धर्म आराधना प्रश्नोत्तरी 2

*प्रश्न*

*2 :11:20*

1️⃣कषाय के होने वाले अभिघातमें दूसरा नम्बर पर कौनसा है

🅰️अप्रत्याख्यान चतुष्क से देशव्रत अभिघात 

2️⃣क्याअनादिकाल  से जीव के साथ जुड़ा हुआ है

🅰️कषाय के साथ 

3️⃣अप्रत्याख्यान माया किसके  समान है

🅰️मेंढे के सिंग के समान 

4️⃣वर्षा के योग से भूमि में किसका  प्रवेश होता है

🅰️नमी का प्रवेश होता हैं 

5️⃣साधारण सी हवा से क्या मिट जाती है

🅰️बालु की रेखा 

6️⃣वस्त्र को विद्रूप कौन बनाता है

🅰️गाडी का खंजन 

7️⃣सरलता से कौन सीधी हो जाती

🅰️बांस की छाल 

8️⃣अस्थि स्तंभ  किससे कुछ लचीला होता है

🅰️पत्थर के स्तम्भ से 

9️⃣आत्मा पर लगे हुए किसके धब्बे उसे कलुषित बनाए रखते हैं

🅰️अप्प्रत्याख्यान लोभ के 

1️⃣0️⃣अप्रत्याख्यान कषाय किससे  कुछ हल्का होता है 

🅰️अनन्तानुबंधी कषाय से

*प्रश्न*

*3:11:20*


 1️⃣आत्मा के दो  विशेष गुण कौन कौन से है

🅰️सम्य्क्त्व और चारित्र 

2️⃣सम्यक्त्व के अभाव में व्यक्ति की क्या विपरीत हो जाती है

🅰️तत्व श्रध्दा विपरीत हो जाती हैं 

3️⃣सम्यकत्व का अर्थ क्या है


🅰️सही दृष्टिकोण 

4️⃣नपुंसक की कौन सी अभिलाषा वेद कहलाती

🅰️उभयमुखी अभिलाषा 

5️⃣कषाय की भांति कौनभी वीतरागता की स्थिति में बाधक है

🅰️नो कषाय 

6️⃣कौन व्यक्ति को अशक्त बना देता है |

🅰️विपरीत गामी प्रवाह 

7️⃣नो कषाय का सातवां वेद कौन सा है।

🅰️स्त्री वेद 

8️⃣किसका अभिघात होने से व्यक्ति अपने संकल्प को पूर्णता के बिंदु तक नहीं ले जा सकता।

🅰️महाव्रत का अभिघात होने से 

9️⃣किसकाअस्तित्व नौवें गुणस्थान तक है 


🅰️वेद का अस्तित्व 

1️⃣0️⃣व्यक्ति कब शोकविह्नल बन जाता है

🅰️प्रिय के वियोग और अप्रिय के संयोग से 

*प्रश्न*

*4:11:20*

1️⃣काल, स्वभाव, भवितव्यता, ते सघळा तुज दासों रे,ये किसने कहा है

🅰️उपाध्याय श्री यशोविजय जी महाराज साहेब 

 2️⃣किसके बिना अंध बने जीव अनंत  काल से इस संसार में भटकते हैं।

🅰️श्रध्दा रूप चक्षु के बिना 

3️⃣मोहनीय कर्म के क्या भेदते जाते हैं

🅰️पटल 

4️⃣कौन सी कक्षा मेंआत्मा की ये भूमिका में अभी इतना सूक्ष्म बोध नही होता है।

🅰️प्राथमिक कक्षा में 

5️⃣किसके करने वाले कीआत्मा को देखकर आनंद आता है।

🅰️सुंदर धर्म करने वालीं आत्मा 


6️⃣किसकी कृपा के पात्र बनते हैं तब ही उनको ऐसे विशिष्ट चक्षु की प्राप्ति होती है

🅰️परमात्मा के 

7️⃣परमात्मा क्या प्रदान कर सकते हैं। 

🅰️वशिष्ठ चक्षु 

8️⃣किसका  का परिणाम ही चक्षु है।

🅰️श्रध्दा का परिणाम ही चक्षु हैं 

9️⃣  किसके विषयक अनेक प्रश्न पूछता है, 

🅰️तत्व विषयक 

1️⃣0️⃣तत्पश्चात स्वयं भी अनेक क्या करता है।

🅰️शुभ अनुष्ठान करता है 

*प्रश्न*

*5:11:20*


1️⃣ किसकीप्राप्ति के बाद, मोहनियकर्म का विशेष प्रकार से क्षयोपशम होता है

🅰️अभय और चक्षु की प्राप्ति के बाद 


2️⃣स्वरसवाही अर्थात  क्या

🅰️स्वेच्छा से ही मोक्ष मार्ग में गमन करने वाला 

3️⃣सच्चे और यथार्थ मार्ग की प्राप्ति कराने वाले कौन है

🅰️प्रभु 

4️⃣ये मार्ग कहाँ पँहुचाने वाली चित्त की सरल परिणीति है।

🅰️मोक्ष नगर तक पहुंचाने वाले 

5️⃣किसका उदयजीव को जहाँ सुख नहीं है, वहां सुख को मनवा कर दौड़ाता है।

🅰️मिथ्यात्व मोहनीय कर्म का उदय 

6️⃣अनादिकाल से जीव का चित्त कैसा चलता है।

🅰️वक्र (टेढा)

