महावीर स्वामी के प्रश्न

 तप तपस्या

षट्‌मासी- एक

पाँच दिन कम षट्‌मासी-1

सार्ध द्विमासिक-2

• त्रिमासिक-2

चातुर्मासिक-9

द्विमासिक-6

मासिक-12

पाक्षिक-बहत्तर

सार्थ मासिक-2

भद्र प्रतिमा -एक (दो दिन)

• सर्वतोभद्द्र प्रतिमा एक(10दिन

महाभद्र प्रतिमा एक(चार दिन)

तेला-12

• बेला--229

भगवान् ने बेले के दिन दीक्षा ली थी इस कारण साधनाकाल में एक उपवास को और जोड़ देते हैं। उनकी तपस्या ग्यारह वर्ष छह माह पचीस दिन (४१६६ दिन) हुई। पारणा अवधि ग्यारह माह उन्नीस दिन (३४६ दिन) थी। भगवान् की सारी तपस्या चौविहार (निर्जल) थी। कई ऐसा भी मानते हैं कि भगवान् ने चोला (चार दिन) आदि की तपस्या भी की थी।


भगवान महावीर स्वामी जी का

संक्षिप्त जीवन परिचय 🙏


जन्म नाम. .... वर्धमान

प्रथम माता .... देवानंदा जी

प्रथम पिता .... ऋषभदत्त जी

द्वितीय माता... त्रिशला रानीजी

द्वितीय पिता... सिद्धार्थ राजाजी

ज्येष्ठ भ्राता .... नंदीवर्धनजी

 भाभी    ....... जयेष्ठा जी

बहन      .......  सुदर्शना जी

बेहेनोई   .......  सुरप्रभ जी

पत्नि.     .......  यशोदा जी

पुत्री    ........... प्रियदर्शनाजी

पुत्र     ..........  नही था

दोहीत्री    ....... शेषवतीजी

चाचा     ........ सुपार्श्व जी

जामाता.  ...... जमाली जी

मामा   .......... चेटक राजाजी

मामी    ......... पृथ्वीरानीजी

नाना.    ........ केक राजाजी

नानी     ........ यशोमति जी

सासु.    ........ यशोधरा जी

ससुर    .......  समरवीर जी

फुफासा  ...... जितशत्रु राजाजी

दादा जी  .....  सर्वार्थ राजाजी

दादी जी.   .... श्रीमति जी

ससुराल  ...... वसंतपुर नगरी

ननिहाल   ..... वैशाली नगरी

गणधर.   ...... ग्यारह

साधु परिवार. ... 14000

साध्वी परिवार ... 36000

श्रावक परिवार.  ... 1,59,000

श्रावीका परिवार. ...3,18,000

चैदह पूर्वधर.     .....  350

अवधि ज्ञानी मुनि .... 1300

केवलज्ञानी मुनि   ..... 700

केवलज्ञानी साध्वी  ....1400

वेक्रीयलब्धिधारी मुनि .... 700

जन्म नगरी.   .........  क्षत्रिय कुंड

कुल भव.(प्रमुख) ...... 27

दीक्षा नगर.     ......... क्षत्रिय कुंड

दीक्षा वन.   ......... ज्ञातखंड वन

दीक्षा तप.    ........ बेला

प्रथम शिष्य.  ...गौतम स्वामीजी

प्रथम शिष्या.  ....चंदनबाला जी

प्रमुख भक्त राजा. ...श्रेणीक राजा

संसार अवस्था.  ...... 30 वर्ष

छद्मस्थ अवस्था. ...12.5 वर्ष

केवली पर्याय.   ..... 30 वर्ष

कुल आयु.   .......    72.5 वर्ष

च्यवन तिथि. .... आषाढ सुद छठ

जन्म तिथि.  .....चैत्र सुद तेरस

दीक्षा तिथि. ...कार्तिक वद दसमी

केवल ज्ञान तिथी. ...वैशाख सुदी दसमी

निर्वाण तिथि. ...कार्तिक अमावस्या

धर्म(तीर्थ) स्थापना तिथी... वैशाख सुदी ग्यारस

च्यवन नक्षत्र    ....उत्तराषाढा

जन्म नक्षत्र.   .... उत्तरा फाल्गुनी

दीक्षा नक्षत्र.  ..... उत्तराषाढा

केवल नक्षत्र.    .... स्वाती

निर्वाण नक्षत्र.  ..... स्वाती

दीक्षा पालकी.   .... चन्द्रप्रभा

गण.             ..... नौ 

लांछन.  ............ सिंह

अवगाहना.    ..... 7 हाथ

शासन देव.    .... मातंग देवजी

शासन देवी.  ...सिद्धायिका देवीजी

निर्वाण दिवस.  ..... दीपावली

निर्वाण नगरी.  .... पावापुरीजी




1.त्रिशला माता ने पहले स्वप्न में क्या देखा⁉️

🅰️ केसरी सिंह


2.भगवान महावीर के शासन  के दस पुर्वधर में से 8 वे पुर्वधर का नाम⁉️

🅰️ श्री भद्रगुप्त जी


3.नंदिवर्धन जी ने महावीर स्वामी को दीक्षा लेने के लिए ,कितने समय तक रुकने को  कहा⁉️

🅰️ 2 साल


4.नयसारजी महाविदेह के किस दिशा में उत्पन हुए थे⁉️

🅰️ पश्चिम


5.महावीर स्वामी के चौथे महाश्रवक का नाम ⁉️

🅰️ सुरादेव जी


6.महावीर स्वामी के शासन में 16, मे से कितनी सती थी⁉️

🅰️ सात सती


7.महावीर स्वामी के गर्भ हरण करनार देव  का आगम से संबंधित भव कौनसा था⁉️

🅰️  श्री देवर्धिगणि क्षमाश्रमण जी


8.मरीचिजी के भव में गौतम स्वामी के जीव का  क्या नाम था⁉️

🅰️ कपिल जी


9.क्या वीर प्रभु पर  देव, मनुष्य,तीर्यंच ने उपसर्ग दिया ,हा या ना⁉️

🅰️ हां जी


10.आज के मेरे पहले प्रश्न से वीर प्रभु का क्या संबंध है⁉️

🅰️ 🦁सिंह ,लांछन है प्रभु का .


Ⓜ👏Ⓜ👏Ⓜ👏Ⓜ👏Ⓜ

🔴भगवान महावीर


महावीर भगवान् - जीवन परिचय

१. चयवन - प्राणत देवलोक

२. गर्भ प्रवेश तिथि - आषाढ़ शुक्ला ६

३. गर्भ साहरण तिथि - आश्विन कृष्णा १३

४. जन्म तिथि - चैत्र शुक्ला १३

५. जन्म स्थान - क्षत्रिय कुण्डपुर

६. नाम - वर्धमान,

महावीर,

देवार्य,

ज्ञातनंदन,

वीर,

सन्मति,

७. वर्ण - स्वर्ण ( तप्त स्वर्ण के समान )

८. चिन्ह - सिंह

९. पिता का नाम - सिद्धार्थ राजा

१०. माता का नाम - त्रिशलादेवी

११. मामा का नाम - गणतंत्र अध्यक्ष चेटक

१२. वंश - इक्षवाकु

१३. गोत्र - काश्यप

१४. पत्नी का नाम - यशोदा

१५. पुत्री का नाम - प्रियदर्शना

१६. भाई का नाम - नन्दीवर्धन

१७. बहन का नाम - सुदर्शना

१८. कुमार काल - ३० वर्ष

१९. शरीर प्रमाण - ७ हाथ प्रमाण

२०. गृहवास में ज्ञान - मति, श्रुत, अवधिज्ञान

२१. दीक्षा तिथि - मार्ग शीर्ष कृष्णा १०

२२. दीक्षा स्थल - क्षत्रिय कुण्डपुर

२३. दीक्षा के समय तप - दो दिन की तपस्या

२४. दीक्षा पर्याय - ४२ वर्ष

२५. दीक्षा वृक्ष - अशोक वृक्ष

२६. दीक्षा परिवार - अकेले दीक्षित

२७. साधना काल - १२ वर्ष, ६ मास, १५ दिन

२८. प्रथम देशना स्थल - ज्रिभंक ग्राम ( देवों के बीच में )

२९. प्रथम देशना तिथि - वैशाख शुक्ला १०

३०. द्वितीय देशना तिथि - वैशाख शुक्ला एकादशमी

३१. द्वितीय देशना स्थल - मध्यम अपापा ( पावापुरी )

३२. अंतिम देशना स्थल - पावापुरी हस्तिपाल राजा की

शाळा

३३. प्रथम पारणा स्थल - कोल्लाग सन्निवेश

३४. प्रथम पारणा दाता - बहुल ब्राह्मण

३५. केवलज्ञान तिथि - वैशाख शुक्ला १०

३६. केवलज्ञान स्थल - ऋजुबालिका नदी के किनारे

३७. केवलज्ञान के समय तप - दो दिन का उपवास

३८. केवल ज्ञान का समय - दिन का अंतिम प्रहर

३९. तीर्थोत्पति - दुसरे समवसरण में तीर्थ व संघ की उत्पत्ति

४०. आयु - ७२ वर्ष

४१. गणधर - इन्द्रभूति आदि ११ गणधर

४२. केवलज्ञानी - ७००

४३. अवधिज्ञानी - १३००

४४. मनःपर्यव ज्ञानी - ५००

४५. साधू संपदा - १४०००

४६. साध्वी संपदा - ३६०००

४७. श्रावक संख्या - १,५९,०००

४८. श्राविका संख्या - ३,१८,०००

४९. चातुर्मास संख्या - ४२

५०. निर्वाण कल्याण तिथि - कार्तिक कृष्णा अमावस्या

५१. निर्वाण भूमि - पावापुरी ( बिहार )

५२. मोक्ष परिवार - एकाकी सिद्ध

५३. अंतर मान - पार्श्वनाथ तीर्थंकर के परिनिर्वाण के बाद

२५० वर्ष का भगवान महावीर के परिनिर्वाण का अंतर

५४. मोक्षासन - पर्यकासन

५५. भव संख्या - ( सम्यक्त्व की प्राप्ति के पाश्चात् ) - २७

( नयसार के भव में सम्यक्त्व की प्राप्ति )





भगवान महावीर स्वामी- पूर्व भव पर्याय -


प्र. 1 महावीर स्वामी कौन थे ? 

उ. जैनधर्म के २४वें तीर्थंकर थे l


2 महावीर स्वामी का आविर्भाव कौन से कालः में हुआ था ?

 उ. अवसर्पिणी काल में l


प्र. 3 महावीर स्वामी कौन से आरे में समुत्पन्न हुए थे ?

 उ. चौथे आरे में l


प्र. 4 महावीर स्वामी का प्रादुर्भाव कौनसे द्वीप में हुआ था ? 

उ. जम्बुद्वीप में। 


प्र, 5 महावीर स्वामी कौन खंड में समुत्पन्न हुए थे ? 

उ. भरत खंड में l 


प्र. 6 महावीर स्वामी के जीव ने कौनसे भव में सम्यक्त्व की प्राप्ति की थी? 

उ. नयसार के प्रथम भव में l


प्र. 7 महावीर स्वामी ने प्रथम भव में सम्यकत्व की प्राप्ति कैसे की थी?

उ. पंच महाव्रतधारी साधुओं को शुद्ध भाव से आहार दान दिया, साधुओं के उपदेशानुसार मोक्ष मार्ग का पालन करते हुए सम्यक्त्व की प्राप्ति की थी। 


प्र. 8 महावीर स्वामी ने प्रथम भव में साधुओं को आहार दान कहाँ दिया था ? 

उ.जंगल में।


प्र. 9 महावीर स्वामी अपने प्रथम भव में जंगल में क्यों गये थे ? 

उ. काष्ठ ( लकड़ी ) संग्रह करने के लिए l


प्र. 10 महावीर. स्वामी अपने प्रथम भव में काष्ठ का क्या करते थे? 

उ.राज्य में श्रेष्ठ लकड़ी की आवश्यकता थी।जिसकी जिम्मेवारी नयसार ने अपने ऊपर ले रखी थी।


प्र. 11 नयसार कौन था ? 

उ. ग्राम का मुखिया था। '


प्र. 12 नयसार किसके राज्य का ग्राम प्रमुख था ?

उ. शत्रुमर्दन राजा के राज्य का l पृथ्वीप्रतिष्ठान नगर का मुखिया था। 


प्र.13. शत्रुमर्दन कहाँ के राजा थे ?. 

उ. जयंती नगर के l


प्र.14 महावीर स्वामी ने कौन से भव में नीचं गोत्र का बंध किया था ? 

उ. मरीचि के तीसरे भव में l


प्र.15 महावीर. स्वामी ने नीच गोत्र का बंधन कैसे किया _ था ? 

उ. उच्च कुल का अहंकार करने से l


प्र. 16 मरीचि कुमार कौन था ? 

उ. वर्तमान अवसपिणी काल में प्रथम तीर्थंकर भगवान् ऋषभदेव हुए। उनके ज्येष्ठ पुत्र भरत प्रथम चक्रवर्ती थे। चक्रवर्ती भरत के अनेक पुत्रों में एक विशिष्ट तेजस्वी पुत्र था मरीचि कुमार। 


प्र. 17 महावीरस्वामी को नीच गोत्र का बंधन कितने भव तक रहा था ? 

उ.अंतिम भव तक। 


प्र. 18 महावीर स्वामी ने कौनसे भव में तीर्थकर नामकर्म उपाजित किया था ?

 उ.नन्द राजा के 25 वें भव में l


प्र. 16 महावीर स्वामी ने तीर्थंकर बनने का पुण्य कर्म किस प्रकार उपाजित किया था ?

उ. . बीस स्थानकादि तप की आराधना द्वारा l


प्र. 20 महावीर स्वामी के सम्यक्त्व प्राप्ति के बाद कितने भव थे? 

उ. 27भव। 


प्र.21 महावीर स्वामी के जीव ने 27 भवों में देव के कितने भव किये थे l

उ. 10 भव l


प्र. 22 महावीर स्वामी के जीव ने 27 भवों में मनुष्य के  कितने भव किये थे ? 

उ. 14 भव l


प्र. 23. महावीर स्वामी के जीव ने 27 भवों में तिर्यंच के कितने भव किये थे? 

उ. 1 भव l


प्र. 24 महावीर स्वामी के जीव ने 27 भवों में नारकी के कितने भव किये थे ? 

उ. 2 भव l


प्र. 25 महावीर स्वामी ने 27 भवों के अन्तर्गत देवयोनि के 10 भवों में कौन-कौन से देवलोक में प्रादुर्भूत हुए थे ?


उ. 2 रे भव में प्रथम सौधर्म देवलोक में थे 

4थे भव में पंचम ब्रह्म देवलोक में थे ,

7वें भव में प्रथम सौधर्म , देवलोक में थे,

9वें भव में , द्वितीय ईशान देवलोक में थे ,

11वें भव में तृतीय सनकुमार देवलोक में थे,

13वें भव में  , चतुर्थ माहेन्द्र देवलोक में थे 

15वें भव में पंचम ब्रह्मदेवलोक में थे,  

17 वें भव में , सातवें महाशुक्र देवलोक में थे ,

24 वें भव में सातवें महाशुक्र देवलोक में थे,

26 वें भव में, दशवें प्राणत ,देवलोक में थे ,


प्र. 26. महावीर स्वामी ने 27 भवों के अंतर्गत कितनी पदवियाँ प्राप्त की थी ?

उ. 3 पदवियाँ। '


प्र. 27 महावीर स्वामी ने 27 भव के अन्तर्गत कौन-कौन सी पदवियाँ प्राप्त की थी ? 

उ.18 वें भव में त्रिपृष्ठ  वासुदेव की। 

23 वें भव में प्रिय मित्र चक्रवर्ती की। 

27 वें भव में तीर्थंकर महावीर की। 


प्र. 28 महावीर स्वामी ने 27 भव के अंतर्गत ब्राह्मण के कितने भव किये थे? 

उ. 6 भव l


प्र० 26  महावीर स्वामी 27 भव के अंतर्गत कौन-कौन से भव में ब्राह्मण हुए थे ? .

उ.5 वें भव में कौशिक .. ब्राह्मण ,

6 ठे भव में पुष्यमित्र ब्राह्मण ,

8 वें भव में अग्निद्योत ब्राह्मण  

10 वें भव में मेंअग्निभूति ब्राह्मण ,

12 भव में भारद्वाज ब्राह्मण ,

14 वें भव में स्थावर ब्राह्मण,


प्र. 30 महावीर स्वामी ने 27 भव के अंतर्गत कौन-कौन से भव में संयम ग्रहण किया था ? 

उ. 3 रे मरीचि राजकुमार के भव में  

16 वें विश्वभूति के भव में , 

22 वें विमल कुमार राजा के भव में, 

23 वें प्रिय मित्र चक्रवर्ती के के भव में , 

25 वें नंदन राजकुमार के भव में , 

27 वें वर्धमान राजकुमार के भव में  l




1वैयावच्छ का लाभ लिया सिंह मुनि ने गवेषणा का लाभ लिया मेने कौन


लोहार्य मुनि जी

2 वाणी तो होती है सुखकारी वही वाणी बन गयी दुःख कारी


मरीचि जी

3 है गौतम आज तुम अपने मित्र से मिलोगे कौनसे मित्र की बात हो रही है


स्कन्धक सन्यासी

4 बंधन काट दिए मेरे ऐसे भव भृमण मिटा दिया ऐसा सिद्धालय में पाया निवास बताओ कौन


चंदना जी

5 विनय की हो तुम परकाष्ठा यह कैसे बताये


केशी श्रमण और गौतम के मिलन पर विनय युक्त होना

6  अहं का कुंभ फोड़ा अमृत का कुंभ का पान किया कहां दो उतर लिखे


अप्पानगरी समवशरण

आंनद श्रावक से क्षमा मांग कर आदर्श दिया

7किस तापस ने तेजोलेश्या छोड़ी


वेशयन तापस

8 गेंहू के साथ घुन भी पिसा जाता है किसकी बात हो रही है


गोशालक और वीर प्रभु

9 पूरन सेठ ने क्या आहार बहराया


कोई आहार नहीं बहराया

10 सुनी वाणी हुआ उद्धार पहुँचा जहां तक है हमारी सीमा देवलोक मंझार


चण्डकौशिक8वे देवलोक

11 उपसर्ग देने आयी शीश झुका कर किया वंदना


कटपुटना

12  इन्द्रिय की आसक्ति ने कर दिया बेहाल रहा हाथ मलाल कहा और कौन


त्रिपुष्ट वासुदेव के भव में संगीत शाला

13 शत्रु थे भारी हुए उन पर असवारी खिली वहां फुलवारी


पावापुरी जी

14  विनय गुण से हुए आकर्षण इंद्र ने किया नमन ज्ञान के थे वो धारी कहां


अध्यापन्न शाला में

15 आर्त ध्यान मत करो तुम भी बनोगे किसे ओर कब कहा


गौतम स्वामी जी को 1503 तापस को केवल ज्ञान होने पर

16 वह घड़ी ऐसी थी   दो घड़ी होती और भव भृमण का कर देती फेर किसने कहा


भावना में ऐसे बहें की दो घड़ी बाद देवदुन्धभी सुनाई देती तो वीर प्रभु से पहले सिद्ध बुद्ध मुक्त बन जाते है


