श्रद्धांजलि
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*यूँ विश्वास ना होने -जैसे बिछड़ गए आप*,
*सच बहुत ह्रदय को पीड़ा पंहुचा गये आप*
*यूँ तो आते हैं चले जाने के लिए सब*
*पर इतनी जल्दी क्योँ चले गए आप*
*ऋणी है , आपके की इस ग्रुप को इतना सशक्त बना गये आप*
*सबसे अपनेपन का रिश्ता जोड़ संसार छोड़ चले गए आप्*
*जँहा भी रहे आबाद रहे यूं ही धर्म प्रभावना करते रहे*
*आज जन्मदिन पर आप को स्मृति में रख शुभकामनाएं देते हैं*
*कि पाए हो जो उच्च गति* *उसमें भी सम्यक्त्व के भाव चिर निरंतर बढ़ते जाएऔऱ* *जल्द मिले मोक्ष ये दुआदेते हैं*
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( *आपको पसंद थी कविता* *आज स्वरचित कविता पढ़ तर्पण करते हूँ* )
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*अंजुगोलछा*
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