18 पापस्थानक
*Topic: 18 पापस्थानक*
|| अठारह पापस्थान सूत्र ||
पहला प्राणातिपात, दूसरा मृषावाद,
पहला प्राणातिपात, दूसरा मृषावाद,
तीसरा अदत्ता-दान, चौथा मैथुन,
पांचवां परिग्रह, छठा क्रोध, सातवां मान,
आठवां माया, नौवां लोभ, दसवां राग,
आठवां माया, नौवां लोभ, दसवां राग,
ग्यारहवां द्वेष, बारहवां कलह, तेरहवां अभ्याख्यान, चौदहवां पैशुन्य, पन्द्रहवां रति-अरति, सोलहवां पर-परिवाद, सत्रहवांमाया-मृषा-वाद,
अठारहवां मिथ्यात्व-शल्य--
🤔1⃣ एक बात बोलूं,
कहते है कि झूठ के पांव नही होते,
मगर,फिर भी चलता बहुत है!!मृषा वाद
🤔2⃣ ख़ुद की निंदा होने का कैसा भय??
और वैसे भी..
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना..!!
पर परिवाद पाप स्थान
🤔3⃣ *“गज थकी हेठा उतरो रे वीरा, गज चढ़े केवल न होय”।*
मान पाप स्थान
🤔4⃣ भांगी नाखु,
ताेडी नाखु,
भुकाे करी नाखु...!!!
क्रोध पाप स्थान
🤔5⃣ गूगल भी एक चुगल खोर इंसान की तरह है.
एक पुछो तो दस बातें नमक मिर्च लगा कर बताते हैं .
पैशुन्य
🤔6⃣ _____ करो तो ऐसा करो,जो आपको वीतराग बना दे!!
राग
🤔7⃣ हुं ____ अग्नि थी बळयो,वळी _____ सर्प डस्यो मने,
गळयो ____रूपी अजगरे,
हुं केम करी ध्यावु तने,।।
क्रोध पाप स्थान
🤔8⃣ हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और!!
माया वाद पाप स्थान
🤔9⃣ चमड़ी जाएं पर दमड़ी ना जाएं।
परिग्रह,लोभ पाप स्थान
🤔🔟 मैं भव भ्रमण का कारण हुं।
क्रोध मान माया लोभ (कषाय)
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_*📚श्री नाकोड़ा दरबार ऑनलाइन पाठशाला📚*_
*पाठशाला दिनांक- 9 अगस्त 2019*
*आज की पाठशाला प्रीति जी सावड़िया कटक द्वारा।*
*पाठशाला समय-*रात्रि 9:00 बजे*
*आज का टॉपिक*~
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*18 पाप स्थानक को पहचानिए*👍🤔
🤔🤔🤔🤔🤔🤔*
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1⃣ ____ वो भी प्रशस्त था
____ वो भी प्रभु वीर प्रति ही था!!!
____ सिर्फ वितराग का ही था !!!!
(तीनों में एक ही शब्द)
🆗 राग।
2⃣ बिना काना मात्रा का एक पाप स्थानक जो हमारी १२ बजा देता है??
🆗 कलह।
3⃣ काल सौरिक क़साई और अर्जुन माली का नाम सुनते ही कौनसा पाप स्थानक *Highlight* होता है!!
🆗 प्राणातिपात।
4⃣ बगुला भगत बना है कैसा ?
लगता एक तपस्वी जैसा ।।
अपनी धुन में अड़ा हुआ है ।
एक टाँग पर खड़ा हुआ है ।।
धवल दूध-सा उजला तन है ।
जिसमें बसता काला मन है ।।
🆗 माया।
5⃣ लाल पीला होना!!!
🆗 क्रोध।
6⃣ अश्लील वीडियो से बच्चों को दूर रखिए!!
🆗 मैथुन।
7⃣ दूसरे और आठवें पाप स्थानक ने *Partnership* कर ली!!