7️⃣कौन साजीव, भगवान की कृपा के पात्र बनता है।

🅰️भव से विरक्त बना हुआ जीव 

8️⃣मग्गदयाणं का अर्थ

🅰️मार्ग को देने वाले परमात्मा को मेरा नमस्कार 

9️⃣कौन संसार को अच्छा मनवाता है

🅰️दुःख स्वरूप,दुःख हेतु,दुःख फलक ये पंच सूत्र 


1️⃣0️⃣अवक्रगमन', अर्थात क्या

🅰️जीव वक्रता से पलट जाना 

*प्रश्न*

*5:11:20*


1️⃣ किसकीप्राप्ति के बाद, मोहनियकर्म का विशेष प्रकार से क्षयोपशम होता है

🅰️अभय और चक्षु की प्राप्ति के बाद 


2️⃣स्वरसवाही अर्थात  क्या

🅰️स्वेच्छा से ही मोक्ष मार्ग में गमन करने वाला 

3️⃣सच्चे और यथार्थ मार्ग की प्राप्ति कराने वाले कौन है

🅰️प्रभु 

4️⃣ये मार्ग कहाँ पँहुचाने वाली चित्त की सरल परिणीति है।

🅰️मोक्ष नगर तक पहुंचाने वाले 

5️⃣किसका उदयजीव को जहाँ सुख नहीं है, वहां सुख को मनवा कर दौड़ाता है।

🅰️मिथ्यात्व मोहनीय कर्म का उदय 

6️⃣अनादिकाल से जीव का चित्त कैसा चलता है।

🅰️वक्र (टेढा)

7️⃣कौन साजीव, भगवान की कृपा के पात्र बनता है।

🅰️भव से विरक्त बना हुआ जीव 

8️⃣मग्गदयाणं का अर्थ

🅰️मार्ग को देने वाले परमात्मा को मेरा नमस्कार 

9️⃣कौन संसार को अच्छा मनवाता है

🅰️दुःख स्वरूप,दुःख हेतु,दुःख फलक ये पंच सूत्र 


1️⃣0️⃣अवक्रगमन', अर्थात क्या

🅰️जीव वक्रता से पलट जाना 

*प्रश्न*

*6:11:20*


 


1️⃣शरण देना अर्थातक्या

🅰️सरणदयाणं

2️⃣आत्मा में तत्व संबंधी कितने गुण प्रगट होते हैं।

🅰️आठ गुण

3️⃣किसके सहयोग से उनको अनंत वीर्य प्राप्त हुआ है। 

🅰️वीर्यान्तराय कर्म के

4️⃣भगवान, किसके दाता कहलाते हैं। 

🅰️मार्ग के दाता


5️⃣इस विशेष जानकारी की इच्छा को अन्य दर्शनकार क्या कहते हैं।

🅰️दाता

6️⃣ये सम्यकदर्शन आदि गुणों की प्राप्ति किससे होती हैं

🅰️तत्व चिंतन से

7️⃣कौन सीजीवात्मा ये मार्ग विषयक गंभीर चिंतन करतें हैं।

🅰️बुद्धिमान

8️⃣सच्चे अर्थ में शांति, सुरक्षा या निर्भयता किससे प्राप्त हो सकती है।

🅰️तत्व चिंतन से

9️⃣–-----से जब प्रभु के प्रति बहुमान का भाव प्रकट होता है

🅰️वैराग्य भाव

1️⃣0️⃣प्रभु के पास क्या प्रार्थना करनी है 

🅰️नाथ अनादि काल से मार्ग को भुले हुए हमको आप मार्ग पर लाकर उस पर चलने का सामर्थ्य देना

*प्रश्न*

*6:11:20*

1️⃣शरण देना अर्थातक्या

🅰️सरणदयाणं

2️⃣आत्मा में तत्व संबंधी कितने गुण प्रगट होते हैं।

🅰️आठ गुण

3️⃣किसके सहयोग से उनको अनंत वीर्य प्राप्त हुआ है। 

🅰️वीर्यान्तराय कर्म के

4️⃣भगवान, किसके दाता कहलाते हैं। 

🅰️मार्ग के दाता


5️⃣इस विशेष जानकारी की इच्छा को अन्य दर्शनकार क्या कहते हैं।

🅰️दाता

6️⃣ये सम्यकदर्शन आदि गुणों की प्राप्ति किससे होती हैं

🅰️तत्व चिंतन से

7️⃣कौन सीजीवात्मा ये मार्ग विषयक गंभीर चिंतन करतें हैं।

🅰️बुद्धिमान

8️⃣सच्चे अर्थ में शांति, सुरक्षा या निर्भयता किससे प्राप्त हो सकती है।

🅰️तत्व चिंतन से

9️⃣–-----से जब प्रभु के प्रति बहुमान का भाव प्रकट होता है

🅰️वैराग्य भाव

1️⃣0️⃣प्रभु के पास क्या प्रार्थना करनी है 

🅰️नाथ अनादि काल से मार्ग को भुले हुए हमको आप मार्ग पर लाकर उस पर चलने का सामर्थ्य देना

