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श्रीपाल चरित्र

श्रीपाल चरित्र कथा 🤔1 श्रीपाल राजा के समय कौन से तीर्थंकर परमात्मा का शासन चल रहा था ? 👉 मुनिसुव्रत स्वामी जी का 🤔2 राजा श्रेणिक ने श्रीपाल-चारित्र किसने सुना ? 👉 गणधर गौत्तम स्वामीजी से 🤔 3 श्रेणिक राजा कहाँ के राजा थे और उनकी राजधानी का नाम क्या था ? 👉 मगध देश के राजा थे और उनकी राजधानी राजगृही थी । 🤔4 इतिहास में राजा श्रेणिक को और एक कौन से नाम से जानते हैँ ? 👉 बिम्बसार 🤔 5 सिद्धचक्र आराधना को हम और किस नाम से जानते हैँ? 👉 नवपद आराधना, ओली जी 🤔 6 नवपद में कौन से तीन तत्वों का समावेश हैँ? 👉 तीन तत्व, देव (अरिहन्त, सिद्ध भगवान), गुरू ( आचार्य, उपाध्याय,साधु), धर्म (सम्यग दर्शन, ज्ञान, चारित्र, तप) 🤔 7 राजा प्रजापाल कहाँ के शासक थे ? 👉 मालव देश, (उज्जैन, अवंति नगरी) 🤔 8 प्रजापाल राजा की दो रानियों के नाम ? 👉 सौभाग्य सुंदरी, रूप सुन्दरी 🤔 9 सौभाग्य सुंदरी और रूप सुंदरी कौन से धर्म को मानने वाली थी ? 👉 सौभाग्य सुंदरी वैष्णव धर्म और रूप सुंदरी जैन धर्म की उपासक । 🤔 10 श्रीपाल- चारित्र के ...

सम्पूर्ण तीर्थंकर

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जो समवसरण में विराजमान होकर धर्म का सच्चा उपदेश देते हैं, जिन्हें तीन लोक के जीव नमस्कार करते हैं ऐसे तीर्थंकर प्रभु की महिमा का वर्णन इस अध्याय में है। 1. तीर्थंकर किसे कहते हैं?   " तरंति संसार महार्णवं येन तत्तीर्थम्" अर्थात् जिसके द्वारा संसार सागर से पार होते हैं, वह तीर्थ है और इसी तीर्थ के प्रवर्तक तीर्थंकर कहलाते हैं। धर्म का अर्थ सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र है। चूंकि इनके द्वारा संसार सागर से तरते हैं,इसलिए इन्हें तीर्थ कहा है और जो तीर्थ (धर्म) का उपदेश देते हैं, वे तीर्थंकर कहलाते हैं। 2. तीर्थंकर कितने होते हैं? वैसे तीर्थंकर तो अनन्त हो चुके, किन्तु भरत और ऐरावत क्षेत्र में अवसर्पिणी के चतुर्थ काल में एवं उत्सर्पिणी के तृतीय काल में (दु:षमा-सुषमा) क्रमश: एक के बाद एक चौबीस तीर्थंकर होते हैं।  3. चौबीस तीर्थंकर के चिह्न सहित नाम बताइए? 4. विदेहक्षेत्र में कितने तीर्थंकर होते हैं?  विदेह क्षेत्र में 20 तीर्थंकर तो विद्यमान रहते ही हैं, किन्तु 5 विदेह में अधिक से अधिक 160 हो सकते हैं।  5. अढ़ाईद्वीप में एक साथ अध...