आचार्य को पत्र

पूज्यनी गुरुवर,
महामना, महातपस्वी ओजस्वी, शास्त्र निष्णात प्रज्ञा के अनवरत स्तोत्र श्रीमद् गुरुवर आचार्य श्री महाश्रमण जी के पद पंकज में हमारी भावभीनी वंदना स्वीकृत हो|  तथा अरिहंतो से हमारी यही शुभेच्छा है कि आपका वृहद हस्त हम पर अक्षुण्ण बना रहे और ज्ञान साधना चिरतंरता के सभी सोपान पूरे करें| और हम पर आपके सानिध्य की निरंतरता बनी रहे|

प्रथमत: तो हम आपका आभार मानते हुए कृतज्ञ हुए जा रहे हैं कि आपने अपनी करुणा दृष्टि छ.ग. पर की और मनेंद्रगढ़ (जो बिलासपुर संभाग में ही है) को समणी केंद्र से नवाजा आपकी  इस जरा नवाजी से उपकृत हुए|

बिलासपुर में 2017, दिसंबर में उग्र बिहारी ज्ञानी, श्री कमल मुनि का चाहे अल्पकाल के लिए ही सही पर पदार्पण हुआ| और उनके निर्देशन एवं आपकी आज्ञा के पालनार्थ 30 दिसंबर 2017 से प्रति शनिवार को सामूहिक सामाजिक निरंतर चल रही है|  3 अगस्त को 84 वी सामूहिक सामायिक समापन हो गई | और आगे के लिए कृत संकल्प है बेशक तेरापंथ भवन नहीं है और घर भी एक दूसरे से दूर दूर है,  पर हम लोग प्रत्येक शनिवार को अलग-अलग घरों में क्रमश सामायिक करते हैं | इरादे हुए तो मंजिल दूर नहीं होती, इसी श्रंखला में महीने में एक बार रविवार को जप की निरंतरता बनाए हुए हैं|

 पर्यूषण पर्व पर यहां हर वर्ष आपकी महत्ती कृपा से उपासक, उपासिकाए के सहयोग से पूरे धार्मिकमय जब तक संयम की समस्त भावनाओं से ओतप्रोत मानता है|
बिलासपुर सभा द्वारा आयोजित प्रतिनिधि सम्मेलन में हर वर्ष प्रतिनिधित्व किया जा रहा है कुछ विशेष कारण वर्ष गुवाहाटी में हम प्रतिनिधित्व से वंचित रहे ,आपने इस वर्ष भी अपनी असीम कृपा से हमें परम सौभाग्य स्वरूप आलोक मुनि   ठाणा3 हिमकुमार जी और लक्ष्य कुमार, जी का  पूर्ण सानिध्य मिला,आलोक मुनिजी के स्वभाव ने पूरे बिलासपुर में सभी श्वेतांबर जैन परिवार को एकजुट कर आध्यात्मिकता मेला सा लगा दिया ,आलोक मुनि जी की ओजस्विता और सरलता ने सभी का मन मोह लिया, इतने दिन किसी गुरुओं का प्रवास हमारे लिए गूंगे के गुण के मानिंद था ,और हमारी 64 वी शनिवार की सामायिक आपके सानिध्य मेंहुई उस दिन लगभग 87 लोगों के साथ हुई, हमारी यह ऐतिहासिक सामायिक साबित हुई, हमारे लिए होली चौमासा एक दम नया था और होली के दिन रंगों की आद्यात्मक होली, एक अनोखी अनुभूति दे गई,और इसके साक्षी रहे वनी (महाराष्ट्र) रायपुर छिंदवाड़ा, मनेंद्रगढ़, के श्रावक श्राविका गण जिन्होंने मुनि सेवा का लाभ लिया, हम चाहते हैं जैसे आलोक मुनि  शिखरजी से विचरण करते  हुए बिलासपुर सम्भाग में  पधारे वैसे ही  आगे भी ऐसा ही कुछ साधु संतो  आवगमनका सिलसिला  बना   रहे ताकि हमारे परिवारों के संस्कार पुष्ट होते रहे, अभी आषाढी बुंदो सदस्य साधु संतो का लाभ मिलता है कभी तो सावन की आध्यात्मिक बौछार से तृप्त होए,  हम अपनी बड़ाई अपने मुख से नहीं कर रहे वरन आलोक मुनि एवं जब भी कोई गुरुजन आते हैं यही कहते हैं कि बिलासपुर संभाग पूरा सताकारी क्षेत्र है आपकी आलोक मुनि के साथ चर्चा होगी तो उनसे अधिक जानकारी मिलेगी अंततः हम यही कहते हैं
अभी अषाढ़बूंदों सदृश साधु संतों ,का लाभ मिलता हैं ,कभी तो सावन की बौछार हो और हम आद्यात्मिक फुहारों से तरबतर होयें।
औऱ ये हम अपनी बड़ाई में नहीं कह रहे वरन आपको आश्वस्त कर रहें है कि हमारा क्षेत्र सताकारी है , ये हम ही नहीं अपितु सभी संतों के श्री मुख से निकला है 
इस बारे में आलोक मुनि से आपकी चर्चा होगी 
तो उनसे अधिक आपको जानकारी प्राप्त होगी ।अंततः ये ही कहते हैं 
यूँ ही नहीं भक्त आपके बने हैं,
आप गुण सागर ,अमूल्य रतनों की खान है,
अभिभूत हुए ,सुन आपके व्यख्यान ।
अब निश्चित हुए ,सौंप हमारी जीवन नैया
बस पार लगा दो 
आप ही हो हमारे खैवव्या।


इति शुभस्य

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