छठा आरा
अब कुछ प्रश्न छटे आरे से 🌹
1⃣6⃣छट्ठे आरे के उतरते मनुष्य का संस्थान केसा होगा❓
🅰हुँड़क लेकिन अनंतगुणा हीन❗
1⃣7⃣छट्ठे आरे में मनुष्य किस वर्ण के वस्त्र पहनेगे❓
🅰निवस्त्र होंगे❗
1⃣8⃣,छटे आरे की जीवो में पसलियां कितनी रहती है ❓
🅰लगते आरे में 8 ओर उतरते में 4 होगी❗
1⃣9⃣ गंगा सिंधु नदी में पानी कितना रह जायेगा ❓
🅰गाड़ी की धुरी डूबे जितना रह जायेगा❗ओर
रथ की धुरी जितना चोड़ा ओर गाड़ी की धुरी डूबे उतना गहरा❗
2⃣0⃣कोन से जीव छट्ठे आरे में जन्म नही लेंगे❓
🅰जो जीव दान पुण्य व्रत पक्च्खान धर्म आराधना सहित करेंगे❗
2⃣1⃣छट्ठा आरा 15 कर्म भूमि में होता है❓
🅰नही,, भरत ओर एरावत क्षेत्र में❗
2⃣2⃣गंगा नदी के कितने किनारे ओर कितने बिल होंगे❓
🅰 4 किनारों पे 36 बिल होंगे❗
2⃣3⃣छट्ठा आरा कब पूर्ण होगा❓
🅰आषाढ शुक्ला पूर्णिमा को❗
2⃣4⃣ 6 आरे मे अवगाहना कितनी ❓
🅰️ लगते आरे 2 हाथ उतरते 1 हाथ❗
2⃣5⃣धरती का स्पर्श कैसा होगा❓
🅰तलवार की धार के समान तीक्ष्ण और अंगार के समान उष्ण❗
2⃣6⃣उस समय के मनुष्य की चाल केसी होगी❓
🅰ऊँट के समान टेढ़ी मेढ़ी❗
2⃣7⃣इस आरे में युवावस्था कितने वर्ष की है❓
🅰आठ वर्ष ❗
2⃣8⃣आहार कोन सा करते है ❓
🅰मांसाहार ❗
2⃣9⃣इस आरे में तिर्यंच किसका आहार केरेंगे❓
🅰मनुष्य का खाया हुए आहार खा के बचे हुए चमड़ी ओर हड्डी का❗
3⃣0⃣नदियों का पानी कैसे बहता है❓
🅰सांप के समान बाँका गति से❗
3⃣1⃣56000वर्ष में से कितने कम करने पर इस आरे की स्थिति होगी❓
🅰35000 वर्ष❗
3⃣2⃣6 आरा आनेवाला है किसे पता चलेगा❓
🅰शकेन्द्र ❗
3️⃣3️⃣छठा आरे में शून्यसंबंध कौन सा होगा ❓
🅰. माता -भगिनी के विचार वाला संबंध शून्य होगा।
3️⃣4️⃣छटे आरे के मनुष्यो की केश राशि किस तरह की?
🅰बधे हुये नख दाढ़ी मूछ रोम
.
छठा आरा का दुषम-दुषमा काल
जब भगवान महावीर का निर्वाण हुआ उसके बाद पाचवा आरा शुरू हुआ । ये आरा 21000 वर्ष तक चलने वाला है । उसके बाद 21000 वर्ष तक छठा आरा चलेगा ।
कैसा भयानक होगा छठा आरा आज देखते है ।
छठा आरा दुषम-दुषमा काल
1. पाँचवां आरा पूर्ण होने पर कौनसा आरा लगेगा?
1. उत्तर:- छठा आरा ।
2. छठा आरा कौनसा है?
2. उत्तर:-दुषम-दुषमा आरा ।
3. छठा आरे का कालमान कितना है?
3. उत्तर:- इक्कीस हजार वर्ष प्रमाण।
4.संवतर्क वायु के चलने पर क्या सब नष्ट हो जायेगा?
4. उत्तर:-नहीं,बहुत से मनुष्य व् तिर्यच मर जायेंगे ,कुछ बचेंगे।
5. कौनसे मनुष्यादि बचेंगे?
5. उत्तर:-जिनका आयुष्य एवं पुण्य प्रबल होगा।
6.बचे हुये मनुष्यों का क्या होगा?
6.उत्तर:- भरत क्षेत्र का आधिष्ठाता देव उठाकर ले जायेगा।
7. भरत क्षेत्र के क्या बचे हुये सभी मनुष्यों को वह देव ले जायेगा?
7. उत्तर:-नहीं,बचे हुये मनुष्यों में से भी बीज रूप कुछ मनुष्यादि को ले जायेगा।
8. उन मनुष्यों को ले जाकर वह देव क्या करेगा?
8.उत्तर:-बिलों में रख देगा।
9. ये बिल कहाँ पर है?
9. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत के दक्षिणी व् उत्तरी भाग पर जो गंगा और सिंधु महानदी है, उनके आठो किनरो में से प्रत्येक किनारे पर ९-९ बिल है।
10. कुल मिलकर कितने बिल है?
10. उत्तर ८×९=७२ बिल होते है।
11. वे बिल कैसे है?
11. उत्तर:-प्रत्येक बिल तीन-तीन मंजिले है।
12. छठा आरे के मनुष्य कहाँ रहेँगे?