🆗 माया मृषावाद।
8⃣ सच शर्मिन्दा हुआ
झूठ को शर्म नहीं आती!
🆗 मृषावाद।
9⃣ लिखावट में भी मिलावट...
*Copy paste* का जमाना है साहेब!!
🆗 अदत्तादान।
🔟 ईर्ष्या की आग में इतना मत जलो कि राख बन जाओ!!!!
🆗 द्बेष।
1⃣1⃣ मक्खीचूस और चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए क्या सूचित करते हैं??
🆗 लोभ।
1⃣2⃣ कभी धुलता नहीं है दाग(कलंक) जो दामन पे लग जाये, मिले मौका कभी तो गंगा नहाकर देख लेना तुम.!!
🆗 अभ्याख्यान।
1⃣3⃣ *असंयम में रुचि और संयम में अरुचि!!!*
🆗 रति अरति।
1⃣4⃣ चंडकौशिक, बाहुबली,महाबल, कपिल ब्राह्मण!!
चारों क्या सुचित करतें हैं??
🆗 क्रोध,मान,माया,लोभ!!
1⃣5⃣ दुआओं में याद रखने के जमाने गये साहब...!!!
चुगली में याद रखते हैं अब लोग!!!
🆗 पैशुन्य।
1⃣6⃣ _______ = अब्रह्मचर्य।
🆗 मैथुन।
1⃣7⃣ हम सब इस ग्रह के मारे है!!!
🆗 परिग्रह।
1⃣8⃣ खुद की उन्नति में इतना समय लगा दो की
किसी ओर की निंदा करने का समय ही ना हो.....!!!
🆗 पर परिवाद।
1⃣9⃣ तूं तूं मैं मैं करना!!
🆗 कलह।
2⃣0⃣ “गज़ चढ़े केवल ना होये “
वीरा मारा गज ती नीचे उतरो!!!
🆗 मान।
2⃣1⃣ अभव्य जीवों का मैं *Best friend* हुं??
🆗 मिथ्यात्व शल्य।
2⃣2⃣ एक क्षणिक पागलपन जिसमें आप अपना विवेक खो बैठते हो!!!
🆗 क्रोध।
2⃣3⃣ सामायिक और स्वाध्याय करते वक्त बार-बार घड़ी देखना!!
🆗 अरति।
2⃣4⃣ हम ही है हत्यारे, सपनों के हमारे...
क़त्ल करके भी यहां, बेगुनाह है सारे....!!!!
🆗 प्राणातिपात।
2⃣5⃣ *"अश्वत्थामा हता: इति | न7रोवा कुञ्जरोवा ||”*
🆗 माया मृषावाद।
2⃣6⃣ संगम देव मुझे कभी नहीं छोड़ेंगे??
🆗 मिथ्यात्व शल्य।
2⃣7⃣ आसान है सीता पर उंगली उठाना....
मुश्किल है मगर सीता बनकर दिखाना...!!!
🆗 अभ्याख्यान।
2⃣8⃣ न कर किसी की निंदा...
रख इन्सानियत को जिंदा!!
🆗 पर परिवाद।
2⃣9⃣ आजकल *WhatsApp* पर किसी को *Block* करना,मेरा ही एक प्रकार है??
🆗 द्धेष।
3⃣0⃣ मेरा नाम क्या सुचित करता है??
🆗 राग!!👍
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आज का टॉपिक है
*18 पाप स्थानक*
यह मेरा प्रथम प्रयास है
यदि कोई त्रुटि हो तो माफी चाहूंगी।
1⃣ पाप कितने है?
🅰१८
2⃣प्रथम पाप
🅰प्राणतिपात
3⃣दूसरो के प्राणो को नष्ट करने वाला कहा जाता है?
🅰नरक
4⃣ दूसरो के प्राणो की रक्षा करके देवलोक कौन गया?
🅰मेघराज राजा
5⃣दूसरा पाप कौनसा है?
🅰मृषावाद
6⃣ सत्य बोलने का फल किसको मिला?
