नये प्रश्न
सही या गलत
1. जीव के 14 भेद होते है! ✅
2. कर्म ग्रहण करने वाली आत्मा की अवस्था को संवर कहते है! ❎
3. प्रदेश परिणाम ओर चेतना लक्षण से जीव समान है! ✅
4 पौद्गलिक रचना की योग्यता सब जीवों मैं समान रूप से होती हैं! ❎
5. पुदग्लास्तिकाय के चार भेद होते हैं! ✅
6. जिसके खण्ड न हो सर्वथा अविभाज्य हो उसे स्कन्ध कहा जाता है ✅
7 . स्कन्ध का बुद्धि कल्पित हिस्सा प्रदेश कहलाता है! ❎
8. एक वर्ण, एक गंध, एक रस ओर दो स्पर्श हो वह परमाणु कहलाता है! ✅
9. संज्ञी पन्चेन्द्रिय जीव छहों पर्याप्तियों के अधिकारी नहीं होते! ❎
10.काल का सबसे सुक्ष्म भाग समय है! ✅
11. पुण्य की उत्पत्ति धार्मिक क्रिया के बिना हो सकती हैं! ❎
12. शुभ योग की प्रवृत्ति आत्मा की उज्जवलता के लिए करनी चाहिए! ✅
13. मन वचन और काया की शुभ प्रवृत्ति करने संवर धर्म है! ❎
14.पुण्य आत्मा का उज्जवल परिणाम है! ❎
15 मिथ्यात्वी की शुभ क्रिया घर्म है! ✅
16. चौदहवें गुणस्थान में योग का सर्वथा निरोध हो जाता है! ✅
17.कर्म का निरोध करने वाली आत्मा की अवस्था का नाम निर्जरा है! ❎
18.प्रमाद आस्रव का प्रतिपक्षी अकषाय संवर है! ❎
19.आत्म विशुद्धि के लक्ष्य से की जाने वाली निर्जरा सकाम-निर्जरा हैं! ✅
20.आस्रव आत्मा की साधक अवस्था है! ❎
➡ रिक्त-स्थान
1. ________-कर्म ग्रहण करने वाली आत्मा की अवस्था
उत्तर - आश्रव
2. तत्व का अर्थ है _______ वह वस्तु जिसका वास्तविक अस्तित्व हो!
उत्तर -सदवस्तु
3. चतुरिन्द्रिय तक के जीवों के
_____ नही होता!
उत्तर - मन
4. एक इन्द्रिय वाले जीव _________ को जब तक पूर्ण नही कर लेते तब तक अपर्याप्त होते हैं!
उत्तर - स्वाच्छोसवास पर्याप्ति
5. प्रदेश व परमाणु एक ही है परन्तु जब तक स्कंध के संलग्न रहता है तब तक उसे _____ कहते हैं जब स्कंध से अलग हो जाता है तब _______ कहते हैं!
उत्तर - प्रदेश, परमाणु
6. पहले बंधे हुए शुभ -कर्म जब शुभ फल देते है तब वे _____कहलाते है!
उत्तर - पुण्य
7. प्रत्येक काम में ________ निमित ओर कंही -कंही निर्वर्तक इन तीनों कारणों की आवश्यकता होती हैं!
उत्तर - उपादान
8. पुण्य की उत्पत्ति ________ के बिना नही हो सकती!
उत्तर - धार्मिक क्रिया
9. मिथ्यात्व अव्रत ______कषाय ओर योग -अश्रव का निरोध करना संवर धर्म है!
उत्तर - प्रमाद
10. __________ प्राण -वियोजन से आत्मा के साथ चिपकने वाला पुदगल -समुह !
उत्तर - प्राणातिपात
11. शुभ योग से निर्जरा होती है अत: मुक्ति का _______ है ओर शुभ योग से पुण्य बंधता है अत: मुक्ति का _______ है!
उत्तर - साधक, बाधक
12. बारहवें गुणस्थान में चार _______ तथा अशुभ योग का निरोध हो जाता है!
उत्तर - आश्रव
13.कर्म का _______ करने वाली आत्मा की अवस्था का नाम संवर है!
उत्तर - निरोध
14. विपरीत श्रद्धान का त्याग करना _________संवर है!