12. उत्तर:- इन्हीं बिलों के अन्दर रहेँगे।
13. छठा आरे लगते कितनी आयु होगी?
13. उत्तर:- बीस वर्ष।
14. छठा आरे उतरते कितनी आयु होगी?
14. उत्तर:- 13 वर्ष।
15. छठा आरे लगते कितनी अवगाहना होगी?
15.उत्तर:- एक रत्नि – हाथ =२४ अंगुल प्रमाण।
16. छठा आरे उतरते कितनी अवगाहना होगी?
16. उत्तर:-मुण्ड हाथ प्रमाण।
17. छठा आरे में परिवार कैसा होगा ?
17. उत्तर:- बहुत पुत्र -पौत्रमय परिवार होगा।
18. छठा आरे में आपसी संबंध कैसा होगा ?
18. उत्तर:-माता -भगिनी के विचार से शून्य,बहुत प्रणय,प्रेम या मोहाशक्ती रहेगी।
19. छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना पानी रहेगा?
19. उत्तर:-रथ चलने के लिये अपेक्षित पथ जितना मात्र पानी बहने का विस्तार रहेगा।
20.छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना गहरा पानी बहेगा ?
20.उत्तर:- उनमें रथ के चक्र के छेद की गहराई जितना गहरा जल रहेगा।
21.नदी के जल में किसकी बहुलता रहेगी?
21. उत्तर:-विपुल मात्रा में अनेक मत्स्य,कच्छप-कछुए आदि रहेंगे। पानी कम रहेंगा,जीव ज्यादा होंगे।
22.छठा आरे लगते कितनी पंसलिया रहेगी ?
22. उत्तर:- 7 पंसलिया।
23.छठा आरे उतरते कितनी पंसलिया रहेगी ?
23. उत्तर:- 4 पंसलिया।
24. छठे आरे के मनुष्यों की आहारेच्छा कितने समय से होगी?
24. उत्तर:- अपरिमित आहार की इच्छा होगी।
25. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कब पकड़ेंगे?
25. उत्तर:- दिन एवं रात्रि में कड़क सर्दी व गर्मी होने से बाहर नहीं निकलेगे,सूर्योदय और सूर्यास्त के समय एक-एक मुहूर्त ही बिलों से बाहर निकलेंगे गंगा-सिंधु महानदी में से कच्छ-मच्छ को पकड़ेंगे।
२6. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कैसे पकायेंगे ?
26.उत्तर:-सूर्योदय के समय पकड़े हुये कच्छ-मच्छ आदि को रेत में गाड़ देंगे जिससे दिनभर सूर्य के उष्ण ताप से पक जायेंगे जिसको सूर्यास्त के समय बाहर निकालकर खा लेंगे और सूर्यास्त के समय पकड़े हूए कच्छ-मच्छ आदि को शाम को रेत में गाड़ देगें ,जिससे रात्रि भर चन्द्रमा की आतिशीतलता से पक जायेंगे,जिस्को सुबह सूर्योदय के समय बाहर निकालकर खा लेंगे।
27.कितना आहार करने पर तृप्त होंगे ?
27. उत्तर:- कितना ही आहार करेंगे तो भी तृप्त नहीं होंगे।
28. बिलवासी जीव दिन में एवं रात्रि में कहाँ रहेंगे?
28. उत्तर:- दिन के समय सख्त गर्मी पड़ेगी और रात्रि में सख्त सर्दी पड़ेगी इस शख्त सर्दी और गर्मी को मनुष्य व् पशु-पक्षी सहन नहीं कर सकेंगे,अतःदिन रात्रि के समय वे बिलों में ही रहेंगे।।
29.बहत्तर बिलों में से कितने बिलों में मनुष्य रहेंगे?
29. उत्तर:- ६३ बिलों में मनुष्य रहेंगे।
30. पशु कितने बिलों में रहेंगे?
30. उत्तर:-६ बिलों में पशु रहेंगे।
31. पक्षी कितने बिलों में रहेंगे?
31.उत्तर:- तीन बिलों में पक्षी रहेंगे।
32.छठे आरे मे पशु-पक्षी क्या खायेंगे?
32.उत्तर:- कच्छ-मच्छप के मांस का आहार मनुष्य करेंगे और हड्डियों का आहार पशु-पक्षी करेंगे।
33. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
22.उत्तर:-दीन,हीन,दुर्बल,सत्व हीन,तेजोहीन,बलहीन,उदास,दुर्गन्धित,रुग्ण,अपवित्र,दुर्वण् होंगे।
34. छठे आरे के मनुष्य कौनसे वस्त्र पहनेगे?
34. उत्तर:- निवस्त्र -(वस्त्र रहित)होंगे।
35. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री माता बन सकेगी?
35. उत्तर:- १२वर्ष की उम्र में स्त्री माता बन जायेंगी।
36. छठे आरे कि स्त्रियां कितनी संतान का प्रसव करने वाली होगी?
36. उत्तर:- कुत्तियाँ और शूकरी के समान एक साथ अनेक संतानो का प्रसव अनेक बार करने वाली होगी।
37. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री नाना-नानी बन जायेगी?
37. उत्तर:- १२ वर्ष की अवस्था में नानी – दादी बन जायेगी।
38. छठे आरे के जीव मरकर कहाँ जायेंगे?
