मेरे मुक्तक4


🙏🙏

किलिष्ट है राह ,पर अंनत सुख कर
🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵

तीर्थंकर की राहपर है,शुभंकर ,श्रेयस्कर
🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️


तीर्थंकरों ने की हम पर अद्भुत कृपा
जिनवाणी की हम पर की छत्र छाया
☂️☂️☂️☂️☂️☂️☂️
मधु जी ने  तीर्थंकर राह का
बोध दिया
👣👣👣👣👣👣👣
अंजुगोलछा अभिनन्दन करती
जो तीर्थंकर पर उन्होंने शोध दिया।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

गुलों के मरकन्दचले भी आओ
 स्वभाव के गुलकन्द चले आओ
💐💐💐💐💐💐💐💐
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं,
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


अंत हीन  दो शब्द *जीव* के
अंतहीन दो शब्द *जिन* के
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
दो शब्द में सिमट गया है जग
दो शब्द अमर है *मोक्ष* के
👣👣👣👣👣👣👣
दो शब्दों की कहानी *चीर* ( अंतहीन) है
🏅🥉🥈🥈🥈🥈🥈
आज  अंजुगोलछा
वो ही दो शब्द से "*🙏क्षमा🙏
चाहती हूँ कि केवली विरूद्ध
कुछ  कह दिया है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


सम्पूर्णता से गुम्फित परिपूर्ण होते है ,
जनरलप्रश्न असीमता से सरोबार
होते है
♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️
ज्ञान के चमन में सरस फुहार होते हैं
सेजल  जी ,का सम्यक ज्ञान  अक्षुण्ण , ज्ञान से लिप्त होता है।
⛲⛲⛲⛲⛲⛲⛲
इसी महिमामंडन पर अंजुगोलछा

ज्ञान ही ज्ञान हो भरा हो, ज्ञानभंडार कहते जिसे
📚📚📚📚📚📚
वीर जी का महामहाणसुत्र
भी कहते जिसे
🙏📚📚📚📚🙏
छढे अध्याय में सुधर्मा जी
ने की वीर जी,की अतिउत्तम
प्रशंसा की है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसे महान  आगम (ग्रन्थ )का ज्ञान, करवा  राष्ट्रीका जी ने वीर जी की अनुशंसा की है।
📚📚📚📚📚📚📚
तभी तो अंजुगोलछा के ह्रदय
ने  राष्ट्रीका जी  की प्रशंसा की है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


एक सूरज था कि अपने घर  के चिरागों के लिये
दिल हैरान है , कल तक आबाद
था बागबाँ  अपने गुलों के लिए

उठ गई , कैसे सामने से सूरत
उनकी
पाठशाला की जैसे
खो गई शानदार लेखनी
आज सब होंगे वो ना होंगे
पर हृदय से  ये सदा है निकली
कि  अब आप   प्रभु के पनाह
में होंगे।
एक  श्रद्धांजलि अर्पित करते है
3 मिनट का मौन रखते है
श्रद्धा के सुमन अर्पित करते है।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


मनचाहे मन से रंग भरो तो  तस्वीर
☄️☄️☄️☄️☄️☄️
अनजाने रंगों से सजे वो
तकदीर
🦜🦚🦃🐎👩🏻👦🏻
पुरुषार्थ के रंगे वो  तदबीर।
💪💪💪💪💪💪💪

आज जीवन की तसवीर को
क्यूँ ना पुरुषार्थ के रंग से संवारी जाए।
👊👊💪🦾✊🏽
की आगामी तकदीर भली बन जाय।
😷🧚‍♀️🧜🏻‍♂️💃🧙🏻‍♀️😃
कवि जी ने यही समझाया
कि आप अपने लिए कौन सी
तस्वीर  चाहेंगे
🤥😭😢😡😫🤩🥰
🌹आज प्रतिकात्मक ज्ञान दिया तो
अंजुगोलछा का साधुवाद तो
पाओगे।🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


सर्वश्रेष्ठ  ही  श्रेष्ठतम की कसौटी है,
👨‍🎨👨🏼‍🚒👨🏼‍🍳💂🏼‍♂️👨🏼‍🍳👨🏼‍🚒👨‍🎨
सर्वश्रेष्ठता बाहर से  नहीं आती अन्तरतम की गहराई में  पेढ़ी है
बस "जिन खोजिया तिन पाइया" है
🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊

