कर्म
Topic *कर्म!!*🙏
📅1⃣ उच्च, मध्यम या नीच कुल में उत्पन्न होना!!
📆🆗 गोत्र कर्म।
📅2⃣ वरदत्त और गुणमंजरी का द्रष्टांत!!
📆🆗 ज्ञानावरणीय कर्म।
📅3⃣ एक बच्चा केला खा रहा है और बन्दर केला छीनकर ले गया!!
📆🆗 अंतराय कर्म।
📅4⃣ सभी दु:खों का मुल!!
📆🆗 मोहनीय कर्म।
📅5⃣ जीव को एक पर्याय/शरीर में बांध के रखता हूं!!!
📆🆗 आयुष्य कर्म।
📅6⃣ ढंढणमुनि जी का अलाभ परिषह!!
📆🆗 लाभान्तराय कर्म।
📅7⃣ कोई बहुत सुंदर है, कोई कम सुंदर...
कोई बलशाली, कोई कमजोर...!!!
📆🆗 नामकर्म।
📅8⃣ परिश्रम करके भी
Business में घाटा लाखों का पाया है..
इसमें business partner का क्या दोष!!!
📆🆗 अंतराय कर्म।
📅9⃣ शरीर में वेदना का उत्पन्न होना!!
📆🆗 असाता वेदनीय कर्म।
📅🔟 माषतुष मुनि *'मा रुष मा तुष'* जैसे दो छोटे वाक्य भी याद नहीं कर सकते थे!!!
📆🆗 ज्ञानावरणीय कर्म।
📅1⃣1⃣ एक चित्रकार को देखकर कौनसे कर्म को याद करोगे??
📆🆗 नाम कर्म।
📅1⃣2⃣ भीगे हुए बादाम खाने के बाद भी कुछ याद नहीं रहता?? उसमें बादाम का क्या दोष???
📆🆗 ज्ञानावरणीय कर्म।
📅1⃣3⃣ सभी कर्मो में बलवान, छूटना कठिन , तीव्र कर्म बंधक, ज्यादा स्थिति तक भोगना!!!
📆🆗 मोहनीय कर्म।
📅1⃣4⃣ दोस्तों अगर *fair & lovely* से गोरापन आता तो ये अफ्रीका वाले क्यूँ काले होते ???
📆🆗 नाम कर्म।
📅1⃣5⃣ जिसके उदय से *दान, लाभ, भोग, उपभोग और वीर्य* में विघ्न आवे!!!
📆🆗 अंतराय कर्म।
📅1⃣6⃣ श्री पार्श्वनाथ जी से जुड़ा एक नाम कर्म!!
📆🆗 आदेय नामकर्म।
📅1⃣7⃣ ऊंच-नीच, कुम्हार, कर्म??
📆🆗 गोत्र कर्म।
📅1⃣8⃣ मुझे पुलिस की हथकड़ी के द्रष्टांत से समझाया गया है!!
📆🆗 आयुष्य कर्म।
📅1⃣9⃣ राजा का द्बारपाल!!!
📆🆗 दर्शनावरणीय कर्म!!
📅2⃣0️⃣ गुडभरा हॅसिया- मीठा भी, काटने वाला भी!!!
📆🆗 वेदनीय कर्म।
📅2⃣1⃣ जिसके उदय से जीव सोते समय नाना प्रकार के भयंकर काम कर डालता है और जागने पर कुछ मालूम नहीं रहता कि मैंने क्या किया है!!!
📆🆗 स्त्यानगृद्धि।
(थिणद्धि!!)
दर्शनावरणीय कर्म का भेद।
📅2⃣2⃣ मोदी जी और ट्रंप की प्रसिद्धि का कारण??
📆🆗 यश नामकर्म।
📅2⃣3⃣ छट्ठे भाई के 93 बेटे, एक कालचक्र तक वे ज़िंदा रह सकते हैं???
📆🆗 नामकर्म।
(कुछ मत विभिन्नता भी है 103 प्रकृतियाँ भी गिनी जाती है)
📅2⃣4⃣ भाग्य का ताला खुलता....
कर्म की ______ से!!!
📆🆗 चाबी।
अभी रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
📅2⃣5⃣ जिंदगी का CALCULATION बहुत बार किया, लेकिन "सुख-दुःख" का ACCOUNT कभी समझा नही।
जब TOTAL किया तो समझ आया की "______" के सिवा कुछ भी BALANCE रहता नहीं !!!