38. उत्तर:- प्रायः नरक गति व् तिर्यंच गति में ही जायेंगे।
39. छठे आरे में सूर्य का प्रभाव कैसा रहेगा?
39. उत्तर:- सूर्य अत्यधिक प्रचण्ड ताप मय होगा,जिससे धरती झुलस जायेगी।
40. छठे आरे में चन्द्रमा का प्रभाव कैसा रहेगा?
40. उत्तर:-चन्द्रमा अत्यधिक शीतल होकर रात्रि में ठण्ड युक्त्त शीतलता बरसायेगा।
41. छठे आरे के मनुष्यों का संहनन कौनसा होगा?
41. उत्तर:- एक-सेवार्तक संहनन
42. छठे आरे के मनुष्यों का संस्थान कौनसा होगा?
42. उत्तर:- एक-हुण्डक संस्थान होगा।
43. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर कैसा होगा?
43. उत्तर:-कुरूप ,कुवर्ण ,कुगंध, कुरस ,कुस्पर्श ,बड़े भयंकर लगेंगे।
44. छठे आरे के मनुष्यों की मर्यादा कैसी होगा?
44. उत्तर:- निर्लज्ज और मर्यादा रहित हीन आचार वाले होगें।
45. छठे आरे के मनुष्यों का स्वभाव कैसा होगा?
45.उत्तर:- कुड, कपट ,वैर, कलह, में आसक्त होगे।
46. छठे आरा लगने पर कितने मेघ बरसेंगे ?
46. उत्तर:- अनेक प्रकार के मेघ बरसेंगे।
47. अरस मेघ किसे कहते है?
47. उत्तर:-मनोज्ञ रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
48. विरस मेघ किसे कहते है?
48. उत्तर:-विकृत रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
49. क्षार मेघ किसे कहते है?
49. उत्तर:- साजी आदि क्षार के समान पानी बरसाने वाले मेघ।
50. खात्र मेघ किसे कहते है?
50 उत्तर:-गोबर के समान जल बरसाने वाले मेघ।
51. खट्टा मेघ किसे कहते है?
51. उत्तर:- खट्टा मेघ पानी बरसाने वाले मेघ।
52. अग्नि मेघ किसे कहते है?
52. उत्तर:- अग्नि के समान दाहकारी जल बरसाने वाले मेघ।
53. विधुत मेघ किसे कहते है?
53. उत्तर:- बिजली गिराने वाले मेघ।
54. विष मेघ किसे कहते है?
54. उत्तर:- विष युक्त्त जहरीला पानी बरसाने वाले मेघ (जिसके पानी से प्राणी मर जाते है)।
55. अशनि मेघ किसे कहते है?
55. उत्तर:- ओले (गड़े) बरसाने वाले मेघ।
56. इनके अलावा और कौन-कौन से मेघो द्वारा पानी बरसेगा?
56.उत्तर:- व्रज आदि के समान पर्वतादि को तोड़ने वाले मेघ,अपेयमेघ- नहीं पीने योग्य पानी वाले मेघ ,तृषा को शांत न कर सकने वाले पानी युक्त्त मेघ,व्याधि-रोग और वेदना उत्पन्न करने वाले मेघ को अरुचिकर पानी वाले मेघ,प्रचण्ड वायु युक्त्त तीक्षण धाराओं साथ बरसेंगे।
57. इन मेंघो के बरसने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
57. उत्तर:- धरती रस शून्य हो जायेगी।
58.मेघो के बरसने से ग्राम,नगर आदि की क्या स्थिति होगी?
58. उत्तर:-ग्राम ,आकर,नगर,
खटे, कबर्ट ,मंडब ,द्रोण ,मुख् , पट्टण, आश्रम, आदि में रहने वाले मनुष्य,चतुष्पद,खग आदि सभी विनष्ट हो जायेंगे।
59 .मेघो के बरसने से वनस्पति जगत की क्या स्थिति कैसी क्या रहेगी ?
59. उत्तर:-बहुत प्रकार के वुक्ष,गुल्म,लताएं,बेलें,घास,दूब,पर्वक (गन्ने) आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
60 .मेघो के बरसने से पर्वत आदि की क्या स्थिति रहेगी ?
60. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत को छोड़कर शेष सभी पर्वत ,टील,छोटे पहाड़, रग़िस्तान,आदि सब का विनाश हो जायेगा।
61. मेघो के बरसने पर नदियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
61.उत्तर:- गंगा और सिंधु इन दो महानदियो को छोड़कर शेष नादियाँ,पानी के झरने, गडढे,सरोवर,तालाब आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
62. उस समय भरत क्षेत्र का आकर भाव प्रत्यवतार कैसा होगा?
62.उत्तर:- उस समय इस भरत क्षेत्र की भूमि अंगार के समान,
मुमुर्र (छाणे की अग्नि) के समान, भस्मीभूत (गर्म राख़ के समान) तपे हुये लोहे के कड़ाहे के समान,ताप द्वारा अग्नि के समान,बहुत धूल वाली ,बहुत रज वाली,बहुत कीचड़ वाली,बहुत शौवाल वाली,बहुत,चलनि (कदर्म) वाली होगी। जिस पर पृथ्वी जिवों का चलना बड़ा ही कठिन होगा।
63. उस समय धरती का आकर कैसा होगा?
