25 बोल प्रश्नोत्तरी

*प्रश्न*

*8:12:20*

1️⃣कपड़ा सीना कसीदा निकालना अचित पानी से लीपना कौन सा दोष हैं।

🅰️सावध्य क्रिया 

2️⃣भींतादिक का टेका (आधार) ले, तो इससे किन का घात होता हैं

🅰️उनके (भीत से)आश्रित जीवों का 

3️⃣किस से बचने पर शुद्ध सामायिक  होती है।


🅰️32दोषो से बचने से 

4️⃣लेनदेन तथा ऐसे ही अन्य कार्यों का विचार करनाकौनसा दोष है

🅰️विमासन दोष 

5️⃣जहां शरीर  की अधिक चपलता होती है, वहां  कौन सा दोष लगता है


🅰️चलासन दोष 

6️⃣पुंजे बिना शरीर खुजलाना कौन सा दोष है


🅰️मल दोष 

7️⃣विचार किए बिना ही जो मन में आए तो बोल देना कौन

सा दोष है।

🅰️सहसाकार दोष 

8️⃣जिस का अवलंबन ले उस दीवार आदि को देखे औरक्या करें


 🅰️पूंजे बीना अवलंबन ना ले 

  9️⃣क्या करने से मन में विकार उत्पन्न होता है।

🅰️चल दृष्टि करने से 

1️⃣0️⃣ऐसे कौन सेआसन और स्थान पर बैठना उचित नहीं ह


🅰️जिस स्थान पर बैठने से बार बार उठना पङे 


*प्रश्न*  

*9:12:20*

1️⃣वस्तुओं के समुच्चय वजन की मर्यादा किस में रखी जाती

हैं 

🅰️भक्त नियम में 

2️⃣आनयन मतलब क्या है

🅰️मर्यादा से बाहर की वस्तु दूसरे से मंगा लेना 

3️⃣नेत्र आदि का इशारा करके अपना अभिप्राय समझा देना

कौन सा अतिचार हैं

🅰️रूपानुपात 

4️⃣पन्नी में किसकी मर्यादा आती है

🅰️जुता,मोजा,खङाउ आदि पैर में पहनने की वस्तुए 

 5️⃣दसवें व्रत का सदैव आसानी से आचरण करने के लिए कितने नियमों की योजना हैं।

🅰️17नियमो की 

6️⃣वंकर, पत्थर आदि फैककर अपना अभिप्राय समझा देनाकौन सा अतिचार हैं

🅰️पुदग्लक्षेप 

7️⃣सचित  क्या है कोई 3 वस्तु का नाम लिखें

🅰️दीपक, पंखा, झूला

8️⃣दिशा में किसकी मर्यादा रखी जाती है

🅰️दिशाओं में गमना गमन करने की 

9️⃣देशवकाशिक व्रत- का अर्थ


🅰️प्रतिदिन दिशाओं की मर्यादा करना और पांच आश्रवो का त्याग करना 


1️⃣0️⃣किराना ब्याज आदि संबंधी व्यापार की मर्यादाकिस नियम के अंतर्गत आती हैं।

🅰️मषि के अंतर्गत 

*अंजु सिंघवी हैदराबाद*


*प्रश्न*

*10:12:20*


1️⃣साधु जीवन की तालिम(शिक्षा)किससे

मिलती है ।

🅰️पौषध से 


2️⃣पौषध शाला से प्रथम देवलोक में  कौन गये।

🅰️आनन्द श्रावक जी 


3️⃣पौषधव्रत के कितने विकल्प है । 

🅰️80

4️⃣कल्पसूत्र में क्या लिखा है 

🅰️संसार सागर से पार उतारने वाला पौषध हैं 

5️⃣दूध और शक्कर को मिलाकर एक हीद्रव्य गिनना किसका उल्लंघन है।

🅰️मर्यादा का 


6️⃣आगारोंके अनुसार जाना पड़े तो जाएं परवहां ---आदि पांच-------का सेवन ना करें.।

🅰️हिंसा, आश्रव

7️⃣पौषध में ही किसकाअपहरण हुआ 

🅰️सुदर्शन जी का 


8️⃣प्रत्याख्यान के कितने अतिचार इस प्रकार समझने चाहिए 3 प्रतियाख्यान कौन सा है

🅰️5अतिचार है प्रत्याख्यान की हुयी वस्तु को स्वीकार करने के लिए 

9️⃣इस व्रत के कोई दो आगार-बताइये

🅰️राजा की आज्ञा से मर्यादित क्षेत्र से बाहर जाना पड़े,देवता या विद्या धर मर्यादित क्षेत्र से बाहर ले जाए 