हर व्यक्ति अपने मे सर्वश्रेष्ठता लिये है,
 बस उसे पहचानने  की जरूरत
है ।
👁️👁️👁️👁️👁️👁️👁️
ज्योत्सना  जी के ज्ञान की प्रखरता ने
प्रखर प्रकाश दिया है।
💫💫💫💫💫💫💫
तभी तो अंजुगोलछा ने
उनका शत 2 अभिनन्दन किया है
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏

मै सजा 🌹🌹 से ये ज्ञानदरबार बैठी हूँ।।

आपके स्वागत खातिर👁️👁️ बिछा बैठी हूँ।
गुणवान का _गुणगान होता है।तो आज  आप सभी के
मान सम्मानों  का🌊लेकर बैठी हूँ।
आ भी जाइए देर ना होजाये

कि शोभा आप ही इस पाठशाला
की वो कहीं अधूरी ना रह जाए
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
        🌹🌹🌹🌹🌹🌹
                🌹🌹🌹🌹
                         🌹🌹
                              🌹


ईमोजी प्रतीक है , प्रतीक चिह्नित करता है।
भला ➖बुरा  , को इंगित👉 करता है
😭 या 😀 हैं, सुदूर जीवन में
💪कर्मठता उसके लिये लानी हैं।
नही तो जिदंगी फानी ही गुजर जानी हैं
आप सब से अनुरोध है,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गलतियों को मेरी नजर अंदाज
कर देना ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
आप लोगों के साथ से सीख रही हूं
📖📖📖📖📖📖📖📖
नादान समझ माफ कर देना।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

अनन्त सुख ,अनन्तदर्शन,
अनन्त ज्ञान,अनन्त शक्ति
कर्म विहीन शुद्ध आत्मा
निर्वाण के संग तत्क्षण
बन जाती  परमात्मा।
ऐसे ही सुख की चाह में

मंजिल का पथ सामने होता हैं
मन मोक्ष की  चाह करता हैं
औऱ देह को अलविदा कहता है
देह, मन, और आत्मा का संगम योंहीं अविराम चलता हैं
कब ये जाने जिन्दगी का सफर
पड़ाव पायेगा
उस अंनतता में हो विलीन सिद्ध शिला तक  जाएगा
मन की विडंबना हैं ये ही ,कि छोड़ता कुछ नहीं पर
पाना सबकुछ  चाहता  है
मेरी इस आपाधापी में कुछ अनर्गल कह दिया हो तो
अंजुगोलछा अपने अंतः स्थल से
कर बद्ध क्षमा चाहती है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

केवल होना अकेलेपन  का अहसास होता है।पर
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
केवल  ज्ञान में सब समाहित होता हैं।
अपने मे परिपूर्ण होता हैं
📙📘📙📘📙📘
अरिहंतता की पहचान होता हैं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सेजल जी ने दिया अपने पूर्ण
ज्ञान का अहसास
📖📖📖📖📖📖
अंजुगोलछा दे रही बधाई  आपको खास
💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅


दशवैकालिक आचार्य शय्यम्भव जी  की निर्यूहणकृति है
📘📙📘📙📘📙📘
इसमें ,धर्मका स्वरूप साधु जी की भिक्षाचर्या व्रती है
🍲🍲🍲🍲🍲🍲🍲
, श्रामण्य की पूर्व भूमिका भाषाशुद्धि , विनय समाधि का
 सुंदर विवेचन  महान श्रुति है
📖📖📖📖📖📖📖📖
मधु जी के मधुरिम ज्ञान
के प्रश्न थे ललाम
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹



अंजुगोलछा का स्वीकार करे सलाम
🙏💅💅💅💅💅💅🙏


का प्रणाम होता है।
🙏💐💐💐💐💐💐🙏


संकट अब धर्म पर है,
पांचवा आरा अब अपने चरम पर है।
☄️☄️☄️☄️☄️☄️☄️☄️
भरत जैसा न भाई कलयुग में,
श्रवण कुमारजैसेअब कँहा सपूत   हैं!
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दर्शना जी के दर्शन ज्ञान ने
अवगत करा दिया
अलख जगाओ धर्म की
📚📚📚📚📚📚
तो  चौथा आरा आपके पास है।
अनुमोदना अंजुगोलछा कीजो दिया आपने ज्ञान ये खास हैं
📖📖📖📖📖📖📖📖🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वन 2 ढूंढ रहा है मृग अपनी कस्तूरी को,
🦌🦌🦌🦌🦌🦌🦌
पर गुत्थी कहाँ सुलझ रही
सच
कितना मुश्किल है तय करना खुद से खुद की दूरी को
🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️