📆🆗 कर्मों!!!
📅2⃣6⃣ कर्म के पास न कागज़ है न किताब है,
फिर भी सारे जगत का ______ है...!!!
📆🆗 हिसाब।
📅2⃣7⃣ *कर्मों से डरिये*,
*ईश्वर से नहीं।*
*ईश्वर _____ कर देते है।*
*कर्म नहीं!!!*
📆🆗 माफ।
📅2⃣8⃣ *जिस प्रकार एक गाय का बछड़ा,*
*हज़ारों गायो में अपनी माँ के पीछे चलता है,*
*उसी तरह कर्म आदमी के ______ चलते है ।*
📆🆗 पीछे।
📅2⃣9⃣ शरीर में रोग आना वह
________ की ताकत है ..
और रोग में समाधि बनाये रखना वह
_______ की ताकत है!!!
📆🆗 कर्मसत्ता/धर्मसत्ता।
📅3⃣0️⃣ “कर्म”
ये एक ऐसा रेस्टोरेन्ट है…..
जहाँ हमें _____ देने की
कोई जरूरत नहीं।
हमें वो ही मिलता है,
जो हमने पकाया है!!
📆🆗 *“कर्म”*
*ये एक ऐसा रेस्टोरेन्ट है…..*
*जहाँ हमें ऑर्डर देने की*
*कोई जरूरत नहीं।*
*हमें वो ही मिलता है,*
*जो हमने पकाया है!!*🙏
📅3⃣1⃣ ज्ञानचंद सेठ दर्शन करने गए l मार्ग में पेट में वेदना होने लगी, सामने ही मोहन भाई वैद्य मिल गए lवैद्यराज ,पेट में बहुत दर्द हो रहा है ,ऐसा लगता है कि अब मेरा आयुष्य पूर्णा होने वाला हैl वैद्यराज ने कहा भगवान का नाम लो, गोत्र देवता को स्मरण करो ,आपकी सारी अंतराय दूर हो जावेगी l
अब यह बताओ कि इसमें कितने कर्मों का समावेश है??
📆🆗 आठ कर्म।
विषय- कर्मो को पहचानो
🅿1⃣किस कर्म के उदय से हमें भूख,प्यास लगती है?
🅰वेदनीय कर्म
🅿2⃣किस कर्म के उदय से सुख की अनुभूति होती है?
U🅰 साता वेदनीय कर्म
🅿3⃣ किस कर्म के क्षयोपशम से वस्तु का सामान्य बोध होता है?
🅰 दर्शनावरणीय कर्म
🅿4⃣ मेरी तुलना पत्थर के स्तंभ जैसी है?
Use🅰 अनंतानुबंधी मान कषाय मोहनीय
🅿5⃣ सिर्फ मेरा ही उपशम होता है?
🅰 मोहनीय कर्म
🅿6⃣यह आत्मा के चारित्र गुण को रोकता है?
U🅰 चारित्र मोहनीय कर्म
🅿7⃣इस कर्म का प्रभाव शरीर की आकृति पर पड़ता है?
🅰नाम कर्म
🅿8⃣ मै मिट्टी मे पड़ी दरार के समान हूं?
🅰अप्रत्याख्यानीय क्रोध
🅿9⃣मेरी जघन्य स्थिति 12 मुहूर्त है।
8🅰 वेदनीय कर्म
🅿🔟 इन दो कर्म प्रकृतियों का बंध होता ही नहीं है?
🅰सम्यक्त्व मोहनीय और मिथ्यात्वमोहनीय
🅿1⃣1⃣कषाय को उत्पन्न, बढावा देने मे हम सहायक है?
🅰नो कषाय मोहनीय
🅿1⃣2⃣ मेरा उदय सिर्फ13वें व 14वे गुणस्थान मे ही होता है?
🅰साता वेदनीय व तीर्थंकर नाम कर्म
🅿1⃣3⃣ इस कर्म के उदय से व्यक्ति सत्य असत्य का विवेक खो देता है?
🅰दर्शन मोहनीय कर्म
🅿1⃣4⃣ मै कुम्हार के घड़े जैसा हूं।
🅰 गोत्र कर्म
🅿1⃣5⃣ मै आत्मा की अक्षय स्थिति को रोकता हूं।
7🅰आयुष्य कर्म
🅿1⃣6⃣मै राजा का खजांची जैसा हूं।
🅰 अंतराय कर्म
🅿1⃣7⃣मेरे उदय से बुद्धि मंद होती है।
🅰 ज्ञानावरणीय कर्म
🅿1⃣8⃣ मेरे उदय से याचना परिषह होता है?