वीर प्रभु ने जीर्ण सेठ के लिए कहा

17 कोई कहे लाल कोई कहे बाल कोई कहे पाल कोई कहे भरतार कौन है वह त्रिपाल


महावीर स्वामी जी

18 आज किन्हें करे हम नमन


*अंजना का लाल पवन जी का पाल राम जी की ढाल सिद्ध गति पाकर बना दी एक मिशाल वीर हनुमान की उस मोक्षगामी शाश्वत आत्मा को वंदन नमन🙏🙏*


*🔮पाठ्शाला   गुरूजी👇*


*🙏श्रेष्ट  आदरणिय गुरुजी  श्री मान हंसराज जी  भंसाली👈♦️📚*


*🙏श्रेष्ट  आदरणिय गुरुजी  श्री मती जी  👈♦️📚*




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1️⃣ भ। महावीर के निर्वाण के समय मुहूर्त कौन  सा था 

 🅰️ सर्वार्थ सिद्ध 


2️⃣ भ महावीर के निर्वाण के समयकरण कौन सा था 

🅰️ नाग 


3️⃣ भ महावीर के निर्वाण के समय नक्षत्र  योग कौन सा था 

🅰️  स्वाति 


4️⃣  भ महावीर के निर्वाण के समय तप कोन सा था 

🅰️ बेला 


5️⃣  भ महावीर के निर्वाण के समय प्रहर कौन सा था 

🅰️  चोथा


6️⃣ भ महावीर के निर्वाण के समय लोक में क्या हुआ था 

🅰️ अंधेरा 


7️⃣ भ महावीर के निर्वाण के समय रात्रि कितनी घड़ी शेष थी 

🅰️ चार घड़ी 


8️⃣ भ महावीर के निर्वाण के समय स्तोक कौन सा था 

🅰️सिद्ध 


9️⃣ भ महावीर  के निर्वाण के समय प्राण कौन सा था 

🅰️ शूल्क


🔟 भ महावीर के निर्वाण के समय लव कौन सा था 

🅰️। अर्च

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*༺꧁ आदिनाथ    करे    भव     से    पार    ꧂༻*


 *DSTE ~ 6/  08  /2022*


*🕰️ समय  8. 00  से  8.  30 बजे*


🦚 *टॉपिक -:📿 *   - भगवान महावीर स्वामी जी

  📿🦜


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1️⃣🅿️ बालक महावीर के दादा   दादी का नाम क्या था ❓

1️⃣🅰️दादा  सर्वार्थ   जी  ,दादी  श्रीमती जी ❗

2️⃣🅿️भगवान महावीर के कल्याणक का विवेचन किस ग्रन्थ  में  है❓

2️⃣🅰️कल्पसूत्र   ,आचारंग आदि ❗

3️⃣🅿️भगवान महावीर की देशना कितने दिन नहीं फली ❓

3️⃣🅰️  66  दिन ❗

4️⃣🅿️भगवान महावीर के जीव को सम्यक् दर्शन की प्राप्ति कब हुई ❓

4️⃣🅰️बीसवे  सिंह के भव मे ❗

5️⃣🅿️हांथी का उपद्रव आने पर क्या नाम मिला ❓

 5️⃣🅰️ अतिवीर ❗

6️⃣🅿️कठपुतना का उपद्रव आने पर भगवान महावीर को कौनसा ज्ञान हुआ ❓

6️⃣🅰️लोकपयर्न्त  अवधि ज्ञान ❗

7️⃣🅿️भगवान महावीर  पर किस रूद्र ने उपसर्ग किया ❓

7️⃣🅰️स्थाणु नामक  रूद्र ने ❗

8️⃣🅿️तीर्थंकर महावीर युनिवर्सिटी कहाँ पर स्थित है ❓

8️⃣🅰️  मुरादाबाद में ❗

9️⃣🅿️ भगवान महावीर को उज्जैन के किस उधान में उपसर्ग आया ❓

9️⃣🅰️  अतिमुक्तक  उधान मे

1️⃣0️⃣🅿️भगवान महावीर के तीर्थ काल में कितने कामदेव हुऐ ❓

1️⃣0️⃣🅰️   दो ❗

1️⃣1️⃣🅿️भगवान महावीर की किस भव की  माता का नाम वीरवती  था❓

1️⃣1️⃣🅰️   राजा नन्द  जी के  पर्याय  में ❗

1️⃣2️⃣🅿️भगवान महावीर का जीव जब पुरूरवा भील के पर्याय में था तब पत्नि का नाम क्या था ❓

1️⃣2️⃣🅰️  कालिका ❗

1️⃣3️⃣🅿️ आन्ध्र प्रदेश राज्य मे भगवान महावीर संग्रहालय किस शहर में  है❓

1️⃣3️⃣🅰️कडप्पा ❗

1️⃣4️⃣🅿️भगवान महावीर के जन्म के समय सौधर्म इन्द्र कितने प्रकार के देवों के साथ परिक्रमा करते हैं ❓

1️⃣4️⃣🅰️  सात  प्रकार ❗

1️⃣5️⃣🅿️भगवान महावीर के अल्प परिग्रह  आन्दोलन के मुख्य अनुयायी ❓

1️⃣5️⃣🅰️  पूर्णिया  श्रावक ❗

1️⃣6️⃣🅿️भगवान महावीर का कौनसा अभिग्रह लम्बा चला ❓

1️⃣6️⃣🅰️गर्भ मे जो अभिग्रह किया था ❗

1️⃣7️⃣🅿️भगवान महावीर ने वर्ष भर में कितना गाडा दान दिया था ❓

1️⃣7️⃣🅰️81 ,000गाङा ❗

1️⃣8️⃣🅿️प्रभु महावीर की वीरता की पहली परिक्षा किसने ली❓

1️⃣8️⃣🅰️संगम देव जी ने सर्प बनकर ❗

1️⃣9️⃣🅿️भगवान महावीर के कितने कानो मे कील ठोंकी गईं ❓

1️⃣9️⃣🅰️  एक❗

2️⃣0️⃣🅿️भगवान का उपदेश कितनी भाषा में परिवर्तन होता है ❓

2️⃣0️⃣🅰️  सात सौ अठारह भाषा ❗

2️⃣1️⃣🅿️राजा श्रेणिक ने भगवान महावीर की भक्ति कितने साल की थी ❓

2️⃣1️⃣🅰️   तीस साल ❗

2️⃣2️⃣🅿️भगवान महावीर के किस गणधर की आयु अल्प थीं ❓

2️⃣2️⃣🅰️  11वे प्रभास जी ❗

2️⃣3️⃣🅿️भगवान महावीर की माताओ ने कितने स्वप्न देखे ❓

2️⃣3️⃣🅰️  42 (देवानन्दा माता ने 14स्वप्न आते  व 14जाते   ,त्रिशला माता जी के 14स्वप्न आते हुए )❗


2️⃣4️⃣🅿️भगवान महावीर  के  जीव  ने कितनी पदवी  प्राप्त की ❓

2️⃣4️⃣🅰️  तीन    (वासुदेव   ,चक्रवती   तीर्थंकर)❗

2️⃣5️⃣🅿️भगवान महावीर जब मोक्ष पधारे  तब ईसामसीह  के जन्म में कितने वर्ष शेष  थे❓

2️⃣5️⃣🅰️   पांच  सौ सताईस  ❗


2️⃣6️⃣🅿️भगवान महावीर ने योग   नियोग  व  विहार कब बन्द किया ❓

2️⃣6️⃣🅰️आयु के अन्त में  दो दिन पहले ❗

2️⃣7️⃣🅿️भगवान महावीर के समकालीन महापुरुष कौन थे ❓

2️⃣7️⃣🅰️महात्मा गौतम बुद्ध ❗




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💲1} भगवान महावीर स्वामी जी के माता पिता का नाम?

🎋1}  *त्रिशला रानी सिद्धार्थ राजा*

💲2】 भगवान महावीर स्वामी जी का किस देवलोक से च्यवन हुआ?

🎋2】 *प्राणत नामक 10 वे देवलोक से*

💲3] भगवान महावीर स्वामी जी का च्यवन किस तिथि को हुआ?🤔

🎋3] आषाढ़ सुदि 6 को 

💲4) भगवान महावीर स्वामी जी के च्यवन कल्याणक नगर कोनसा था?

🎋4)  *बाह्मणकुंड*

💲5💧 वीर प्रभु की योनि कोनसी थी?

🎋5🌈 *महिष*

💲6💧 महावीर स्वामी जी  की दीक्षा तिथि कोनसी थी?


🎋6🌈 *मिगसर वदि दसम*

💲7🍂 भगवान महावीर स्वामी जी की दीक्षा शिबिका का क्या नाम था?

🎋7🍃  *चन्द्रप्रभा*

💲8🍂  वीर जी का दीक्षा वृक्ष कोनसा था?

🎋8🍃  *शाल वृक्ष*

💲9♈ भगवान महावीर स्वामी जी का पहला पारणा किस नगरी में हुआ?

🎋9♏  *कोल्लाग सन्निवेश में*

💲10♈ वीर प्रभु ने कितना उत्कृष्ट तप किया?

🎋10♏  *6 मास का*

💲11🔥 भगवान महावीर स्वामी जी को केवल ज्ञान किस तिथि को हुआ?