एहसास भी है पास उसका ,
होना।
 फिर ना पहचान पाना।
📖📖📖📖📖📖📖

ऐसी ही मृग मारीचिका
में उलझे ,हम भव2 भटक
रहे
🌐🌏🌍🌏🌏🌐
 समझा चुके कितने तीर्थंकर जी
पर निपट मूर्ख हम नही समझ
रहे
📚📚📚📚📚📚📚
आँखों से पानी बरस
 रहा है
😥😥😥😥😥
ये मृग -मन अपनी चाहत को तरस रहा है।
🦌❤️🦌❤️🦌❤️🦌
आज की कक्षा में कुछ
जिनआज्ञा विरुद्ध कहा सुना है
तो मिच्छामि दुक्डम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


विश्वास का यह बंधन यूं ही बना रहे,
⛲⛲⛲⛲⛲⛲⛲
जीवन में ज्ञान का सागर यूं ही बहता रहे,
📘📙📙📙📙📙
दुआ है रब से औऱ फले औरफूले
ग्रुप हमारा  सबसे निराला,रहे,
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
त्रिरत्न सा तीन महीनों के शानदार  सफर की
💫💫💫💫💫💫⭐
फलीभूत हो हमारी मनोकामनाएं
अंजुगोलछा की
ढेरों शुभकामनाएं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏



छठा आरा आएगा
   प्रलय मच जाएगा।
🌘🌗🌖🌕🌑🌒
 जल और थल एक हो जाएंगे
बिलों में इंसान रहेंगे
🌌🌌🌌🌌🌌🌌
चूहों के मानिंद एक दूजे
को नोंच खायेंगे।
🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️🕸️
संगीता जी ने ,दिखला दी तस्वीर भयावह
🏖️🏝️🗼🗼🏖️🏝️🗼
पुण्य करो तो बच जाओगे
सीख सिखला दी
📖📖📖📖📖📖
अंजुगोलछा ने संगीता जी के
ज्ञान को  सलाम कर दी
💅💅💅💅💅💅


इस धरा पर ना सही
उस धरा पर ही सही
🌏🌏🌏🌏🌏
विहरमान हैं विराजमान
तीर्थंकर  जो कर रहे विचरण
आस्था का केंद्र , हमारा है
अक्षीरण
☄️☄️☄️☄️☄️☄️☄️

अमृता जी के ज्ञान घट से
बही जो ,विश्वास की किरण
हम लेते है , विरहमान की शरण
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अमृता जी ने की जो  की है गहन शोधना
 कर रही अंजुगोलछा, बहुत 2 अनुमोदना
💅💅💅💅💅💅💅💅


जैनियों की बेशकीमती घड़िया
  जब  आध्यात्मिक चेतना  ज्ञान
           दर्शन चरित्र तप की आबाद होती दुनिया
🌏🌏🌏🌏🌏🌏
महान पर्युषण पर्व के दिन हैं आते
देव भी धरती पर विचरण है करते
कविता जी ने लगा दी ज्ञान की निर्मल बौछार
📚📚📚📚📚📚📚📖
भीगे भक्ति से अंतरात्मा के तार 2
अंजुगोलछा कर रही आपकी
अनुमोदना बार 2
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

मत दुसरो में  तुम उत्तर ढूंढो
समाधान निज में पाओगे
मृग कस्तूरी, तिल मांही तेल
ज्यो  ईश निज में बसे
बाहर कहाँ ढूंढ़ पाओगे
🦌🦌🦌🦌🦌🦌🦌

दिल मे झाँक स्वयं दोष  परिमार्जक करो
 मन कोदर्पण बना ,स्वयं का प्रतिबिंब   निर्मल करो
⬜⬜⬜⬜⬜⬜⬜
आप सभी सुविज्ञ ज्ञान क्या दे पाऊँगी
बस कुछ जिनाज्ञा विपरीत कहा
है तो क्षमा कर दीजिएगा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नादान समझ  नजर अंदाज कर
दीजिएगा
💅💅💅💅💅💅💅💅



आनंदाश्रु, रोमांच, भिक्षुक  के प्रति अति आदर, प्रिय वचन, सुपात्र को दान देने का अनुमोदन – ये पाँच दान के भूषण हैं
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

देने के बाद पश्चात्ताप होना, अपात्र को देना, और श्रद्धारहित देना  ,नष्ट हो जाता इनसे दानहैं
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
रश्मि जी ने जीवन मे दान के शाश्वत महत्व को समझा दी ।
औऱ सभी से भूरि2 प्रशंसा पा।ली
🙏अंजुगोलछा🙏





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