पांच शरीर

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*आज का टॉपिक:- पांच शरीर*


🙇‍♀1) शरीर किस कर्म की देन है?

💁1) शरीर नाम कर्म


🙇‍♀2) कितने शरीर के अंगोपांग होते है?

💁2) 3- औदारिक, वैक्रिय और आहारक शरीर


🙇‍♀3) औदारिक शरीर के साथ कौन से शरीर की नियमा है?

💁3) तेजस और कार्मण


🙇‍♀4) देव के उत्तर वैक्रिय शरीर की उत्कृष्ट स्थिति कितनी?

💁4) 15 दिन


🙇‍♀5) नारकी के उत्तर वैक्रिय शरीर की उत्कृष्ट स्थिति कितनी?

💁5) अन्तर्मुहूर्त


🙇‍♀6) यह शरीर का निर्माण एक भव में 2 बार हो सकता है?

💁6) आहारक शरीर


🙇‍♀7) सबसे सूक्ष्म शरीर कौन सा?

💁7) कार्मण शरीर


🙇‍♀8) आहारक शरीर का निर्माण कौन से गुणस्थान में होता है?

💁8) छट्ठे गुणस्थान 


🙇‍♀9) शरीर के मुख्य अंग कितने व कौन कौन से?

💁9) 8- दो हाथ, दो पैर, सिर, छाती, पेट और पीठ


🙇‍♀10) कौन से द्रव्य की सहायता से शरीर मिलता है?

💁10) पुद्गल द्रव्य


🙇‍♀11) सबसे ज्यादा शरीर कौन से?

💁11) तेजस व कार्मण 


🙇‍♀12) महाविदेह के मनुष्य ने वैक्रिय शरीर बनाया तो उत्कृष्ट से कितने काल तक टिक सकता है?

💁12) 4 मुहूर्त


🙇‍♀13) आहारक शरीर के साथ कौन से शरीर की नियमा है?

💁13) औदारिक, तेजस और कार्मण


🙇‍♀14) भव प्रत्ययिक वैक्रिय शरीर कितने गुणस्थान तक पाए जाते है?

💁14) पहले से  चौथे गुणस्थान तक


🙇‍♀15) वैक्रिय शरीर की उत्कृष्ट स्थिति कितनी?

💁15) 33 सगरोपम


🙇‍♀16) कार्मण शरीर की स्थिति कितनी?

💁16) भवी जीव की अपेक्षा अनादिसान्त और अभवी की अपेक्षा अनादिअनंत


🙇‍♀17) आहारक शरीर का बंध कितने गुणस्थान में होता है?

💁17) सातवें गुणस्थान से आठवें गुणस्थान के 6th भाग तक


🙇‍♀18) कर्मभूमिज संज्ञी मनुष्य एक भव में कितनी बार वैक्रिय शरीर बना सकता है?

💁18) संख्यात बार


🙇‍♀19) जन्मसिद्धता शरीर कौन से?

💁19) औदारिक शरीर-मनुष्य और तिर्यंच की अपेक्षा तथा वैक्रिय शरीर-नरक और देव की अपेक्षा


🙇‍♀20) ऐसा शरीर जो  कृत्रिम भी और जन्मसिद्ध भी?

💁20) वैक्रिय शरीर-जन्मसिद्धता देव और नारक की अपेक्षा और कृत्रिमता मनुष्य और तिर्यंच की अपेक्षा


🙇‍♀21) कौम से शरीर कृत्रिम ही है?

💁21) आहारक शरीर


🙇‍♀22) उपभोग सहित शरीर कितने और उपभोग रहित शरीर कितने?

💁22) कार्मण शरीर उपभोग रहित है शेष चार उपभोग सहित 


🙇‍♀23)  औदारिक शरीर का बंध कितने गुणस्थान तक होता है?

💁23) पहले से चौथे गुणस्थान तक


🙇‍♀24) वैक्रिय शरीर का बंध कितने गुणस्थान तक होता है?

💁24) पहले गुणस्थान से आठवें गुणस्थान के 6th भाग तक 


🙇‍♀25) औदारिक शरीर की उत्कृष्ट स्थिति ?

💁25) 3 पल्योपम


🙇‍♀26) कौन से शरीर सिर्फ समचतुरस्त्र संस्थान वाले ही होते है?

💁26) आहारक शरीर


🙇‍♀27) तीर्थंकर अगर वैक्रिय शरीर बनाये तो कितने काल तक टिक सकता है?

💁27) नही बनाते


🙇‍♀28) असंख्यात वर्ष के आयु वाले मनुष्य ने वैक्रिय शरीर बनाया तो कितने काल तक टिक सकता है?

💁28)असंख्यात वर्ष के आयु वाले मनुष्य यानी युगलिक वैक्रिय शरीर नहीं बनाते।


🙇‍♀29) तैजस और कार्मण शरीर के अंगोपांग क्यों नहीं होते?

💁29) तैजस और कार्मण शरीर सूक्ष्म शरीर हैं। ये शेष तीनों शरीरों के आधार पर आकार ग्रहण करते हैं अतः इन  के अंगोपांग नहीं होते। जिस प्रकार पानी जिस बर्तन में डालते हैं वैसा आकार ग्रहण कर लेता है। उसी प्रकार तैजस और कार्मण शरीर भी अन्य शरीरों के समान आकार ले लेता है।


जिनाज्ञा विरुद्ध अंश मात्र भी ✍🏽लिखने में आया हो और किसी के मन को संक्लेश पहुंचाया हो तो मन वचन काया से मिच्छामि दुक्कड़म 🙏🙏

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