पहलाआरा
आज हम पहले आरा के बारे में जानेगे।
१.अवसर्पिणी काल के पहले आरा का नाम क्या है?
१उत्तर:- सुषम-सुषमा
२. अवसर्पिणी काल का पहला आरा कैसा था?
२ उत्तर:- बड़ा ही रमणीय,सुरम्य था।
३. पहले आरे का भूमिभग कैसा था?
३उत्तर :- समतल,रमणीय एवं नाना प्रकार की काली सफ़ेद आदि पंचरंगी तृणो एव मणियो से उपशोभित था।
४. पहले आरे में वृक्ष कौनसे थे?
४ उत्तर:- उद्धाल ,कद्धाल , कृतमाल, नृतमाल, दन्तमाल नागमाल आदि अनेक उत्तम जाती के वृक्ष थे । जो फलों से लदे रहते थे और अतीव कांति से सुशोभित थे।
५.पहले आरे में जहाँ तहाँ कौनसे वृक्ष अधिक पाये जाते थे?
५.उत्तर:- दस प्रकार के कल्पवृक्ष जहाँ तहाँ समूह रूप में पाये जाते थे।
६. पहले प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
६.उत्तर:- मत्तांग कल्पवृक्ष।
७. मत्तांग नामक कल्पवृक्ष क्या देता है?
७.उत्तर मादक रस प्रदान करता,जिसको प्राप्त कर प्राणी तृप्त हो जाते थे।
८. दूसरे प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
८.उत्तर:- भृत्तांग कल्पवृक्ष।
९. भृत्तांग कल्पवृक्ष क्या देता है
९ उत्तर:- विविध प्रकार के भोजन-पात्र-बर्तन देने वाले होते है।
१०. तीसरे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१० उत्तर:- त्रुटितांग।
११.त्रुटितांग कल्पवृक्ष क्या देता है?
११उत्तर:- नानाविध वाध देता है।
१२. चौथे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१२.उत्तर:- दीपशिखा कल्पवृक्ष।
१३.दीपशिखा कल्पवृक्ष क्या देता है?
१३उत्तर :- दीपक जैसा प्रकाश करते है।
१४. पांचवे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१४.उत्तर :-जोतिषिक कल्पवृक्ष।
१५. जोतिषिक कल्पवृक्ष कैसे होते है?
१५.उत्तर :- सूर्य, चंद्र जोतिषिक जैसा उधोत प्रकाश करने वाले होते है।
१६. छठे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१६.उत्तर :- चित्रांग कल्पवृक्ष।
१७. चित्रांग कल्पवृक्ष क्या क्या देता है?
१७.उत्तर विविध प्रकार की मालाएं आदि देने वाले होते है।
१८. सातवें प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१८.उत्तर:- चित्र रास कल्पवृक्ष।
१९. चित्ररास कल्पवृक्ष क्या देते है?
१९ उत्तर:- विविध प्रकार के रास देने वाले षट् रास भोजन देने वाले होते है।
२०. आठवे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
२०.उत्तर :- मण्यंग कल्पवृक्ष।
२१.मण्यंग कल्पवृक्ष क्या देते है?
२१.उत्तर:- विविध आभूषण प्रदान करते है।
२२. नवमें प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
२२.उत्तर:- गेहकर कल्पवृक्ष।
२३.गेहकर कल्पवृक्ष क्या देते है?
२३.उत्तर:- विविध प्रकार के गृह निवास स्थान प्रदाता जिसमें युगलिक आसानी से सुखपूर्वक रह सकते है।
२४. दसवें प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
२४.उत्तर:- अनग्न कल्पवृक्ष।
२५ .अनग्न कल्पवृक्ष क्या देते है?
२५.उत्तर:- वस्त्रों की आवश्यकता पूर्ति करने वाले सुंदर सुखद महीन वस्त्र देने वाले होते है।
२६. पहले आरे के मनुष्यो का आकर स्वरुप कैसा था?
२६ उत्तर :- पहले आरे के मनुष्य बड़े सुन्दर दर्शनीय होते थे,सारे अंग
सुव्यवसिथत होते थे।
२७. पहले आरे की स्त्रियाँ कैसी होती थी?
२७ उत्तर :- श्रेष्ठ और सर्वाग सुंदरता युक्त्त तथा महिलोचित गुणों से युक्त्त होती थी।
२८. पहले आरे के मनुष्य कितने समय आहार लेते थे?
२८ उत्तर:- तीन दिन के बाद।
२९. पहले आरे के मनुष्य कितना आहार करते थे?
२९ उत्तर:- तुवर की दाल जितना सा आहार करते थे।
३०. पहले आरे के मनुष्यो की पाचन शक्त्ति कैसे थी?
३० उत्तर:- कबूतर की तरह प्रबल पाचन शक्त्ति वाले थे।
३१. पहले आरे के मनुष्यो को कितनी पसलियाँ थी?
३१ उत्तर:- २५६ पसलियाँ होती थी।
३२. पहले आरे के मनुष्यो की श्वास कैसे होती थी?
