उपासकों भाव भीनी विदाई
उपासकों भाव भीनी विदाई
(स्वागत जहाँ आह्राल्द्कारी होता है ,विदाई सदैव कष्टकारी होती है ,हम भाव पूर्ण ह्रदय से विदाई देते हुए
उन सार्थक क्षणों को याद करते है, कि आप द्वारा की गई ज्ञान वृष्टि सें हम कितने ओतप्रोत हुए, पर्युषणके दिन आपके सानिध्य से अमूल्य हो गए और ये यादे ही हमारी बहुमुलिय थाती बन गई )
सोये श्रावको को आप जगाने आ गए
ज्ञान के दीप जलाने आ गये
दिनेश जी
ज्ञान धर्मकथा में तत्व की शिक्षा आपकी
मन को प्रेरणा देती रही आपके साथ आगम की
स्वर -लहरी चलती रही
जयन्ती लाल जी आपने
तेरापंथ गुरुओं की जीवनी से रूबरू ,कराया
छोटे-छोटे प्रश्नों से ज्ञान अभ्यास कराया
आप दोनों का साथ मन को बहुत भा गया
और- मिले साथ औऱ ज्ञान पिपासा बढा गया
हमारे पुण्य के प्रतिफल आप जैसे उपासक़ो का साथ मिला
दुर्लभ मोक्ष मार्ग पाने का, किंचित आधार मिला
संयम गुण विद्या ख्याति और अंतर्बल है
ऐसी ज्ञान से परिपूर्णको मेरा शत शत वंदन है
आपने जो सिखाया निरंतर अभ्यास करेंगे
सुने पर श्रदधा और संयम, रखने का भरसक प्रयास करेंगे
आप का साथ तरन्नुम बनागया
लबो ने जो गुनगुना दिया वो गीत बना गया
माना बहुत कीमती था वक़्त आपका
पर जो दिए हमे वे चंद लम्हें हमारी प्रभु से प्रीत बढ़ा गया
हमारी शुभकामनाएं यहीं है आप ज्ञान के सर्वोच्च
तक जाएं
तप से उदीरण हो कर्म खप जाए
निरन्तर राह बना लक्ष्य मोक्ष का पाए
उपासिका की भाव भीनी विदाई
(स्वागत जहाँ आह्राल्द्कारी होता है ,विदाई सदैव कष्टकारी होती है ,हम भाव पूर्ण ह्रदय से विदाई देते हुए
उन सार्थक क्षणों को याद करते है, कि आप द्वारा की गई ज्ञान वृष्टि सें हम कितने ओतप्रोत हुए, पर्युषण के यह आढ़ दिन जो थाढ़ लगा आपके सानिध्य से अमूल्य हो गए और ये यादे ही हमारी बहुमूल्य थाती बन गई आप लोगों के साथ जो एक सखी वत सम्बन्ध बना, वह वादा करिए आगे तक निभा ले जायेंगे)
सोये श्रावको को आप जगाने आ गए
ज्ञान के दीप जलाने आ गये
मंजू जी तत्व ज्ञान की है मंजूषा
तत्व की शिक्षा आपकी भीतर तक रम गई
आपके साथ आगम की
स्वर -लहरी चलती रही
छोटे-छोटे प्रश्नों से ज्ञान अभ्यास कराया
मिला जो साथ आपकाऔऱ ज्ञान पिपासा बढा गया
जयश्री जी का मधुर शांत सौम्य व्यहवार
आपने तेरापंथ गुरुओं की जीवनी से कराया साक्षात्कार ,
भिक्षु स्वामी के त्याग तपस्या परिषह से भरी क्लिष्ट दुषह राह की कढिन जीवन परीक्षा
सुन रोमांचित हो गया मन का तार -तार क्या अंश मात्र भीहैं, हममें सहनशीलता मन को करनी पड़ी पुनरीक्षा
आप दोनों का साथ मन को बहुत भा गया
और-
हमारे पुण्य के प्रतिफल आप जैसे उपासक़ो का साथ मिला
दुर्लभ मोक्ष मार्ग पाने का, किंचित आधार मिला
संयम गुण विद्या ख्याति और अंतर्बल है
ऐसी ज्ञान से परिपूर्णको मेरा शत शत वंदन है
आपने जो सिखाया निरंतर अभ्यास करेंगे
सुने पर श्रद्धा और संयम, रखने का भरसक प्रयास करेंगे
आप का साथ तरन्नुम बनागया
लबो ने जो गुनगुना दिया वो गीत बना गया
माना बहुत कीमती था वक़्त आपका
पर जो दिए हमे वे चंद लम्हें हमारी प्रभु से प्रीत बढ़ा गया
हमारी शुभकामनाएं यहीं है आप ज्ञान के सर्वोच्च
तक जाएं
तप से उदीरण हो कर्म खप जाए
निरन्तर राह बना लक्ष्य मोक्ष का पाए
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