🅰हरिशचन्द राजा
7⃣तीसरा पाप कोन सा है?
🅰अदत्तादान
8⃣चौथा पाप कौनसा है?
🅰मैथुन
9⃣पाचवाँ पाप कौनसा है?
🅰परिग्रह
🔟धन का ममत्व करके नरक मे कौन गया?
🅰मम्मण सेठ
1⃣1⃣छट्ठा पाप कौनसा है?
🅰क्रोध
1⃣2⃣क्रोध करके तिर्यच मे कौन गया?
🅰चंडकौशिक का पूर्व भव
1⃣3⃣क्रोध को वश मे किसने किया?
🅰चित्त अणगार
1⃣4⃣ सातवाँ पाप कौनसा है?
🅰मान
1⃣5⃣ मान करके दुर्गति किसने पाई?
🅰कोणिक राजा
1⃣6⃣ मान का त्याग किसने किया?
🅰दर्शाणभद्र राजा
1⃣7⃣आठवाँ पाप कौनसा है?
🅰माया
1⃣8⃣नोवाँ पाप कौनसा है?
🅰लोभ
1⃣9⃣लोभ का त्याग करके सद् गति किसने पाई?
🅰कपिल केवली
2⃣0⃣दसवाँ पाप कौन सा है?
🅰राग
2⃣1⃣अतिराग करके संसार किसने बढाया?
🅰श्रीदेवी चक्रवृती
2⃣2⃣गयारहवाँ पाप कौनसा है?
🅰द्बेष
2⃣3⃣द्बेष को बढाने से दूर्गति मे कौन गया?
🅰अभीची कुमार
2⃣4⃣बाहरवाँ पाप कौन सा है?
🅰 कलह
2⃣5⃣ तेरहवाँ पाप कौन सा है?
🅰अभ्याख्यान
2⃣6⃣ चौदहवाँ पाप कौनसा है?
🅰पैशुन्य
2⃣7⃣चुगली करके कर्म किसने बाँधा?
🅰सती श्रीमती की सासू
2⃣8⃣पन्द्रहवाँ पाप कौन सा है?
🅰अपर परिवाद
2⃣9⃣निन्दा करके कर्म किसने बाँधा?
🅰गोशालक
3⃣0⃣16वाँ पाप कौनसा है?
🅰रति अरति
3⃣1⃣राग करके कर्म किसने बाँधा?
🅰नंदन मणियार
3⃣2⃣ राग त्यागकर संयम किसने लिया?
🅰स्थुलीभद्र जी
3⃣3⃣17वाँ पाप कौनसा है?
🅰माया मृषावाद
3⃣4⃣18वाँ पाप कौनसा है?
🅰मिथ्यादर्शन शल्य
Q1.मेरी घड़ी खो गयी, मेरा पैसा खो गया, किसी के उपर आक्षेप लगाना कौन सा पाप स्थानक है...??
उ१.तेरहवा पाप अभ्यख्यान
२.कौन से साधन कर्म क्रिया करते है उन कर्मो का फल आत्मा को भुगतना पड़ता है....??
उ२.मन, वचन, काय ये बाहर के साधन है जिनके कारण आत्मा को कर्मो के फल भुगतने पड़ते है...।
३.अब मेरे से सहन नही होगा, बस अब बहुत हो गया, ये सब कौन बोलता है....??
उ३.ये सब अंदर से कर्म बोलते है....।
४.शरीर की शक्ति होते हुऐ भी अगर हमने तप नही किया तो जैन धर्म के अनुसार क्या होता है.....??
उ४.दोष लगता है.....।
५.साधु साध्वी अगर विहार करके आये तो उनको किस दिन का आहार कल्पेगा....??
उ५.उसी दिन का बना हुआ आहार कल्पेगा....।
६.कृती कल्प यानी.....??
उ६.छोटे बड़ो को वदन करे, अगर बेटे ने दिक्षा ले ली तो माँ बाप वदंन ना करे....।
७.हथेली को दबाने पर पीली दिखे तो वो स्वभाव से कैसा होता है....??