1️⃣0️⃣ छः कायों की रक्षा का कारण होने से परमात्मा का भी पोषक  होने से यह व्रत क्या कहलाता हैं।

🅰️पौषध व्रत

*प्रश्न*

*11:12:20*

1️⃣शुद्ध पौषध करके कौन 2 से श्रावक एकभवतारी हुए

🅰️आनंद श्रावक जी कामदेव जी 

2️⃣सच्चे श्रावक को कम से कम कितने पौषध 1 महीने में अवश्य करने चाहिए।

🅰️6पौषध 

3️⃣किसी भी प्रकार का दोष लगाने से क्या लगता है।

🅰️अतिचार 

4️⃣ 13 तेलों के पौषध से  कितने खण्ड भरत क्षेत्र के अधिपति बनजाते हैं

🅰️षट खण्ड के 

5️⃣एक ही बार पौषध व्रत का सम्यक प्रकार से आराधन करने वाला किससे मुक्त हो जाते हैं।

🅰️अनंत भ्रमण 

6️⃣पोसहोववासस्स सम्मं अणणुपालणयाए  का अर्थ

क्या है।

🅰️पौषध व्रत का सम्यक् प्रकार से पालन न करना 

7️⃣वासुदेव आदि 1 तेले के पौषध  से किसको अपने आधीन बना लेते हैं।

🅰️बङे बङे देवो को 

8️⃣पौषध व्रत का समाचारण करने से  कीकितनी देवायुका बंधहोता हैं

🅰️27,77,7777,777पल्योपम के 9भागों में एक भाग अधिक काल का 

9️⃣ अप्पमज्जिय

दुप्पमज्जियसेज्जा संथारए* का अर्थ क्या है।

🅰️शैया और संस्तारक को बिना पूछे उपयोग में लावे 


1️⃣0️⃣9 निधि, 14 रत्नों के  कौन स्वामी बन जाते हैं ।

🅰️चक्रवर्ती महाराज


*प्रश्न*

*12:12:20*

1️⃣श्रावक के 21 गुणों का वर्णन किस सूत्र में आया हैं।

🅰️ *भगवती सूत्र*

2️⃣कोई दो नाम बताइये जिन्होंने सुपात्र दान दे कर तीर्थंकरगौत्र बांधा

🅰️ *धन्ना सार्थवाह(आदिनाथ जी)शंख राजा(नेमीनाथ जी)*

3️⃣शँखराजा किसका पूर्व भव का नाम था।

🅰️ *नेमीनाथ जी*

4️⃣क़ोई  सी चार बातों से दो बातें लिखें जो मिलना दुर्लभ है

🅰️ *क्षमा से युक्त शुरवीरता, त्याग सहित दान*

5️⃣दोनों ही दिखने में एक समान लगते होंगे लेकिन किन दोनों के गुणों में अंतर होता है

🅰️ *कौवा, कोयल*

6️⃣भाव दान के कारण 12वीं देवलोक मेंकौन गए

🅰️ *जीरण सेठ*

7️⃣वर्तमान मे पत्तो का प्रयोग किसके रूप् मे नही होता।

🅰️ *बर्तनो के रुप में*

8️⃣मात्र बाह्य रूप ही नहीं, कौनसा रूप भी श्रेष्ठ होना।

 चाहिए ।

🅰️ *आंतरिक*

9️⃣सचित्त पीधाण*-का अर्थक्या है

🅰️ *सचित्त से ढका आहार*

1️⃣0️⃣जिसके आने की कोई तिथि नहीं उसे क्याकहते हैं।

🅰️ *अतिथि*

*प्रश्न*

*14:12:20*


1️⃣सर्व गुणों का आभूषण क्या है

🅰️लज्जा 


2️⃣हार जीत के जितने खेल तथा काम है यह सब किसमें में गिने जाते हैं।

🅰️जुआ में 


 3️⃣क्षुद्र किसे कहते हैं।

🅰️ओछी प्रकृति को शुद्र कहते हैं 

4️⃣ कौन से कार्य लोकविरुद्ध गिने जाते हैं

🅰️बहुतों के विरोधी से मित्रता,देश के सदाचार का उल्लंघन ,सामर्थ्य होंने पर भी दूसरो की सहायता न करना 