उत्तर - सम्यक्त्व
15. पन्चेन्द्रिय जीव _____ओर ________इन दो भागों में विभक्त है!
उत्तर - संज्ञी, असंज्ञी
16. स्कंध का सुक्ष्म अंश _____कहलाता है!
उत्तर - प्रदेश
17. अशुभ प्रवृत्तियों का आंशिक प्रत्याख्यान ________ गुणस्थान में ओर पूर्ण प्रत्याख्यान ______गुणस्थान में होता है!
उत्तर - पांचवें , छट्ठे
18. आत्म विशुद्धि से की जाने वाली निर्जरा _________है!
उत्तर - सकाम निर्जरा
19. अपूर्ण रूप से कर्मों का क्षय होना ________ओर पूर्ण रूप से कर्मों का क्षय होना ______है!
उत्तर - निर्जरा, मोक्ष
20. मोक्ष आत्मा का ______है!
उत्तर - स्वरुप
14 वां बोल
नौ तत्त्वों के 115 भेद
1. जीव के कितने भेद है -
(अ) 5
(ब) 8
(स) 14
(द) 12
उत्तर. (स)
2. एक इन्द्रिय वाले जीवों में कौनसी पर्याप्ति नहीं होती-
(अ) आहार पर्याप्ति
(ब) शरीर पर्याप्ति
(स) भाषा पर्याप्ति
(द) इन्द्रिय पर्याप्ति
उत्तर. (स)
3. नमस्कार किसका प्रकार है -
(अ) संवर
(ब) पाप
(स) निर्जरा
(द) पुण्य
उत्तर (द)
4. चोरी करना कौनसा पाप है-
(अ) मृषावाद पाप
(ब) लोभ पाप
(स) माया पाप
(द) अदतादान पाप
उत्तर (द)
5. अजीव के कौनसे द्रव्य का स्कन्ध नहीं बनता-
(अ) धर्मास्तिकाय
(ब) अधर्मास्तिकाय
(स) आकाशास्तिकाय
(द) काल
उत्तर (द)
6. विपरीत श्रद्घा, तत्व के प्रति अरुचि कोनसा आश्रव है -
(अ) योग आश्रव
(ब) अव्रत आश्रव
(स) प्रमाद आश्रव
(द) मिथ्यात्व आश्रव
उत्तर (द)
7. कर्म ग्रहण करने वाली आत्मा कौनसी है -
(अ) मोक्ष
( ब) बंध
( स) आश्रव
( द) पुण्य
उत्तर (स)
8. आत्मा की साधक अवस्था कौनसी है -
(अ) आश्रव
(ब) संवर
(स) मोक्ष
(द) पुण्य
उत्तर (ब)
9. निर्जरा के कितने प्रकार है -
(अ) 12
(ब) 9
(स) 4
(द) 18
उतर (अ)
10. आचार्य की सेवा करना निर्जरा का कोनसा प्रकार है -
(अ) विनय
(ब) ध्यान
(स) व्युत्सर्ग
(द) वैयावृत्त्य
उत्तर (द)
11. धन धान्य मकान आदि पर ममत्व रखना,नौ तत्व का कोनसा भेद है।
(अ) आश्रव
(ब) पाप
(स) संवर
(द) अजीव
उत्तर (अ)
12. निर्जरा का कोनसा प्रकार है जिसमें विगय का परित्याग किया जाता है -
(अ) अनशन
(ब) ऊनोदरी
(स) भिक्षाचरी
(द) रस परित्याग
उत्तर (द)
13. आत्म-प्रदेशों के साथ कर्म -पुदगलों का दूध -पानी की तरह मिल जाना कहलाता है -
(अ) आश्रव
(ब) बंध
(स) पुण्य
(द) पाप
उत्तर (ब)
14. पैशुन्यपाप का अर्थ है -
(अ) माया सहित झूठ बोलना
(ब) चुगली करना
(स) निंदा करना
(द) मिथ्या आरोप लगाना
उत्तर (ब)
15- परमाणु किसका भेद है-
(अ) धर्मास्तिकाय
(ब) अधर्मास्तिकाय
(स) काल
(द) पुद्गलास्तिकाय
उत्तर (द)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें