असंज्ञी
असंज्ञी
*🌹 1. असंज्ञी आयुष्य का थोकड़ा*
*2. गुरु लघु का थोकड़ा*
🌹
1⃣ *असंज्ञी आयुष्य का थोकड़ा* कोनसे सुत्र से लिया गया है ?
🅰 भगवती सुत्र 1शतक/2 उद्देश्यक
2⃣ असंज्ञी द्वारा बद्ध आयुष्य को क्या कहते हैं ?
🅰 असंज्ञीबद्धायुष्य/असंज्ञी-आयुष्य
3⃣ असंज्ञी-आयुष्य कितने प्रकार की है ?
🅰 4
4⃣👆 उन चार प्रकारों के नाम बताइए ?
🅰
1. नैरयिक असंज्ञी-आयुष्य
2. तिर्यंच असंज्ञी-आयुष्य
3. मनुष्य असंज्ञी-आयुष्य
4. देव असंज्ञी-आयुष्य
5⃣ नैरयिक और देव की असंज्ञी-आयुष्य की जघन्य स्थिति कितनी है ?
🅰 10,000 वर्ष
6⃣ तिर्यंच और मनुष्य की असंज्ञी-आयुष्य की जघन्य स्थिति कितनी है ?
🅰 अन्तर्मुहूर्त
7⃣चारों असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति कितनी है ?
🅰 पल्योपम का असंख्यातवां भाग
8⃣ चारों प्रकार के असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति समान है ? ( हां /ना )
🅰 नहीं
(Explanation~
एक व्यक्ति के पास 70 करोड़, दूसरे के पास 90 करोड़, तीसरे के पास 50 करोड़, चोथे के पास 80 करोड़ है, पर है तो सब करोड़पति ना )
9⃣ असंज्ञी-आयुष्य किसे कहते हैं ?
🅰 असंज्ञी मरकर जहां उत्पन्न होता है उस भव की आयुष्य को
1⃣0⃣ में यहां से मरकर भूत बनू, फिर वहां से मरकर मनुष्य बनूं तो भूत के रूप में मेरे द्वारा बांधी गई आयुष्य क्या कहलाती है ?
🅰 संज्ञीबद्धायुष्य
(वाणव्यंतर देव की अपेक्षा )
1⃣1⃣ तिर्यंच और मनुष्य की असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति पल्योपम का असंख्यातवां भाग किसकी अपेक्षा बतलायी है ?
🅰 युगलिक 56 अंतद्वीप की अपेक्षा
1⃣2⃣ नैरयिक असंज्ञी-आयुष्य मे *असंज्ञी* का मतलब यह है कि नैरयिक असंज्ञी होते हैं ?( हां /ना )
🅰 ना
1⃣3⃣ मै पूर्वभव में हाथी था, वर्तमान में असंज्ञी मनुष्य हूं तो क्या मेरी आयु असंज्ञी आयुष्य होगी ?( हां /ना )
🅰 ना
1⃣4⃣ क्या आपकी आयु असंज्ञी-आयुष्य है ?( हां /ना )
🅰 हां भी ना भी🤔
*हम यहाँ तो सन्नि मनुष्य है,लेक़िन पुर्वभव में मैंने अपनी आयुष्य का बंध सन्नि अवस्था में करा या असन्नि, ये सिर्फ केवलज्ञानी जान सकते हैं, हम छद्मस्थ प्राणी नहीं* 🙏🏻
अगर पूर्वभव मे मैने असन्नि अवस्था में आयुष्य बाँधा तो मेरी आयु असन्निबद्वायुष्य होगी और अगर पूर्वभव मे मैने सन्नि अवस्था में आयुष्य बाँधा तो मेरी आयु सन्निबद्वायुष्य होगी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की में यहाँ सन्नी हु या असन्नी
1⃣5⃣4 प्रकार के असंज्ञी-आयुष्य मे कोन थोड़ी और कौन बहुत है ?
🅰 Devta 💤{Manushy 💤 {Triyanch 💤{Neryik
असंख्यात गुणा बढते क्रम मे
(पुण्य पाप की अपेक्षा)
1⃣6⃣ *गुरु-लघु का थोकड़ा* कौनसे सुत्र से लिया गया है ?
🅰 भगवती सुत्र 1शतक/9 उद्देश्यक
1⃣7⃣ 18 पाप का सेवन करना कौन सा बोल है ?
🅰 अप्रशस्त बोल
1⃣8⃣ 18 पाप का सेवन करने से जीव पर क्या इफेक्ट पड़ेगा ?
(चारों कारण बताइए )
🅰
1.भारी होना
2.संसार आकुल करना
3.संसार दीर्घ करना
4.संसार परिभ्रमण
1⃣9⃣ 18 पाप का सेवन नहीं करना कौन सा बोल है ?
🅰 प्रशस्त बोल
2⃣0⃣18 पाप का सेवन नही करने से जीव पर क्या इफेक्ट पड़ेगा ?(चारों कारण बताइए )
🅰
1. हल्का होना
2.संसार परित्त करना
3.संसार ह्स्व करना
4.संसार तिरना
2⃣1⃣ आकुल करना ( अर्थ बताइए)
🅰प्रचुर कर्म बांधना
2⃣2⃣ परित्त करना ( अर्थ बताइए)
🅰 कर्मो को कम करना
2⃣3⃣त्याग का समानार्थी
🅰 विरति
2⃣4⃣त्याग का विलोम शब्द
🅰 सेवन
2⃣5⃣ प्रशस्त और अप्रशस्त के.कितने बोल है ?( गुरु लघु के थोकड़े के आधार पर)
🅰 4 बोल प्रशस्त के और 4 बोल अप्रशस्त के
✍✍✍🙏🙏🙏🙏
*🌹 1. असंज्ञी आयुष्य का थोकड़ा*
*2. गुरु लघु का थोकड़ा*
🌹
1⃣ *असंज्ञी आयुष्य का थोकड़ा* कोनसे सुत्र से लिया गया है ?