5️⃣किसी को भी दुखप्रद ना होने से श्रावक क्याहोता है।

🅰️अशुद्र 

6️⃣क्रूर का अर्थ क्या है

🅰️निर्दय एवं कठोर दृष्टि 

7️⃣धर्म का मूल क्या है 

🅰️दया 


8️⃣यह मेरा है और यह पराया है ऐसा विचार कौन सी बुद्धि वालों का होता है ।

🅰️तुच्छ बुद्धि वालों का 

9️⃣यथा कृतिस्तथा तथा प्रकृति" अर्थातक्या।

🅰️अर्थात जैसी शरीर की आकृति होती है वैसी ही मनुष्य की प्रकृति होती है 


1️⃣0️⃣सामर्थ्य होने पर भी दूसरों की सहायता ना करना इत्यादि कार्य किसके विरुद्ध गिने जाते हैं ।

🅰️लोक विरुद्ध 

*प्रश्न*

*15:12:20*

1️⃣गृद्धि का अर्थ क्या है।

🅰️लोभ लालच 

2️⃣अमृत को अमृत और विष को विष समझने में या कहने में क्या नहीं समझना चाहिए।

🅰️राग द्वेष

3️⃣चिकने कर्म बंधन के मुख्य कारण क्याहैं, 

🅰️राग द्वेष और वृद्धि

4️⃣सुदीर्घ दृष्टि का अर्थ क्या है

🅰️श्रावक अच्छी और दूरगामी दृष्टि वाले हो 

5️⃣किन किन पुरुषों के सद्गुणों पर अनुराग रखें। किन्ही दो के नाम लिखे।

🅰️ब्रह्मचारी, क्षमावान

6️⃣हम किन पदार्थों का अवलोकन करके अंतःकरण को मलिन ना बनावे।

🅰️इन्द्रियों से विकार उत्पन्न होने वाले 

7️⃣कौन सेजीव कुटुंब का पालन पोषण करते हुए भी अंतरंग में सब को पराया ही समझते है

🅰️सम्यक् दृष्टि जीव 

8️⃣धाय बच्चे का लालन पालन करते हुए भी अन्तस में वो क्या समझती है

🅰️ये मेरा बच्चा नहीं है 

9️⃣सुपक्षयुक्त का अर्थ क्या है

🅰️न्याय और न्यायी का पक्ष ग्रहण करे और अन्याय और अन्यायी का पक्ष छोङ देवे 


1️⃣0️⃣हम किन के गुणों को प्रदीप्त करें।

🅰️गुणवानो के गुणो को 

*प्रश्न*

*16:12:20*

1️⃣श्रावक को  किस की लालसा होती है।

🅰️ *गुणों की लालसा*

2️⃣"शीलवंत बहूस्सुया"*  अर्थातक्या।

🅰️ *राजिमती शीलवती थी*

3️⃣नित्य नए-नए गुणों का अभ्यास करते रहने से क्या हो जाता है।

🅰️ *लब्ध लक्ष्य*

4️⃣पालक श्रावक किस में कुशल है ।

🅰️ *निर्ग्रन्थ प्रवचन शास्त्र में*

5️⃣गोशालकजी ने किया, वैसे क्या  न बने ।

🅰️ *अकृत्घन*

6️⃣समकक्ष अंतर की परीक्षा कौन से पुरुष ही कर सकते 

🅰️ *विशेषज्ञ विज्ञानी*

7️⃣विणाओजिण सास ण मूलं" का अर्थ क्या है।

🅰️ *जिनेन्द्र भगवान के शासन का मूल विनय*

8️⃣श्रावक किसका  पठन-पाठन करने वाला होता है 

🅰️ *अनेक शास्त्रों और ग्रंथों का*

9️⃣परोपकारः पुण्याय" अर्थात

🅰️ *पर का उपकार*

1️⃣0️⃣भामाशाह ने अपनी सारी संपत्ति किसको समर्पित कर दी,

🅰️ *महाराणा प्रताप*


*प्रश्न*

*17:12:20*

1️⃣ ‘मैं रिश्वत का अन्न नहीं खाता भइया!किसने कहा

🅰️भिक्षुक 

2️⃣परिग्रहकी मर्यादा किसने की थी

🅰️आनंद श्रावक जी 

3️⃣अप्रतिहतका अर्थ क्या है

🅰️जिसे कोई न रोक सके निर्बाध 

4️⃣श्रावक किसेकहते हैं* ।

🅰️सागारी धर्म पालने वाले को 

5️⃣जिनमें छः कायों का विशेष आरंभ होता है ऐसे कार्यों की वृद्धि नहीं करते उसे कौन सा गुण कहते हैं।