*प्रश्न*

*7:11:20*

1️⃣मन मे जो शंका के समाधान मिले ऐसा तत्व विशेष बोध क्या है

🅰️अपोह

2️⃣बोधि यानी  क्या

🅰️सम्यक दर्शन

3️⃣रेशम की डोरी की गांठ कौन सी गांठहैं 

🅰️घन

4️⃣बारीक रेशम की डोरी गांठ कौन सी गांठहैं 

🅰️बहुत समय से पडी रुढ, थोडे समय से पडी गुढ़

5️⃣कौन सेपरिणाम को, संस्कार को ग्रंथि कहतें है,

🅰️राग द्वेष के परिणाम को

6️⃣तत्वचिंतन रूप ये शरण देने वाले  कौन  है

🅰️अरिहंत

7️⃣विशिष्ट प्रकार का हेय-उपादेय का विवेक तो किन की प्राप्ति द्वारा ही संभव है

🅰️आठ गुण की

8️⃣परमात्मा के प्रति कौन सेभाव प्रगट कर के नमस्कार करते 

🅰️बहुमानभाव

9️⃣ग्रंथी अर्थात क्या

🅰️गांठ

1️⃣0️⃣तत्व सुनने की इच्छाक्या है

🅰️शुश्रुषा


*प्रश्न*

*18:11:20*


1️⃣ कषाय सहित भाव ,वे भाव जिनसे कर्मों में स्थिति व अनुभाग पड़ता है।कौन सा अध्यवसाय हैं।


🅰️ अशुभ अध्यवसाय


2️⃣अध्यवसाय  का अर्थ क्या ही है

🅰️भाव


3️⃣किसके  आते ही ग्रंथि-भेद होता है 

🅰️अपूर्व करण


4️⃣प्रतिदिन धर्म करने वालों को तो अपनी आत्मा से खास तौर पर पूछना चाहिए कि----इत्यादि किसने  लिखा


🅰️रामचंद्र सुरीश्वर जी

5️⃣किस  की हाजरी में जीव सत्यतत्व को देखने, समझने के विषय में आगे नहीं बढ़ सकता।


🅰️ग्रंथि की


6️⃣,अवेध-संवेधमें  में अवश्यमेव किसकी उपस्थिति होती है।

🅰️ मिथ्यात्व


7️⃣ज्ञानशक्ति से, इंद्रियों के माध्यम से पदार्थ किसका   ज्ञान पा सकता है,


🅰️बाह्य रंग रूप का ज्ञान


8️⃣कौन सा पद उसे कहते हैं  व्यक्ति  का दुविधा  में रहना

समझते हुए अज्ञान रहना।


🅰️अवेध, संवेध


9️⃣विपाक थोडा सा मंद पड़ता है और तब जीव को किसकी प्राप्ति होती है।


🅰️शुभ भाव



1️⃣0️⃣,सम्यक्त्व के कितने करण,है।


🅰️ तीन कारण यथा प्रवृत्तिकरण,अपूर्व करण,निवृत्तिकरण

*प्रश्न*

*18:11:20*


1️⃣ कषाय सहित भाव ,वे भाव जिनसे कर्मों में स्थिति व अनुभाग पड़ता है।कौन सा अध्यवसाय हैं।


🅰️ अशुभ अध्यवसाय


2️⃣अध्यवसाय  का अर्थ क्या ही है

🅰️भाव


3️⃣किसके  आते ही ग्रंथि-भेद होता है 

🅰️अपूर्व करण


4️⃣प्रतिदिन धर्म करने वालों को तो अपनी आत्मा से खास तौर पर पूछना चाहिए कि----इत्यादि किसने  लिखा


