किसने, किसको कहा-









🦚 *टॉपिक -:  किसने कीससे कहा*🦜
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*टापिक*
*किसने किससे कहा*
*1️⃣जाओ रोते हुए सिंह अणगार को ले आओ❓*
*🅰️भगवान महावीर स्वामी ने शिष्यों से*
*2️⃣भगवान के दरबार में प्राणी मात्र को अधिकार है*❓
*🅰️सुदर्शन जी ने अर्जुन माली जी से*
*3️⃣हमारे राजा को आस्तिक बनाओं*❓
*🅰️चित्त सारथी जी ने केशीश्रमण जी से*
*4️⃣अभी में लुहार को लेकर आता हु*❓
*🅰️धन्ना सेठ ने चंदनबाला जी से*
*5️⃣साध्वी को खुले में आतापना लेना नहीं कल्पना है*❓
*🅰️गुरूणी जी ने सुकुमालिका जी से*
*6️⃣बेटा मेरे दूध में कलंक लगायेगा क्या❓*
*🅰️अरणक मुनि की माता ने अरणक जी से*
*7️⃣जो वीर होते है वो बोलकर नहीं करके दिखाते है*❓
*🅰️सुभद्रा जी ने धन्ना जी से*
*8️⃣रत्न कंबल से भी संयम मुल्यवान है*❓
*🅰️कोशा गणिका ने सिंह गुफावासी मुनि से*
*9️⃣मैने यह रहस्य इसलिए छुपाया था कि कहीं मेरी दीक्षा में बाधा न आये*❓
*🅰️सती पद्मावती जी ने अपनी गुरूणी जी से*
*1️⃣0️⃣मै तुम्हे दो विद्या देता हूँ, तुम मुझे एक विद्या दो*❓
*🅰️प्रभव जी  ने जम्बु स्वामी जी से*






*टापिक*
*किसने किससे कहा*




*Topic -::- किसने किस से कहां*

*1). मैं जानता हूं* 
 *वो नहीं जानता*
 *मैं नहीं जानता*
  *वो  जानता हुं*
*@१)।  अइमुता मुनीजी*

*२) ‌ मेरे  पिताजी ने ही मुझे कहा तेरा मुंह कभी मत दिखाना और घर से निकल जा*
*लेकिन ए जाकारा  मेरे लिए। उपकारी बना?*
*@२)  अभयकुमारजी* 

*३) ‌ मेरे हरेक ग्रंथ मे विरह  शब्द जरूर आता है?*
*@३)।  श्रीहरिभद सुरी जी महाराज साहेब*

*४) ‌ आत्मा है कि नहीं?*
*@४)। इंद्रभुती गौतम जी*. *Veerji. Ko*

*५) राजकुमारी dने मुनि की घोर आशतना की है इसलिए मैंने उसको  कदरूपी  बना दिया है ??*
*@५) तिदुंक यक्ष जी*

*६)। खाई का इतना गंदा पानी स्वादिष्ट कैसे हो गया?*
*@६)। जीत शत्रु राजा जी ने  सुबुद्धि मंत्री जी से*

*७)  हमारे बेटे युद्ध करने गए हैं  वो कैसे हैं??*
*@७) ‌ काली आदि 10 रानिजी विरजी को*

*८)। प्रभुजी इस नगरी में क्या मुनीराजो को आहार नहीं मिलता जो जो बार-बार एक ही घर में आहार लेने के लिए आना पड़ता है??*
*@८)।  देवकी जी ने नेमिनाथ की को*

*९)। प्रभु जी आपने तो कहा था कि  मेरा पारना मेरी मां के हाथों होगा लेकिन माने तो मुझे पहचाना तक नहीं?*
*@९)। सालीभद्र जी ने महावीर स्वामी जी को*

*१०)   भगवान ‌ इसमें  कोई।  तीर्थंकर जी की आत्मा है??*
*@१०)। भरत चक्रवर्ती जी ने ऋषभदेव स्वामी जी को??*

*११)  आप  आक्रंद मत करो मैं तो हजुन 16 साल जीने वाला हूं?*
*@११)। महावीर स्वामी जी ने सिंह अण गारजी जी को*

*१२) ‌ आपसे मैं नहीं जीत  सकता आपके साधु जीवन को मैं वंदन करता हूं*??
*@१२)।  सौधर्मेंद्र जी ने  दर्शानभद्र राजा जी को*

*१३)। हे मुनिराज तुमने तिर्यंच के भव में दया कर के समकित पाया?*
*@१३)। महावीर स्वामी जी ने मेघ मुनि जी को*

*१४)  आज  क्या  चौमासी 14  है?*
*मुझे तो प्रमाद से कुछ याद ही नहीं रहा?*
*@१४)। शैलकमुनिजी  ने पंथक मुनि जी को*

*१५)। हे देवानुप्रिय। ए आहार आप निर्वध  स्थान पर जाकर परठ आ ओ?*
*@१५) ‌ धर्मा घोष मुनि जी ने धर्मरूची मुनि जी को*





*टाॅपिक:-किसने,किसको कहा- प्रत्येक के उत्तर में "दो" नाम आयेंगे।*
1⃣अभी मैं लुहार को लेकर आता हूं ?
धन्न सेठ ने चंदन बाला से
2⃣कौवें के मांस में दवाई लेनी पडेगी ?
चिकित्सक ने बयकचुला
3⃣बेटा- हमारे नाथ पधारे है ?
भद्रा सेठानी ने शालिभद्र से
4⃣यह कायरों का नहीं,महावीर का पाट है ?
धन्ना कुमार ने शालिभद्र से
5⃣तु सातवें दिन मरकर नर्क में जायेगी ?रेवती से महाष्टक
6⃣मोम के दांत से लोहे के चने चबाने जैसा संयम अति दुष्कर है
मृगा माता ने मृगा पुत्र से
7⃣साध्वीजी को खुले में
 आतापना लेना नहीं कल्पता ?
सुकुमालिका से गुरुणी ने
8⃣धिक्कार है तुम्हें,इससे तो मर जाना अच्छा है ?
राजीमती ने रथ नेमि से
9⃣देवी तु पतिव्रता है,मैरी भूल माफ करो ?
अंजना सती से पवन कुमार

मुझे अकेले छोड़कर क्यों गए क्या ,मुक्ति में स्थान की कमी थी यह शब्द किसने कहे ?

Aगौतम स्वामीजी ने
महावीर जी से

'जब तक मेरे पाप याद आएंगे' तब तक आहार पानी का त्याग ?
Aद्रढप्रहारीजी



🔟शरणागत की रक्षा करना मैरा कर्त्तव्य है ?
राजा मेघ रथ ने बाज से

तुझे दासी बनना है या रानी,?
ऐसा कौन कहते थे,?!

Aश्रीकृष्ण वासुदेव अपनी बेटीयों से

"में आप का शिष्य हूं,आप मेरे धर्माचार्य है।"
यह कौन किस से, कहता था?

Aवीर प्रभु को गोशालक ने कहा
*

1️⃣ *इस गवय्ये को अभी तक विदा क्यों नहीं किया*❗
🅰️ *त्रिपुष्ठ वासुदेव जी ने शय्या पालक जी से*

2️⃣ *शत्रु और मित्र तो अपने ही कर्म है*❗
🅰️ *मदनरेखा जी ने युगबाहु जी से*

3️⃣ *यह लो आपका बेटा,, मै तो थक गई,, यह चुप ही नहीं हो रहा है*❗
🅰️ *सुनंदा जी ने धनगिरि जी से*

4️⃣ *महाराज इस भयानक जंगल में आप कैसे आ पहुंचे*❗
🅰️ *नयसार जी ने मुनियों से*

5️⃣ *देवी आप तो पतिव्रता हो,, मेरी भूल को क्षमा करो*❓
🅰️ *पवनंजय जी ने अंजना जी से*

6️⃣ *काग मांस यह दवा लेनी होगी*❓
🅰️ *राज वैध्य जी ने वंकचूल जी से*

7️⃣ *मुझे जरा और मृत्यु से बचा सकते हो तो रूक जाओ*❓
🅰️ *थावच्चापुत्र जी के श्रीकृष्ण जी से*

8️⃣ *यह शिष्य नही गुरू बनने के योग्य है*❓
🅰️ *कालिकाचार्य जी ने सिद्धार्थ जी और त्रिशला जी से*
*(महावीर स्वामी जी के माता पिता)*

9️⃣ *जैन साधुओं के पास मत जाना,, उनके पास चाकु छुरी होती है*❓
🅰️ *भृग पुरोहित जी ने देवभद्र जी और यशोभद्र जी से*🕊

🔟 *आप मरकर छठे नरक में जाओगे*❓
🅰️ *महावीर स्वामी जी ने कोणिक जी से*

1️⃣1️⃣ *प्रभु जीव सोता भला कि जगता*❓
🅰️ *जयंती जी श्राविका ने महावीर स्वामी जी से*

1️⃣2️⃣ *मैने उसके शरीर के टुकड़े टुकडे़ किये पर आत्मा कही नही दिखी*❓
🅰️ *परदेसी राजा जी ने केशी श्रमण जी से*

1️⃣3️⃣ *कभी वीर की वाणी मत सुनना*❓
🅰️ *लोहाखुर जी ने रोहिणिया जी से*

1️⃣4️⃣ *तू सातवे दिन मरकर नरक जायेगी*❓®️
🅰️ *महाशतक जी ने रेवती जी से*

1️⃣5️⃣ *हे भरत क्षेत्र की साध्वी आप निर्दोष है*❓
🅰️ *सीमंधर स्वामी जी ने यक्षा साध्वी जी से*