३२ उत्तर:- पदम उत्पल तथा गंध द्रव्यों जैसी सुग़धित थी।
३३. पहले आरे के मनुष्यो के मुख कैसे होते थे?
३३ उत्तर :- उनके मुख सदा सुवासित सुगंध् युक्त्त रहते थे।
३४. पहले आरे के मनुष्यो की प्रकृति कैसे होती थी?
३४ उत्तर :- उनके क्रोध,मान,माया,लोभ मंद एवं हल्के होते थे उनका स्वभाव सरल एवं मृदु होते थे।
३५. पहले आरे के मानवों के कितनी संताने होती थी?
३५.उत्तर :- दो संताने -एक पुत्र और एक पुत्री।
३६ . पहले आरे के समय पृथ्वी का स्वाद कैसा था?
३६ उत्तर:- मिश्री जैसा था।
३७. पहले आरे के मनुष्यो कहाँ रहते थे?
३७ उत्तर:- वृक्षों रूप घरों में रहते थे।
३८. पहले आरे में भारत क्षेत्र में सोना चांदी हीरें जवाहरात होते थे?
३८ उत्तर:- हाँ, होते थे पर उन मनुष्यों के उपयोग में नहीं आते थे।
३९ . पहले आरे के मनुष्यो की आयु कितनी होती थी?
३९ उत्तर:- लगते आरे तीन पल्योपम एवं उतरते आरे दो पल्योपम की आयु थी।
४०. क्या पहले आरे के मानवों को एक-दूसरे के प्रति शत्रु भाव होता था?
४० उत्तर:- नहीं, वे मनुष्य वैरानुबंध से रहित होते थे।
४१. क्या पहले आरे में माता-पिता,भाई-बहेन , पुत्र-पुत्री,पुत्र-पुत्रवधु आदि के रिश्ते होते थे?
४१ उत्तर:- हाँ, होते थे परन्तु उन मनुष्यों का तीव्र प्रेम बंध नहीं होता था।
४२. क्या पहले आरे में बुखार,हार्टअटैक ,शूल रोग होते थे?
४२.उत्तर:- नहीं,उस समय के मानवों को कोई भी रोग नहीं होता था।
४३. क्या पहले आरे के मानवों में विवाह होते थे?
४३ उत्तर:- नहीं, विवाह प्रणाली नहीं थी।
४४. पहले आरे में कितने प्रकार के मनुष्य रहते थे?
४४ उत्तर:- छह प्रकार के मनुष्य रहते थे।
४५ पहले आरे में छह प्रकार के कौनसे
१.अवसर्पिणी काल के पहले आरा का नाम क्या है?
१उत्तर:- सुषम-सुषमा
२. अवसर्पिणी काल का पहला आरा कैसा था?
२ उत्तर:- बड़ा ही रमणीय,सुरम्य था।
३. पहले आरे का भूमिभग कैसा था?
३उत्तर :- समतल,रमणीय एवं नाना प्रकार की काली सफ़ेद आदि पंचरंगी तृणो एव मणियो से उपशोभित था।
४. पहले आरे में वृक्ष कौनसे थे?
४ उत्तर:- उद्धाल ,कद्धाल , कृतमाल, नृतमाल, दन्तमाल नागमाल आदि अनेक उत्तम जाती के वृक्ष थे । जो फलों से लदे रहते थे और अतीव कांति से सुशोभित थे।
५.पहले आरे में जहाँ तहाँ कौनसे वृक्ष अधिक पाये जाते थे?
५.उत्तर:- दस प्रकार के कल्पवृक्ष जहाँ तहाँ समूह रूप में पाये जाते थे।
६. पहले प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
६.उत्तर:- मत्तांग कल्पवृक्ष।
७. मत्तांग नामक कल्पवृक्ष क्या देता है?
७.उत्तर मादक रस प्रदान करता,जिसको प्राप्त कर प्राणी तृप्त हो जाते थे।
८. दूसरे प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
८.उत्तर:- भृत्तांग कल्पवृक्ष।
९. भृत्तांग कल्पवृक्ष क्या देता है
९ उत्तर:- विविध प्रकार के भोजन-पात्र-बर्तन देने वाले होते है।
१०. तीसरे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१० उत्तर:- त्रुटितांग।
११.त्रुटितांग कल्पवृक्ष क्या देता है?
११उत्तर:- नानाविध वाध देता है।
१२. चौथे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१२.उत्तर:- दीपशिखा कल्पवृक्ष।
१३.दीपशिखा कल्पवृक्ष क्या देता है?
१३उत्तर :- दीपक जैसा प्रकाश करते है।
१४. पांचवे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१४.उत्तर :-जोतिषिक कल्पवृक्ष।
१५. जोतिषिक कल्पवृक्ष कैसे होते है?
१५.उत्तर :- सूर्य, चंद्र जोतिषिक जैसा उधोत प्रकाश करने वाले होते है।
१६. छठे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१६.उत्तर :- चित्रांग कल्पवृक्ष।
१७. चित्रांग कल्पवृक्ष क्या क्या देता है?