🅰️अल्पारंभ

6️⃣पहले के परिग्रह का किसकार्यों में व्यय करके उसे भी कम करता जाता है।

🅰️सत कार्यों में 

7️⃣सागारी धर्म किसेकहते हैं।*

🅰️जिस धर्म की आराधना घर पर की जातीं हैं 

8️⃣निरतिचार का अर्थ क्या है-  

🅰️जीवन अस्त व्यस्त न हो शान्त और सबल हो 

9️⃣अल्प इच्छा का अर्थ क्या है

🅰️अल्प तृष्णा 


1️⃣0️⃣रावण का क्या व्रत था।।

🅰️किसी नारी पर बलात्कार या उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं भोगेगा 

*प्रश्न*

*18:12:20*


1️⃣अर्हत के लघु शिष्य कौन होते हैं 

🅰️श्रावक 


2️⃣श्रावक ने किससे अव्रत की क्रिया का सर्वथा निरुंधन कर दिया

🅰️परिणामों से 

3️⃣धन से किन  कामों में उदारता दिखाता है,

🅰️सेधर्मोन्नति के 

4️⃣यहाँ "उत्तम" शब्द का अर्थक्या है।

🅰️सम्यग् दर्शन 

5️⃣आरंभ और परिग्रह से निवृत होने का इच्छुक होना कौन सा लक्षण है।

🅰️वैराग्य वान 

6️⃣संसार में रचा पचा नहीं रहता अतः वह क्या कहलाता है।

🅰️महासंवेग विहारी 

7️⃣सर्वथा निष्कपट होने से क्या कहलाता हैं।

🅰️एकांत आर्य 

8️⃣सच्चे देव शास्त्र गुरू के 

आज्ञानुवर्ती महानुभाव ही क्या कहलाते हैं

🅰️सत्पात्र या सुपात्र 

9️⃣आस्तिक शब्द, किससे बना हुआ है

🅰️अस्ति से 

1️⃣0️⃣धर्मों की पूर्ण पालना कौन   कर पाते हैं,

🅰️महामुनिराज

*प्रश्न*

*19:12:20*

1️⃣वचनों में  पूर्वापर विरोध का क्या मतलब है

🅰️एक दूसरे के साथ अत्यंत भिन्नता वैर विरोध 

2️⃣" यज्ञार्थं पशवः सृष्टा:"  का अर्थ

🅰️पशु यज्ञ के लिए है 

3️⃣कितने प्रकार की परिषद  है

🅰️12प्रकार की 

4️⃣अपह्रतान्योत्तरत्व का अर्थ

🅰️अर्थात वचनों का दूषित रहित होना 

5️⃣भगवान की देशना कौन से राग में  होती है।

🅰️मालकोश (प्रधान राग)

6️⃣देवो द्वारा  साथ  में क्या बजाया जाता हैं।

🅰️वीणा,बांसुरी आदि विविध वाद्य 

7️⃣धम्मदेसयाणं का अर्थ क्या है

🅰️धर्म के देशक परमात्मा 

8️⃣कौन से श्रावक उत्कृष्टहोते है

🅰️12व्रत धारी श्रावक 

9️⃣शिष्टत्व काअर्थ क्या है

🅰️सिलसिले वार 

1️⃣0️⃣1 योजन अर्थात कितना कोस

🅰️चार कोस 

*21:12:20*

*प्रश्न*


1️⃣अर्थ को छिन्न-भिन्न करके तुच्छ नहीं बनाते येकौन सेअतिशय में आता हैं।

🅰️उदारत्व 

2️⃣किसके अर्थ का अतिविस्तार ना करना।

🅰️असंबंध्द अर्थ का 

3️⃣कौन सी वाणी  श्रोता के लिए परम सुख कारी होती हैं

🅰️अमृत से भी अधिक स्नेह एवं माधुर्य से परिपूर्ण 

4️⃣सरल शब्द में कहें तो  तत्व किसे कहते हैं।

🅰️सार तत्व को 

5️⃣हृदयग्राही का अर्थ क्या है.।

🅰️मन को मोहित करने वाला 

6️⃣अभिधेय का अर्थ क्या है

🅰️असंबंध्द अर्थ 

7️⃣वाक्यानुसारी सापेक्ष होना एवं कौन सा पद न कहना 

🅰️निस्सार (सारहिन)

8️⃣पाप की निंदा करते हैं परंतु किस की निंदा नहीं करते।

🅰️पापी की 

9️⃣किसी की गुप्त बात प्रकट करने वाले कौन से वचन नहीं बोलते।

🅰️मर्मवेधी वचन 

1️⃣0️⃣किसकी  वाणी दूध और मिश्री से भी अधिक मधुर होती है 

🅰️भगवान की 

*प्रश्न*

*22:12:20*


 1️⃣वस्तु स्वरूप को साकार रूप में प्रस्तुत करने वाला  ये कौन सा अतिशय है

🅰️साकारत्व 

2️⃣किसके कारण श्रोताओं में हर्ष रूप विस्मय   बने रहता हैं।

🅰️अद्भूत अर्थ अश्रुत (पहले नहीं सुना हुआ)होने के कारण 

3️⃣प्रभु कौन रीति से वचन बोलते हैं।

🅰️मध्यम रिति से 

4️⃣किसको पढ़कर भाषा की शुद्धता का ख्याल अवश्य रखना चाहिए।

🅰️व्याकरण 

5️⃣श्रोता ऐसे प्रभावित होते हैं और वह क्या बोल उठते हैं

🅰️अहा धन्य है प्रभु के उपदेश देने की शक्ति धन्य है प्रभु की भाषण शैली 

6️⃣विप्रर्यास का अर्थ

🅰️प्रतिकूलता,विपरितता 

7️⃣भगवान धर्म कथा करते-करते बीच में क्या नहीं लेते 

🅰️विश्राम 

8️⃣वचनों में विशेषता होने से श्रोताओं को क्या प्राप्त होती हैं।

🅰️विशिष्ट बुद्धि 

9️⃣कौन सीवाणी द्वारा किया हुआ हितकारी कथन भी श्रोता के ह्रदय पर पर्याप्त प्रभाव नहीं डाल सकता

🅰️अशुद्ध वाणी द्वारा

1️⃣0️⃣उत्पादिता विच्छिन्न कुतूहल* का अर्थ क्या हैै

🅰️श्रोताओं के हृदय मे वक्ता विषयक निरंतर आश्चर्य बने रहना 

*प्रश्न*

*23:12:20*


 1️⃣परमात्मा का प्रभाव ऐसा होता है कि क्या उनके वश में रहता।

🅰️उच्चतम चरित्र 

2️⃣रोहिणीया चोर जी जो वीर जी का  क्या सुनना नहीं चाहता थे

🅰️वचन 

3️⃣किससे  क्लिष्ट कर्मों का विनाश हो जाएगा

🅰️तप से 

4️⃣इस अनित्य भाव को समझने के लिए तू किस दृष्टांत का विचार कर

🅰️पुष्पमाला और घट 

5️⃣अभय कुमार ने उनके लिए  क्या  तैयार किया ।

🅰️कृत्रिम देवलोक 

6️⃣धम्मो जीणाणमाणा", का अर्थ

🅰️जिन की आज्ञा धर्म है 

7️⃣ भव से विरक्त हुए आत्मा को क्या कहते हैं

🅰️परमात्मा 

8️⃣परमात्मा सब से पहले धर्म देशना में क़्या अहितकर है,बताते है।

🅰️संसार 

9️⃣शास्त्र के मर्म को समझने के लिए तू तेरे चित्त को कौन से भावों से भावित कर। 

🅰️अनित्यतादि भावों से 


1️⃣0️⃣क्या करें बिना यह दुखद संसार का अंत हो ही नहीं सकता।

🅰️धर्म की साधना करे बीना

*प्रश्न*

*24:12:20*


1️⃣विघ्नाभाव का क्या आशय(अर्थ) है

🅰️नायक धर्म में कोई प्रकार का विध्न नहीं आना चाहिए 

2️⃣आपको किया हुआ यह नमस्कार हमें भी किसका स्वामी बनाएं। 

🅰️श्रेष्ठ चारित्र का 

3️⃣चारित्रों के कितने प्रकार होते हैं।

🅰️असंख्य प्रकार के 

4️⃣तीर्थंकर नाम कर्म के उदय से प्राप्त हुई ------ आदि समृद्धि, वाणी के 35 गुणों, विशिष्ट  प्राप्त होता है।