1️⃣6️⃣ *भगवान आपके पधारने का प्रयोजन क्या है*❓

🅰️ *मृगारानी जी ने गौतमस्वामी जी से*

1️⃣7️⃣ *हे नाथ! ऐसा कोई उपाय है क्या जिस से मेरा नरकायु टल जाये*❓
🅰️ *श्रेणिक महाराजा जी ने महावीर स्वामी जी से*

1️⃣8️⃣ *गुरूदेव आपके बिना मुझे धर्म कौन प्राप्त करवायेगा*❓
🅰️ *कुमारपाल जी ने हेमचंद्राचार्य जी से*

1️⃣9️⃣ *वीरा मोरा गज थकी उतर! गज चढ केवल न होई*❓
🅰️ *ब्राह्मी जी सुंदरी जी ने बाहुबली जी से*

2️⃣0️⃣ *गुरूवर मुझे कोशा गणिका जी के चित्रशाला में चातुर्मास करने की अनुमति दे*❓
🅰️ *स्थूलिभद्र जी ने संभूति विजय जी से*

2️⃣1️⃣ *अरे पापी! हे राज कुलाधम तू तेरे पिता जी को इससे भी प्रिय था*❓
🅰️ *चेलणा जी ने कोणिक जी से*

2️⃣2️⃣ *वैराग्य हुआ तो एक एक को क्यों,, एक साथ सभी का त्याग करे*❓
🅰️ *धन्ना जी ने सुभद्रा जी से*

2️⃣3️⃣ *मुझे एक कमरे में बंद कर दो,, दरवाजा बंद कर के उस पर ताला लगा दो*❓
🅰️ *मानतुंग आचार्य जी ने राजा भोज जी से*

2️⃣4️⃣ *हे पुत्र! मै आपको नही,, आपका भविष्य जानकर उसे प्रणाम कर रहा हूँ*❓
🅰️ *भरत चक्री जी ने अपने पुत्र मरिची जी से*🕊

2️⃣5️⃣ *मेरे हाथ में अपना हाथ दे दो नाथ,, वरना अपने सर पर हाथ रखवाऊंगी*❓
🅰️ *राजीमति जी ने नेमिनाथ जी से*


महाराज क्या आपकी ये मान्यता है कि शरीर और
आत्मा अलग है
A परदेसी राजा ने केशी श्रमण से

2️⃣6️⃣ *लाईए! यह भोजन का भार अधिक है,, मै ले लू*❓
🅰️ *आइमुत्ता मुनि जी ने गौतमस्वामी जी से

2️⃣7️⃣ *आज आपको जो गोचरी मिली वो श्रीकृष्ण वासुदेव जी की लब्धि से मिली*❓
🅰️ *नेमिनाथ जी ने ढंढण मुनि जी से*

2️⃣8️⃣ *सच बता सुवर्ण के जौ कहाँ है*❓
🅰️ *कुमार नंदि सुनार जी ने मेतारज मुनि जी से*

2️⃣9️⃣ *रोते हुए सिंह अणगार को लेकर आओ*❓
🅰️ *महावीर स्वामी जी ने अपने शिष्यों से*


टाॅपिक:-किसने,किसको कहा प्रत्येक उत्तर में *दो* नाम आयेंगे।
1⃣मैं आपका नाथ बनता हूं ?
🅰अनाथी मुनि सेश्रेणीक राजा ने
2⃣तू कठियारे जैसा मूर्ख है ?
🅰केशी स्वामीने, परदेसी राजा से
3⃣तु भी अभयदाता बन ?
🅰गदर्भ  ने संयत राजा से
4⃣गर्भ का संहरण करो ?
 🅰शकेन्द्र ने हरिण गमेशी  देव को
5⃣मैं मांगु तब यह दाणे वापस करना ?
🅰धन्ना सेठ ने, चारों  बहुओं से
6⃣जीव सोता भला या जागता ?
🅰जयंती जी ने भगवान महावीर से
7⃣समय मात्र का भी प्रमाद मत कर ?
🅰गौतमस्वामी  से भगवान महावीर ने
8⃣ये तुम्हारी लब्धि का आहार
 नहीं।
🅰नेमी नाथ भगवान ने ढँढ़न मुनि को

9⃣निरवद्य स्थान पर परठ आओ ?
🅰धर्म घोष जी ने धर्म रूचि से
🔟मुझे प्रतिबोध का वचन दो तो दीक्षा की आज्ञा दूं ?,
🙏🏻तेतली पुत्र ने पोटीलासे


1🥀"देवराज के मुख से मनुष्य जैसे प्राणी की यह प्रशंसा शोभा नही देती? "1👉संगम ने कहा - देवराज इन्द्र  ने सुना.

2🌞"मेरे धर्माचार्य भ. महावीर इसी पोलासपूर के श्री वन उद्यान में विराज रहे हैं? "
2👉गौतमस्वामी ने कहा - अतिमुक्तक ने सुना  .

3🌞"मोम के दात से लोहे के चने चबाने के समान संयम अत्यन्त दुष्कर हैं? "
3👉मृगामाता ने कहा - मृगापुत्र ने सुना.

4🌞"मदीरा एवं द्विपायन रूषि के कोप द्वारा द्वारिका नगरी का विनाश होगा? "
4👉भ. अरिष्टनेमि ने कहा - कृष्ण वासुदेव ने सुना.

5🌞प्रसन्नचंद्र राजा अभी काल करे तो कहा जायेगा? "
5👉श्रेणिक राजा ने कहा -भ. महावीर ने सुना.

6🌞" निरंतर कर्म करते रहो परन्तु उसमें आसक्त मत बनो ?"
6👉श्री कृष्ण ने कहा- अर्जुन ने सुना.

7🌞"है  , देवानुप्रिय! यह तुम्हारी  लब्धि का आहार नही हैं? "
7👉भ. नेमिनाथजी ने कहा - ढंढण मुनि ने सुना.

8🌞"प्रभु!  जीव सोता हुआ भला या जागता हुआ ?"
8👉जयन्ति श्राविका ने कहा - भ. महावीर ने सुना.

9🌞"भावी तिर्थंकर होने से तुम्हारे गुणगान करता हूँ ?"
9👉भरत चक्रवर्ती ने कहा - मरीचि ने सुना.

10🌞" तुझे धिक्कार है ! इससे तो मर जाना ही श्रेष्ठ है  ?"
 10👉राजीमती  ने कहा - रथनेमि ने सुना.

11🌞"शरणागत की रक्षा करना क्षत्रिय का कर्तव्य हैं  !"
 11👉मेघरथ राजा ने कहा - बांज पक्षी ने सुना.

12🌞"बारहवी प्रतिमा अंगीकार करने की भावना हैं  !" 12👉गजसुकुमाल ने कहा - भ. नेमिनाथ ने सुना.

13🌞मुझे बच्चे खिलाने का मौका ही नही मिला  ! "
 13👉देवकी ने कहा - श्री कृष्ण वासुदेव ने सुना.

14🌞" जो वमन कर दिया है उसे चाट रहे हो  ! "
 14👉राजुल ने कहा - रथनेमी ने सुना.

15🌞श्रावक को इतना उत्कृष्ट ग्यान नही हो सकता  !"
 15👉गौतमस्वामी ने कहा - आनंद श्रावक ने सुना.

16🌞" मेरे मरने के बाद मेरे शरीर पर तीन बार थूकना  !" 16👉गौशालक ने कहा - शिष्यो ने सुना.

17🌞"मैं मांगू तब शाल के दाने वापस देना !"
 17👉धन्ना सेठ ने कहा - चार बहुएँ ने सुना.

18🌞" तुम मुझे खून दो  ! मैं तुम्हें आजादी दूँगा  !"
 18👉सुभाषचंन्द्र बोस ने कहा - परतंत्र जनता ने सुना.

19🌞" मैं आपका नाथ बनता हूँ  ! "
 19👉राजा श्रेणिक ने कहा - अनाथी मुनि ने सुना.

20🌞" गर्भ संहरण करो  !" 20👉इन्द्र महाराज ने कहा - हरिणगमैषी देव ने सुना.

21🌞"अभिमान के हाथी से नीचे उतरो! "
 21👉ब्राम्ही, सुंदरी ने कहा - बाहुबली ने सुना.

22🌞" समय मात्र का प्रमाद मत करो  ! "
 22👉भ. महावीर ने कहा - गौतम स्वामी ने सुना.

23🌞" अंधे के बेटे अंधे ही होते हैं  !"
 23👉द्रोपदी ने कहा - दुर्योधन ने सुना.

24🌞"निर्वद्य  स्थान पर परठ आओ ! "
 24👉धर्मघोष मुनि ने कहा - धर्मरूचि अणगार ने सुना.

25🌞" आप स्वयं अनाथ हो  ! "
 25👉अनाथी मुनि ने कहा - श्रेणिक राजा ने सुना.

26🌞"अभी मैं लुहार को ले आता हूँ  !" 26👉धन्नासेठ ने कहा - चन्दनबाला ने  सुना.

27🌞" जब में चल हट कहुँ तब दिक्षा लेना! "
 27👉राजा श्रेणिक ने कहा - अभयकुमार ने सुना.

28🌞अपने उपकारी धर्माचार्य का उपकार भूल गया.! "?
 28👉सुनक्षत्र मुनी ने कहा -गौशालक ने सुना.

29🌞"एेसे अंधेरे में सर्प दिख गया! "? 29👉चंदना ने  कहा - मृगावती ने सुना.

30🌞"भत्ते! 'मिच्छामि दुक्कडं ' आपको लेना चाहिए  !"
 30👉आनंद श्रावक ने  कहा - गौतम स्वामी ने  सुन

*

1⃣ *"भगवन!!यह दंपति कौन हैं"!!!*
🆗 *गौतम स्वामी ने महावीर स्वामी से।*

2⃣ *"इनकी पीड़ा मेरे ह्रदय की शूल बन गयी है"!!!*
🆗 *सिद्धार्थ सेठ ने खरक वैध से कहा।*

3⃣ *"महाराज!!यह जल जो अभी आपने पिया और सराहा है वह उसी गंदी मोरी का दुर्गंधमय जल है"!!*
🆗 *मंत्री सुबुद्धि ने जितशत्रु राजा से कहा।*

4⃣ *"राजन!! मुझे बैलों की जोड़ी पूरी करनी है!!"*
🆗 *मम्मण सेठ ने महाराज श्रेणिक से कहा।*

5⃣ *"अकेले भोजन किया है तो अकेले शौच भी जा आओ"!!*
🆗 *विजय चोर ने धन्ना सेठ से कहा!!*

6⃣ *"जिस दिन मैं कहूं ' तूं यहां से चला जा',तब दीक्षा ले लेना"!!*
🆗 *श्रेणिक महाराज ने पुत्र अभयकुमार से कहा।*

7⃣ *"“ महाबली ! कहाँ गया तेरा वह बल जो गाय की मामूली सी टक्कर भी सहन ना कर सका और पृथ्वी पर गिरकर धुल चाटने लगा | वाह रे महाबली"!!*
🆗 *विशाखानंदी ने विश्वभूती मुनि से कहा।*

8⃣ *"दुष्कर, दुष्कर"!!*
🆗 *आचार्य संभूति विजय जी ने शिष्य स्थूलिभद्र जी से कहा।*

9⃣ *"लोगों के मुख सॆ तूने सुना है ना कि छः महीनों में मॆरी मृत्यु हो जायेगी"!!*
🆗 *महावीर स्वामी ने सिंह अणगार से कहा।*

1⃣0⃣ *"जियो चाहे मरो"!!!*
🆗 *महावीर स्वामी की धर्म सभा में एक देव ने अभयकुमार से कहा।*

1⃣1⃣ *"यदि तुम दीक्षा अंगीकार करो तो तुम्हें भोजन मिल सकता है"!!*
🆗 *आर्य सुहस्ति सूरीजी ने द्रमुख भिखारी से कहा।*

1⃣2⃣ *"हे प्रभो! यह राज्य भी आपकी ही कृपा का फल है उस समय आपके दर्शन नहीं हुए होते तो मुझे संयम की प्राप्ति कहां से होती? गत भव में आप मेरे गुरु थे- इस भव में भी आप ही मेरे गुरु हो । हे प्रभो! आप मुझे योग्य आदेश करें"!!*
🆗 *संप्रति महाराज ने आर्य सुहस्ति सूरीजी से कहा।*

1⃣3⃣ *"प्रिये! मेरा मन तो पहले से ही संयम लक्ष्मी को पाने के लिए अत्यंत ही उत्सुक था . . . यह बात मैंने पहले से ही स्पष्ट कर दी थी. . . अब तूं गर्भवती बन चुकी है, भविष्य में तेरा पुत्र तुझे सहायक बन सकेगा । और तूं मुझे दीक्षा के लिए अनुमति दे दे"!!*
🆗 *धनगिरी जी ने पत्नी सुनंदा से कहा।*

1⃣4⃣ *" हे मुनिवर! आज गोचरी में सचित या अचित जो भी भिक्षा मिले, उसे ग्रहण कर लेना"!!!*
🆗 *आचार्य सिंहगिरी जी ने शिष्य धनगिरी मुनि जी से कहा।*

1⃣5⃣ *"मेरी यह पुत्री आप में आसक्त हैं,; अतः इसके साथ पाणिग्रहण कर मुझे कृतार्थ करें। इस कन्या के पाणिग्रहण के प्रसंग में मैं एक करोड़ स्वर्ण प्रदान करूंगा"!!*
🆗 *रुक्मिणी के पिता ने व्रज स्वामी जी से कहा।*

1⃣6⃣ *"बेटा! तेरी इस समर्पण भावना से मुझे प्रसन्नता है। बेटा! तू यदि दृष्टिवाद का अध्ययन करें तो मुझे प्रसन्नता होगी"!!!*
🆗 *माता रुद्रसोमा जी ने पुत्र आर्यरक्षित जी से कहा।*

1⃣7⃣ *"गृहस्थ को अवधिज्ञान होना तो संभव है परन्तु वह इतनी दूर तक नहीं देख सकता"!!!*
🆗 *गौतम स्वामी जी ने आनंद श्रावक से कहा।*

1⃣8⃣ *"मैं तो अब खुद ही भिक्षुक हूं तो तुम्हें क्या दे सकता हूं"'??*
🆗 *महावीर स्वामी ने सोमिल ब्राह्मण से कहा।*

1⃣9⃣ *"वत्स! तुम इस प्रकार का अतिदुष्कर अभिग्रह धारण मत करो । मेरु की तरह स्थिर एक मात्र स्थूलभद्र ही इस प्रकार के अभिग्रह को धारण कर पूर्ण करने में समर्थ है!!"'*
🆗 *आचार्य संभूतिविजयजी ने सिंह गुफ़ावासी मुनि से कहा।*

2⃣0⃣ *"गुरुदेव!आपश्री के पैर से एक मेंढकी की हिंसा हुई लगती है। कृपया प्रायश्वित ले लिजिए"!!*
🆗 *शिष्य ने गोभद्र मुनि से कहा!!*

2⃣1⃣ *"प्रभु!!यह तेजोलेश्या क्या चीज है।इसे प्राप्त करने की विधि क्या है??"*
🆗 *गोशालक ने महावीर स्वामी से कहा।*

2⃣2⃣ *"यदि आप हाथी लेना चाहते हो,तो हमारे हिस्से का राज्य दे दिजिए"!!*
🆗 *हल्ल-विहल्ल कुमार ने राजा कोणिक से कहा।*

2⃣3⃣ *"भगवान!!!यह तिल का पौधा फलेगा या नहीं"!!*
🆗 *गोशालक ने वीर प्रभु से कहा।*

2⃣4⃣ *"हे वनराज!तू चिंता मत कर!तू कायर की तरह नहीं मरा! तुझे मारने वाला इस अवसर्पिनी काल का प्रथम वासुदेव है"!!!*
🆗 *त्रिपुष्ट वासुदेव के सारथी ने सिंह से कहा*
*(सारथी जो गौतम स्वामी का जीव था/ सिंह जो हलुक किसान का जीव था)*

2⃣5⃣ *"एक की किंमत सवा लाख सोनामहोर है"'!!!*
🆗 *नेपाली कंबल व्यापारी ने श्रेणिक महाराज से कहा*
*भद्रा माता भी सही है*!
*दोनों से कहा था*!

👩‍👦‍👦 मैं कौन - प्रभु ने कहा था , वत्स ! तेरा पारणा तेरी माता द्वारा होगा , लेकिन भद्रा माता के घर से तो मैं बिना कुछ लिए ही लौटा
 A शालिभद्र जी

किसने किससे कहा? उत्तर

1 " गोयम एक क्षण भी प्रमाद मत कर "
भगवान महावीर ने गौतम स्वामी से

2" 12 वी प्रतिमा अंगीकार करने की भावना है"
गजमुनि ने भगवन नेमिनाथ से

3"  मुझे प्रतिबोध का वचन दो तो दीक्षा दूँ"
टेटलीपुत्र ने पोटीला से

4 भंते! मिच्छामी दुक्कड़म तो आपको लेना चाहिए।
आनंद श्रावक ने गौतम स्वामी से

5  प्रभु! जीव सोता भला की जागता?
जयंती ने भगवान महावीर से

6 तू भी अभयदाता बन।
गर्दभ ने सयंती राजा से

7 भावी तीर्थंकर होने से मे तुम्हे वंदना करता हू।
भरत राजा ने मरीचि से

8 हमारे राजा को आस्तिक बनाओ।
चित्तसार्थि ने केशिश्रमन से

9 तू सातवे दिन मरकर नरक में जाएगी।
महाशतक ने रेवती से

10 अभी काल करे तो सातवी नरक में जाये।
भगवान महावीर ने श्रेणिक से

11 पुरोहित ने वमन किया और तुम चाट रहे हो।
कमलावती ने इक्षुकार राजा से

12 धिक्कार है तुझे इससे तो मर जाना श्रेष्ठ है।
राजमती बे रथनेमी से

13 शरणागत की रक्षा करना क्षत्रिय का कर्तव्य है।
मेघरथ राजा ने बाज पक्षी से

14 प्रभु! मुर्गी पहले या अंडा?
रोहा अनगार ने भगवान महावीर से

15 तुम मरकर छठे नरक में जाओगे।
भगवान महावीर ने कोणिक से

16 मुझे बच्चे खिलlने का मौका नहीं मिला।
देवकी ने कृष्ण से

 17 देवी! तू पतिव्रता है मेरी भूल माफ़ कर दे।
पवन ने अंजना से

18 मोम के दांत से लोहे के चने चबाने  के समान सैयम अत्यंत दुष्कर है।
मृगमाता ने मृगपुत्र से