63. उत्तर :-पृथ्वी ढोल के तले की तरह सपाट हो जायेगी।
64.उस प्रलय के पश्चात कितनी चीजो बचेंगी?
64. उत्तर:- ५ चीजो(स्थान)बचेंगी।
65. छठे आरे में पांच स्थान कौनसे बचेंगे?
65. उत्तर:-
1.वैताढ़य पर्वत
2. गंगा नदी
3. सिंधु नदी
4. ऋषभकूट
5.लवणसमुद्र की खाड़ी
६१ .मेघो के बरसने पर नदियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
६१.उत्तर:- गंगा और सिंधु इन दो महानदियो को छोड़कर शेष नादियाँ,पानी के झरने, गडढे,सरोवर,तालाब आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
६२. उस समय भरत क्षेत्र का आकर भाव प्रत्यवतार कैसा होगा?
६२.उत्तर:- उस समय इस भरत क्षेत्र की भूमि अंगार के समान,
मुमुर्र (छाणे की अग्नि) के समान, भस्मीभूत (गर्म राख़ के समान) तपे हुये लोहे के कड़ाहे के समान,ताप द्वारा अग्नि के समान,बहुत धूल वाली ,बहुत रज वाली,बहुत कीचड़ वाली,बहुत शौवाल वाली,बहुत,चलनि (कदर्म) वाली होगी। जिस पर पृथ्वी जिवों का चलना बड़ा ही कठिन होगा।
६३. उस समय धरती का आकर कैसा होगा?
६३. उत्तर :-पृथ्वी ढोल के तले की तरह सपाट हो जायेगी।
६४.उस प्रलय के पश्चात कितनी चीजो बचेंगी?
६४. उत्तर:- ५ चीजो(स्थान)बचेंगी।
६५. छठे आरे में पांच स्थान कौनसे बचेंगे?
६५. उत्तर:-
१. वैताढ़य पर्वत
२. गंगा नदी
३. सिंधु नदी
४. ऋषभकूट
५.लवणसमुद्र की खाड़ी।
६६. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
६६.उत्तर:- अनिष्ट,अमनोज्ञ,अमनाम(मन को नहीं गमने वाले)अच्छे नहीं लगने वाले होंगे।
६७. छठे आरे के मनुष्यों का स्वर कैसे होंगे?
६७. उत्तर:-हीन स्वर,दिन स्वर, अनिष्ट स्वर,अमनोज्ञ स्वर,और यावत् अमनाम स्वर युक्त्त ,अनोदय और अप्रीति युक्त्त वचन वाले होंगे।
६८. क्या छठे आरे की संतान माता-पिता की आज्ञाकारिणी होगी?
६८. उत्तर:-माता-पिता आदि पूज्यजनो की आज्ञा का भंग करने वाली,विनय रहित,अकार्य में तत्पर रहने वाली होगी।
६९. छठे आरे के मनुष्यों की केश राशि कैसी होगी?
६९. उत्तर:- बढ़ें हुये नख,केश,दाढ़ी,मूछ,रौम वाले,काले,अतीव कठोर,श्याम वर्ण वाले,बिखरे हुये बालों वाले और सफ़ेद केशों वाले होगें।
७०. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर किसका आवेष्टित होगा?
७०.उत्तर:-श्याम वर्ण का शरीर अनेक स्नायुओं से आवेष्टित होंगे
७१. छठे आरे के मनुष्यों का रूप कैसा होगा?
७१:- दुदर्शनीय रूप होगा।
७२. छठे आरे के मनुष्यों के कौनसे लक्षण होगा?
७२.उत्तर:-अनेक प्रकर के कुलक्षणो से युक्त्त होंगे।
७३. छठे आरे के मनुष्यों के अंगोपांग कैसे होंगे ?
७३. उत्तर:-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित और वली तरंग युक्त्त ( झुरियों से युक्त्त)टेढ़े-मेढे आंगोपांग से युक्त्त होंगे।
७४. छठे आरे के मनुष्यों के दांत कैसे होंगे ?
७४. उत्तर :-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित प्रविरल और टूटे-फूटे सड़े दांत होंगे।
७५. छठे आरे के मनुष्यों के मुँह कैसे होंगे ?
७५. उत्तर:- घड़े के समान भयंकर मुँह होंगे।
७६. छठे आरे के मनुष्यों के नेत्र कैसे होंगे ?
७६. उत्तर:-विषम नेत्र होंगे।
७७.छठे आरे के मनुष्यों के नाक कैसे होंगे ?
७७.उत्तर:- टेढ़ी नाक होगी।
७८.छठे आरे के मनुष्यों के नाख़ून कैसे होंगे ?
७८. उत्तर:- कठिन और तीक्षण नाख़ून होंगे।
७९.छठे आरे के हर समय कौनसे रोग रहेंगे?
७९.उत्तर:- खाज-खुजली,दद्रु-दाद,किडिभ-एक प्रकार का कोढ़, सिध्म-एक प्रकार का विशेष कोढ़,आदि भंयकर विविध व्याधियों से संत्रस्त रहेंग।
८०. शरीर की चमड़ी कैसी होगी?