🅰️अष्ट प्रतिहार्य 

5️⃣विभु भी उन्मार्ग पर जाते धर्म रथ को कँहा पर लाकर स्थिर कर देते हैं।

🅰️सन्मार्ग 

6️⃣प्रभु परमात्मा को प्राप्त धर्म कौन सी कोटि का होता है, 

🅰️उत्तमोतम कोटि का 

7️⃣किसके अभाव-अरिहंत प्रभु धर्म के नायक है 

🅰️विघात (आघात,विनाश)

8️⃣परमात्मा किसका पालन बड़ी सरलतासे कर सकते हैं। 

🅰️चारित्र रूपी धर्म का 


9️⃣विशष्टता के कारण तीर्थकर  किन्हें वह धर्म प्राप्त करवा सकते हैं

🅰️पशु पक्षियों जैसे हिन योनियो वाले प्राणियों को 

1️⃣0️⃣सामान्य केवली में  कौन सा चरित्र होता है,

🅰️यथाख्यात चारित्र

*प्रश्न*

*25:12:20*


 1️⃣प्रभु की साता कारी वाणी से कौन पुनः संयम में स्थिर हो गए।

🅰️मेघ मुनि 

2️⃣कींपाक वृक्ष के अत्यंत मधुर प्रतीत होने वाले फलों का क्या करते ही घोर वेदना से व्याकुल हो गए

🅰️भक्षण 


3️⃣सार्थवाहके परिवार के स्थान पर किसको समझना चाहिए।

🅰️चारों संघो को 


4️⃣किस मेंप्रवृत्त करने से प्रभु धर्मरथ के सारथी कहलाते हैं। 

🅰️इन्द्रियों और मन को आत्म धर्म में प्रवृत्त करने से 


5️⃣धम्म-सारहीणं का अर्थ

🅰️चारित्र धर्म के सारथी 

6️⃣किस से मेघ मुनि का मुनित्व भर गया ।

🅰️श्रमण वर्ग के पैरों की धुल से 


7️⃣इंद्रियों को अटका कर  किससे वर्तन कराती है

🅰️आत्म धर्म से 

8️⃣युवावस्था क्या  है

🅰️अटवी 

9️⃣वरबोधि किसे कहते हैं।

🅰️तीर्थकर के सम्य्क्त्व को 

1️⃣0️⃣सम्यक् प्रकार से प्रवर्तन करें, -----और ------ वह रथ का सारथी कहलाता है। 

🅰️पालन,दमन

*प्रश्न*

*26:12:20*


 1️⃣किसकी विजय में कोई शंका नहीं होती,

🅰️श्री कृष्ण जिसके सारथी बने 

2️⃣कौन   शाश्वती है, नित्य रहने वाली है, 

🅰️चार गति 

3️⃣कौन कौन से चक्रवर्ती को नरक जाना पड़ा

🅰️सुभुम चक्रवर्ती 

4️⃣कौन सा चक्ररत्न आलोक में भी सुख देता है 

🅰️धर्म रूपी चक्र रत्न 

5️⃣किसमेंअपुनर्बन्धक के अन्य लक्षण  बताये है

🅰️योग बिंदु ग्रंथ में 

6️⃣अनंत सुख को प्राप्त करने वाला कौन होता है, 

🅰️धर्म रूपी श्रेष्ठ चक्र रत्न 

7️⃣छःखंड के साधक चक्री से भी अधिक श्रेष्ठतम कौन है 

🅰️अरिहंत जी

8️⃣चारित्रधर्म का अंतिम भाग यानी क्या

🅰️सर्व संवर भाव का चारित्र 

9️⃣किसके माध्यम से आत्म शुद्धि का कारण बनती है,

🅰️व्रत नियम 

1️⃣0️⃣तीनो और के समुंद्र के एवं  चौथी तरफ क्या स्थित हैं

🅰️हिमवान पर्वत 




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*अंजु सिंघवी हैदराबाद*





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*अंजुगोलछा*

*आप लिख कर टाइप करके या वॉइज  मैसेज भी भेज सकते हैं*


*ऊपर का अध्याय पढ़ कर इन प्रश्न का उत्तर  देना है, कल प्रातः 11 बजे तक*।

*अंजु सिंघवी हैदराबाद*





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