🅰️रामचंद्र सुरीश्वर जी

5️⃣किस  की हाजरी में जीव सत्यतत्व को देखने, समझने के विषय में आगे नहीं बढ़ सकता।


🅰️ग्रंथि की


6️⃣,अवेध-संवेधमें  में अवश्यमेव किसकी उपस्थिति होती है।

🅰️ मिथ्यात्व


7️⃣ज्ञानशक्ति से, इंद्रियों के माध्यम से पदार्थ किसका   ज्ञान पा सकता है,


🅰️बाह्य रंग रूप का ज्ञान


8️⃣कौन सा पद उसे कहते हैं  व्यक्ति  का दुविधा  में रहना

समझते हुए अज्ञान रहना।


🅰️अवेध, संवेध


9️⃣विपाक थोडा सा मंद पड़ता है और तब जीव को किसकी प्राप्ति होती है।


🅰️शुभ भाव



1️⃣0️⃣,सम्यक्त्व के कितने करण,है।


🅰️ तीन कारण यथाप्रवृतिकरण अपूर्व करण ,निवृत्तिकरण


*प्रश्न*

*19:11:20*


1️⃣व्यतिरेक' का शाब्दिक अर्थ क्या है- ''। 

🅰️आधिक्य 


 2️⃣जहाँ-जहाँ धुँआ है, वहाँ क्या होगी ही


🅰️अग्नि 


3️⃣बोधि की प्राप्ति होती है, उस के साथ  किस  नाम के गुण प्राप्त होता है।

🅰️अविनाभावी ऐसा आस्तिक्य 


4️⃣और जहाँ ज्ञान नहीं वहाँ जीव भी नहींयह किसकी अपेक्षा कथन हैं


🅰️व्यातिरेक यानि नास्ति की अपेक्षा 


 5️⃣दया धर्म के भाव प्रस्फुटितहोते है ,तो क्या उत्पन्न होता हैं

🅰️वैराग्यता 


6️⃣कौन से ह्र्दय, में कहीं सम्यकत्व  का उचित अनुचित का बोधहोता ही है।

🅰️सम्यक्त्वी 


7️⃣अविनाभावी का काशाब्दिक  अर्थ क्या है 


🅰️संबध लगाव,अविच्छेद जैसे आग और धुआं 

8️⃣शास्त्रों में धुंआ और अग्नि का किसका संबंध बताया गया


🅰️अविनाभाव संबध 


9️⃣ऊहो पोह की स्थिति समाप्त हो जाती है और वह किससे

ऊपर उठ जाता है ।


🅰️अवेध,संवेद से 


1️⃣0️⃣साध्य के अभाव में साधन का अभाव होनाक्या  है।

🅰️व्यातिरेक 

प्रश्न

*20:11:20*

1️⃣विपाकोदय किसे कहते हैं


🅰️जो कर्म उदय में आकर फल देकर नष्ट हो जाता है


2️⃣गृहस्थ धर्म और अन्य धर्म दोनों के ऊपर दया करने से उसे क्या कहते हैं। 

🅰️मिश्रानुकंपा 


3️⃣प्रशम आदि  किसके लिंग हैं। 


🅰️सम्यक्त्व


4️⃣शास्त्रों की दृष्टि सेकिसका त्याग निर्वेद कहलाता है


🅰️सब अभिलाषाओं का त्याग 


5️⃣सोलहकारण भावनाओं में पाँचवी  भावना कौन सी है


🅰️संवेग


6️⃣अनुकंपा शब्द का अर्थ  क्या समझना चाहिए।

🅰️कृपा


 7️⃣किस भाव को प्रशम कहा जाता है। 


🅰️प्रकृष्ट शमन अथवा शांतभाव


8️⃣संयमी मुनियों के ऊपर दया करना, उसको क्या कहते हैं।


🅰️धर्मानुकंपा


9️⃣सर्वज्ञ वीतराग देव द्वारा प्रणीत जीवादिक तत्त्वों में रूचि होनेको  क्याकहते हैं।