१७.उत्तर विविध प्रकार की मालाएं आदि देने वाले होते है।
१८. सातवें प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
१८.उत्तर:- चित्र रास कल्पवृक्ष।
१९. चित्ररास कल्पवृक्ष क्या देते है?
१९ उत्तर:- विविध प्रकार के रास देने वाले षट् रास भोजन देने वाले होते है।
२०. आठवे प्रकार के कल्पवृक्ष का क्या नाम है?
२०.उत्तर :- मण्यंग कल्पवृक्ष।
२१.मण्यंग कल्पवृक्ष क्या देते है?
२१.उत्तर:- विविध आभूषण प्रदान करते है।
२२. नवमें प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
२२.उत्तर:- गेहकर कल्पवृक्ष।
२३.गेहकर कल्पवृक्ष क्या देते है?
२३.उत्तर:- विविध प्रकार के गृह निवास स्थान प्रदाता जिसमें युगलिक आसानी से सुखपूर्वक रह सकते है।
२४. दसवें प्रकार के कल्पवृक्ष कौनसे है?
२४.उत्तर:- अनग्न कल्पवृक्ष।
२५ .अनग्न कल्पवृक्ष क्या देते है?
२५.उत्तर:- वस्त्रों की आवश्यकता पूर्ति करने वाले सुंदर सुखद महीन वस्त्र देने वाले होते है।
२६. पहले आरे के मनुष्यो का आकर स्वरुप कैसा था?
२६ उत्तर :- पहले आरे के मनुष्य बड़े सुन्दर दर्शनीय होते थे,सारे अंग
सुव्यवसिथत होते थे।
२७. पहले आरे की स्त्रियाँ कैसी होती थी?
२७ उत्तर :- श्रेष्ठ और सर्वाग सुंदरता युक्त्त तथा महिलोचित गुणों से युक्त्त होती थी।
२८. पहले आरे के मनुष्य कितने समय आहार लेते थे?
२८ उत्तर:- तीन दिन के बाद।
२९. पहले आरे के मनुष्य कितना आहार करते थे?
२९ उत्तर:- तुवर की दाल जितना सा आहार करते थे।
३०. पहले आरे के मनुष्यो की पाचन शक्त्ति कैसे थी?
३० उत्तर:- कबूतर की तरह प्रबल पाचन शक्त्ति वाले थे।
३१. पहले आरे के मनुष्यो को कितनी पसलियाँ थी?
३१ उत्तर:- २५६ पसलियाँ होती थी।
३२. पहले आरे के मनुष्यो की श्वास कैसे होती थी?
३२ उत्तर:- पदम उत्पल तथा गंध द्रव्यों जैसी सुग़धित थी।
३३. पहले आरे के मनुष्यो के मुख कैसे होते थे?
३३ उत्तर :- उनके मुख सदा सुवासित सुगंध् युक्त्त रहते थे।
३४. पहले आरे के मनुष्यो की प्रकृति कैसे होती थी?
३४ उत्तर :- उनके क्रोध,मान,माया,लोभ मंद एवं हल्के होते थे उनका स्वभाव सरल एवं मृदु होते थे।
३५. पहले आरे के मानवों के कितनी संताने होती थी?
३५.उत्तर :- दो संताने -एक पुत्र और एक पुत्री।
३६ . पहले आरे के समय पृथ्वी का स्वाद कैसा था?
३६ उत्तर:- मिश्री जैसा था।
३७. पहले आरे के मनुष्यो कहाँ रहते थे?
३७ उत्तर:- वृक्षों रूप घरों में रहते थे।
३८. पहले आरे में भारत क्षेत्र में सोना चांदी हीरें जवाहरात होते थे?
३८ उत्तर:- हाँ, होते थे पर उन मनुष्यों के उपयोग में नहीं आते थे।
३९ . पहले आरे के मनुष्यो की आयु कितनी होती थी?
३९ उत्तर:- लगते आरे तीन पल्योपम एवं उतरते आरे दो पल्योपम की आयु थी।
४०. क्या पहले आरे के मानवों को एक-दूसरे के प्रति शत्रु भाव होता था?
४० उत्तर:- नहीं, वे मनुष्य वैरानुबंध से रहित होते थे।
४१. क्या पहले आरे में माता-पिता,भाई-बहेन , पुत्र-पुत्री,पुत्र-पुत्रवधु आदि के रिश्ते होते थे?
४१ उत्तर:- हाँ, होते थे परन्तु उन मनुष्यों का तीव्र प्रेम बंध नहीं होता था।
४२. क्या पहले आरे में बुखार,हार्टअटैक ,शूल रोग होते थे?
४२.उत्तर:- नहीं,उस समय के मानवों को कोई भी रोग नहीं होता था।
४३. क्या पहले आरे के मानवों में विवाह होते थे?
४३ उत्तर:- नहीं, विवाह प्रणाली नहीं थी।
४४. पहले आरे में कितने प्रकार के मनुष्य रहते थे?
४४ उत्तर:- छह प्रकार के मनुष्य रहते थे।
४५ पहले आरे में छह प्रकार के कौनसे
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