19 तू कठियारे जैसा मुर्ख है।
केसिस्वामी ने परदेशी राजा को

20 मै मांगू तब शाल में दाने वापस देना।
धन्नासेठ ने 4 बहुओ से

21 मिट्टी के बर्तन कैसे बने? नियति से या पुरुषार्थ से।
भगवान महावीर ने सकडाल पुत्र से

22 तुम ना मरो ना जियो।
देवता ने कालसौक्रिक कसाई से

23 साध्वी को खुले में अतपना लेना नहीं कलपता।
गुरुणि ने सुकुमालिका से

24 जो मै जानता हु वो मैं नहीं जानता। जो मै नहीं जानता वो मै जानता हु।
अतिमुक्तक ने अपनी माता से

25 केवलज्ञान रुपी सूर्य कब अस्त होगा?
सुधर्मा स्वामी ने भगवान महावीर से

26 गर्भसहरण करो।
इंद्र ने हरिंगमेशि देव से

27 मुझे वारस नहीं आरस चाहिए।
विमलमंत्री ने अधिष्ठायक देवी से

28 भगवान आपका हृदय वज्र से अधिक दृढ़ है।
भुवनपति देव ने भगवान महावीर से

29 हे देवनुप्रिय! ये तुम्हारी लब्धि का आहार नही है
भगवान नेमिनाथ ने ढं ढं मुनि से।

30 तूने पूर्व जन्म में बकरे को बचाया इसलिए तू महाराजा बना।
सिद्धसेन सूरी ने विक्रमराजा से

 31 निर्वाध्य स्थान में परठ आओ
धर्मघोष ने धर्मरुचि से
✍👏👏👏👏👏

 को धक्के देकर नगर के बाहर निकाल दो⁉
❇3⃣0⃣हे मुनि ! यह तेरी लब्धि का आहार नही⁉

*किसने किससे कहाँ*🍁

❇1⃣वत्स्य तेरी साधना दुष्कर ,अति दुष्कर ,महा दुष्कर है⁉
🅰1⃣सम्भूति विजयजी ने स्थूलिभद्रजी से‼
❇2⃣ आचार्य प्रवर गुफा में हमारा भाईमुनि नही सिंह बैठा है⁉
🅰2⃣यक्षाजी ने भद्रबाहुजी से‼
❇3⃣भगवन ! हम दोनों वैद्य है!आपकी आज्ञा हो तो औषधि देकर शरीर व्याधि को शान्त करे ⁉
🅰3⃣वैद्य रूप धरि विजय ,वैजयन्त देव ने सनत्कुमार मुनि से‼
❇4⃣संगीत रुकवाकर इन्हें विदा क्यों नही किया⁉
🅰4⃣त्रिपृष्ट वासुदेव ने शय्यापालक से‼
❇5⃣ एक ही जन्म मे एक ही व्यक्ति के अठारह नाते कैसे संभव है⁉
🅰5⃣प्रभव ने जम्बुकुमार्जि से‼
❇6⃣ इन दाढो की खीर बनाकर जो पी जाएगा उसके हाथों तुम्हारी मृत्यु होगी⁉
🅰6⃣भविष्यवेत्ता ने परशुराम से‼
❇7⃣तुम 13 रत्न मिलकर भी मेरे पुत्रो की रक्षा नही कर सके⁉
🅰7⃣सगर चक्रवर्ती ने अपने रत्नों से कहा‼

❇8⃣इसके कानो में उबलता हुआ शीशा भरवा दो⁉
🅰8⃣त्रिपृष्ट ने अनुचर को कहा‼
❇9⃣ आज तुझे मनुष्य के मास की भिक्षा मिलेगी⁉
🅰9⃣सिद्धार्थ देव ने गौशालक से ‼
❇🔟 प्रभु !जीव सोता भला की जागता⁉
🅰🔟जयंतीजी ने प्रभु महावीर से पूछा‼
❇1⃣1⃣अठाइसवर्ष माता पिताके लिए रुके तो दो वर्ष मेरे लिए रुक जाओ⁉
🅰1⃣1⃣नंदिवर्धनजी ने भ महावीरजी से ‼
❇1⃣2⃣तुम तत्वत मुनि हो या जुओं का घर⁉
🅰1⃣2⃣गौशालक ने केशिकायन से‼
❇1⃣3⃣छटी नरक में तो श्रीदेवी जाती हैं ,मुझे तो सातवी नरक में जाना है⁉
🅰1⃣3⃣कौनिक ने भ महावीरजी से‼
❇1⃣4⃣ आयुष्मान ! सेना लेकर तुम अष्टापद पर्वत जाओ और गंगा के पानी से पीड़ित लोगो का कष्ट दूर करो⁉
🅰1⃣4⃣सगर चक्रवर्ती ने पौत्र भगीरथ से‼
❇1⃣5⃣ यह नाटिका तो मैने पहले भी कभी देखि है?? कहा देखी⁉
🅰1⃣5⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती का चिंतन है‼
❇1⃣6⃣ हे करुणासागर ! आप शांत हो जाइये ,अपनी तेजोलेश्या का संवरण कीजिये⁉
🅰1⃣6⃣चित्त मुनि ने सम्भूति मुनि से‼
❇1⃣7⃣ तुम्हारे स्वामी हमसे हाथी घोडा आदि उत्तम वस्तुएं क्यों मांगता है⁉
🅰1⃣7⃣द्वीपृष्ट वासुदेव ने तारक प्रतिवासुदेव के दूत से कहा‼
❇1⃣8⃣ आप जिस विमान की आश्रय में हो  वह विमान नवकार मन्त्र की प्रभाव  से जल में तैर रहाहै⁉
🅰1⃣8⃣ज्योतिष देव ने सुभूम चक्रवर्ती से कहा‼
❇1⃣9⃣ वनराज शोक न करो ! तुम किसी छोटे व्यक्ति के हाथों नही मारे जा रहेहो⁉
🅰1⃣9⃣त्रिपृष्ट वासुदेव के सारथी ने सिंह से‼
❇2⃣0⃣अंधे के बेटे अंधे ही होते है⁉
🅰2⃣0⃣द्रोपदी ने दुर्योधन से कहा‼
❇2⃣1⃣ अपने उपकारी धर्माचार्यजी का उपकार भूल गया ⁉
🅰2⃣1⃣सुनक्षत्र मुनि ने गौशालक से ‼
❇2⃣2⃣ यह कायर का नही महावीर का पाट है⁉
🅰2⃣2⃣पु धर्माचार्यजी म सा ने संथारे से डिगे हुए शिष्य से‼
❇2⃣3⃣ खणमित्त सुक्खा बहुकाल दुक्खा⁉
🅰2⃣3⃣देवभद्र यशोभद्र ने उनके पिता से ‼
❇2⃣4⃣ तू जैसा है वैसे ही तेरे गुरु होंगे⁉
🅰2⃣4⃣पाश्वपत्त श्रमण  ने गौशालक से‼
❇2⃣5⃣ निरन्तर कर्म करते रहो परन्तु उसमे आसक्त मत बनो⁉
🅰2⃣5⃣श्रीकृष्णजी ने अर्जुन से ‼
❇2⃣6⃣ भगवान के दरबार में प्राणिमात्र को आने का अधिकार है⁉
🅰2⃣6⃣सुदर्शन सेठ ने अर्जुनमाली से‼
❇2⃣7⃣तू भी अभयदाता बन⁉
🅰2⃣7⃣गर्दभाली मुनि ने संयति राजा से‼
❇2⃣8⃣सभी ब्राम्हणो के नेत्र निकालके मेरे सामने उपस्थित करो⁉
🅰2⃣8⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती ने सेवको से‼
❇2⃣9⃣ यही है पाखंडी...इस मुनि को धक्के देकर नगर के बाहर निकाल दो⁉
🅰2⃣9⃣नमुचि प्रधान मंत्री ने राजसेवको से‼
❇3⃣0⃣हे मुनि ! यह तेरी लब्धि का आहार नही⁉
🅰3⃣0⃣भ नेमिनाथजी ने ढंढंन मुनि से कहा‼


*किसने किससे कहाँ*🍁

❇1⃣वत्स्य तेरी साधना दुष्कर ,अति दुष्कर ,महा दुष्कर है⁉
🅰1⃣सम्भूति विजयजी ने स्थूलिभद्रजी से‼
❇2⃣ आचार्य प्रवर गुफा में हमारा भाईमुनि नही सिंह बैठा है⁉
🅰2⃣यक्षाजी ने भद्रबाहुजी से‼
❇3⃣भगवन ! हम दोनों वैद्य है!आपकी आज्ञा हो तो औषधि देकर शरीर व्याधि को शान्त करे ⁉
🅰3⃣वैद्य रूप धरि विजय ,वैजयन्त देव ने सनत्कुमार मुनि से‼
❇4⃣संगीत रुकवाकर इन्हें विदा क्यों नही किया⁉
🅰4⃣त्रिपृष्ट वासुदेव ने शय्यापालक से‼
❇5⃣ एक ही जन्म मे एक ही व्यक्ति के अठारह नाते कैसे संभव है⁉
🅰5⃣प्रभव ने जम्बुकुमार्जि से‼
❇6⃣ इन दाढो की खीर बनाकर जो पी जाएगा उसके हाथों तुम्हारी मृत्यु होगी⁉
🅰6⃣भविष्यवेत्ता ने परशुराम से‼
❇7⃣तुम 13 रत्न मिलकर भी मेरे पुत्रो की रक्षा नही कर सके⁉
🅰7⃣सगर चक्रवर्ती ने अपने रत्नों से कहा‼