८०.उत्तर:-फटी हुई कठोर चमड़ी होगी।
*छठा आरा बड़ा दुष्कर,मानो* *धरती पर नरक की छोटी बानगी*
*सोचलो कैसा⁉️ होगा नजारा* 🔥🌑🌑
*आज के पशु कीभी उनसे* *लाखगुनाहै,अच्छी जिंदगी*
*
🙏 *अंजुगोलछा* 🙏
1⃣6⃣छट्ठे आरे के उतरते मनुष्य का संस्थान केसा होगा❓
🅰हुँड़क लेकिन अनंतगुणा हीन❗
1⃣7⃣छट्ठे आरे में मनुष्य किस वर्ण के वस्त्र पहनेगे❓
🅰निवस्त्र होंगे❗
1⃣8⃣,छटे आरे की जीवो में पसलियां कितनी रहती है ❓
🅰लगते आरे में 8 ओर उतरते में 4 होगी❗
1⃣9⃣ गंगा सिंधु नदी में पानी कितना रह जायेगा ❓
🅰गाड़ी की धुरी डूबे जितना रह जायेगा❗ओर
रथ की धुरी जितना चोड़ा ओर गाड़ी की धुरी डूबे उतना गहरा❗
2⃣0⃣कोन से जीव छट्ठे आरे में जन्म नही लेंगे❓
🅰जो जीव दान पुण्य व्रत पक्च्खान धर्म आराधना सहित करेंगे❗
2⃣1⃣छट्ठा आरा 15 कर्म भूमि में होता है❓
🅰नही,, भरत ओर एरावत क्षेत्र में❗
2⃣2⃣गंगा नदी के कितने किनारे ओर कितने बिल होंगे❓
🅰 4 किनारों पे 36 बिल होंगे❗
2⃣3⃣छट्ठा आरा कब पूर्ण होगा❓
🅰आषाढ शुक्ला पूर्णिमा को❗
2⃣4⃣ 6 आरे मे अवगाहना कितनी ❓
🅰️ लगते आरे 2 हाथ उतरते 1 हाथ❗
2⃣5⃣धरती का स्पर्श कैसा होगा❓
🅰तलवार की धार के समान तीक्ष्ण और अंगार के समान उष्ण❗
2⃣6⃣उस समय के मनुष्य की चाल केसी होगी❓
🅰ऊँट के समान टेढ़ी मेढ़ी❗
2⃣7⃣इस आरे में युवावस्था कितने वर्ष की है❓
🅰आठ वर्ष ❗
2⃣8⃣आहार कोन सा करते है ❓
🅰मांसाहार ❗
2⃣9⃣इस आरे में तिर्यंच किसका आहार केरेंगे❓
🅰मनुष्य का खाया हुए आहार खा के बचे हुए चमड़ी ओर हड्डी का❗
3⃣0⃣नदियों का पानी कैसे बहता है❓
🅰सांप के समान बाँका गति से❗
3⃣1⃣56000वर्ष में से कितने कम करने पर इस आरे की स्थिति होगी❓
🅰35000 वर्ष❗
3⃣2⃣6 आरा आनेवाला है किसे पता चलेगा❓
🅰शकेन्द्र ❗
3️⃣3️⃣छठा आरे में शून्यसंबंध कौन सा होगा ❓
🅰. माता -भगिनी के विचार वाला संबंध शून्य होगा।
3️⃣4️⃣छटे आरे के मनुष्यो की केश राशि किस तरह की?
🅰बधे हुये नख दाढ़ी मूछ रोम
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छठा आरा का दुषम-दुषमा काल
जब भगवान महावीर का निर्वाण हुआ उसके बाद पाचवा आरा शुरू हुआ । ये आरा 21000 वर्ष तक चलने वाला है । उसके बाद 21000 वर्ष तक छठा आरा चलेगा ।
कैसा भयानक होगा छठा आरा आज देखते है ।
छठा आरा दुषम-दुषमा काल
1. पाँचवां आरा पूर्ण होने पर कौनसा आरा लगेगा?
1. उत्तर:- छठा आरा ।
2. छठा आरा कौनसा है?
2. उत्तर:-दुषम-दुषमा आरा ।
3. छठा आरे का कालमान कितना है?
3. उत्तर:- इक्कीस हजार वर्ष प्रमाण।
4.संवतर्क वायु के चलने पर क्या सब नष्ट हो जायेगा?
4. उत्तर:-नहीं,बहुत से मनुष्य व् तिर्यच मर जायेंगे ,कुछ बचेंगे।
5. कौनसे मनुष्यादि बचेंगे?
5. उत्तर:-जिनका आयुष्य एवं पुण्य प्रबल होगा।
6.बचे हुये मनुष्यों का क्या होगा?
6.उत्तर:- भरत क्षेत्र का आधिष्ठाता देव उठाकर ले जायेगा।
7. भरत क्षेत्र के क्या बचे हुये सभी मनुष्यों को वह देव ले जायेगा?
7. उत्तर:-नहीं,बचे हुये मनुष्यों में से भी बीज रूप कुछ मनुष्यादि को ले जायेगा।
8. उन मनुष्यों को ले जाकर वह देव क्या करेगा?
8.उत्तर:-बिलों में रख देगा।
9. ये बिल कहाँ पर है?
9. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत के दक्षिणी व् उत्तरी भाग पर जो गंगा और सिंधु महानदी है, उनके आठो किनरो में से प्रत्येक किनारे पर ९-९ बिल है।
10. कुल मिलकर कितने बिल है?
10. उत्तर ८×९=७२ बिल होते है।
11. वे बिल कैसे है?
