विदाई

 



एक हंसता सा ,चेहरा था , संसार में।

आज से वो जुदा ,हम से हो जायेगा ।

नाम के जैसा काम किया आपने, आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।


यू तो जाने से रूकता नही काम है,

पर दिलो में खटकता वही नाम है।

जिससे सुख-दुख कहे हमने अपने भला,

उससे जीवन को जीनें की सीखी कला ।


गजब अंदाज में जो कही शायरी , कोई भी और दूजा न कह पायेगा।


नाम के जैसा काम किया आपने ,

आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।


हर सुबह को जिन्दा दिली से जिया ,

हंस के पूछा कहो तुम हो कैसे भला ।

खुश रहे खुद सदा और खुल के जिये ,

मैल आया न दिल में किसी के लिए ।

बोझ हल्का करो अपने दिल का तो तुम ,

मन में रखा तो मन मैला हो जायेगा।


नाम के जैसा काम किया आपने ,

आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।


इनकी यादे जहन में रहेगी सदा ,मुस्कराती वो सुरत नजर आयेगी ।

स्वस्थ्य सुखमय हो जीवन यही कामना ,

दूर रहने का गम भी सहा जायेगा।

नाम के जैसा काम किया आपने ,

आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।


पनपी हरियाली ले फूली खुशबू भी दे जाते तुम।

आया था उल्लास नया, चेतना नयी लहरायी जो,

गम जड़ता का भार दिये जा रही थी दिल बहलाती जो।


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