❇8⃣इसके कानो में उबलता हुआ शीशा भरवा दो⁉
🅰8⃣त्रिपृष्ट ने अनुचर को कहा‼
❇9⃣ आज तुझे मनुष्य के मास की भिक्षा मिलेगी⁉
🅰9⃣सिद्धार्थ देव ने गौशालक से ‼
❇🔟 प्रभु !जीव सोता भला की जागता⁉
🅰🔟जयंतीजी ने प्रभु महावीर से पूछा‼
❇1⃣1⃣अठाइसवर्ष माता पिताके लिए रुके तो दो वर्ष मेरे लिए रुक जाओ⁉
🅰1⃣1⃣नंदिवर्धनजी ने भ महावीरजी से ‼
❇1⃣2⃣तुम तत्वत मुनि हो या जुओं का घर⁉
🅰1⃣2⃣गौशालक ने केशिकायन से‼
❇1⃣3⃣छटी नरक में तो श्रीदेवी जाती हैं ,मुझे तो सातवी नरक में जाना है⁉
🅰1⃣3⃣कौनिक ने भ महावीरजी से‼
❇1⃣4⃣ आयुष्मान ! सेना लेकर तुम अष्टापद पर्वत जाओ और गंगा के पानी से पीड़ित लोगो का कष्ट दूर करो⁉
🅰1⃣4⃣सगर चक्रवर्ती ने पौत्र भगीरथ से‼
❇1⃣5⃣ यह नाटिका तो मैने पहले भी कभी देखि है?? कहा देखी⁉
🅰1⃣5⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती का चिंतन है‼
❇1⃣6⃣ हे करुणासागर ! आप शांत हो जाइये ,अपनी तेजोलेश्या का संवरण कीजिये⁉
🅰1⃣6⃣चित्त मुनि ने सम्भूति मुनि से‼
❇1⃣7⃣ तुम्हारे स्वामी हमसे हाथी घोडा आदि उत्तम वस्तुएं क्यों मांगता है⁉
🅰1⃣7⃣द्वीपृष्ट वासुदेव ने तारक प्रतिवासुदेव के दूत से कहा‼
❇1⃣8⃣ आप जिस विमान की आश्रय में हो  वह विमान नवकार मन्त्र की प्रभाव  से जल में तैर रहाहै⁉
🅰1⃣8⃣ज्योतिष देव ने सुभूम चक्रवर्ती से कहा‼
❇1⃣9⃣ वनराज शोक न करो ! तुम किसी छोटे व्यक्ति के हाथों नही मारे जा रहेहो⁉
🅰1⃣9⃣त्रिपृष्ट वासुदेव के सारथी ने सिंह से‼
❇2⃣0⃣अंधे के बेटे अंधे ही होते है⁉
🅰2⃣0⃣द्रोपदी ने दुर्योधन से कहा‼
❇2⃣1⃣ अपने उपकारी धर्माचार्यजी का उपकार भूल गया ⁉
🅰2⃣1⃣सुनक्षत्र मुनि ने गौशालक से ‼
❇2⃣2⃣ यह कायर का नही महावीर का पाट है⁉
🅰2⃣2⃣पु धर्माचार्यजी म सा ने संथारे से डिगे हुए शिष्य से‼
❇2⃣3⃣ खणमित्त सुक्खा बहुकाल दुक्खा⁉
🅰2⃣3⃣देवभद्र यशोभद्र ने उनके पिता से ‼
❇2⃣4⃣ तू जैसा है वैसे ही तेरे गुरु होंगे⁉
🅰2⃣4⃣पाश्वपत्त श्रमण  ने गौशालक से‼
❇2⃣5⃣ निरन्तर कर्म करते रहो परन्तु उसमे आसक्त मत बनो⁉
🅰2⃣5⃣श्रीकृष्णजी ने अर्जुन से ‼
❇2⃣6⃣ भगवान के दरबार में प्राणिमात्र को आने का अधिकार है⁉
🅰2⃣6⃣सुदर्शन सेठ ने अर्जुनमाली से‼
❇2⃣7⃣तू भी अभयदाता बन⁉
🅰2⃣7⃣गर्दभाली मुनि ने संयति राजा से‼
❇2⃣8⃣सभी ब्राम्हणो के नेत्र निकालके मेरे सामने उपस्थित करो⁉
🅰2⃣8⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती ने सेवको से‼
❇2⃣9⃣ यही है पाखंडी...इस मुनि को धक्के देकर नगर के बाहर निकाल दो⁉
🅰2⃣9⃣नमुचि प्रधान मंत्री ने राजसेवको से‼
❇3⃣0⃣हे मुनि ! यह तेरी लब्धि का आहार नही⁉
🅰3⃣0⃣भ नेमिनाथजी ने ढंढंन मुनि से कहा‼




*किसने किससे कहाँ*🍁

❇1⃣वत्स्य तेरी साधना दुष्कर ,अति दुष्कर ,महा दुष्कर है⁉
🅰1⃣सम्भूति विजयजी ने स्थूलिभद्रजी से‼
❇2⃣ आचार्य प्रवर गुफा में हमारा भाईमुनि नही सिंह बैठा है⁉
🅰2⃣यक्षाजी ने भद्रबाहुजी से‼
❇3⃣भगवन ! हम दोनों वैद्य है!आपकी आज्ञा हो तो औषधि देकर शरीर व्याधि को शान्त करे ⁉
🅰3⃣वैद्य रूप धरि विजय ,वैजयन्त देव ने सनत्कुमार मुनि से‼
❇4⃣संगीत रुकवाकर इन्हें विदा क्यों नही किया⁉
🅰4⃣त्रिपृष्ट वासुदेव ने शय्यापालक से‼
❇5⃣ एक ही जन्म मे एक ही व्यक्ति के अठारह नाते कैसे संभव है⁉
🅰5⃣प्रभव ने जम्बुकुमार्जि से‼
❇6⃣ इन दाढो की खीर बनाकर जो पी जाएगा उसके हाथों तुम्हारी मृत्यु होगी⁉
🅰6⃣भविष्यवेत्ता ने परशुराम से‼
❇7⃣तुम 13 रत्न मिलकर भी मेरे पुत्रो की रक्षा नही कर सके⁉
🅰7⃣सगर चक्रवर्ती ने अपने रत्नों से कहा‼

❇8⃣इसके कानो में उबलता हुआ शीशा भरवा दो⁉
🅰8⃣त्रिपृष्ट ने अनुचर को कहा‼
❇9⃣ आज तुझे मनुष्य के मास की भिक्षा मिलेगी⁉
🅰9⃣सिद्धार्थ देव ने गौशालक से ‼
❇🔟 प्रभु !जीव सोता भला की जागता⁉
🅰🔟जयंतीजी ने प्रभु महावीर से पूछा‼
❇1⃣1⃣अठाइसवर्ष माता पिताके लिए रुके तो दो वर्ष मेरे लिए रुक जाओ⁉
🅰1⃣1⃣नंदिवर्धनजी ने भ महावीरजी से ‼
❇1⃣2⃣तुम तत्वत मुनि हो या जुओं का घर⁉
🅰1⃣2⃣गौशालक ने केशिकायन से‼
❇1⃣3⃣छटी नरक में तो श्रीदेवी जाती हैं ,मुझे तो सातवी नरक में जाना है⁉
🅰1⃣3⃣कौनिक ने भ महावीरजी से‼
❇1⃣4⃣ आयुष्मान ! सेना लेकर तुम अष्टापद पर्वत जाओ और गंगा के पानी से पीड़ित लोगो का कष्ट दूर करो⁉
🅰1⃣4⃣सगर चक्रवर्ती ने पौत्र भगीरथ से‼
❇1⃣5⃣ यह नाटिका तो मैने पहले भी कभी देखि है?? कहा देखी⁉
🅰1⃣5⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती का चिंतन है‼
❇1⃣6⃣ हे करुणासागर ! आप शांत हो जाइये ,अपनी तेजोलेश्या का संवरण कीजिये⁉
🅰1⃣6⃣चित्त मुनि ने सम्भूति मुनि से‼
❇1⃣7⃣ तुम्हारे स्वामी हमसे हाथी घोडा आदि उत्तम वस्तुएं क्यों मांगता है⁉
🅰1⃣7⃣द्वीपृष्ट वासुदेव ने तारक प्रतिवासुदेव के दूत से कहा‼
❇1⃣8⃣ आप जिस विमान की आश्रय में हो  वह विमान नवकार मन्त्र की प्रभाव  से जल में तैर रहाहै⁉
🅰1⃣8⃣ज्योतिष देव ने सुभूम चक्रवर्ती से कहा‼
❇1⃣9⃣ वनराज शोक न करो ! तुम किसी छोटे व्यक्ति के हाथों नही मारे जा रहेहो⁉
🅰1⃣9⃣त्रिपृष्ट वासुदेव के सारथी ने सिंह से‼
❇2⃣0⃣अंधे के बेटे अंधे ही होते है⁉
🅰2⃣0⃣द्रोपदी ने दुर्योधन से कहा‼
❇2⃣1⃣ अपने उपकारी धर्माचार्यजी का उपकार भूल गया ⁉
🅰2⃣1⃣सुनक्षत्र मुनि ने गौशालक से ‼
❇2⃣2⃣ यह कायर का नही महावीर का पाट है⁉
🅰2⃣2⃣पु धर्माचार्यजी म सा ने संथारे से डिगे हुए शिष्य से‼
❇2⃣3⃣ खणमित्त सुक्खा बहुकाल दुक्खा⁉
🅰2⃣3⃣देवभद्र यशोभद्र ने उनके पिता से ‼
❇2⃣4⃣ तू जैसा है वैसे ही तेरे गुरु होंगे⁉
🅰2⃣4⃣पाश्वपत्त श्रमण  ने गौशालक से‼
❇2⃣5⃣ निरन्तर कर्म करते रहो परन्तु उसमे आसक्त मत बनो⁉
🅰2⃣5⃣श्रीकृष्णजी ने अर्जुन से ‼
❇2⃣6⃣ भगवान के दरबार में प्राणिमात्र को आने का अधिकार है⁉
🅰2⃣6⃣सुदर्शन सेठ ने अर्जुनमाली से‼
❇2⃣7⃣तू भी अभयदाता बन⁉
🅰2⃣7⃣गर्दभाली मुनि ने संयति राजा से‼
❇2⃣8⃣सभी ब्राम्हणो के नेत्र निकालके मेरे सामने उपस्थित करो⁉
🅰2⃣8⃣ब्रम्हदत्त चक्रवर्ती ने सेवको से‼
❇2⃣9⃣ यही है पाखंडी...इस मुनि को धक्के देकर नगर के बाहर निकाल दो⁉
🅰2⃣9⃣नमुचि प्रधान मंत्री ने राजसेवको से‼
❇3⃣0⃣हे मुनि ! यह तेरी लब्धि का आहार नही⁉
🅰3⃣0⃣भ नेमिनाथजी ने ढंढंन मुनि से कहा‼