🎋11💥 *वैशाख सुदि दसम को*

💲12🔥 भगवान महावीर स्वामी जी के केवलज्ञान वृक्ष की ऊंचाई कितनी थी?

🎋12💥 *21 धनुष*

💲13💧 वीर प्रभु के साधू साध्वियों की संख्या कितनी थीं?

🎋13💦 *साधु👉🏼 14000*

       *साध्वियां 👉🏼36,000*

💲14💧 वीर प्रभु का मोक्ष कल्याणक किस राशि को हुआ?

🎋14💦  *तुला*

💲15🌈 भगवान महावीर स्वामी जी का समवसरण कितने प्रमाण था?

🎋15🌈 *4 कोस {लगभग 12 कि. मी.}*

💲16】 वीर प्रभु के यक्ष का क्या नाम था?

🎋16]  *मातंग(ब्रह्मा शांति)*

💲17}  वीर जी यक्षिणी का वाहन कौन है?

🎋17】 *सिंह*🦁

💲18}  वीर प्रभु के छह कल्याणको का वर्णन किस ग्रंथ में है?

🎋18]  *कल्पसूत्र आचारांग आदि में*

💲19♈ भगवान महावीर स्वामी जी की  पुत्री का क्या नाम था?

🎋19💧 प्रिय दर्शना

💲20🍃  तीसरे भव के बाद वीर जी का जन्म कहा हुआ?

🎋20🍂 *ब्रह्मा देवलोक में*

💲21💦  वीर जी को चौथे भव में कितनी आयु थी?

🎋21💧 *दस सागरोपम*

💲22♈  महावीर स्वामी का पांचवे भव में क्या नाम था एवं आयु कितनी थी😇?

🎋22 ♏  *80 लाख पूर्व वर्ष युक्त ओर कौशिक नामक ब्राह्मण थे*

💲23®  पुष्पमित्र के भव में उनका आयुष्य कितना था?

🎋23🅿  *72 लाख पूर्व*

💲24® सातवी नरक के बाद वीर जी क्या बने?

🎋24🅿  *केशरी सिंह*

💲25🌈  प्रिय मित्र चक्रवती के भव में उनके माता पिता का क्या नाम था?

🎋25♈ *धनंजय राजा और धारिणी रानी*

💲26♀ भगवान महावीर स्वामी जी तीर्थंकर नाम कर्म का उपाजर्न किस भव में किया?

🎋26♂ *25 वे भव नन्दन मुनि के भव में*

💲27🔥 परमात्मा वीर जी का गर्भापहार कल्याणक कब हुआ था?

🎋27®  *आसोज वदि तेरस*

💲28🌈  भगवान महावीर स्वामी जी की पत्नी का  क्या नाम था?

🎋28💧 *यशोदा*

💲29★   वीर प्रभु के बहिन ओर जवाई। का क्या नाम था?

🎋29🅿 *सुदर्शना ओर जमाली*

💲30🍃  वीर जी की दोहिती का नाम क्या था?

🎋30🌾  *शेषवती { यशस्वती}*

💲31🐚 वीर जी के मामा मामी का नाम?

🎋31🌱 *राजा चेटक ओर यशोमती रानी*

💲32💦  भगवान महावीर स्वामी जी के सास- श्वसुर का नाम क्या था?

🎋32💧 *समरवीर ओर यशोदया रानी*

💲33】 वीर प्रभु का ससुराल ओर  ननिहाल कहा था?

🎋33} *ससुराल👉🏼वसंतपुर*

  *ननिहाल👉🏼 वैशाली नगर*

💲34)  भद्र तप का पारणा किसके द्वारा किया भगवान ने?

🎋34】  *आनन्द श्रावक के द्वारा*

💲35)  वीर जी को प्रतिदिन पारणा करने की विनती किसने की?

🎋35】  *जीरण सेठ ने*

💲36💦  चार मास तप का पारणा किसके द्वारा हुआ?

🎋36💧 *पूरण सेठ*

💲37®  किस ग्राम में सिद्धार्थ देव ने परमात्मा के शरीर मे प्रवेश किया?

🎋37♈   *मोराक ग्राम*

💲38}  किस नगर की तरफ जाते हुए और किस तट पर प्रभु का देव दुष्य वस्त्र कांटो में जा गिरा था?

🎋38】 *उत्तरवाचाल की ओर जाते हुए सुवर्ण बालुका के तट पर।*

💲39} त्रिपुष्ठ वासुदेव के भव में उनकी जो पत्नी थी, वह मरकर क्या बनी🤔?

🎋39]  *कटपूतना व्यंतरी*

💲40}   भगवान महावीर स्वामी जी  ने धर्मसंघ की स्थापना के दिन कितने शिष्य दीक्षित हुए?

🎋40】 *४४११*

💲41)  वीर प्रभु नर तीर्थ की स्थापना किस नगर के किस वन में की?

🎋41】 *अपापा नगरी के महसेन वन में*

💲42}  किस गणधर की आयु भगवान के समान थी?

🎋42】 *अचल भ्राता*

💲43}  भगवान महावीर स्वामी जी कोनसा अध्ययन फरमाते फ़रमाते मोक्ष पधारे?

🎋43}  *मरूदेवा अध्ययन*

💲44】वीर प्रभु का निर्वाण के समय कोनसा तप था और किस दिन हुआ?

🎋44)  *छठ का तप कार्तिक वदि अमावस को*

💲45】 भगवान महावीर स्वामी जी कोनसे नक्षत्र में ओर किस आसन में मोक्ष गये?

🎋45}  *स्वाति नक्षत्र ओर पद्मासन  में*

💲46】पार्श्वनाथ जी प्रभु के मोक्ष गमन के कितने वर्षो बाद भगवान महावीर स्वामी जी हुए?

🎋46}  *250 वर्ष*

💲47】 भगवान महावीर स्वामी के शासन में सर्वप्रथम किस साध्वी को केवल ज्ञान हुआ?

🎋47] *मृगावती जी*

💲48}  वीर प्रभु के कितने वर्ष बाद सुधर्मा स्वामी जी मोक्ष गए?

🎋48】 *20 वर्ष बाद*

💲49}  वीर प्रभु जी की आयु कितनी थी?

🎋49】 *72 वर्ष*

💲50)  भगवान महावीर स्वामी जी का निर्वाण किस नगरी में हुआ?

🎋50♈}  *पावापुरी में*

*



1️⃣श्री महावीर स्वामी जी के उपसर्ग कुमार गाँव में किसने उपसर्ग दिया 

🅰️ गोवाले ने 


2️⃣चंडकौशिक ने कहा उपसर्ग दिया था 

🅰️2,श्वेताम्बी नगरी


3️⃣ सुरमिपुर में गंगा के किनारे किसने उपसर्ग दिया 

🅰️संदुष्ट देव


4️⃣,शालवन गाव में किसने उपसर्ग दिया 

🅰️शालार्यव्यतरक


5️⃣,ब्रज भूमि में किसने उपसर्ग दिया 

🅰️म्लेच्छ


6️⃣,संगमदेव ने कहा उपसर्ग दिया 

🅰️,दृढ भूमि पेढाल गाँव के बाहर


7️⃣ गौशालक ने कौन सा उपसर्ग दिया 

🅰️तेजोलेश्या


8️⃣,शुलपाणी यक्ष ने कहा उपसर्ग दिया 

🅰️कुमारगाँव में 


9️⃣प्रभु के उपर तेजोलेशिया किसने फेकि

🅰️ गौशालक ने


 🔟,तेजोलेशया का प्रभाव कितना था

🅰️,16गाँव को भस्मीत भूत करदे इतना प्रभाव




1)महावीर स्वामी जी ने अर्थरूप से कितने आगम फ़रमाए ?

🅰️३२

2)महावीर स्वामी जी रोज़ कितनी बार देशना देते थे ?

🅰️२

3)महावीर स्वामी में २५ बोल में से कितने बोल पाये जाते है

🅰️५

4) महावीर स्वामी जी को किस भव में ६० दिन का संथारा आया ?

🅰️नन्दन मुनि

5) महावीर स्वामी जी के दर्शन के लिए कौन मौत से भी नही डरा ?

🅰️सुदर्शन 

6) महावीर स्वामी जी के समाचार सुनकर ही आहार कौन करता था ?

🅰️श्रेणिक राजा 

7) महावीर स्वामी जी जब दीक्षित हुए तो उनकी शिविका को उठाने सबसे आगे थे ?

🅰️इंद्र

8) महावीर स्वामी जी की दीक्षा समय उनके केशों को किसने क्षीर सागर में प्रवाहित किया ?

🅰️शकेन्द्र

9) महावीर स्वामी की शिष्याये जो आगामी चौबीसी में तीर्थंकर होगी ?

🅰️रेवती

10)महावीर स्वामी के शासन में सर्व प्रथम केवल ज्ञान ?

🅰️मृगावती जी को


भगवान महावीर


प्रश्न १ : इस अवसर्पिणी काल के अंतिम तीर्थंकर कौन हुए ?


उत्तर भगवान महावीर ।


प्रश्न २ : सम्यक्त्व प्राप्ति के बाद भगवान महावीर ने सन्नी पंचेन्द्रिय के कितने भव किए ?


उत्तर सत्ताईस


प्रश्न ३सत्ताईस भव कौन-कौन से हैं?