🅰️आस्तिक्य


1️⃣0️⃣प्राणियों को स्वस्थ करना, उनकी पीड़ा का उपशम करना, यह  क्याहै


🅰️सर्वानुकंपा

*प्रश्न*

*21 :11:20*

1️⃣आस्वाद स्वरूप योग्यता हम में होती है, येकौन सा गुणस्वरूप है।


🅰️औदार्यादि गुण स्वरूप 


 2️⃣क्या सिद्धों में उत्कृष्ट रूप से है।


🅰️दाक्षिण्यसिध्दो में 




3️⃣परांङ्गमुख का अर्थ क्या है


🅰️ विमुख, विपरीत, विरुद्ध


4️⃣आचार्य भगवंतो में भारी क्याविद्यमान है।


🅰️भारी पाप जुगुप्सा


5️⃣अभय की प्राप्ति से लेकर बोधि की प्राप्ति तक कितने भाव है


🅰️पाँच भाव


6️⃣70 कोड़ाकोड़ी सागरोपम की स्थिति का बंध करनेवाली 

कौन सी अवस्था हैं ।


🅰️अपुनर्बंधक अवस्था


7️⃣उपाध्याय भगवंतों में  क्या बोध विद्यमान होता है


🅰️निर्मल बोध


9️⃣चैत्यवंदन के लिए कौनयोग्य नहीं है


🅰️गाढमिथ्यात्व के मोहनीय के उदय वाली आत्मा


 1️⃣0️⃣क्याअरिहंतों में प्रकृष्ट रूप में विद्यमान है


🅰️औदार्य 


*प्रश्न*

*23:11:20*


1️⃣ निर्गुणता का अर्थ क्या हैं* 


🅰️निराकार 


2️⃣निग्रन्थ मुनि  कौन से धर्म का पालन करते हैं।


🅰️सर्वविरति धर्म का 


3️⃣क्या अनेक की प्रीति का कारण बनता है


🅰️मात्र आत्म कल्याण की भावना से किया हुआ औचित्य पूर्ण वर्तन 

4️⃣आत्मा को किसका रोग लगा हुआ है

🅰️कर्मों का 


5️⃣सगुण रूप की अपेक्षा कौन सा रूप दुर्लभ है,


🅰️निर्गुण रूप 


6️⃣अरिहंत कौन से धर्म के दाता है , उपदेशक हैं।


🅰️तात्विक धर्म के दाता 

7️⃣देव व नारक  कौन से पाप मेंं डूबे हुए हैं।


🅰️अविरति के पाप 


8️⃣श्रावक जीवनके कितने व्रत है


🅰️12व्रत 


9️⃣देश का अर्थ क्या है - 


🅰️आंशिक त्याग 


1️⃣0️⃣जिसे मूर्तिवत रूप दे दिया गया उन्हें, जिन्हें हम पूजते है।

वो पूजा का कौन सा रूप है


 🅰️ एक रूप एक आकार ,सगुण साकार 


*24;11:20*

*प्रश्न*


1️⃣गुण व्रत कितने है


🅰️ *तीन*


2️⃣कूटसाक्षी क्या है


🅰️ *झूठी गवाही देना*


3️⃣अणुव्रत का क्या अर्थ है


🅰️ *लघुव्रत*


4️⃣छविछेदनअणु व्रत क्या है


🅰️  *दुर्भावना पूर्वक नाक,कान,छेदना, नेक लगाना,नाथ देना*


5️⃣व्रत विहीन जीवन किस की तरह है|


  🅰️ *ब्रेक रहित गाडी*


6️⃣यज्ञ -हवन फूल तोड़ना स्नान करना आदि  का __-उपदेश देना


🅰️ *मृषा उपदेश*


7️⃣दाक्षिण्य का अर्थ


🅰️ *अपनी चतुराई बताना*


8️⃣असत्य भाषण के मुख्य कितने कारण है


🅰️ *14*


9️⃣ मेरे समान इस संसार मे कोई नहीं ना भूतो न भविष्यति

ये असत्य का कौन सा कारण है।

🅰️ *अभिमान*


1️⃣0️⃣ - कौन दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जैसे


🅰️ *राग के कारण झूठ बोलना, शत्रु पर झुठा कलंक लगाना*

*प्रश्न*

*25:11:20*

1️⃣स्थूल चोरी का त्याग करने वाला क्या कहलाता है


🅰️अचौर्य अणुव्रती श्रावक 


2️⃣तत्प्रतिरूपकव्यवहार* अर्थात क्या ?


🅰️सरीखी वस्तु मिलाकर बेचना 


3️⃣चोर को चोरी करने का उपाय बतलाते हैं वो कौन साअतिचार है

🅰️तस्कर प्रयोग 


4️⃣कौन से श्रावक लालच में ना फंसते हुए हुए चोरी का माल लेना चोरी के करने के समान समझ कर उसका परित्याग कर देते हैं


🅰️विवेकी श्रावक 


 5️⃣,किसके वाले के सब सद्गुण लुप्त हो जाते हैं


🅰️झूठ बोलने वाले 


6️⃣गुप्त रूप से रखे धन के पास किसी तरह पँहुचना ।कौन सी चोरी है


🅰️सेंध लगाना 




7️⃣झूठा मरकर क्या बनता है


🅰️मूक,बोबङा,कटुवासी,तोतला,गुंगा दुर्गन्धित मुख वाला,अनेक रोगों से ग्रसित 


8️⃣कूटतुलामानोन्मान* –अर्थात क्या?


🅰️नाप तोल मे कमती बढती करना,डंडी मारना 


9️⃣किसका पालन करना प्रजा का कर्त्तव्य हैं ,

🅰️राष्ट्रिय कल्याण व प्रजा के सुख के लिए जो नियम बनाते हैं 



1️⃣0️⃣ तीसरी बड़ी चोरी क्या है


🅰️विरूध्दरज्जाइकम्मे 

*प्रश्न*

*26:11:20*

1️⃣,कहाँ 6 कायो कि हिंसा होती है


🅰️जहाँ अग्नि का आरम्भ होता हैं 


2️⃣हिरण्य अर्थात  क्या


🅰️चांदी 


3️⃣शिखर बंद हो वह क्या कहलाता है


🅰️प्रासाद 


4️⃣तीव्रकामभोगाभिलाषा को क्या कहते है

🅰️विपुल तृषा काम की तीव्र लालसा रखना ,भोङा पन करना,फूहड़ पन अपनाना,भांडगिरी करना 


5️⃣तृष्णाऔरतीव्र लोभ को मिटाने के लिए परिग्रह की सीमा निर्धारित करना  क्या कहलाता है

🅰️परिग्रह परिमाण व्रत 


6️⃣बिना पाल का तालाब,किसे कहा है

🅰️तृष्णा के लिये कहा हैं 

7️⃣विवाहिता स्त्री के अतिरिक्त शेष स्त्रियों के प्रति माँ बहन और बेटी का व्यवहार करना कौन सा अणुव्रत है

🅰️ब्रह्यचर्य अणुव्रत 

8️⃣परिग्रह परिमाणुव्रत मेंश्रावक कितनेप्रकार के परिमाण करता है


🅰️ 9प्रकार के 

9️⃣वत्थु यथा परिमाण  अर्थात क्या

🅰️अर्थात ग्रहण की भूमि का इच्छित परिमाण करना 


1️⃣0️⃣जहां घास उत्पन्न होती है उसे क्याकहते है


🅰️वन कहते हैं 

*27:11:20*

*प्रश्न*

1️⃣सइअंतरद्धाका अर्थक्या है


🅰️अपनी सीमा को भूल जाना 


2️⃣छठा व्रत* धारण करने से कितने धनरज्जू विस्तार वालेपाप रूक जाता हैं


🅰️343घन रज्जु 


3️⃣नीलन फूलन  -----जीवों की तथा ---- जीवो की भी हिंसा हो जाती है

🅰️अनन्त काय,त्रस 


4️⃣अधिक लाभ में हर्ष और दूसरों के अधिक लाभ में विषाद करना किसका अर्थ है

🅰️अति विस्मय 


5️⃣ऊपर की सीमा का उल्लंघन,करना कौन सा परिमाण है


🅰️उधर्व दिशा परिमाण 


6️⃣धान्य मेंधान के साथ साथ क्या क्या चीज सम्मिलित समझी जाती हैं किन्हीं तीन के नाम लिखें