1️⃣  पाप से डरो पापी से नहीँ ?
🅰️ भ • महावीर स्वामी जी 

2️⃣ भन्ते! 12वी भिक्षु  प्रतिमा अंगीकार करने की आज्ञा चाहता हूँ?
🅰️ गजसुकुमालजी 

3️⃣ ये  हिंसा  मेरे  लिए कल्याणकारी  नहीं  हो सकती हैं ?
🅰️ अरिष्टनेमिजी 

4️⃣ आज से कोई भी साधु मेरे राज्य में  रहेगा तो उसे मृत्यु दंड दिया जायेगा ?
🅰️  नमुचि प्रधानजी

5️⃣ देखो भूलना नहीं;शाखा को बराबर पकङ लेना ?
🅰️ दधिवाहन राजा 
 
6️⃣ जो  सारभूत था,वह मैने ले लिया,निस्सार जल  रहा है?
🅰️ नमिराजर्षिजी 

7️⃣ माता पिता के  वियोग के घाव मिटे भी नहीं,और तुम दीक्षा की आज्ञा मांग रहे हो ?
🅰️ नंदिवर्धनजी 

8️⃣ सेठ जी! नारी का सबसे बड़ा  दुःख,उसकी कुरूपता हैं?
🅰️ कुब्जा दासी

9️⃣ वैभव में आपसे बढकर हमारी शक्ति है,पर त्याग संयम में  नहीं?
🅰️इन्द्र महाराज ने 

🔟हे राजन्!आज आपकी धर्म परिक्षा की घङी है सामायिक,पौषध,पर्यूषण तो केवल दिखावा है?
🅰️चण्डप्रधोत जी 

1️⃣1️⃣हर प्राणी अपने स्वभाव से दुःखी होता है?
🅰️शेक्सपियर जी 

1️⃣2️⃣प्रेम का घास-पात भी पाप के मेवा मिष्ठान्न से श्रेष्ठ है?
🅰️श्री कृष्ण जी 

1️⃣3️⃣काम का काम बन गया और बिगड़े काम का किसीको पता भी नहीं चला?
🅰️नाग श्री ब्राह्मणी 

1️⃣4️⃣मैं सातवाँ खण्ड साध के बताउंगा?
🅰️सगर चक्रवर्ती जी 

1️⃣5️⃣संसार में सात ही समुद्र है,और सात हीं ध्दिप हैं?
🅰️शिवराज ऋषि जी 

1️⃣6️⃣मैं तुम्हे मेरी दोनों विद्या देता हूँ, तुम मुझे पैर चिपकने वालीं विद्या दो?
🅰️प्रभव जी 

1️⃣7️⃣मैने रात्रि में स्वप्न देखा कि मैंने चौरासी हजार मुनियों को मासखमण के पारणे करवाये?
🅰️सेठ जिनदास जी 

1️⃣8️⃣जीव मात्र से एकता बनायें बिना प्रार्थना,पूजा पाठ करना व्यर्थ है?
🅰️महात्मा गांधी जी 

1️⃣9️⃣बेटा मेरे दूध में कलंक लगायेगा क्या?
🅰️अरणक मुनि जी की माता 

2️⃣0️⃣मैने यह रहस्य इसलिए छुपाया था कि कहीं मेरी दीक्षा में बाधा न आये?
🅰️सती पद्मावती जी 

2️⃣1️⃣जहाँ नम्रता से काम बनें,वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए ?
🅰️मुंशी प्रेमचन्द्र जी





1️⃣बेटा!! श्रेणीक महाराजा आये है ❓
🅰️भद्रा माता

2️⃣कपिला!! इत्थं पि इहयं पि ❓
🅰️मरीची जी

3️⃣ समयं गोयम!! मा पमायए❓
🅰️ भगवान महावीर स्वामी

4️⃣ आप कहे तो आपकी सेवा मे रहू ❓
🅰️इंद्र महाराजा

5️⃣ तुझे संगीत सुनना बहुत पसंद है ना? ले ये उसका फल ❓
🅰️ त्रिपृष्ट वासुदेव

6️⃣ यहा कौई अतिथि मिले तो उनको देकर फीर भोजन करू ❓
🅰️नयसार जी

7️⃣दो वर्ष रूक जाओ ❓
🅰️ नंदीवर्धनजी

8️⃣ जा! तेरा मुह काला कर ❓
🅰️ श्रेणीक महाराजा

9️⃣ अभी काल करे तो सातवी नरक मे जाए
🅰️ भगवान महावीर स्वामी

1️⃣0️⃣ विरा मेरा!! गज थकी हेठा उतरो ❓
🅰️ ब्राह्मी जी सुंदरी जी

1️⃣1️⃣ मेरा धर्म लाभ कहना ❓
🅰️महावीर स्वामी जी

1️⃣2️⃣ काली अंधेरी रात में सांप को कैसे देखा ❓
🅰️ चंदनबाला जी

1️⃣3️⃣ भयवं!! किं त्ततं ❓
🅰️ गौतम स्वामी जी /गणधर

1️⃣4️⃣ सहज धक्का लगते गिर गये!! कहा गया बल ❓
🅰️ विशाखानंदी जी

1️⃣5️⃣ माताजी! एक रत्न कंबल भी किसी ने नही ली ❓
🅰️नेपाल के व्यापारी

1️⃣6️⃣ लग्नमंडप में हस्तमिलाप ने दिया मुझे पंचम ज्ञान ❓
🅰️ गुणसागर जी

1️⃣7️⃣ अरे! भरत चक्रवती का करता था नाटक! हाथ आया केवलज्ञान ❓
🅰️ अषाढाभुती जी

1️⃣8️⃣ मे मरूंगा! परंतु मेरा तिलक अमर रहेगा ❓
🅰️ कपदींमंत्री

1️⃣9️⃣ धन्य धन्य मुज ससुर ने!! दीधी मुक्ति पाघ ❓
🅰️ गजसुकुमार जी

2️⃣0️⃣ अरीसा भवन ने बता दिया, मुझे सीधा मोक्ष भवन ❓
🅰️ भरत महाराजा



वो अरिहंतसितारे 💫फलक के
हम जुगनू से जिया करते हैं,🌹

पहचानोमैं कौन हु ,पर पहचानते
ही कहाँ खुद को ,बस दूसरों को
ही देखा करते है

जिस दिन पहचान लिया खुद को
फिर पहचान को शेष कहाँ कुछ रह जायेगा🌹
राष्ट्रीका जी ने , जो दृष्टि 👀दी
उसे अपना लो तो जीने का
नजरिया 👁️बदल जाएगा
औऱ उनका ज्ञान 📚 सम्मान
यहाँ पा जायेगा

         💐अंजुगोलछा💐

**





मेरी class

1️⃣"मोम के दांत से लोहे के चने चबाने के समान संयम अत्यन्त दुष्कर हैं? "

🅰️मृगामाता ने कहा - मृगापुत्र ने सुना.

2️⃣प्रसन्नचंद्र राजा अभी काल करे तो कहा जायेगा? "

3️⃣श्रेणिक राजा ने कहा -भ. महावीर ने सुना.


4️⃣ तुझे धिक्कार है ! इससे तो मर जाना ही श्रेष्ठ है  ?"

 🅰️राजीमती  ने कहा - रथनेमि ने सुना।
5️⃣अपने उपकारी धर्माचार्य का उपकार भूल गया.! "?