उत्तरनयसार, सौधर्मदेव, मरीचि, "ब्रह्मदेव, "कौशिक ब्राह्मण, ब्राह्मण पुष्यमित्र, 'सौधर्म (प्रथम) देव, 'अग्निहोत्र ब्राह्मण, 'ईशान देवलोक, १°अग्निभूति ब्राह्मण, "सनत्कुमार देव, १२ भारद्वाज ब्राह्मण, "माहेन्द्र


देव, स्थावर ब्राह्मण, "ब्रह्म देवलोक, "विश्वभूति राजपुत्र, "महाशुक्र देव, ""त्रिपृष्ठ वासुदेव, "सप्तम नरक, "केसरीसिंह, चतुर्थ नरक, २२ राजाविमल, प्रियमित्र चक्रवर्ती, २४ महाशुक्रविमान, नंदन,


२६ प्राणत देवलोक, २¨महावीर ।


:4नयसार के सम्यक्त्व प्राप्त करने के मुख्य कारण क्या-क्या थे ? 

उ: शुद्ध साधु को शुद्ध दान देना, मुनियों को मार्ग बतलाना तथा मुनि का उपदेश सुनना।


5: भगवान महावीर ने किस भव में नीच कर्म का बंधन किया? : 

मरीचि के भव में (सत्ता के उन्माद के कारण


: 6भगवान महावीर ने किस भव में निदान किया?

उ: विश्वभूति राजपुत्र के समय में।

प्रश्न २० : त्रिशला की कुक्षि के जीव का स्थानान्तरण कहाँ और किसने किया ?


उत्तर देवानंदा की कुक्षि में हरिणगमेषी देव ने किया।


प्रश्न २१त्रिशला ने गर्भाधान के समय कितने स्वप्न देखे ?

उत्तर : १४ स्वप्न ।

प्रश्न २२ : 'मेरे योग से माता को गर्भ में वेदना होती होगी' - ऐसा जान गर्भ में हलन चलन की क्रिया किसके बंद की ?

उत्तर भगवान महावीर ने

प्रश्न २३ : भगवान महावीर ने गर्भ में क्यों व क्या प्रतिज्ञा की ? : माता-पिता के अत्यधिक स्नेह के कारण उन्होंने यह प्रतिज्ञा की


उत्तरकि माता-पिता के स्वर्गस्थ होने के बाद ही दीक्षा लूंगा। 

प्रश्न २४ : त्रिशला व देवानंदा का परस्पर क्या संबंध था 

उत्तर :पूर्वभव में देवराणी-जेठाणी का ।

प्रश्न २५ : भगवान महावीर का जन्म कब व कहाँ हुआ? उत्तर : ३० मार्च ५६६ ई. पू. चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के दिन क्षत्रिय कुंडग्राम(वैशाली) में हुआ। 

प्रश्न २६ : सिद्धार्थ को पुत्र जन्म की सूचना किसके द्वारा मिली?

उत्तर: प्रियवंदा दासी के द्वारा।


प्रश्न २७ : भगवान महावीर जन्म समय कितने ज्ञान के धनी थे


उत्तर : तीन- मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान ।


प्रश्न २८ : देवताओं ने महावीर का जन्माभिषेक कहाँ मनाया?

उत्तर : सुमेरु पर्वत पर ६४ इन्द्रों ने ।

 प्रश्न २६ : बालक महावीर के लिए कितनी धाय माताओं की व्यवस्था थी ?


उत्तर : पांच-दूध पिलानेवाली, स्नान करानेवाली, वस्त्राभूषणों से अलंकृत करनेवाली, खिलानेवाली, एक गोद से दूसरी गोद में बाल लीलाएं करानेवाली ।


प्रश्न ३० : भगवान महावीर का सुमेरु पर्वत पर जन्माभिषेक मनाया गया तब कौन से समुद्र से पानी लाया गया ?


उत्तर: क्षीर समुद्र से।


प्रश्न ३१ : भगवान का जन्माभिषेक मनाया तब उन्हें कौनसे हाथी पर बिठाया गया ?


उ ऐरावत हाथी पर ।


 प्रश्न ३२ :   भगवान महावीर का वंश कौनसा था ?


उ: ज्ञात वंश, नाग वंश, इक्ष्वाकु वंश ।



प्रश्न ३३ : भगवान महावीर का वर्ण व चिन्ह क्या था ?


उत्तर वर्ण- स्वर्ण, चिन्ह - सिंह ।


प्रश्न ३४भगवान महावीर का जन्म कौनसी राशि में हुआ ?


 उत्तर    : कन्या राशि में ।




प्रश्न ३५ : भगवान महावीर के कौनसा संहनन व संस्थान था ?


उत्तर: वज्रऋषभनाराच संहनन व समचतुरस्र संस्थान


प्रश्न ३६ : भगवान महावीर के शुभ लक्षण कितने थे ?उत्तर १००८

प्रश्न ३७ : भगवान महावीर की उत्सेध आंगुल से शरीर की ऊंचाई कितनीथी ?


उ: सात हाथ

प्रश्न ३८ : भगवान महावीर के निर्वाण के बाद सिद्ध होने वाले जीवों अवगाहना कितनी थी ?


उत्तर: लगभग सात हाथ

प्रश्न ३६ : भगवान महावीर का आत्मांगुल देहमान कितना था ?


उत्तर १२० आंगुल


प्रश्न ४०भगवान महावीर के पिता के कितने नाम थे ?


उ: सिद्धार्थ, श्रेयांस, यशस्वी- ये तीन नाम थे।

प्रश्न ४१भगवान महावीर की माता के कितने नाम थे

 : उ तीन-त्रिशला, विदेहदिन्ना व प्रियकारिणी ।।


प्रश्न ४२ : भगवान महावीर के काका का क्या नाम था ?


उत्तर : सुपार्श्व ।


प्रश्न ४३)भगवान महावीर की भाभी का क्या नाम था ? 

उ: ज्येष्ठा ।


प्रश्न ४४ : भगवान महावीर के बड़े भाई का क्या नाम था


उ: नंदीवर्धन ।

45बहन का नाम


उत्तर सुदर्शना 


प्रश्न ४६ : भगवान महावीर की बुआ का क्या नाम था ? : 

उ यशोदया

प्रश्न ४७ : भगवान महावीर के नाना का क्या नाम था ? : उ केक ।

प्रश्न ४८ : भगवान महावीर के मामा का क्या नाम था ?


उ: चेटक ।

 प्रश्न ४9 : भगवान महावीर की मां का गोत्र क्या था ?


उत्तर: वाशिष्ठ

प्रश्न ५० : भगवान महावीर का गोत्र क्या था ?


उत्तर: काश्यप ।


प्रश्न ५१ : भगवान महावीर का नाम वर्धमान क्यों पड़ा ?


उत्तर: उनके गर्भ में आने के बाद सिद्धार्थ के राज्य में धन-धान्य की अपार वृद्धि हुई इसलिए उनका नाम वर्धमान पड़ा ।


प्रश्न ५२ : भगवान महावीर का नाम ज्ञातपुत्र क्यों पड़ा ?


उत्तर : ज्ञात वंश होने के कारण


प्रश्न ५३ : भगवान महावीर का नाम सन्मति क्यों पड़ा ?


उत्तर: जंघाचारण मुनि संजय-विजय का इन्हें देखते ही संदेह दूर हो गया इसलिए इनका नाम सन्मति पड़ा ।


प्रश्न ५४ : भगवान महावीर ने बाल्यावस्था में जो क्रीड़ा की थी उसका नामक्या था ?


उत्तर : आमलकी क्रीड़ा, तिदूंसक खेल ।


प्रश्न ५५ : भगवान महावीर जब पाठशाला में अध्ययन हेतु कलाचार्य के पास गए तब उनकी उम्र क्या थी?


उत्तर८ वर्ष ।


प्रश्न ५६ : भगवान महावीर की शादी कहाँ व किसके साथ हुई?

उ: बसन्तपुर नगर के राजा समरवीर की पुत्री यशोदा के साथ हुई ।

प्रश्न ५७ : भगवान महावीर की पत्नी का गोत्र क्या था ?


उत्तर: कौण्डिन्य ।


प्रश्न ५८ : भगवान महावीर की सास का क्या नाम था ?


उत्तर: पद्मावती ।

प्रश्न ५9 : भगवान महावीर की पुत्री का क्या नाम था ? : उ प्रियदर्शना ।

प्रश्न ६० : भगवान महावीर के जमाता का क्या नाम था ?


उत्तर : जमालि ।


प्रश्न ६१ : भगवान महावीर की दौहित्री का क्या नाम था ?


उत्तर : शेषवती ।


प्रश्न ६२ : माता-पिता का स्वर्गवास कब हुआ व उस समय भगवान महावीरकी उम्र क्या थी?


उत्तर : ५७१ ई. पू. में । उस समय भगवान महावीर २८ वर्ष के थे। 

प्रश्न ६३ : भगवान महावीर के माता-पिता मरकर कौनसे स्वर्ग में गए? उत्तर : बारहें अच्युत देवलोक में ।


प्रश्न ६४ : नंदीवर्धन के कहने पर भगवान महावीर घर में कितने वर्ष तकरहे?

उ : दो वर्ष घर में रहे, किन्तु बेले-बेले का तप करते रहे । 

प्रश्न ६५ : उस समय उन्होंने कौन-कौन-सी प्रतिज्ञाएं कीं ?


उत्तर : आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत, रात्रि भोजन का त्याग, सचित्त का त्याग, बेले-बेले तप करना। छह काया के जीवों की विराधाना नहीं करना ।


प्रश्न ६६ : प्रत्येक तीर्थंकर दीक्षा लेने से पूर्व क्या करते हैं?


उत्तर. : एक वर्ष तक वर्षीदान ।


प्रश्न ६७: वर्षीदान कब व कितना देते हैं?