🅰️मेवा मिठाई,पकवान,नमक 

7️⃣सीप के कितनी इंद्रिय प्राणी है


🅰️व्दीइंद्रिय प्राणी 


8️⃣प्रतियाख्यान कितने करण कितने योग से होता है 


🅰️दो करण तीन योग से 


9️⃣ जितनी संपत्ति उतनी क्या होगी


🅰️विपत्ति 


1️⃣0️⃣परिग्रह व्रत को  और कौन सा व्रत भी कहते हैं।

🅰️इच्छा परिमाण व्रत 

*प्रश्न*

*28:11:20*


1️⃣,दंतणविहं किसकी मर्यादा करना है


🅰️,दातुन करने के काष्ठ,ब्रश,पेस्ट की मर्यादा 


2️⃣,उपभोगोपरिभोगपरिमाण व्रत इसके दो  प्रकार हैंकौन से


🅰️भोजन नियंत्रण,कर्म नियंत्रण 


3️⃣वाणह(उपानह)विहं किसकी मर्यादा करना


🅰️जुत्ता,चप्पल,खङाउ आदि की 


4️⃣उपभोगोपरिभोग योग्य कितनी वस्तुएं है*


🅰️26वस्तुएं हैं 


5️⃣ अब्भंगणविहं किसकी मर्यादा करना है


🅰️अत्तर,तेल,फुलेल आदि की 


6️⃣,अत्यंग भोजन अर्थात् क्या


🅰️मादक भोजन जैसे शहद,मक्खन,मांस,रात्रि भोजन ये सभी आहार 


7️⃣जो वस्तु एक बार ही काम में आती उसे क्या कहते है


🅰️उपभोग 


8️⃣फूलो काछेदन वेदन करने से कौन से जीवो की  हिंसा होती है


🅰️त्रस जीवों की 


9️⃣इनमें कितने नियम का भी समावेश प्राय हो जाता है


 🅰️14नियम का 


1️⃣0️⃣1 गज रेशम बनाने में कितने कीड़ों का घात होता है


🅰️हजारों कीङो का घात होता हैं 

*प्रश्न*

*28:11:20*


1️⃣,दंतणविहं किसकी मर्यादा करना है


🅰️,दातुन करने के काष्ठ,ब्रश,पेस्ट की मर्यादा 


2️⃣,उपभोगोपरिभोगपरिमाण व्रत इसके दो  प्रकार हैंकौन से


🅰️भोजन नियंत्रण,कर्म नियंत्रण 


3️⃣वाणह(उपानह)विहं किसकी मर्यादा करना


🅰️जुत्ता,चप्पल,खङाउ आदि की 


4️⃣उपभोगोपरिभोग योग्य कितनी वस्तुएं है*


🅰️26वस्तुएं हैं 


5️⃣ अब्भंगणविहं किसकी मर्यादा करना है


🅰️अत्तर,तेल,फुलेल आदि की 


6️⃣,अत्यंग भोजन अर्थात् क्या


🅰️मादक भोजन जैसे शहद,मक्खन,मांस,रात्रि भोजन ये सभी आहार 


7️⃣जो वस्तु एक बार ही काम में आती उसे क्या कहते है


🅰️उपभोग 


8️⃣फूलो काछेदन वेदन करने से कौन से जीवो की  हिंसा होती है


🅰️त्रस जीवों की 


9️⃣इनमें कितने नियम का भी समावेश प्राय हो जाता है


 🅰️14नियम का 


1️⃣0️⃣1 गज रेशम बनाने में कितने कीड़ों का घात होता है


🅰️हजारों कीङो का घात होता हैं 

*प्रश्न*

*30:11:20*


1️⃣मांस खाने से कौन से रोग हो जाते हैं किन्ही तीन  के नाम लिखें


🅰️क्षय,गंडमाल,रक्तपित्त 


2️⃣कितने प्रकार के फलों में बहुत ही सूक्ष्म जीव उत्पन्न होते हैं


 🅰️पांच प्रकार के बङ,पीपल,गूलर,कठूमर,पर्कटी के फल 


 3️⃣किस आयत में खुद अल्लाह ताला ने फरमाया है कि गोश्त और लहू मेरे पास नहीं पहुंच सकेगा


