उपासक का स्वागत गीत

 स्वागत ,स्वागत, स्वागत,मंगल स्वागत ,

 मन के  भावों के अचित सुमन से आपका हे,आगत

स्वागत ,स्वागत, स्वागत

मंगल स्वागत ,


महाश्रमण जी ने महती कृपा कर  दी हैं

हमारे पर्युषण को   सार्थकता दी हैं

ज्ञान की प्रखर किरणें बिखेरने

दो प्रबुद्ध बुद्ध ज्ञानी उपासक 

को  भेज दिए है

महाश्रमण जी 

सुध विस्मृत कहाँ किये है

सदा   दूर स्थित  

सभी को स्नेह से संजो लिए है

दुबई की सुदूर धरा से भाई दिनेश कोठारीजी  पधारें हैं,

तो मुंबई महानगरी से  

जयन्ती लाल बरलोटा

जी आये हैं,

स्वागत है निर्मल परिणति में, मंगलमय चेतन ज्ञायक का

सुप्रवचन  औऱ ज्ञान दायक का

 सदा धर्म  पर हैं आपकी निष्ठा समर्पित

स्वागत ,स्वागत, स्वागत

शुद्धात्म को लक्ष्य बनाये, रत्नत्रय निधियां प्रगटायें, जन-जन का हो कल्याण,

हम सुप्त को,करने आये आप जागृत 


स्वागत ,स्वागत,स्वागत

 मंगल स्वागत ,


उच्च आस्था, विश्वासों का हैं बल  ।

 सादा जीवन उच्च विचारों का सम्बल  ॥

आज  संस्कार धानी के संस्कार महक उढेंगे,

आज धार्मिक भाव औऱ घुमड़ेगे

सदा पर कल्याण में रहते आप रत

स्वागत ,स्वागत,स्वागत

 मंगल स्वागत ,

हम सदा धर्म,शील सत्य के पथ पर आगे बढ़ेंगे।  

आपका सानिध्य हो अमृत आचमन

यह ही ज्ञान गंगा 

यह ही काशी करवत

स्वागत -स्वागत-स्वागत

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