उ७.परस्त्री लम्पट......।
८.हथेली को दबाने पर अगर ग्रीन दिखे तो....??
उ८.वह व्यक्ति ड्रिकंर होता है....।
९.राग, माया व लोभ किस में ज्यादा होता है....??
उ१०.स्त्री जाती में.....।
१०.द्धेष, क्रोध व मान किस में ज्यादा होते है......??
उ१०.पुरूष में.....।
११.नमुत्थुणम में कितने विषेशण है......??
उ११.पैतीस (35)
१२.नमुत्थुणम में जो 35 विशेषण है,उन विशेषण के आगे *नमुत्थुणम* लगाने से कितने मंत्र बन जायेगें....??
जैसे:- नमुत्थुणम + अरिहंताणम्
उ१२.नमुत्थुणम् आगे लगाने से 35 विशेषण 35 मंत्र बन जायेगें......।
१३.कौन से गुणस्थानक में तीर्थंकर नाम कर्म की प्रकृती साथ हो तो वो भगवान (तीर्थंकर) बनते है....??
उ१३. तेरहवे(13) गुणस्थानक के साथ
१४.अच्छेरे का मतलब......??
उ१४.आश्चर्यकालीन घटना....।।
१५.नाम कर्म की कितनी प्रकृतीयाँ है....??
उ१५.103
१६.स्त्री, पुरूष व नपुसंक बनने में कौन सी प्रकृती काम करती है....??
उ१६.वेदनीय मोहनीय कर्म नाम की प्रकृती....।
१७.नमो जीणानम् जीयभयाणम् का मतलब.....??
उ१७.जिन्होनें सभी भयो को जीत लिया है उनको नमस्कार हो.....।
१८.कल्प वृक्ष के अलावा और किस किस को कल्पवृक्ष की उपमा दी गयी है....??
उ१८.नवकार, गौचरी, आयम्बिल व सिद्ध चक्र ये सभी कल्पवृक्ष है.....।
१९.जिस जिस वस्तु का आप अंहकार करोगे तो कालातंर में उसका कैसा फल मिलेगा.....??
उ१९.उल्टा मिलेगा....।
जैसे :- रूप का अहंकार - कुरूप होना
२०.नित्थारग पारगाहोह (निस्तारक पारग)(गुरू महाराज वाक्षक्षेप डालते हुऐ जो बोलते है) इसका मतलब क्या.....??
उ२०.आप इस संसार से तिर जाओ....।
उ२१..१.निर्मित शास्त्र, २.अंग शास्त्र,
३.अंतरिक्ष शास्त्र, ४.स्वप्न शास्त्र,
५.स्वर शास्त्र, ६.भूमी विध्या,
७.व्यंजन(तिल, मस्सा) शास्त्र,
८.लक्षण शास्त्र, ९.उत्पात शास्त्र...।
शास्त्र है पढ़ ले👆👆👆
प्र१.अरिहंत के गुण कितने ?
उ.बारह, चार अतिशय, आठ प्रतिहारिया
प्र.अरिहंत के मूल अतिशय कितने?
उ.चार
प्र.अरिहंत के टोटल अतिशय कितने?
उ.34
प्र.34 अतिशय में कर्म क्षय से होने वाले व देव कर्त कितने ??
उ.कर्म क्षय से होने वाले अतिशय 11, व देवकृत 19 होते है ।
राग वो भी प्रशस्त था
राग वो भी प्रभु वीर प्रति ही था!!!
राग सिर्फ वितराग का ही था !!!!
राग सर्वज्ञ प्रति समर्पण का था।
गौतम स्वामी का प्रशस्त राग भी
वितरागता में बाधक बना !!!!!!!!!!
जैसे ही
प्रभु वीर...का निर्वाण हुआ !!!
उनका वियाेग हुआ !!!
रागका संयोग खत्म हुआ और सर्वज्ञ ज्ञान की प्राप्ति
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