🅰️सुराह हज की 36वी आयत में 

4️⃣कितने प्रकार के फलों में बKहुत ही सूक्ष्म जीव उत्पन्न होते हैं

🅰️दूसरा चौथा प्रश्न एक हीहै 

पांच प्रकार के 

5️⃣असंख्य जीवो का पिंड कौनहै


🅰️कच्चे पानी से जमाया हुआ हिम 


6️⃣कौन अगर मुंह में तिनका दबा ले तो उसे अभयदान मिलता था। 


🅰️कट्टर शत्रु 


7️⃣ईश्वर ने   कौनसेचारअवतार  लिये है


🅰️मच्छ,कच्छ,वराह,नरसिंह 


8️⃣ किसका व्यसन अति  निंदनीय अहितकारी है


🅰️मदिरा पान 


9️⃣कौन काम विकार को उत्पन्न करने वाला होता हैं


🅰️मक्खन 


1️⃣0️⃣thou shalt not kill अर्थात जीव हिंसा मत करो ये किस में कहा है


🅰️बाइबल के 20वे प्रकरण में 


*प्रश्न*

*1: 12:20*

  1️⃣बहु बीजा में  ये तो बिल्कुल नहीं खानी चाहिए क्या

🅰️बैंगन 


2️⃣सातवें व्रत के अतिचार कितने है

🅰️20भोजन संबंधी 5और कर्म व्यापार संबंधी 15


3️⃣बहुत दिनों तक रहने के कारण किसमेंफूलन और जीवों की उत्पत्ति हो जाती है।

🅰️अथाना (अचार)आम,नींबू,मिर्ची आदि के अचार 


4️⃣किन्हीं 3 नशीली वस्तुओं का नाम लिखें


🅰️अफीम,मदिरा,कोकिन 


5️⃣तुच्छ फल किसे कहते है


🅰️खाने योग्य अंश थोड़ा व फेंकने योग्य अंश अधिक हो 


6️⃣खट्टी से मीठी और मीठी से खट्टी हो गई हो उसे क्या कहते हैं

🅰️चलित रस 


7️⃣रात्रि भोजन *को क्या कहते है


🅰️अंधा भोजन 


8️⃣अनजाने फल के प्रकरण से  किस की कथा याद


🅰️वंकचुल जी की 


9️⃣अपकाय जीवो के पिंड  क्या है 

🅰️ओला 

1️⃣0️⃣मृतिका (मिट्टी )खाने से कौन2 से रोग उत्पन्न होते हैं


🅰️पथरी,पांडु रोग,उदर वृध्दि,मंदाग्नि बंध कोप आदि 


*प्रश्न*

*2:12:20*


1️⃣सीप,कौड़ी और कस्तूरी आदि का व्यापार करनाकौनसा अतिचार है


🅰️दन्त वाणिज्य 


2️⃣जहाज आदि को भाड़े पर दूसरों को देना कौन सा कर्म


हैं।

🅰️भाटी कर्म 

3️⃣आम खरबूजे आदि ऊपर से  क्या है 

🅰️निर्जीव 


4️⃣दुसपक्व भक्षण क्या है*


🅰️जो बहुत पककर बिगड़ गई,सङ गई,दुर्गंधित हो गई और त्रस जीव उत्पन्न हो गये हो 


5️⃣कदाचित की हुई मर्यादा को भूल जाए तो जब तक स्मरण ना हो तब तक किस वस्तु का उपयोग ना करें 


🅰️सचित वस्तु का 

6️⃣,अंगार कर्म*- का अर्थ क्या है


🅰️कोयला बनाकर बेचने का व्यापार 


7️⃣कन्दमूल बेचने का काम कौन सा कर्म है


🅰️वन कर्म 

8️⃣धर्म स्थानों में किस का  प्रयोग किया जाता है,


🅰️चमर का 


9️⃣चटनी, तत्काल का धोवन पानी इत्यादि वस्तुएं कौन सेअतिचार में आती है


🅰️सचित्त प्रतिबध्द आहारे 

1️⃣0️⃣बावड़ी कुंड एवं तालाब नहर आदि बनवा बनवा कर बेचना कौन सा अतिचार हैं।

🅰️स्फोट कर्म 

*प्रश्न*

*3:12:20*


1️⃣लोग सूत्र पाठ को उलट कर या बदलकर उल्टा अर्थ करते हैं वह  किसकाबंधन करते हैं 

🅰️वज्र कर्मो का 


2️⃣तुंगिया नगरी के श्रावको  की ऋद्धि का वर्णनकौन से सूत्रमें आई हैं


🅰️भगवती सूत्र में 


3️⃣सकडाल कुंभार क्या पचाकर  अपनी आजीविका  करते थे 

🅰️निंबाङे पचाकर 


4️⃣तलवार खड़ग बंदूक आदि शस्त्रों का व्यापार करना।

कौन सा अतिचार है


🅰️विषय वाणिज्य 


5️⃣ केशवाणिज्य अतिचार क्या है।


🅰️पशुओ और पक्षियों का व्यापार करना या मनुष्य को बेचना 

6️⃣आनंद आदि श्रावको  के यहां हजारों हजारों गायें थी,इसका कौन से सूत्र में उल्लेख है।

🅰️उपाशक दशांग सूत्र 

7️⃣असयंती अर्थात अव्रती का पोषण करने से कौन  का पाप लगता है

🅰️कर्मादान का 

8️⃣अनेक पुर्जे बनाकर बेचने का धंधा करना। कौन सा अतिचार है।

🅰️यंत्र पीङन कर्म 


9️⃣कौन से नगर के श्रावकों के यहां गाय भेंसे बकरी आदि पशु बहुत है और दास दासिया भी बहुत थी।


