उपासिका

 



जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ के पर्यूषण पर्व पर

धर्म विद विशारद तेरापंथ के आचार्य श्री महाश्रमण जी की महती कृपा से श्रीमती प्रेमलता जी नाहर अंकलेश्वर से और पुष्पा जी पगारिया सूरत से दो उपासिकाबहने  पधारी है और उनके सानिध्य में निर्बाध रूप से  

H c. गोलछा जी के निवास स्थान वैशाली नगर में पर्यूषण पर्व की आराधना हो रही है प्रातः भजन प्रार्थना योग।कल रात्रि कालिन सत्र

क्या है मिथ्या दृष्टि और क्या है सम्यक दृष्टि? वास्तव में दोनों की बाहरी परिणति में कोई अंतर नहीं दिखता है, लेकिन दोनों के मनोभाव में बड़ा अंतर होता है। यह भीतर का जो बारीक़ अंतर है, यही दोनों को पूरब से पश्चिम में ले जाता है। एक का उद्देश्य संसार और संसारिकता का पोषण है और दूसरे का उद्देश्य परमार्थ से जुड़ा है। वह परमार्थ की उपलब्धि के लिए जाता है। सारा खेल मनुष्य के मन के अभिप्राय से जुड़ा होता है, तो यह दोनों में बहुत बड़ा अंतर है

एक सम्यक दृष्टि भी घर-परिवार का संचालन करता है और एक मिथ्या दृष्टि भी घर-परिवार का संचालन करता है। मिथ्या दृष्टि घर-परिवार और संसार के अन्य कर्तव्यों को कर्त्ता बुद्धि से करता है और सम्यक दृष्टि उसे कर्तव्य भावना से करता है

मिथ्यात्व के स्वरुप को समझने के लिए उसके ५ मुख्यभेदों को समझ लेना आवश्यक है |

1,आभिग्राहिक मिथ्यात्व -कुछ लोग समझते हैं कि जो बात हमारे ध्यान में आये, वही सच्ची और बाकी सब झूठी |

२. अनाभिग्राहिक मिथ्यात्व - कुछ लोग हठाग्रही तो नहीं होते, पर उनमें धर्म-अधर्म, निजगुण-पर गुण, सत्य-असत्य को परखने की बुद्धि ही नहीं होती |


3आभिनिवेशिक मिथ्यात्व - कुछ व्यक्ति अपनी धर्म मान्यता और कल्पनाओं का मिथ्यापन समझ लेते हैं, किन्तु मान-अभिमान के कारण अभिनिवेश का त्याग नहीं करते |

सांशयिक मिथ्यात्व-वे कहते हैं -- कैसे मान लिया जाए कि यह बात सच्ची है ?या तो भगवान ने मिथ्या प्ररुपणा की हैया आचार्यों ने मिथ्या लिखा है !

५. अनाभोग मिथ्यात्व -

अनजान में, अज्ञान के कारण अथवा भोलेपन के कारण अनाभोग मिथ्यात्व लगता है |


आज  सुबह 9:00 बजे प्रवचन में सामयिकदिवस पर प्रकाश डाला

जीवनकाल में से प्रत्येक दिन केवल दो घड़ी का धर्म ध्यान करना ही सामायिक कहलाता है। सामायिक का अर्थ है आत्मा में रमण करना समता पूर्वक पाप का त्याग करना ही सामायिक है ।

तथा नेमि नाथ जी के चारित्र का वर्णन किया

*तपस्या की कड़ी में*

अर्चना नाहर जी के औऱ लालिका मालुजी के छः की तपस्या चल रही हैंऔऱ भी छोटी

बड़ी तपस्या चल रही है।

सभी की बहुत बहुत अनुमोदना🙏🙏



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