🅰 भगवती सुत्र 1शतक/2 उद्देश्यक
2⃣ असंज्ञी द्वारा बद्ध आयुष्य को क्या कहते हैं ?
🅰 असंज्ञीबद्धायुष्य/असंज्ञी-आयुष्य
3⃣ असंज्ञी-आयुष्य कितने प्रकार की है ?
🅰 4
4⃣👆 उन चार प्रकारों के नाम बताइए ?
🅰
1. नैरयिक असंज्ञी-आयुष्य
2. तिर्यंच असंज्ञी-आयुष्य
3. मनुष्य असंज्ञी-आयुष्य
4. देव असंज्ञी-आयुष्य
5⃣ नैरयिक और देव की असंज्ञी-आयुष्य की जघन्य स्थिति कितनी है ?
🅰 10,000 वर्ष
6⃣ तिर्यंच और मनुष्य की असंज्ञी-आयुष्य की जघन्य स्थिति कितनी है ?
🅰 अन्तर्मुहूर्त
7⃣चारों असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति कितनी है ?
🅰 पल्योपम का असंख्यातवां भाग
8⃣ चारों प्रकार के असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति समान है ? ( हां /ना )
🅰 नहीं
(Explanation~
एक व्यक्ति के पास 70 करोड़, दूसरे के पास 90 करोड़, तीसरे के पास 50 करोड़, चोथे के पास 80 करोड़ है, पर है तो सब करोड़पति ना )
9⃣ असंज्ञी-आयुष्य किसे कहते हैं ?
🅰 असंज्ञी मरकर जहां उत्पन्न होता है उस भव की आयुष्य को
1⃣0⃣ में यहां से मरकर भूत बनू, फिर वहां से मरकर मनुष्य बनूं तो भूत के रूप में मेरे द्वारा बांधी गई आयुष्य क्या कहलाती है ?
🅰 संज्ञीबद्धायुष्य
(वाणव्यंतर देव की अपेक्षा )
1⃣1⃣ तिर्यंच और मनुष्य की असंज्ञी-आयुष्य की उत्कृष्ट स्थिति पल्योपम का असंख्यातवां भाग किसकी अपेक्षा बतलायी है ?
🅰 युगलिक 56 अंतद्वीप की अपेक्षा
1⃣2⃣ नैरयिक असंज्ञी-आयुष्य मे *असंज्ञी* का मतलब यह है कि नैरयिक असंज्ञी होते हैं ?( हां /ना )
🅰 ना
1⃣3⃣ मै पूर्वभव में हाथी था, वर्तमान में असंज्ञी मनुष्य हूं तो क्या मेरी आयु असंज्ञी आयुष्य होगी ?( हां /ना )
🅰 ना
1⃣4⃣ क्या आपकी आयु असंज्ञी-आयुष्य है ?( हां /ना )
🅰 हां भी ना भी🤔
*हम यहाँ तो सन्नि मनुष्य है,लेक़िन पुर्वभव में मैंने अपनी आयुष्य का बंध सन्नि अवस्था में करा या असन्नि, ये सिर्फ केवलज्ञानी जान सकते हैं, हम छद्मस्थ प्राणी नहीं* 🙏🏻
अगर पूर्वभव मे मैने असन्नि अवस्था में आयुष्य बाँधा तो मेरी आयु असन्निबद्वायुष्य होगी और अगर पूर्वभव मे मैने सन्नि अवस्था में आयुष्य बाँधा तो मेरी आयु सन्निबद्वायुष्य होगी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की में यहाँ सन्नी हु या असन्नी
1⃣5⃣4 प्रकार के असंज्ञी-आयुष्य मे कोन थोड़ी और कौन बहुत है ?
🅰 Devta 💤{Manushy 💤 {Triyanch 💤{Neryik
असंख्यात गुणा बढते क्रम मे
(पुण्य पाप की अपेक्षा)
1⃣6⃣ *गुरु-लघु का थोकड़ा* कौनसे सुत्र से लिया गया है ?
🅰 भगवती सुत्र 1शतक/9 उद्देश्यक
1⃣7⃣ 18 पाप का सेवन करना कौन सा बोल है ?
🅰 अप्रशस्त बोल
1⃣8⃣ 18 पाप का सेवन करने से जीव पर क्या इफेक्ट पड़ेगा ?
(चारों कारण बताइए )
🅰
1.भारी होना
2.संसार आकुल करना
3.संसार दीर्घ करना
4.संसार परिभ्रमण
1⃣9⃣ 18 पाप का सेवन नहीं करना कौन सा बोल है ?
🅰 प्रशस्त बोल
2⃣0⃣18 पाप का सेवन नही करने से जीव पर क्या इफेक्ट पड़ेगा ?(चारों कारण बताइए )
🅰
1. हल्का होना
2.संसार परित्त करना
3.संसार ह्स्व करना
4.संसार तिरना
2⃣1⃣ आकुल करना ( अर्थ बताइए)
🅰प्रचुर कर्म बांधना
2⃣2⃣ परित्त करना ( अर्थ बताइए)
🅰 कर्मो को कम करना
2⃣3⃣त्याग का समानार्थी
🅰 विरति
2⃣4⃣त्याग का विलोम शब्द
🅰 सेवन
2⃣5⃣ प्रशस्त और अप्रशस्त के.कितने बोल है ?( गुरु लघु के थोकड़े के आधार पर)
🅰 4 बोल प्रशस्त के और 4 बोल अप्रशस्त के
✍✍✍🙏🙏🙏🙏
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें