कृष्ण जन्माष्टमी

तुम्हारा आना कान्हा
दुनिया का उत्सव था
इस नीरस से जग में ठिठोली,रास रंग ,
नटखट ,लीला का भरा तूने रंग था,
तुमने इस दुनिया के तमाम रिश्तों से प्रीत की रीत निभा दी
प्रेम वासना से परे ,सात्विक प्रेम की  सीख  सिखला  दी
गीता का ज्ञान ,जीने की कला सीखा गया
निराशा ,में आशा की ज्योत जल गया
संसार में लिप्त दिख कर सदा ,संसार से अलिप्त रहे,    ,आज जन्मदिन पर आपकी येही कामना
आप से सदा हमारी प्रीत रहे ।

प्रेम से बोलो जय श्री कृष्ण
 आपकी  अदनी सीभक्तिन
Anju

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