उत्तर : प्रतिदिन सूर्योदय से एक प्रहर तक एक करोड़ आठ लाख से अन्यून स्वर्ण मुद्राओं का दान देते हैं। इस प्रकार एक वर्ष में कुल तीन अरब अट्ठासी करोड़ अस्सी लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान देते हैं ।


प्रश्न ६८ : इतने धन-धान्य की वृद्धि कौन करता हैं ?


उत्तर : जृम्भिकदेव ।


प्रश्न ६9 : तीर्थंकरों को दीक्षा के लिए कौन प्रतिबोधित करते हैं ?


उत्तर: यों तो जिन स्वयंबुद्ध होते हैं, लेकिन परम्परा को निभाने के लिए नव लोकान्तिक देव दीक्षा लेने के लिए प्रतिबोधित करते हैं।

प्रश्न १०३ : चमरेन्द्र कौन था ?


उत्तर : चमरचंचा में पूरणबाल तपस्वी का जीव इन्द्र रूप में उत्पन्न हुआ। 

प्रश्न १०४ : शक्रेन्द्र कौन था ?


उत्तर : सौधर्म देवलोक का इन्द्र ।


प्रश्न १०५ : भगवान महावीर ने पौष कृष्णा प्रतिपदा (एकम) के दिन कौशाम्बी में कौन-कौन से विकट अभिग्रह स्वीकार किए ?


उत्तर: द्रव्य से उड़द के बाकले

क्षेत्र से दहलीज के बीच खड़ी हो काल से भिक्षा का समय बीत चुका हो

भाव से राजकुमारी दासी बनी हो

हाथ में हथकड़ी हो

पैरों में बेड़ी हो

सिर मुण्डित हो

आंखों में आंसू हों

तेले की तपस्या किये हुए हो

इस प्रकार के व्यक्ति के हाथ से यदि भिक्षा मिलें तो लेना, अन्यथा नहीं लेना ।


प्रश्न १०६ : यह कठोर अभिग्रह कब, कहाँ व किसके द्वारा पूर्ण हुआ?


उत्तर: ५ महीने २५ दिन पूर्ण होने के बाद कौशाम्बी में धन्ना सेठ की पुत्री चंदना के हाथों उड़द के बाकलों से प्रभु का पारणा हुआ। 

१०७ : साधनाकाल में भगवान महावीर ने कितनी नींद ली?


: लगभग दो घड़ी (४८ मिनट) | 

प्रश्न १०८ उस नींद में भगवान महावीर ने कितने स्वप्न


उत्तर:दस स्वप्न ।


प्रश्न १०9 : दस स्वप्न कौन-कौन से हैं?


उत्तर : (१) ताल पिशाच को पछाड़ा (२) श्वेत कोयल


(३) विचित्र वर्णवाली कोयल (४) दो फूलों की माला


(५) गायों का समूह


(७) समुद्र तिरा


(६) हंसों से घिरा हुआ सरोवर


(८) सूर्य


(9, कमल की नाल (१०) मेरु पर्वत पर आरोहण करना।


प्रश्न ११० : १० स्वप्नों में 9 स्वप्नों का फल किसने बताया



उत्तर सामुद्रिक ज्योतिष उत्पल ने ।


प्रश्न १११ : चौथे स्वप्न का फल किसने बताया ?


उत्तर: भगवान महावीर ने।


प्रश्न ११२ : दस स्वप्नो का फल क्या था


उत्तर: (१) मोहकर्मों को पछाड़ेंगे। (२) शुक्ल ध्यान ध्यायेंगे । (३) द्वादशांगी की प्ररूपणा (४) साधु व श्रावक धर्म बतायेंगे । करेंगे ।

(५) चार तीर्थ की स्थापना (६) देवताओं व मनुष्यों से घिरे करेंगे । रहेंगे।

(७) समुद्र (संसार) पार करेंगे। (८) केवलज्ञान होगा।

(६) यश बहुत फैलेगा । (१०) मेरु की तरह अडोल रहेंगे। 

प्रश्न ११३ : भगवान महावीर ने नौका का प्रयोग कहाँ किया?


उत्तर श्वेताम्बिका से सुरभिपुर की ओर विहार करते समय गंगा नदी को पार करने के लिए।


प्रश्न ११४ : नौका के नाविक का क्या नाम था ?


उत्तर : सिद्धदत्त ।


प्रश्न ११५ : भगवान महावीर का उत्कृष्ट तप कितने दिनों का हुआ ?


उत्तर : ६ महीने का ।


प्रश्न ११६ : भगवान महावीर का छद्मस्थ-काल कितना था ?


उत्तर : साढ़े बारह वर्षों का (१२ वर्ष ६ मास १५ दिन) ।


प्रश्न ११७ : भगवान महावीर ने कितने प्रकार की तपस्या की ?


उत्तर: चौदह प्रकार की ।


प्रश्न ११८ : भगवान महावीर की छद्मस्थकालीन तपस्या किस प्रकार थी ?


उत्तर : • एक ६ मासी तप • एक ५ महीने २५ दिन का तप


• एक ५ मासी तप


•२ त्रैमासिक तप


• ६ (छह) द्विमासिक तप


• १२ मासिक तप • १ भद्रप्रतिमा २ दिन की


६ चातुर्मासिक प


२ (दो) ढ़ाई मासिक तप


• २ (दो) डेढ़ मासिक प • ७२ पाक्षिक उपवास


महाभद्र प्रतिमा ४ दिन की


• १ सर्वतोभद्र प्रतिमा १० दिन की बारह तेला

• २२६ बेला


• भगवान महावीर की सम्पूर्ण तपस्या ११ वर्ष ६ (छह) मास २५ दिन (४१६६ दिन) हुई, जिसमें बेले में दीक्षा ली वह दिन भी साथ में सम्मिलित हैं। प्रभुकी सारी तपस्या निर्जल (चौविहार) थी (जिसमें पारणे के दिन ११ मास १६ दिन (३४६ दिन) थे। • आचारांग में प्रभु के दशमभक्त तपस्या करने का भी उल्लेख है।

 प्रश्न ११9 : भगवान महावीर को केवलज्ञान कब, कहाँ व किस स्थिति मेंहुआ ? 

उ: वैशाख शुक्ला दशमी के दिन गोदोहिका आसन में जृंभक नाम श्रीनगर में ऋजुबालिका नदी के किनारे श्याम गृहपति के काष्ठ कला नामक क्षेत्र में वैयावृत्य नामक उद्यान में शालवृक्ष केकेवलज्ञान हुआ ।


१२० : भगवान महावीर को केवलज्ञान के साथ क्या विशेष प्राप्त हुआ?

उ : आत्मबोध, आत्मसुख व अपरिमित शक्ति।

प्रश्न १२१ : केवलज्ञान-प्राप्ति के समय भगवान महावीर किस ध्यान में आरूढ़थे?


उ: शुक्लध्यान में ।


१२२ : भगवान महावीर के केवलज्ञान प्राप्ति के समय कौनसा तप था ?


उ: बेले का तप ।

प्रश्न १२३ : केवलज्ञान प्राप्ति के समय तक भगवान महावीर ने कितने कर्म क्षीण किए?

उ: चार-ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, मोहनीय, अंतराय ।

 प्रश्न १२४ : भगवान महावीर के समवसरण की रचना किसने व क्यों की?

उत्तर : शासन की प्रभावना व अपना कर्तव्य निभाने के लिए देवताओं ने समवसरण की रचना की ।

 प्रश्न १२५ : भगवान महावीर कौन सी भाषा में देशना देते थे?


उत्तर: अर्धमागधी भाषा (प्राकृत भाषा)


प्रश्न १२६ : भगवान महावीर की प्रथम देशना का विषय क्या था ? 

उत्तर : त्रिपदी अर्थात् उत्पाद, व्यय व धौव्य ।


प्रश्न १२७ : भगवान महावीर की प्रथम देशना विफल क्यों गई?

उ : प्रथम देशना के श्रोता केवल देवता थे। देवता त्याग, प्रत्याख्यान करने में असमर्थ होते हैं।

१२८ : भगवान महावीर कौनसी राग में प्रवचन देते थे ? : मालकोश राग में ।


१२9 : भगवान महावीर ने चार तीर्थ की स्थापना क्यों की? 

1: संघीय साधना को व्यवस्थित रूप देने के लिए।

प्रश्न १३० : भगवान महावीर के उपदेश के मुख्य मुख्य तत्त्व क्या थे?

उ: अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह

प्रश्न १३१ : भगवान महावीर ने कितने महाव्रतों का विधान किया?


उत्तर: पांच महाव्रतों का ।


प्रश्न १३२ : भगवान महावीर के प्रमुख सिद्धान्त कौन से हैं ? 

उत्तर : स्याद्वाद, आत्मवाद, समतावाद, आत्मकर्तृत्ववाद आदि


प्रश्न १३३ : भगवान महावीर ने कितनी प्रवचन- माताएं बताईं ?


उत्तर: आठ-पांच समितियां व तीन गुप्तियां | पांच समितियां-ईर्या, भाषा, एषणा, आदाननिक्षेप और उत्सर्ग । तीन गुप्तियां हैं-मन, वचन व काया ।

 प्रश्न १३४ : भगवान महावीर ने संघ-व्यवस्था संभालने के लिए कितने पदों की व्यवस्था की?


उत्तर : सात-आचार्य, उपाध्याय, स्थविर, प्रवर्तक, गणी, गणधर व गणावच्छेदक। 

प्रश्न १३५ : भगवान महावीर ने शासनकाल में सर्वप्रथम कौन दीक्षित हुए ?