🅰 चारित्र मोहनीय
🅿1⃣9⃣ मेरे उदय सेअलाभ परिषह होता है।
🅰अंतराय कर्म
🅿2⃣0⃣मै हल्दी के दाग जैसा हूं।
🅰 संज्वलन लोभ कषाय
🅿2⃣1⃣क्षयोपशम इन कर्मो का ही होता है?
🅰घाती कर्मो का
🅿2⃣2⃣इस कर्म के उदय से हमें नींद आती है।
🅰 दर्शनावरणीय कर्म
🅿2⃣3⃣ मेरे क्षय होने के ऐक अन्तरमुहुर्त मे तीनों घाति कर्म क्षय हो जाते है।मै कौन?
🅰मोहनीय कर्म
🅿2⃣4⃣हमारे क्षय होने पर केवल ज्ञान होता है।
🅰घाति कर्म
🅿2⃣5⃣अष्ट कर्मो के क्षय होने पर क्या प्राप्त होता है।
🅰मोक्ष,सिद्ध गति
विषय- कर्मो को पहचानो
🅿1⃣किस कर्म के उदय से हमें भूख,प्यास लगती है?
🅰वेदनीय कर्म
🅿2⃣किस कर्म के उदय से सुख की अनुभूति होती है?
U🅰 साता वेदनीय कर्म
🅿3⃣ किस कर्म के क्षयोपशम से वस्तु का सामान्य बोध होता है?
🅰 दर्शनावरणीय कर्म
🅿4⃣ मेरी तुलना पत्थर के स्तंभ जैसी है?
Use🅰 अनंतानुबंधी मान कषाय मोहनीय
🅿5⃣ सिर्फ मेरा ही उपशम होता है?
🅰 मोहनीय कर्म
🅿6⃣यह आत्मा के चारित्र गुण को रोकता है?
U🅰 चारित्र मोहनीय कर्म
🅿7⃣इस कर्म का प्रभाव शरीर की आकृति पर पड़ता है?
🅰नाम कर्म
🅿8⃣ मै मिट्टी मे पड़ी दरार के समान हूं?
🅰अप्रत्याख्यानीय क्रोध
🅿9⃣मेरी जघन्य स्थिति 12 मुहूर्त है।
8🅰 वेदनीय कर्म
🅿🔟 इन दो कर्म प्रकृतियों का बंध होता ही नहीं है?
🅰सम्यक्त्व मोहनीय और मिथ्यात्वमोहनीय
🅿1⃣1⃣कषाय को उत्पन्न, बढावा देने मे हम सहायक है?
🅰नो कषाय मोहनीय
🅿1⃣2⃣ मेरा उदय सिर्फ13वें व 14वे गुणस्थान मे ही होता है?
🅰साता वेदनीय व तीर्थंकर नाम कर्म
🅿1⃣3⃣ इस कर्म के उदय से व्यक्ति सत्य असत्य का विवेक खो देता है?
🅰दर्शन मोहनीय कर्म
🅿1⃣4⃣ मै कुम्हार के घड़े जैसा हूं।
🅰 गोत्र कर्म
🅿1⃣5⃣ मै आत्मा की अक्षय स्थिति को रोकता हूं।
7🅰आयुष्य कर्म
🅿1⃣6⃣मै राजा का खजांची जैसा हूं।
🅰 अंतराय कर्म
🅿1⃣7⃣मेरे उदय से बुद्धि मंद होती है।
🅰 ज्ञानावरणीय कर्म
🅿1⃣8⃣ मेरे उदय से याचना परिषह होता है?
🅰 चारित्र मोहनीय
🅿1⃣9⃣ मेरे उदय सेअलाभ परिषह होता है।
🅰अंतराय कर्म
🅿2⃣0⃣मै हल्दी के दाग जैसा हूं।
🅰 संज्वलन लोभ कषाय
🅿2⃣1⃣क्षयोपशम इन कर्मो का ही होता है?
🅰घाती कर्मो का
🅿2⃣2⃣इस कर्म के उदय से हमें नींद आती है।
🅰 दर्शनावरणीय कर्म
🅿2⃣3⃣ मेरे क्षय होने के ऐक अन्तरमुहुर्त मे तीनों घाति कर्म क्षय हो जाते है।मै कौन?