 🅰️सुनक्षत्र मुनी ने कहा -गौशालक ने सुना

6️⃣*" हे मुनिवर! आज गोचरी में सचित या अचित जो भी भिक्षा मिले, उसे ग्रहण कर लेना"!!!*

🅰️आचार्य सिंहगिरी जी ने शिष्य धनगिरी मुनि जी से कहा।*


 7️⃣प्रभु  आप ने कहा था , वत्स ! तेरा पारणा तेरी माता द्वारा होगा , लेकिन भद्रा माता के घर से तो मैं बिना कुछ लिए ही लौटा

 A शालिभद्र जी ने कहा ,वीर जी ने सुना।


8️⃣*"मेरी यह पुत्री आप में आसक्त हैं,; अतः इसके साथ पाणिग्रहण कर मुझे कृतार्थ करें। इस कन्या के पाणिग्रहण के प्रसंग में मैं एक करोड़ स्वर्ण प्रदान करूंगा"!!*

🆗 *रुक्मिणी के पिता ने व्रज स्वामी जी से कहा।*

9️⃣ *अरे पापी! हे राज कुलाधम तू तेरे पिता जी को इससे भी प्रिय था*❓

🅰️ *चेलणा जी ने कोणिक जी से*
1️⃣0️⃣ *"महाराज!!यह जल जो अभी आपने पिया और सराहा है वह उसी गंदी मोरी का दुर्गंधमय जल है"!!*

🆗 *मंत्री सुबुद्धि ने जितशत्रु राजा से कहा।*


1️⃣1⃣ *"भगवन!!यह दंपति कौन हैं"!!!*

🆗 *गौतम स्वामी ने महावीर स्वामी से।*


1️⃣2️⃣मुझे प्रतिबोध का वचन दो तो दीक्षा की आज्ञा दूं ?,

🙏🏻तेतली पुत्र ने पोटीलासे

1️⃣3️⃣स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है मैं इसे लेकर रहूंगा"

🅰️बाल गंगाधर तिलक ने कहा
आवाम ने सुना
1️⃣4️⃣ये तुम्हारी लब्धि का आहार नहीं

 🅰नेमी नाथ भगवान ने ढँढ़न मुनि को



1️⃣5️⃣निरवद्य स्थान पर परठ आओ ?

🅰धर्म घोष जी ने धर्म रूचि से


1️⃣6️⃣"देवराज के मुख से मनुष्य जैसे प्राणी की यह प्रशंसा शोभा नही देती? "
🅰️संगम ने कहा - देवराज इन्द्र  ने सुना.

1️⃣7️⃣"मेरे धर्माचार्य भ. महावीर इसी पोलासपूर के श्री वन उद्यान में विराज रहे हैं? "

🅰️गौतमस्वामी ने कहा - अतिमुक्तक ने सुना

1️⃣8️⃣कोई भी खास काम के सफल होने पर ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से गलती के होने की आशंका बढ़ जाती है।
🅰️कृष्ण जी ने अर्जुन से कहा।

1️⃣9️⃣मुनिवर ! वृद्धावस्था में इतना स्वाध्याय करके क्या मूसल में फुल लगाओगे ?

🅰️श्रावक ने  कहा, मुनि मुकुन्द ने सुना।
2️⃣0️⃣ मुझे जरा और मृत्यु से बचा सकते हो तो रूक जाऊं*❓

🅰️ *थावच्चापुत्र जी के श्रीकृष्ण जी से*

2️⃣1️⃣तू कठियारे जैसा मूर्ख है ?

🅰केशी स्वामीने, परदेसी राजा से

2⃣2️⃣ *"इनकी पीड़ा मेरे ह्रदय की शूल बन गयी है"!!!*

🆗 *सिद्धार्थ सेठ ने खरक वैध से कहा।*

2️⃣3️⃣ *"अकेले भोजन किया है तो अकेले शौच भी जा आओ"!!*

🆗 *विजय चोर ने धन्ना सेठ से कहा!!*
2️⃣4️⃣*"दुष्कर, दुष्कर"!!*

🆗 *आचार्य संभूति विजय जी ने शिष्य स्थूलिभद्र जी से कहा।*

2️⃣5️⃣*"यदि तुम दीक्षा अंगीकार करो तो तुम्हें भोजन मिल सकता है"!!*

🆗 *आर्य सुहस्ति सूरीजी ने द्रमुख भिखारी से कहा

2️⃣6️⃣ *"मैं तो अब खुद ही भिक्षुक हूं तो तुम्हें क्या दे सकता हूं"'??*

🆗 *महावीर स्वामी ने सोमिल ब्राह्मण से कहा।*

2️⃣7️⃣संसार मे बहुत से प्राणी
घोर अंधकार मे भटक रहे है
लोक में सभी प्राणियों को प्रकाश
देने वाला कौन हैं?
🅰️कैशी श्रमण ने पूछा औऱ गौतम स्वामी जी ने सुना।

2️⃣8️⃣यह कायरों का नहीं,महावीर का पाट है ?

धन्ना कुमार ने शालिभद्र से





🅿️🦚 अभी काल करें तो सातवीं नरक में जाए❓
🅰️🦚 भगवान महावीर स्वामीजी👉 राजा श्रेणीक़ जी

🅿️🦚 मैं मांगू तब शालि के दाने पुनः देना❓मुझे
🅰️🦚 धन्नासेठ👉अपनी बहुओं से

🅿️🦚 मुझे प्रतिबोध देने का वचन दो तो दीक्षा दूं
🅰️🦚 तेतली पुत्र👉 पोटिला

🅿️🦚 हे भंते  मिच्छामि दुक्कड़म आपको देना होगा❓
🅰️🦚 आनंद श्रावकजी👉गौतम स्वामीजी

🦚🅿️ तेरा वीरा तो कायर है❓
🅰️🦚 धन्नाजी👉 सुभद्राजी

🅿️🦚 ऐसे अंधेरे में सर्प कैसे दिखा❓
🅰️🦚 चंदनबालाजी👉 मृगावतिजी

🅿️🦚 तुम भी अभयदान देओ❓
🅰️🦚 गर्दभाली मुनी जी👉 सयंती राजा जी

🅿️🦚 हमारे राजा को भी नास्तिक बनाओ❓
🅰️🦚 चितसार्थीजी👉 केशी स्वामी जी

🅿️🦚 समय मात्र का प्रमाद ना करो❓
🅰️🦚 भगवान महावीर स्वामी जी👉 श्री गौतम स्वामी जी

🦚🅿️ अभी मैं लोहार को बुलाता हूं❓
🅰️🦚 धन्ना सेठ जी👉 वसुमति जी (चंदनाजी)

🦚🅿️ यह कायरों का नहीं वीरों का पाट है❓
🦚🅰️ पूज्य धर्मदास जी महाराज साहब👉 संथारा से डिगे शिष्य से

🅿️🦚 मैं वंदना नहीं जेलता तुम्हारे पास सचित है(अनार) हैं❓
🅰️🦚 आचार्य मान जी स्वामी👉 महाराणा प्रताप जी

🅿️🦚 तुम्हारा भविष्य जानकर वंदना करता हूं❓
🅰️🦚 भरत चक्रवर्ती जी👉 मरीचि जी

🅿️🦚 पुरोहित ने वमन किया तुम चाट रहे हो❓
🅰️🦚 रानी कमलावती जी👉 राजा इक्षुकार से

🅿️🦚 भिक्षुक प्रतिमा अंगीकार करने की भावना है❓
🅰️🦚 गज् सुकुमाल जी👉 भगवान नेमिनाथ जी

🅿️🦚 तू सातवें दिन मरकर नरक में जाएगी❓
🅰️🦚 महाशतकजीने👉 रेवती जी

🅿️🦚 धिक्कार है तुझे❓ इससे तो मर जाना श्रेष्ठ है❓
🅰️🦚 राजमती जी👉रहनेमिजी

🅿️🦚 मुझे जन्म व मृत्यु न आने दो तो आपके हाथ के नीचे रहूं❓
🅰️🦚 थावच्चापुत्र👉 श्री कृष्ण जी

🅿️🦚 मोम के दांतो से लोहे के चने चबाने के सदृश्य संयम अत्यंत दुष्कर है❓
🅰️🦚माता मृगावतीजी👉 मृगापुत्र को

🅿️🦚 मुझे बच्चों को खिलाने का अवसर नहीं मिला❓
🅰️🦚 देवकी रानी जी👉 श्री कृष्ण जी

🅿️🦚 तुम जब इस अनार को खोलोगे तब इतने दाने पाओगे❓
🅰️🦚 आचार्य श्री मान जी स्वामी 👉महाराणा प्रताप जी

🅿️🦚 युद्धों में थकान नहीं लगी उस से भी बढ़कर वंदना करने में लगी❓
🅰️🦚 श्री कृष्ण जी👉 भगवान नेमिनाथ जी

🅿️🦚 भगवान महावीर के दरबार में प्राणी मात्र को समान अधिकार है❓
🅰️🦚 श्रीसुदर्शन सेठजी👉 अर्जुन माली जी

🅿️🦚 कौवे के मांस में दवा लेनी होगी❓
🅰️🦚 वैध जी👉 राजा बंकचुल जी

🅿️🦚 मैं जानता हूं पर यह नहीं जानता हूं❓
🅰️🦚 ऐवंता मुनि जी👉 माता श्री देवी जी

🅿️🦚 तू कठीयारा जैसा मूर्ख है❓
🅰️🦚 केशी स्वामीजी 👉परदेशी राजा जी

🅿️🦚 वीरा नीचे आओ आपा दोनो मिल दीक्षा लेवा❓
🅰️🦚 धन्ना जी👉 शालिभद्रा जी

🅿️🦚 वीरा मारा गज थी नीचे उतरो❓
🅰️🦚 ब्राह्मी जी सुंदरी जी 👉बाहुबली जी

🅿️🦚 प्रभु जीव सोता हुआ अच्छा की ❓जागता हुआ❓
*🅰️🦚जयंती श्रावीका जी*
👉 *भगवान महावीर स्वामीजी*

