* *📚10) निर्भय से निर्भय कौन?* *🅰️.  निर्ग्रंथ साधु*                                  संसार स्वार्थ से किस धरातल पर खड़ा हो सकता है? 🅰 परमार्थ  संसार को काटने की कैंची कोनसी हैं*❓ 🅰️ *अनुप्रेक्षा* 1️⃣संसार में सोया कौन 🅰️ अविवेकी, मिथ्या दृष्टि 2️⃣ संसार में जागृत कौन 🅰️ विवेकी सम्यक दृष्टि 3️⃣संसार में मदिरा कौनसी 🅰️ मोह 4️⃣ संसार मे अमृत कौनसा 🅰️ ज्ञानियों का हितोपदेश 5️⃣संसार मे जहर क्या 🅰️ क्रोध 6️⃣ संसार...

रत्न

*🚣‍♀️नवकार करे भव पार 📚📚* *आज के पाठ्शाला के गुरूजी अंजुगोलछा*             *Date : 22/02/2023* *🕰️ समय 8.45 से 9.15 बजे*  *▬▭▭▭❖▭▭▭▭❖▭▭▭▬​*           *🔮👉😊अंजु जी गोलछा,बिलासपुर* *▬▭▭▭❖▭▭▭▭❖▭▭▭▬​*              *🙏🏻 आज का टोपीक 🙏🏻*रत्न*      👇👇👇👇👇👇👇👇👇          *🦚 टॉपिक:-   रत्न 🦜* ••─━━━✿✿━━━───•• 🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚 *रत्न* 1️⃣देवलोक  में,  जहाँ प्रभुजी की  अस्थि का विसर्जन होता हैं, उस  जगह पर किसका निर्माण होता है । 🅰️ *3 रत्नमय विशाल स्तूपों का* 2⃣रत्नाशा श्रावक ने किस देवी की प्रतिमा प्राप्त की थी?* 🅰️ *अंबिका देवी जी की* 3⃣किसने किस से कहा प्रमाद की निंद्रा से जाग गए। अहो , संयम रूपी रत्न को मैने गंवा दिया। देह से काम लेने की जगह देह के पोषण में संयम रत्न त्याग दिया।  🅰️ *शैलक- राजर्षि  ने पंथक मुनि से* 4⃣उदयन(उदायी)राजा की हत्या किसने की     🅰️छद्मवेषी  विनय रत्न...

समणी जी के लिए दो शब्द

 समणीकमल श्री विपुल प्रज्ञा, औऱ श्री आदर्श प्रज्ञा जी,   जब बिलासपुर पधारे एक ज्ञान का अद्भुत स्त्रोत  प्रवाहित हो गया। एक अविस्मरणीय धार्मिक वातावरण का सृजन हो गया  उस धार्मिक मेले  सदृश छवि  आज भी सुधि में  अक्षुण्ण पडी हैं सच में बिना गुरु ज्ञान नहीं होता औऱबहुत खेद के साथ कहना  पड़ता है हमारा क्षेत्र इससे सदा महरूम रहा है ,उस ज्ञान के आभाव के तप्त रेगिस्तान में आप श्री विपुल प्रज्ञा जी औऱ श्री  आदर्श प्रज्ञा जी  आप दोनों के ज्ञान  से ओतप्रोत   गंगा यमुना  की शीतल फुहारें पड़ी तो मन  भीतर तक भक्ति भाव में तर हो गया ,भीग गया,  काश ऐसा सौभाग्य हमें सदा मिलता रहे और हम धार्मिक भाव की भाव धारा में अनवरत डूबे रहे। कहते है ,जँहा चाह हैं वहां राह होती है ,देखे हमारी चाह, राह की  कौनसी फुलवारी देता है । *गुरु कृपा बिन होते नही मंगल काम* *गुरू बिना हम कुछ नहीं* *गुरु जीवन आधार।*  *खुद तप कर* *कुंदन दूसरों को बना जाते हैं* *जला कर अपने हाथों को भी* *उजाला दूर तक बाँट जाते हैं* *वो अपने ज्ञान की ज्योति ...

समणी स्वागत गीत

 महाश्रमण जी  बने हम पर बहुत करुणा निधान की आप लोगों को भेजाहैं, ज्ञानके हैंस्त्रोत आप सभी महान स्वागत करते आज आपका समणी निर्देशिका कमल प्रज्ञा जी का।  पंक लिप्त जग में आप साक्षात पावन कमल स्वरूप है  मंगल स्वागत है आपका॥ स्वागत करते आज आपका समणीकरुणा प्रज्ञा जी, निर्दय जग में आप अनुकंपा  का प्रसाद है मंगल स्वागत है आपका॥ स्वागत करते आज आपका समणीसुमन प्रज्ञा जी कंटकाकीर्ण इस बियावन में आप सुवासित मंजरी हैं मंगल स्वागत है आपका॥ स्वागत करते आज आपका आदरणीय बाबूलाल जी छाजेड़ जी का  कि शासन सेवा में कर दिया  समर्पित ह्रदय का कोर है मंगल स्वागत है आपका॥ आप सभी केचरणों मेंशत शत वंदन है  आपका अभिनन्दन हैं स्वागत है निर्मल परिणति में, मंगलमय चेतन ज्ञायक का सुप्रवचन  औऱ ज्ञान दायक का शुद्धात्म को लक्ष्य बनाये, रत्नत्रय निधियां प्रगटायें, जन-जन का हो कल्याण, मंगल स्वागत है त्याग- तितिक्षा, तप- सेवा के, आपअद्भुत रंग हों अहो करुणा भरे हृदय का वैभव हो,  चरण कमल में आपके शत शत वंदन नित्य नित्य आपका अभिनन्दन उच्च आस्था, विश्वासों का हैं बल   साद...

समणी विदाई 2

 बहारों के मौसम अब पतझड़ ले आयेंगे। जो आप चले जायेंगे 2 आये संग बहार लिये, जा रहे उसे ले साथ कहाँ? पूछ रहा यह भवन ‘कमल जी’ बोलो मेरा गुलजार कहाँ? कल ये दरों दीवारों  पुछेगी वो मधुर वाणी  कँहा ग वो भक्तमर के श्लोक कँहा गए कैसे बताऊंगी की निर्मोही नेहा तोड़ चले आप नेहा तोड़कर बने वैरागी आपसे ही  नेहा लगा बैढे हम है ऐसे निपट अज्ञानी कुछ औऱ  दिन रुक जाते मोह तोड़ने के सबक ही सिखा जाते। जमीन बन ही नहीं पाई इन 6 दिनों में तो  कैसे ज्ञान बेल लग पायेगी ज्ञान से महकी थी फिजा अब फिर भौतिक  गलियारों में  गुम जाएगी पद्म ,पंकज पुण्य पुष्कर सी कमल जी की ,सुवासितमधुर कण्ठ कोकिला सुमनजी मधुर भाषिणी,सुमधुर भाषिणी ईश्वर की रहमत सी करुणा जी  विशेष सानिध्य आपका और मिलता तो भी जानते है अशेष तो नहीं होती कामना पर विदाई का कैसे करे सामना  जंहा लाहो तहा लोहो  जैसे जैसे लाभ होता हैं लोभ बढता जाता कँहा इनकार करते हम।  पर इसको समित कैसे करें ये समझा  कर जाते बहुत कुछ बताकर जाते  पर जाने का मन बना ही लिया हैं तो क्या कहें हम लौट के फिर इन वीथिकाओ मे...

वाद्य यंत्र

 .               Topic -::- वाद्य यंत्र 🥁🪘🎷🎺🪗🎸 नंदिघोसेणं - नन्दिघोष दो अर्थ-चार प्रकार के वाद्यों की एक साथ होने वाली ध्वनिया 1️⃣ ऊँची और गंभीर ध्वनि वाला एक वाद्य जो कल्पवासी और ज्योतिष्क, व्यंतर और भवनवासी देव भी इसे मांगलिक अवसरों पर बजाते हैं ..!!! 🆗 घंट / घंटा । कौशाम्‍बीपति संगीतज्ञ महाराज उदयन वे क्या बजातेथे  वीणा  महाराज उदयन की दिव्‍य वीणा ‘मंजुघोषा’ थी व 2️⃣ एक ठोस वाद्य यंत्र जो लकड़ी का बना होता है और गुजरात के रास नृत्य में प्रमुख भूमिका निभाता है..!! 🆗 डांडिया । 3️⃣ ____  _____ ताल बजावत, वलिया जिन करधारी। जननी घर माता ने सोंपी, एणि परे वचन उच्चारी ...!!! (स्नात्र पूजा) 🆗 भेरी भूगल । 4️⃣ बंदर नचाने वाले अक्सर इसका उपयोग करते हैं..!!! 🆗 डमरू अथवा डुगडुगी। 5️⃣ वागे छे ______ ख़ुशी नी, सिद्धार्थ ने आंगणिये...!!! 🆗 शहनाई । 6️⃣ नारदजी के गले में यह वाद्य यंत्र सदा रहता है..!! 🆗 एकतारा । 7️⃣ हिन्दू परम्परा की मान्यताओं के हिसाब से  लंका के राजा श्री रावण ने इसका आविष्कार किया था..!!! 🆗 रावण हत्था । 8️⃣ मा...

जीव विचार प्रश्नोत्तरी

 जीव विचार प्रश्नोत्तरी प्रश्न-1 जीव कीसे कहते है ? जवाब-1 जो प्राणोको धारण करता है वह जीव । प्रश्न-2 प्राण किसे कहते है ? जवाब-2 जिस शक्ति से जीव जीता है, उसे प्राण कहते है । प्रश्न-3 समस्त जीवो को कितने भागो में विभाजित किया जा सकता है ? जवाब-3 समस्त जीवो के दो भेद है. – 1. संसारी जीव 2. मुक्त जीव । प्रश्न-4 संसारी जीव किसे कहते है ? जवाब-4 वे जीव, जो कषाय और राग-द्वेष से युक्त है और उसके परिणाम स्वरुप बार-बार जन्म-मरण को प्राप्त होते है और घोर दुःख पाते है, वे संसारी जीव कहलाते है । प्रश्न-5 मुक्त जीव किसे कहते है ? जवाब-5 वे जीव , जीनका राग-द्वेष समाप्त हो चुका है । कर्मबंधन ओर जन्म – मरण के चक्रव्यूह से मुक्त होकर सिद्धशिला पर बिराजमान हो चुके है, वे मुक्त जीव कहलाते है । प्रश्न-6 संसारी जीव के कितने भेद होते है ? जवाब-6 संसारी जीव के प्रमुख 2 भेद है – 1. स्थावर जीव 2. त्रस जीव । प्रश्न-7 स्थावर जीव किसे कहते है ? जवाब-7 वे जीव, जो सुख-दुःख एवं अनुकुल-प्रतिकुल संयोगोमें इच्छानुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जा सकते हैं, वे स्थावर जीव कहलाते है । प्रश्न-8 स्थावर जीवो के कि...

समकित के 67 बोल

 * *विषय =समकित के 67 बोल* 1️⃣ *औपशमिक सम्यक्त्व जीव को कितनी बार हो सकता है?*  🅰️ *असंख्याता बार।*  2️⃣ *एक गुरू परंपरा में स्थित साधक वर्ग को क्या कहते हैं?* 🅰️ *कुल।*  3️⃣ *धर्म का मूल किसे कहा गया है?* 🅰️ *विनय ।*  4️⃣ *जिनकी वय 60 वर्ष या इससे ऊपर हो, वे क्या कहलाते हैं?* 🅰️ *वयस्थविर ।*  5️⃣ *धर्म श्रवण करने की अभिलाषा को क्या कहते हैं?* 🅰️ *श्रुतानुरांग ।*  6️⃣ *सम्यक दर्शन के कितने आचार है?* 🅰️ *आठ आचार है।*  7️⃣ *सम्यक्त्व का क्या लक्षण है?* 🅰️ *मोक्ष की अभिलाषा रखना।*  8️⃣ *आंगारो को क्या कहते हैं?* 🅰️ *छंडिका ।*  9️⃣ *धर्म रुपी वृक्ष का सम्यक्त्व क्या है?* 🅰️ *मूल* 🔟 *जिनवचनों पर दृढ़ विश्वास रखना क्या कहलाता है?* 🅰️ *आस्था।*

ह की बारहखड़ी

 *🌞 *🌞श्री जैन स्वाध्याय संघ अहमदाबाद-रतलाम🌞* •~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~• *🌞जिज्ञासा के मोती समाधान की चमक🌞* 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 *🌞क्रमांक- 408* *79. पार्श्वनाथ परमात्मा का दूसरा भव कौन-सा था?* ▶️हाथी का *80. यक्षराज की पत्नी का नाम क्या था?* ▶️हरिकान्ता *81. अरिहंत परमात्मा जिन 18 दोषों से रहित होते हैं, उनमें से एक दोष?* ▶️हास्य *82. वीर प्रभु के तेरह अभिग्रहों में से एक ?* ▶️हाथ में हथकड़ी हो। *83. त्रिपष्ठिशलाका पुरुष चरित्र नामक ग्रंथ की रचना किसने की?* ▶️हेमचन्द्राचार्य ने *84. दसवें तीर्थंकर के समय कौन-सा आश्चर्य हुआ?* ▶️हरिवंश कुल की उत्पत्ति *85. समुद्रविजय राजा किस वंश के थे?* ▶️हरिवंश *86. नव टूंकों में से अजितनाथ भगवान की टूंक का निर्माण करवाने वाले भाग्यशाली कौन?* ▶️हेमाभाई शाह *87. पुष्करार्ध पश्चिम महाविदेह के 17 वें तीर्थंकर का नाम क्या है?* ▶️हरिश्चन्द्र *88. वासुदेव श्रीकृष्ण ने किस देव की आराधना की?* ▶️हरिणगमेषी *89. मेघकुमार ने किस भव में खरगोश पर दया की ?* ▶️हाथी के *90. किस राजा ने सत्य की रक्षा के लिए पत्नी को बेच दिया?* ▶️हरिश्चंद्र ने *91. गौतम स्वामी के प...