🅰️तुंगियानगरी के 


1️⃣0️⃣आनंद श्रावक ने  कितने हलों की जमीन रखी थी

🅰️500हलो की 

*प्रश्न*

*4:12:20*


1️⃣जो शस्त्र घर में हो उन्हें किस प्रकार  रखना चाहिए कि


🅰️गुप्त रखना ताकि वह अन्य हाथों में न पङे 


2️⃣लाला रणजीत सिंह जी की रचित रचना कौन सी हैं।


🅰️वृहध्दालोयणा 


3️⃣भोगोपभोग में आसक्त बनने से जीव कौन से कर्म बंध करता हैं


🅰️चिकने और लंबी स्थति वाले 


4️⃣मोहरिए(मोखर्य) अतिचार के अंतर्गत क्या आता हैं,कोई दो बातें बताइये

🅰️वैरी के समान वचन बोलना,रे तू आदि तुच्छ वचन बोलना 


5️⃣ दंड कितने प्रकार के हैं-  और कौन कौन से

🅰️दो प्रकार के,अर्थ दण्ड,अनर्थ दण्ड 

  6️⃣  कुक्कुइए(कौत्कुच्य)

अतिचार का अर्थ*-


🅰️काया से कुचेष्टा करना 


7️⃣अनर्थ दंड में आरंभ करने में क्या  प्रधान होती है।

🅰️बुद्धि प्रधान होतीं हैं 


8️⃣संजुत्ताहिगरण

(संयुक्ताधिकरण)*- अतिचार अर्थातक्या


🅰️शस्त्र का सहयोग मिलना 


9️⃣उपद्रव गाली अपशब्द कहना यह काम   किस के है


🅰️असंस्कारी और अज्ञानी जनों का 


1️⃣0️⃣अपूर्ण उपकरण को पूर्ण करने से किसकी वृद्धि करने वाले बन जाते हैं

🅰️आरम्भ की वृद्धि करने वाले 

*प्रश्न के उत्तर*

*5:12:20*


1️⃣सामायिक कितने प्रकार की होती हैं और कौन 2 सी


🅰️4प्रकार की श्रुत,समकित,देश विरताविरत,सर्वविरत 


2️⃣महावीर से एक सामायिक का मूल्‍य किसनेपूछा,


🅰️राजा श्रेणिक जी नें 


3️⃣सम’ अर्थात क्या


 🅰️राग ध्देष से विमुक्त होना 


4️⃣पांच अणुव्रत और तीन गुणव्रतों   की भली-भांति रक्षा करने के लिए की किस की शिक्षा दीजाती है


 🅰️4शिक्षा व्रत की 


5️⃣शुद्ध सामायिक की दलाली कितने मेरु से बढ़कर है।


 🅰️सात स्वर्ण मेरू से बढकर 


 6️⃣दु:ख समुद्र को तिरने का श्रेष्‍ठ जहाज क्याहै।   


  🅰️सामायिक 


7️⃣चार शिक्षाव्रत से हमें  किस में लगे दोषों का ज्ञान हो जाता है 


🅰️भूतकाल में लगे दोषो का ज्ञान 


8️⃣बिना घडी के सामायिक कौन कर सकते है


🅰️जातिस्मरण ज्ञानी 


9️⃣सामायिक किस  को स्‍थिर रखने की अपूर्व क्रिया है,।


🅰️मन को स्थिर रखने की 


1️⃣0️⃣सामायिक कितने श्वासोंच्छवास की होती है


🅰️तीन हजार सात सौ तिहतर श्वाच्छोश्वास 


*प्रश्न*

*7:12:20*

1️⃣वयदुप्पणिहाणे*- अर्थात क्या


🅰️वचन का अशुभ व्यवहार 


2️⃣मुनि संभूति जी ने सामायिक किया वो कौन इस दोष था


🅰️निदान दोष 


3️⃣स्कूल से छुट्टी विद्यार्थी के समान भागना कौन सा दोष है

🅰️अपमान दोष 


4️⃣रोष /कषाय दोष अंतर्गत कौन  2 से मुनियों ने

सामायिक किया मुनियों नाम बताइये।


🅰️रत्न सूरी मुनि,महाबली मुनि 


5️⃣अधिक बोलने से सहज ही कौन से वचन निकल जाता है


🅰️सावध्य वचन 

 6️⃣राजाधिक के अपराध के भय से करे,तो कौन सा दोषलगता है


🅰️भय दोष 


7️⃣मनदुप्पड़िहाणे का अर्थ

🅰️मन में अशुभ विचार करना 


8️⃣सामायिक में मान किसने  किया था।

🅰️बाहुबली जी ने 

9️⃣प्रसिद्ध पाने के लिये सामायिक करने से श्रावक 

को कौन सा दोष लगता है


🅰️यशोवांछा दोष 


1️⃣0️⃣दूसरों की देखा देखी मुंह बांधकर सामायिक

करने बैठ जाते ये कौन सा दोष है


🅰️अविवेक दोष 





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगवान पार्श्वनाथ प्रश्नोत्तरी

जैन प्रश्नोत्तरी

सतियाँ जी 16