🅿️🦚 शरणागत की रक्षा करना क्षत्रिय का परम धर्म है कर्तव्य है❓
*🅰️🦚राजा मेघरथ जी👉*बाज पक्षी से*

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04 - 01 - 2021 (2 से 2:30)

Priti Ji Savadia

Topic -::- *किसने किससे कहा..!!!*

1️⃣ "हे नरेश ! तुम उस मूर्ख लक्कड़हारे से भी अधिक मूढ़ हो ।"
🆗 केशि मुनि ने प्रदेशी राजा से कहा।

2️⃣ "यह कौन से ज्ञानी है जिनसे भाई भरमा गये । मैं स्वयं जाकर देखता हूँ । भाई को वापिस लेकर आता हूँ । यदि वे ज्ञानी हैं, तो उनसे मेरे मन की पुरानी शंका का समाधान भी पा लूंगा ।"
🆗 अग्निभूति जी ने स्वयं कहा।

3️⃣ "मुनि की मृत्यु उपवास के कारण से नहीं हुई है , उनकी आयु ही उतनी थी । उपवास तो निमित मात्र था परन्तु शुभ ध्यान से ध्याते हुए उनकी मृत्यु हुई, तो, वह देवलोक में देव बन कर च्युत हुए है और आगे मनुष्य भव कर के फिर मोक्ष पामेंगे।"
🆗 सीमंधर स्वामी जी ने यक्षा साध्वी जी से कहा।

4️⃣ "देवी ! आप दया की अवतार है । मुझे आपके दर्शन हुए हैं । अब मुझे विश्वास है कि मैं दंड -मुक्त हो जाऊंगा । आप ही मेरे लिए शरणभूत है!!"
🆗 पिंगल चोर ने दमयंती जी से कहा।

5️⃣ "हे मुनि भगवंत ! आप जैसे ज्ञानी, दक्ष, विज्ञान-विनय से संपन्न तत्त्वज्ञ को इस तरह भरी सभा में मुझे मूर्ख कहकर अपमानित करना उचित है क्या ?"
🆗 प्रदेशी राजा ने केशी मुनि जी से कहा।

6️⃣ "तुम समान वय, रंग, जाति, कुल वाले छः पुत्रों को जन्म दोगी। तुम्हारे समान भरत क्षेत्र में अन्य कोई दूसरी माता नहीं होगी । "
🆗 अतिमुक्त मुनि ने देवकी जी से कहा।

7️⃣ *"मैं उनके द्वारा वमन की हुई हूँ।तुम वमन की हुई वस्तु का उपभोग करोगे तो श्वानतुल्य  होंगे।"*
🆗 राजीमती जी ने रहनेमि जी से कहा।

8️⃣ "हे राजन, आप शोक न करे। किये कर्मो का भुगतान सब को करना है। आप नरक से आकर  अगली चौबीसी के  बारहवें तीर्थंकर बनोगे!!"
🆗 अरिष्टनेमि जी ने वासुदेव कृष्ण से कहा।

9️⃣ मेरा इकलौता पुत्र प्रभु अरिष्टनेमि के पास श्रमण-दीक्षा स्वीकार करना चाहता है। मेरी महत्वकांक्षा है कि मैं बड़े ठाट के साथ उसका निष्क्रमण करूँ। अतः आप कृपा कर छत्र चामर और मुकुट प्रदान कीजिए।"
🆗 थावच्चा माता ने श्री कृष्ण से कहा।

🔟 अहो ! इतनी समृद्धि के बावजूद पुत्र वीतराग है। उनको मेरे पर स्नेह ही नहीं है। अपनी आत्मा की साधना वो ही लक्ष्य है।
🆗 मरुदेवी माता ने स्वयं चिन्तन किया।

1️⃣1️⃣ ‘‘पुरोहित का परिवार सम्पत्ति छोड़कर साधु बन रहा है।’उनकी सम्पत्ति का कोई उत्तराधिकारी नहीं है इसलिए उस पर हमारा अधिकार हो गया है!!"
🆗 इषुकार राजा ने कमलावती रानी से कहा।

1️⃣2️⃣ "क्यों इतना गर्व करती हो,
जिसके तुम बाल गूँथ रही हो, उसी बालिका का सातवाँ पुत्र तुम्हें विधवा बनायेगा वह तुम्हारे पति और पिता दोनों का संहारक होगा।"
🆗 अतिमुक्त मुनि जी ने जीवयशा जी से कहा।

1️⃣3️⃣ "ऐसा कौन सा निर्वद्य स्थान है जंहा कोई जीव न आये। और किसी जीव को अपने प्राण त्यागना न पड़े।"
🆗 धर्म रुचि अणगार ने स्वयं चिंतन किया।

1️⃣4️⃣ "कल प्रातःकाल मैं प्रभु को बड़े आडंबर के साथ वंदन के लिए जाऊंगा ।"
🆗 दशार्णभद्र राजा ने मनोमन सोचा..!!!

1️⃣5️⃣ "प्रभु, बाहर एक पांव पर खड़े रहकर अति उग्र तप करने वाले मुनि यदि इस क्षण मृत्यु की शरण हो तो उनकी क्या गति होगी ? "
🆗 श्रेणिक महाराज ने महावीर स्वामी जी से कहा।

1️⃣6️⃣ अहो भगवन ! मैं भटक गया था। आपने मेरे भव बताकर, सही समझ देकर स्थिर किया। आप मुझे पुनः दीक्षित करे।
🆗 मेघ मुनि जी ने वीर प्रभुजी से कहा।

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📅
*༺꧁ नवकार करे भव से पार    ꧂༻*

 *DSTE ~ 22/10/2020*

*🕰️समय रात 8.45 से 9.15*

🦚 *टॉपिक -: यह वाक्य किसने कहे*🦜
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚

1️⃣  पाप से डरो पापी से नहीँ ?
🅰️ भ • महावीर स्वामी जी 

2️⃣ भन्ते! 12वी भिक्षु  प्रतिमा अंगीकार करने की आज्ञा चाहता हूँ?
🅰️ गजसुकुमालजी 

3️⃣ ये  हिंसा  मेरे  लिए कल्याणकारी  नहीं  हो सकती हैं ?
🅰️ अरिष्टनेमिजी 

4️⃣ आज से कोई भी साधु मेरे राज्य में  रहेगा तो उसे मृत्यु दंड दिया जायेगा ?
🅰️  नमुचि प्रधानजी

5️⃣ देखो भूलना नहीं;शाखा को बराबर पकङ लेना ?
🅰️ दधिवाहन राजा 
 
6️⃣ जो  सारभूत था,वह मैने ले लिया,निस्सार जल  रहा है?
🅰️ नमिराजर्षिजी 

7️⃣ माता पिता के  वियोग के घाव मिटे भी नहीं,और तुम दीक्षा की आज्ञा मांग रहे हो ?
🅰️ नंदिवर्धनजी 

8️⃣ सेठ जी! नारी का सबसे बड़ा  दुःख,उसकी कुरूपता हैं?
🅰️ कुब्जा दासी

9️⃣ वैभव में आपसे बढकर हमारी शक्ति है,पर त्याग संयम में  नहीं?
🅰️इन्द्र महाराज ने 

🔟हे राजन्!आज आपकी धर्म परिक्षा की घङी है सामायिक,पौषध,पर्यूषण तो केवल दिखावा है?
🅰️चण्डप्रधोत जी 

1️⃣1️⃣हर प्राणी अपने स्वभाव से दुःखी होता है?
🅰️शेक्सपियर जी 

1️⃣2️⃣प्रेम का घास-पात भी पाप के मेवा मिष्ठान्न से श्रेष्ठ है?
🅰️श्री कृष्ण जी 

1️⃣3️⃣काम का काम बन गया और बिगड़े काम का किसीको पता भी नहीं चला?
🅰️नाग श्री ब्राह्मणी 

1️⃣4️⃣मैं सातवाँ खण्ड साध के बताउंगा?
🅰️सगर चक्रवर्ती जी 

1️⃣5️⃣संसार में सात ही समुद्र है,और सात हीं ध्दिप हैं?
🅰️शिवराज ऋषि जी 

1️⃣6️⃣मैं तुम्हे मेरी दोनों विद्या देता हूँ, तुम मुझे पैर चिपकने वालीं विद्या दो?
🅰️प्रभव जी 

1️⃣7️⃣मैने रात्रि में स्वप्न देखा कि मैंने चौरासी हजार मुनियों को मासखमण के पारणे करवाये?
🅰️सेठ जिनदास जी 

1️⃣8️⃣जीव मात्र से एकता बनायें बिना प्रार्थना,पूजा पाठ करना व्यर्थ है?
🅰️महात्मा गांधी जी 

1️⃣9️⃣बेटा मेरे दूध में कलंक लगायेगा क्या?
🅰️अरणक मुनि जी की माता 

2️⃣0️⃣मैने यह रहस्य इसलिए छुपाया था कि कहीं मेरी दीक्षा में बाधा न आये?
🅰️सती पद्मावती जी 

2️⃣1️⃣जहाँ नम्रता से काम बनें,वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए ?
🅰️मुंशी प्रेमचन्द्र जी


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