11. उत्तर:-प्रत्येक बिल तीन-तीन मंजिले है।
12. छठा आरे के मनुष्य कहाँ रहेँगे?
12. उत्तर:- इन्हीं बिलों के अन्दर रहेँगे।
13. छठा आरे लगते कितनी आयु होगी?
13. उत्तर:- बीस वर्ष।
14. छठा आरे उतरते कितनी आयु होगी?
14. उत्तर:- 13 वर्ष।
15. छठा आरे लगते कितनी अवगाहना होगी?
15.उत्तर:- एक रत्नि – हाथ =२४ अंगुल प्रमाण।
16. छठा आरे उतरते कितनी अवगाहना होगी?
16. उत्तर:-मुण्ड हाथ प्रमाण।
17. छठा आरे में परिवार कैसा होगा ?
17. उत्तर:- बहुत पुत्र -पौत्रमय परिवार होगा।
18. छठा आरे में आपसी संबंध कैसा होगा ?
18. उत्तर:-माता -भगिनी के विचार से शून्य,बहुत प्रणय,प्रेम या मोहाशक्ती रहेगी।
19. छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना पानी रहेगा?
19. उत्तर:-रथ चलने के लिये अपेक्षित पथ जितना मात्र पानी बहने का विस्तार रहेगा।
20.छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना गहरा पानी बहेगा ?
20.उत्तर:- उनमें रथ के चक्र के छेद की गहराई जितना गहरा जल रहेगा।
21.नदी के जल में किसकी बहुलता रहेगी?
21. उत्तर:-विपुल मात्रा में अनेक मत्स्य,कच्छप-कछुए आदि रहेंगे। पानी कम रहेंगा,जीव ज्यादा होंगे।
22.छठा आरे लगते कितनी पंसलिया रहेगी ?
22. उत्तर:- 7 पंसलिया।
23.छठा आरे उतरते कितनी पंसलिया रहेगी ?
23. उत्तर:- 4 पंसलिया।
24. छठे आरे के मनुष्यों की आहारेच्छा कितने समय से होगी?
24. उत्तर:- अपरिमित आहार की इच्छा होगी।
25. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कब पकड़ेंगे?
25. उत्तर:- दिन एवं रात्रि में कड़क सर्दी व गर्मी होने से बाहर नहीं निकलेगे,सूर्योदय और सूर्यास्त के समय एक-एक मुहूर्त ही बिलों से बाहर निकलेंगे गंगा-सिंधु महानदी में से कच्छ-मच्छ को पकड़ेंगे।
२6. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कैसे पकायेंगे ?
26.उत्तर:-सूर्योदय के समय पकड़े हुये कच्छ-मच्छ आदि को रेत में गाड़ देंगे जिससे दिनभर सूर्य के उष्ण ताप से पक जायेंगे जिसको सूर्यास्त के समय बाहर निकालकर खा लेंगे और सूर्यास्त के समय पकड़े हूए कच्छ-मच्छ आदि को शाम को रेत में गाड़ देगें ,जिससे रात्रि भर चन्द्रमा की आतिशीतलता से पक जायेंगे,जिस्को सुबह सूर्योदय के समय बाहर निकालकर खा लेंगे।
27.कितना आहार करने पर तृप्त होंगे ?
27. उत्तर:- कितना ही आहार करेंगे तो भी तृप्त नहीं होंगे।
28. बिलवासी जीव दिन में एवं रात्रि में कहाँ रहेंगे?
28. उत्तर:- दिन के समय सख्त गर्मी पड़ेगी और रात्रि में सख्त सर्दी पड़ेगी इस शख्त सर्दी और गर्मी को मनुष्य व् पशु-पक्षी सहन नहीं कर सकेंगे,अतःदिन रात्रि के समय वे बिलों में ही रहेंगे।।
29.बहत्तर बिलों में से कितने बिलों में मनुष्य रहेंगे?
29. उत्तर:- ६३ बिलों में मनुष्य रहेंगे।
30. पशु कितने बिलों में रहेंगे?
30. उत्तर:-६ बिलों में पशु रहेंगे।
31. पक्षी कितने बिलों में रहेंगे?
31.उत्तर:- तीन बिलों में पक्षी रहेंगे।
32.छठे आरे मे पशु-पक्षी क्या खायेंगे?
32.उत्तर:- कच्छ-मच्छप के मांस का आहार मनुष्य करेंगे और हड्डियों का आहार पशु-पक्षी करेंगे।
33. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
22.उत्तर:-दीन,हीन,दुर्बल,सत्व हीन,तेजोहीन,बलहीन,उदास,दुर्गन्धित,रुग्ण,अपवित्र,दुर्वण् होंगे।
34. छठे आरे के मनुष्य कौनसे वस्त्र पहनेगे?
34. उत्तर:- निवस्त्र -(वस्त्र रहित)होंगे।
35. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री माता बन सकेगी?
35. उत्तर:- १२वर्ष की उम्र में स्त्री माता बन जायेंगी।
36. छठे आरे कि स्त्रियां कितनी संतान का प्रसव करने वाली होगी?
36. उत्तर:- कुत्तियाँ और शूकरी के समान एक साथ अनेक संतानो का प्रसव अनेक बार करने वाली होगी।
37. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री नाना-नानी बन जायेगी?
37. उत्तर:- १२ वर्ष की अवस्था में नानी – दादी बन जायेगी।
38. छठे आरे के जीव मरकर कहाँ जायेंगे?