उत्तर : इन्द्रभूति आदि ग्यारह गणधर दीक्षित हुए । 

प्रश्न १३६ : भगवान महावीर की भिक्षा के लिए गणधर गौतम ने किस मुनिकी नियुक्ति की ?


उ: लौहार्य श्रमण की ।


प्रश्न १३७ : भगवान महावीर ने कितने गणों की व्यवस्था की ?


उत्तर: नौ । प्रथम सात गणों के ७ गणधर,  9वें गणधर के १ गण-वां तथा १०वें, ११वें गणधर के १ गण- वां । इस प्रकार 9गण हुए ।

प्रश्न १५६ : भगवान महावीर के समय कल्प कितने थे ?


उत्तर : दस


प्रश्न १५७ : भगवान महावीर के शासनकाल में प्रतिक्रमण कितने समय होता था?


उत्तर : दो समय। सुबह व शाम।


प्रश्न १५८ भगवान महावीर के समय साधुओं के वस्त्र कैसे थे ? 

उत्तर : श्वेत ।


प्रश्न १५६ : भगवान महावीर के समय कितने अच्छेरे हुए?

 उत्तर : पांच-गर्भसंहण (हरिणगमेषी देव द्वारा), उपसर्ग, चंद्र, सूर्य का मूल रूप में अवतरण, चमर उत्पात।


प्रश्न १६० : अच्छेरे का शाब्दिक अर्थ क्या है ?


उत्तर : सामान्यतः नहीं होने वाली आश्चर्यजनक घटना होना अच्छेरा कहलाता है।


प्रश्न १६१ : भगवान महावीर के समय कितने चक्रवर्ती हुए ?


उत्तर : एक भी नहीं।


प्रश्न १६२ : भगवान महावीर का प्रमुख श्रावक कौन था ?


उत्तर : आनंद ।


प्रश्न १६३ : भगवान महावीर के श्रावकों का वर्णन कौन उत्तर : उपासकदशा सूत्र में  आगम सेहै?


प्रश्न १६४ : भगवान महावीर ने अंतिम देशना कितने प्रहर तक दी ?


उत्तर : १६ प्रहर तक (उत्तराध्ययन व विपाकसूत्र) । 

प्रश्न १६५ : भगवान महावीर का निर्वाण कब व कहां हुआ ?


उत्तर : कार्तिक कृष्णा अमावस्या को हस्तिपाल राजा की राजधानीपावापुरी में।


प्रश्न १६६ : भगवान महावीर को कितनेदिनों का संथारा आया?

उत्तर : दो दिन का 

प्रश्न १६७ : भगवान महावीर कितने शिष्यों के साथ मोक्ष गए?


उत्तर: अकेले ही मोक्ष गए।


प्रश्न १६८ : भगवान महावीर के निर्वाण के समय कितने देशों के राज उपस्थित थे?


उत्तर : १८ देशों के ।

१६9 : वे राजा कौन-कौन से थे ?


: नौ मल्ली व नौ लिच्छवी ।


प्रश्न १७०: भगवान महावीर मोक्ष पधारे तब चौथा आरा कितना शेष

 उ: ३ वर्ष साढ़े आठ मास ।

प्रश्न १७१ : भगवान महावीर के विहार क्षेत्र कौन-कौनसे थे?


उत्तर : आर्य और अनार्य देश ।



प्रश्न १७२ : भगवान महावीर ने निर्वाण के समय गौतम स्वामी को दूर क्यों रखा ?


उत्तर: गौतम स्वामी को भगवान महावीर से अगाढ़ प्रेम था। वह केवलज्ञान की प्राप्ति में अवरोधक हो सकता था। इस कारणगौतम स्वामी को दूर रखा। 

प्रश्न १७३ : भगवान महावीर ने गौतम स्वामी को किसको प्रतिबोध देने के लिए भेजा ?


उत्तर : देवशर्मा ब्राह्मण को प्रतिबोध देने के लिए गोबर ग्राम भेजा। 

प्रश्न १७४ : भगवान महावीर के शासनकाल में कितने श्रावकों ने तीर्थंकर नाम गोत्र कर्म का उपार्जन किया?


उत्तर :9, श्रेणिक, सुपार्श्व, उदाई, पौट्टिल अणगार, दृढायु, श्रावक शंख व शतक ।

 प्रश्न १७५ : भगवान महावीर के शासनकाल में कितनी श्राविकाओं ने तीर्थंकर नाम गोत्र कर्म का उपार्जन किया?


उत्तर : दो- (१) सुलसा (१६वें निर्मम नामक तीर्थंकर), (२) रेवती (१७वें चित्रगुप्त नामक तीर्थंकर) |

 प्रश्न १७६ : भगवान महावीर के लिए बिजोरापाक लेने के लिए कौनसे अणगार किसके यहां गये ?


उत्तर 1: सिंह अणगार श्राविका रेवती के यहां 

। प्रश्न १७७ : भगवान महावीर ने केवली अवस्था में सर्वाधिक चातुर्मास कहां व कितने किए?

उत्तर : राजगृह में १४ चातुर्मास ।


प्रश्न १७८: कौशाम्बी में कौनसी श्राविका ने भगवान महावीर से प्रश्न पूछे ? 

उत्तर : राजा शतानीक की बहिन जयंती श्रमणोपासिका ने। 

प्रश्न १७9 : भगवान महावीर का सम्पूर्ण जीवन चरित्र कौनसे सूत्र में मिलता है?

कल्पसूत्र में

प्रश्न १८० मरीचि नेकिस कारण सम्यक्त्व गंवाया?

उत्तर : असत् प्ररूपणा के कारण (भगवान महावीर का पूर्वभव )

 प्रश्न १८१: जैन इतिहास में मरीचि की क्या महत्ता रही?


उत्तर : मरीचि का जीव ही अंतिम तीर्थंकर महावीर बना। 

प्रश्न १८२: भगवान महावीर के भक्त राजाओं में प्रधान राजा कौन था?

उत्तर : राजा श्रेणिक ।


प्रश्न १८३ : जयंती श्रमणोपासिका कौनसे भगवान की प्रथम शय्यातर थी ? 

उ: भगवान महावीर की।

प्रश्न १८४: भगवान महावीर के शासनकाल में सर्वप्रथम कौनसी साध्वी सिद्ध हुई?

उत्तर : साध्वी मृगावती ।


प्रश्न १८५: भगवान महावीर ने सुधर्मा को ही संघका दायित्व क्यों सौंपा ?

उ : गणधर सुधर्मा दीर्घायु हैं। इनसे तीर्थ प्रवर्तित होगा, यह जानते हुए सौंपा। 


प्रश्न १८६: भगवान महावीर के कितने पट्टधर मोक्ष

सुधर्मा एवं जम्बू स्वामी।

 प्रश्न १८७: कौनसे गणधर की आयु भगवान महावीर के समान थी?


उत्तर: अचलभ्राता की72 वर्ष।

 प्रश्न १८८: बौद्ध साहित्य में भगवान महावीर के समय किन-किन तीर्थंकरों का वर्णन आता है?

उत्तर : महावीर, अजित केशकंबली, पकुशकात्यायन, गोशालक, संजय वेलद्विपुत्र और पूरण काश्यप, बुद्ध भी तीर्थंकर थे । 

प्रश्न १८६: गौतम और केशी के बीच संवाद हुआ, उस समय प्रभु महावीर की उम्र कितनी थी?


उत्तर: ५८ वर्ष ।


प्रश्न १9० भगवान महावीर के शासनकाल में संघभेद कब हुआ?


उत्तर: केवल काल के १४वें वर्ष में ।


१91: भगवान महावीर के छद्मस्थ काल में वर्षावास कौन-कौनसे हैं?


: छद्मस्थ काल के वर्षावास


१. अस्थि ग्राम


२. नालन्दा


३. चंपा

४. पृष्ठ चम्पा५. भया,6,६. भद्दया७. आलंभिया, 8 राजगृही9ब्रज भूमि१०. श्रावस्ती११. वैशाली

१२. चम्पा







१६२ : भगवान महावीर के केवली काल के ३० वर्षावास कौन-कौन


: केवली-काल के तीस वर्षावास


१. राजगृह२. वैशाली3वाणिज्य ग्राम४. राजगृह

५. वाणिज्य ग्राम6,राजगृह

७. राजगृह,८. वैशाली9,वाणिज्य ग्राम

१०. राजगृह११. वाणिज्य ग्राम १२. राजगृह

१३. मिथिला१४. मिथिला,15मिथिला

१६. वाणिज्य ग्राम १७. राजगृह१८. वाणिज्य ग्राम

१9. वैशाली२२. नालंदा२५. राजगृह२८. मिथिला

२०. वैशाली२३. वैशाली२६. राजगृह२६. राजगृह

२१. राजगृह२४. मिथिला२७. मिथिला३०. पावा-अपापा


प्रश्न १६३ : भगवान महावीर के पारिवारिक जनों का आयुष्य-प्रमाण कितना


था ?


पूर्व पिता-100


पूर्व माता-105


पिता सिद्धार्थ87


माता त्रिशला85


चाचा सुपार्श्व 90


ज्येष्ठ भ्राता नन्दीवर्धन 88


बहिन सुदर्शना 95


पुत्री प्रियदर्शना 95

दोहिती  यशवति90


https://www.facebook.com/Chalo-Veer-Pathshala-2064709970428006/

Path Shaala – *Naysaar se Mahaveer tak Series*


Date – 19-1-2018*


*Serial No. – 6*


Pathshala Taken By – *Shobha Gulechha – Chennai.*


प्रश्न. २०१. नंदन राजा कितने वर्ष गृहस्थाश्रम में रहे ?