🅰मोहनीय कर्म
🅿2⃣4⃣हमारे क्षय होने पर केवल ज्ञान होता है।
🅰घाति कर्म
🅿2⃣5⃣अष्ट कर्मो के क्षय होने पर क्या प्राप्त होता है।
🅰मोक्ष,सिद्ध गति
🅿️9️⃣6️⃣अनुभाग बंध किसे कहते हैं ?
*🅰️कार्मण वर्गणा के पुद्गलों के फल देने के न्यूनाधिक शक्ति को।*
🅿️9️⃣7️⃣प्रदेश बंध किसे कहते हैं ?
*🅰️कार्मण वर्गणा के पुद्गलों के ग्रहण करने की शक्ति को।*
🅿️9️⃣8️⃣चारों बंध को किस दृष्टांत के माध्यम से समझाया गया है ?
*🅰️लड्डू के दृष्टांत से।*
🅿️9️⃣9️⃣कार्मण वर्गणा के पुद्गल में शक्ति किसके द्वारा उत्पन्न होती हैं ?
*🅰️कषाय व योग के निम्मित्त से।*
🅿️1️⃣0️⃣0️⃣वह कौनसी शक्ति है,जो पूर्व में बंधे हुए संपूर्ण कर्मों का क्षय कर के मोक्ष प्राप्त कर सकती है,तथा जिसके शुभ- अशुभ परिणामों के आधार पर ही कषाय और योग की प्रवृत्ति होती है ?
*🅰️आत्मा मे इतनी शक्ति विद्यमान है।*
🅿️1️⃣0️⃣1️⃣ आवरण का अर्थ है ?
🅰️ढकना.. या छिपाना
🅿️1️⃣0️⃣2️⃣ ज्ञानावरणीय कर्म किसे कहते हैं ?
🅰️जिस कर्म के उदय से आत्मा का ज्ञान गुण ढक जाये उसे ज्ञानावरणीय कर्म कहते है
🅿️1️⃣0️⃣3️⃣ज्ञानावरणीय कर्म को किसके समान बतलाया गया है ?
🅰️चक्षु पर परदे के समान या सूर्य पर बादलो के समान
🅿️1️⃣0️⃣4️⃣ ज्ञानावरणीय कर्म का मंद उदय होने पर ज्ञान होता है ? (कम/ ज्यादा)
🅰️ज्यादा
🅿️1️⃣0️⃣5️⃣ज्ञानावरणीय कर्म का तीव्र उदय होने पर ज्ञान होता है ? (कम/ ज्यादा)
🅰️कम
🅿️1️⃣0️⃣6️⃣ज्ञानावरणीय कर्म का तीव्र उदय होने पर क्या ज्ञान शुन्य हो जाएगा ?
*🅰️नहीं,क्योंकि ज्ञान आत्मा का गुण है।*
🅿️1️⃣0️⃣7️⃣जो जीव मिथ्या दृष्टि है उनका ज्ञान मिथ्यात्व के कारण क्या कहलाएगा ?
*🅰️अज्ञान।*
🅿️1️⃣0️⃣8️⃣दर्शनावरणीय कर्म किसे कहते हैं ?
*🅰️जिस कर्म के उदय से आत्मा का दर्शन गुण ढक जाता हो।*
🅿️1️⃣0️⃣9️⃣दर्शनावरणीय कर्म को किसके समान बतलाया गया है ?
*🅰️द्वारपाल के समान।*
🅿️1️⃣1️⃣0️⃣दर्शनावरणीय कर्म जीव को किससे वंचित करता है ?
*🅰️पदार्थ के वास्तविक स्वरूप दर्शन से।*
*╚═══❖•ೋ° °ೋ•❖═══╝*🅰️नहीं,क्योंकि ज्ञान आत्मा का गुण है।*
🅿️1️⃣0️⃣7️⃣जो जीव मिथ्या दृष्टि है उनका ज्ञान मिथ्यात्व के कारण क्या कहलाएगा ?
*🅰️अज्ञान।*
🅿️1️⃣0️⃣8️⃣दर्शनावरणीय कर्म किसे कहते हैं ?
*🅰️जिस कर्म के उदय से आत्मा का दर्शन गुण ढक जाता हो।*
🅿️1️⃣0️⃣9️⃣दर्शनावरणीय कर्म को किसके समान बतलाया गया है ?
*🅰️द्वारपाल के समान।*
🅿️1️⃣1️⃣0️⃣दर्शनावरणीय कर्म जीव को किससे वंचित करता है ?
*🅰️पदार्थ के वास्तविक स्वरूप दर्शन से।*
🅿️1️⃣1️⃣6️⃣ वेदनीय कर्म को मधुलिप्त तलवार की धार को चाटने के समान बतला कर ग्रंथकार क्या बतलाना चाहता है?
🅰️सातावेदनीय कर्म के उदय से प्राप्त इन्द्रिय विषय जन्य सुख वस्तुतः सच्चा सुख नहीं है क्योंकि सच्चा सुख कभी भी दुख मे दुख मे परिवर्तित नहीं होता यही बतलाना चाहते है
🅿️1️⃣1️⃣7️⃣इंद्रीजन्य सुख की चाह रखने वाले व्यक्ति को परिणाम स्वरूप क्या मिलता है ?
🅰️अशांति, अतृप्ति, नरक निहोदादि मे असह्य शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार के दुख
🅿️1️⃣1️⃣8️⃣ इंद्रीजन्य सुख प्राप्त होने पर भी जो व्यक्ति समभाव रखता है वह क्या प्राप्त करता है ?
🅰️अपूर्व अनंत आत्मिक सुख की अनुभूति
🅿️1️⃣1️⃣9️⃣मोहनीय कर्म किसे कहते है ?
🅰️जिस कर्म के उदय से आत्मा मोहित हो अच्छे बुरे के ज्ञान से रहित हो उसे
🅿️1️⃣2️⃣0️⃣ मोहनीय कर्म को किसके समान बतलाया गया है ?
🅰️ मदिरा के समान.
़
📅
*༺꧁ नवकार करे भव से पार ꧂༻*
*DSTE ~ 26/08/2020*
*🕰️समय रात 8.45 से 9.15*
🦚 *टॉपिक -: कर्म*🦜
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚
1️⃣कर्म के मुख्य कितने प्रकार है?
🅰️2
2️⃣ कर्म कितने है?
🅰️8
3️⃣ कर्म की कुल प्रकुती कितनी है?
🅰️158
4️⃣ कोन्नसे कर्म के पेटा भेद सबसे ज्यादा है?
🅰️ नाम कर्म
5️⃣ कोनसा कर्म आंख पर बांधे पट्टे जैसा है ?
🅰️ ज्ञानावरणीय कर्म
6️⃣ राजभंडारी की उपमा किस कर्म को दी गई है?
🅰️ अंतराय कर्म
7️⃣ कोनसा कर्म द्वारपाल जैसा है?
🅰️ दर्शनावरणीय कर्म
8️⃣ कोंनसे कर्म की उत्कृष्ट स्थिती सबसे ज्यादा है?
🅰️ मोहनिय कर्म
9️⃣ कोई जीव को उनके कार्य में खलेल पोहचाने से कोनसा कर्म बंध होता है?
🅰️ अंतराय कर्म
1️⃣0️⃣ मधुलिप्त तलवार जैसा कर्म कोनसा है
🅰️ वेदनिय कर्म
1️⃣1️⃣ आठो कर्म के राजा समान कर्म कोनसा है?
🅰️ मोहनिय कर्म
1️⃣2️⃣ कोनसा कर्म चित्रकार जैसा है?
🅰️ नाम कर्म
1️⃣3️⃣ कोनसा कर्म जीव भविष्य में एक ही बार बांधता है?
🅰️ आयुष्य कर्म
1️⃣4️⃣ कोनसे कर्म को मदिरा की उपमा दी गई है?
🅰️ मोहनिय कर्म
1️⃣5️⃣ चक्षु दर्शनावरणीय कर्म क उदय से जीव की दशा क्या प्राप्त होती है?
🅰️ अंध
1️⃣6️⃣ हल्के कुल ने जन्म देनारा कर्म कोनसा है?
🅰️ गौत्र कर्म
1️⃣7️⃣ अंतराय कर्म ने आदिनाथ भगवान को कितने दिन भूखा रखा?
🅰️ 400
1️⃣8️⃣ पैर में पीड़ा किस कर्म के उदय से होता है?
🅰️ वेदनिय कर्म
1️⃣9️⃣ न्यूज पेपर में खाने से कोनसा कर्म बंध होता है?
🅰️ ज्ञानावरणीय कर्म
2️⃣0️⃣ आयुष्य कर्म बांधे बिना जीव का क्या नहीं होता है?
🅰️ मृत्यु
Shre- shreshtam karm karte jao. 🌹🌹
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