उत्तर. २०१. २४ लाख वर्ष ।


प्रश्न. २०२. नंदन राजा ने किसके पास दीक्षा ली ?


उत्तर. २०२. पोट्टीलाचार्य के पास ।


प्रश्न. २०३. नंदन मुनि ने कितने वर्ष तक मासक्षमण की तपस्या की ?


उत्तर. २०३. लगभग १ लाख वर्ष तक ।


प्रश्न. २०४. नंदन मुनि ने कितने वर्ष तक संयम पाला ?


उत्तर. २०४. १ लाख वर्ष तक ।


प्रश्न. २०५. नंदन मुनि ने कितने मासक्षमण किये ?


उत्तर. २०५. ११ लाख ६० हजार ६ सौ ४५ ( ११,६०,६४५ )


प्रश्न. २०६. नंदन मुनि के पारणे के कितने दिन आये ?


उत्तर. २०६. ३,३३३ वर्ष ३ मास २९ दिन पारणे के थे ।


प्रश्न. २०७. नंदन मुनि ने कितने दिन का संथारा किया ?


उत्तर. २०७. साठ ( ६० ) दिन का ।


प्रश्न. २०८. नंदन मुनि ने तीर्थंकर नाम कर्म का उपार्जन कैसे किया ?


उत्तर. २०८. तीर्थंकर नाम कर्म बांधने के २० बोलों की आराधना करके ।


प्रश्न. २०९. नंदन मुनि आयुष्य पूर्ण कर कहाँ उत्पन्न हुए ?


उत्तर. २०९. प्राणत देवलोक नामक १०वें देवलोक के पुष्पोत्तरावतंसक विमान में उत्पन्न हुए ।


प्रश्न. २१०. यहां पर इनका आयुष्य कितना था ?


उत्तर. २१०. २० सागरोपम ।


प्रश्न. २११. २७ भाव में प्रभु वीर की आत्मा कौन कौन सी नरक में गई थी ?


उत्तर. २११. २७ भव में २ बार | १९वें भव में सातवी नरक और २१वे भव में चौथी नरक |


प्रश्न. २१२. भगवान् महावीर की आत्मा ने तिर्यंच के कितने भव किये ?


उत्तर. २१२. एक भव ( केशरी सिंह का ) |


प्रश्न. २१३. भगवान् महावीर की आत्मा ने मनुष्य के कितने भव किये ?


उत्तर. २१३. १, ३, ५, ६, ८, १०, १२, १४, १६, १८, २२, २३, २५, एवं २७ . कुल १४ भव किये |


प्रश्न. २१४. भगवान् महावीर की आत्मा ने २७ भव में देवों के कितने और कौन-कौनसे भव किये ?


उत्तर. २१४. २ रा सौधर्म देवलोक का, ४ था ४ था ब्रह्मदेव का, ७ वां सौधर्म देव का, १५ वां ब्रह्मदेव का , ९ वां ईशान देव का, ११ वां सनत कुमार देव का, १३ वां महेंद्र देव का, १७ वां महाशुक्र देव का, २४ वां महाशुक्र देव का, २६ वां प्राणत देव का | यह १० भव देवों के थे |


प्रश्न. २१५. भगवान् महावीर कितने भव में त्रिदंडी सन्यासी बने ?


उत्तर. २१५.  ३, ५, ६, ८, १०, १२ एवं १४ वें | कुल ७ भव में त्रिदंडी सन्यासी बने |


प्रश्न. २१६. भगवान् महावीर ने २७ भव में कितनी पदवियां पायी ?


उत्तर. २१६. १८ वें भव में वासुदेव, २३ वें भव में चक्रवर्ती, एवं २७ वें भव में तीर्थंकर की पदवी पायी |


प्रश्न. २१७. भगवान् महावीर ने कितने भवों में दीक्षा ग्रहण की ?


उत्तर. २१७. ३ रे मरीची के भव में, १६ वें विश्वभुती के भव में, २२ वें vimal राजा के भव में, २३ वें प्रियमित्र चक्रवर्ती के भव में, २५ वें नंदन राजा के भव मे एवं २७ वें भगवान् महावीर के भव में दीक्षा ग्रहण की |


प्रश्न. २१८. भगवान् महावीर के २७ भव में कौन कौन से भव के पिता ने दीक्षा ली ?


उत्तर. २१८. ३ रे भव के पिता भरत, १६ वें भव के पिता विशाखाभूति, २३ वे भव के पिता धनंजय एवं २५ वें भव के पिता जितशत्रू ने दीक्षा ली |


प्रश्न. २१९. भगवान् महावीर की आत्मा ने कितने तीर्थंकरों के दर्शन किये ?


उत्तर. २१९. २ तीर्थंकर | ऋषभदेवजी और श्रेयांसनाथजी |


प्रश्न. २२०. भगवान् महावीर की आत्मा के कौन कौन से माता और पिता मोक्ष गए ?


उत्तर. २२०. ३ रे भव के पिता भरत, २७ वें भव के पिता ऋषभदत्त एवं २७ वें की माता देवानंदा मोक्ष गए |


प्रश्न. २२१. भगवान् महावीर का जन्म इसा से कितने वर्ष पूर्व हुआ था ?


उत्तर. २२१. इसा से लगभग ५९९ वर्ष पूर्व |


प्रश्न. २२२. भगवान् महावीर का जन्म हुआ तब चौथा आरा कितना शेष था ?


उत्तर. २२२. चौथे आरे के ७५ वर्ष ९ मॉस १५ दिन शेष थे |


प्रश्न. २२३. भगवान् महावीर की जन्मतिथि कौनसी थी ?


उत्तर. २२३. चैत्र सुदी १३ |


प्रश्न. २२४. भगवान् महावीर पहले कौनसे कुल में आये ?


उत्तर. २२४. ब्राह्मण कुल में |


प्रश्न. २२५. भगवान् महावीर पहले किसके गर्भ में आये ?


उत्तर. २२५. देवानंदा ब्राह्मणी के गर्भ में |


प्रश्न. २२६. भगवान् महावीर के प्राथम पिता कौन थे ?


उत्तर. २२६. ऋषभदत्त ब्राह्मण |


प्रश्न. २२७. ऋषभदत्त कहाँ के रहने वाले थे ?


उत्तर. २२७. दक्षिण ब्राह्मण कुंड में |


प्रश्न. २२८. भगवान् महावीर का कौन सी तिथि को १० वें देवलोक से च्यवन हुआ ?


उत्तर. २२८. आषाढ सूद ६ |


प्रश्न. २२९. उस समय कौनसा नक्षत्र था ?


उत्तर. २२९. हस्तोत्तरा ( उत्तराषाढ़ ) |


प्रश्न. २३०. गर्भ में आये उस समय कितने ज्ञान थे ?


उत्तर. २३०. तीन ज्ञान ( मति, श्रुति, अवधि ) |


प्रश्न. २३१. भगवान् महावीर देवानंदा के गर्भ में कितने दिन रहे ?


उत्तर. २३१. ८२ रात्री – दिन |


प्रश्न. २३२. शकेन्द्र ने अवधिज्ञान से क्या जाना और क्या विचार आया ?


उत्तर. २३२. तीर्थंकर का देवानंदा के गर्भ में अवतरण हुआ है और विचार आया कि तीर्थंकर का जन्म क्षत्रिय कुल में होता है, याचक कुल में नहीं |


*भूलवश प्रश्न क्रमांक २३३ छूट गया है ।*


प्रश्न. २३४. ब्राह्मण कुल को याचक कुल क्यों माना गया है ?


उत्तर. २३४. ब्राह्मण दान के लिए हाथ फैलाता है, इसलिए याचक कुल माना गया है |


प्रश्न. २३५. शकेन्द्र ने अपना कर्तव्य क्या जाना ?


उत्तर. २३५. भगवान् के गर्भ को याचक के कुल से निकालकर किसी यज्ञ माता की कुक्षी में अथापन करूँ |


प्रश्न. २३६. शकेन्द्र ने गर्भ संहरण के लिए किसे योग्य माना ?


उत्तर. २३६. हरीणगमेषीदेव को |


प्रश्न. २३७. शकेन्द्र ने हरीणगमेषी को क्या आदेश दिया ?


उत्तर. २३७. तुम भरत क्षेत्र के ब्राह्मण कुंड ग्रामं के ऋषभदत्त ब्राह्मण के घर जाओ और उसकी पत्नी देवानंदा के गर्भ को यतनापूर्वक संहरण करके क्षत्रिय कुंड की महारानी त्रिशला की कुक्षी में स्थापित करो, और उसके गर्भ को देवानंदा की कुक्षी में रखो |


प्रश्न. २३८. शकेन्द्र का आदेश सुनकर हरीणगमेषी के मन को क्या सोच कर अतिप्रसन्नता की अनुभूति हुई ?


उत्तर. २३८. मुझे भावी ( जिनेंश्वर ) तीर्थंकर की सेवा का सु-अवसर प्राप्त हुआ |


प्रश्न. २३९. गर्भहरण के दिन कौनसी तिथि व नक्षत्र था ?


उत्तर. २३९. आसोज वदी १३ , हस्तोत्तारा ( उत्तरा फाल्गुनी ) |


प्रश्न. २४०. भगवान् महावीर च्यवन तथा हरण का समय जान पाए या नहीं ?


उत्तर. २४०. भगवान् जानते थे च्यवन तथा हरण होगा लेकिन जब हुआ वह समय नहीं जान पाए, क्योंकि वह समय सूक्ष्मतम होता है जो छद्मस्थ के लिए अज्ञेय है |


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