38. उत्तर:- प्रायः नरक गति व् तिर्यंच गति में ही जायेंगे।
39. छठे आरे में सूर्य का प्रभाव कैसा रहेगा?
39. उत्तर:- सूर्य अत्यधिक प्रचण्ड ताप मय होगा,जिससे धरती झुलस जायेगी।
40. छठे आरे में चन्द्रमा का प्रभाव कैसा रहेगा?
40. उत्तर:-चन्द्रमा अत्यधिक शीतल होकर रात्रि में ठण्ड युक्त्त शीतलता बरसायेगा।
41. छठे आरे के मनुष्यों का संहनन कौनसा होगा?
41. उत्तर:- एक-सेवार्तक संहनन
42. छठे आरे के मनुष्यों का संस्थान कौनसा होगा?
42. उत्तर:- एक-हुण्डक संस्थान होगा।
43. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर कैसा होगा?
43. उत्तर:-कुरूप ,कुवर्ण ,कुगंध, कुरस ,कुस्पर्श ,बड़े भयंकर लगेंगे।
44. छठे आरे के मनुष्यों की मर्यादा कैसी होगा?
44. उत्तर:- निर्लज्ज और मर्यादा रहित हीन आचार वाले होगें।
45. छठे आरे के मनुष्यों का स्वभाव कैसा होगा?
45.उत्तर:- कुड, कपट ,वैर, कलह, में आसक्त होगे।
46. छठे आरा लगने पर कितने मेघ बरसेंगे ?
46. उत्तर:- अनेक प्रकार के मेघ बरसेंगे।
47. अरस मेघ किसे कहते है?
47. उत्तर:-मनोज्ञ रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
48. विरस मेघ किसे कहते है?
48. उत्तर:-विकृत रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
49. क्षार मेघ किसे कहते है?
49. उत्तर:- साजी आदि क्षार के समान पानी बरसाने वाले मेघ।
50. खात्र मेघ किसे कहते है?
50 उत्तर:-गोबर के समान जल बरसाने वाले मेघ।
51. खट्टा मेघ किसे कहते है?
51. उत्तर:- खट्टा मेघ पानी बरसाने वाले मेघ।
52. अग्नि मेघ किसे कहते है?
52. उत्तर:- अग्नि के समान दाहकारी जल बरसाने वाले मेघ।
53. विधुत मेघ किसे कहते है?
53. उत्तर:- बिजली गिराने वाले मेघ।
54. विष मेघ किसे कहते है?
54. उत्तर:- विष युक्त्त जहरीला पानी बरसाने वाले मेघ (जिसके पानी से प्राणी मर जाते है)।
55. अशनि मेघ किसे कहते है?
55. उत्तर:- ओले (गड़े) बरसाने वाले मेघ।
56. इनके अलावा और कौन-कौन से मेघो द्वारा पानी बरसेगा?
56.उत्तर:- व्रज आदि के समान पर्वतादि को तोड़ने वाले मेघ,अपेयमेघ- नहीं पीने योग्य पानी वाले मेघ ,तृषा को शांत न कर सकने वाले पानी युक्त्त मेघ,व्याधि-रोग और वेदना उत्पन्न करने वाले मेघ को अरुचिकर पानी वाले मेघ,प्रचण्ड वायु युक्त्त तीक्षण धाराओं साथ बरसेंगे।
57. इन मेंघो के बरसने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
57. उत्तर:- धरती रस शून्य हो जायेगी।
58.मेघो के बरसने से ग्राम,नगर आदि की क्या स्थिति होगी?
58. उत्तर:-ग्राम ,आकर,नगर,
खटे, कबर्ट ,मंडब ,द्रोण ,मुख् , पट्टण, आश्रम, आदि में रहने वाले मनुष्य,चतुष्पद,खग आदि सभी विनष्ट हो जायेंगे।
59 .मेघो के बरसने से वनस्पति जगत की क्या स्थिति कैसी क्या रहेगी ?
59. उत्तर:-बहुत प्रकार के वुक्ष,गुल्म,लताएं,बेलें,घास,दूब,पर्वक (गन्ने) आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
60 .मेघो के बरसने से पर्वत आदि की क्या स्थिति रहेगी ?
60. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत को छोड़कर शेष सभी पर्वत ,टील,छोटे पहाड़, रग़िस्तान,आदि सब का विनाश हो जायेगा।
61. मेघो के बरसने पर नदियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
61.उत्तर:- गंगा और सिंधु इन दो महानदियो को छोड़कर शेष नादियाँ,पानी के झरने, गडढे,सरोवर,तालाब आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
62. उस समय भरत क्षेत्र का आकर भाव प्रत्यवतार कैसा होगा?
62.उत्तर:- उस समय इस भरत क्षेत्र की भूमि अंगार के समान,
मुमुर्र (छाणे की अग्नि) के समान, भस्मीभूत (गर्म राख़ के समान) तपे हुये लोहे के कड़ाहे के समान,ताप द्वारा अग्नि के समान,बहुत धूल वाली ,बहुत रज वाली,बहुत कीचड़ वाली,बहुत शौवाल वाली,बहुत,चलनि (कदर्म) वाली होगी। जिस पर पृथ्वी जिवों का चलना बड़ा ही कठिन होगा।
63. उस समय धरती का आकर कैसा होगा?
63. उत्तर :-पृथ्वी ढोल के तले की तरह सपाट हो जायेगी।
64.उस प्रलय के पश्चात कितनी चीजो बचेंगी?
64. उत्तर:- ५ चीजो(स्थान)बचेंगी।
65. छठे आरे में पांच स्थान कौनसे बचेंगे?
65. उत्तर:-
1.वैताढ़य पर्वत
2. गंगा नदी
3. सिंधु नदी
4. ऋषभकूट
5.लवणसमुद्र की खाड़ी
६१ .मेघो के बरसने पर नदियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
६१.उत्तर:- गंगा और सिंधु इन दो महानदियो को छोड़कर शेष नादियाँ,पानी के झरने, गडढे,सरोवर,तालाब आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
६२. उस समय भरत क्षेत्र का आकर भाव प्रत्यवतार कैसा होगा?
६२.उत्तर:- उस समय इस भरत क्षेत्र की भूमि अंगार के समान,
मुमुर्र (छाणे की अग्नि) के समान, भस्मीभूत (गर्म राख़ के समान) तपे हुये लोहे के कड़ाहे के समान,ताप द्वारा अग्नि के समान,बहुत धूल वाली ,बहुत रज वाली,बहुत कीचड़ वाली,बहुत शौवाल वाली,बहुत,चलनि (कदर्म) वाली होगी। जिस पर पृथ्वी जिवों का चलना बड़ा ही कठिन होगा।
६३. उस समय धरती का आकर कैसा होगा?
६३. उत्तर :-पृथ्वी ढोल के तले की तरह सपाट हो जायेगी।
६४.उस प्रलय के पश्चात कितनी चीजो बचेंगी?
६४. उत्तर:- ५ चीजो(स्थान)बचेंगी।
६५. छठे आरे में पांच स्थान कौनसे बचेंगे?
६५. उत्तर:-
१. वैताढ़य पर्वत
२. गंगा नदी
३. सिंधु नदी
४. ऋषभकूट
५.लवणसमुद्र की खाड़ी।
६६. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
६६.उत्तर:- अनिष्ट,अमनोज्ञ,अमनाम(मन को नहीं गमने वाले)अच्छे नहीं लगने वाले होंगे।
६७. छठे आरे के मनुष्यों का स्वर कैसे होंगे?
६७. उत्तर:-हीन स्वर,दिन स्वर, अनिष्ट स्वर,अमनोज्ञ स्वर,और यावत् अमनाम स्वर युक्त्त ,अनोदय और अप्रीति युक्त्त वचन वाले होंगे।
६८. क्या छठे आरे की संतान माता-पिता की आज्ञाकारिणी होगी?
६८. उत्तर:-माता-पिता आदि पूज्यजनो की आज्ञा का भंग करने वाली,विनय रहित,अकार्य में तत्पर रहने वाली होगी।
६९. छठे आरे के मनुष्यों की केश राशि कैसी होगी?
६९. उत्तर:- बढ़ें हुये नख,केश,दाढ़ी,मूछ,रौम वाले,काले,अतीव कठोर,श्याम वर्ण वाले,बिखरे हुये बालों वाले और सफ़ेद केशों वाले होगें।
७०. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर किसका आवेष्टित होगा?
७०.उत्तर:-श्याम वर्ण का शरीर अनेक स्नायुओं से आवेष्टित होंगे
७१. छठे आरे के मनुष्यों का रूप कैसा होगा?
७१:- दुदर्शनीय रूप होगा।
७२. छठे आरे के मनुष्यों के कौनसे लक्षण होगा?
७२.उत्तर:-अनेक प्रकर के कुलक्षणो से युक्त्त होंगे।
७३. छठे आरे के मनुष्यों के अंगोपांग कैसे होंगे ?
७३. उत्तर:-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित और वली तरंग युक्त्त ( झुरियों से युक्त्त)टेढ़े-मेढे आंगोपांग से युक्त्त होंगे।
७४. छठे आरे के मनुष्यों के दांत कैसे होंगे ?
७४. उत्तर :-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित प्रविरल और टूटे-फूटे सड़े दांत होंगे।
७५. छठे आरे के मनुष्यों के मुँह कैसे होंगे ?
७५. उत्तर:- घड़े के समान भयंकर मुँह होंगे।
७६. छठे आरे के मनुष्यों के नेत्र कैसे होंगे ?
७६. उत्तर:-विषम नेत्र होंगे।
७७.छठे आरे के मनुष्यों के नाक कैसे होंगे ?
७७.उत्तर:- टेढ़ी नाक होगी।
७८.छठे आरे के मनुष्यों के नाख़ून कैसे होंगे ?
७८. उत्तर:- कठिन और तीक्षण नाख़ून होंगे।
७९.छठे आरे के हर समय कौनसे रोग रहेंगे?
७९.उत्तर:- खाज-खुजली,दद्रु-दाद,किडिभ-एक प्रकार का कोढ़, सिध्म-एक प्रकार का विशेष कोढ़,आदि भंयकर विविध व्याधियों से संत्रस्त रहेंग।
८०. शरीर की चमड़ी कैसी होगी?
८०.उत्तर:-फटी हुई कठोर चमड़ी होगी।
*छठा आरा बड़ा दुष्कर,मानो* *धरती पर नरक की छोटी बानगी*
*सोचलो कैसा⁉️ होगा नजारा* 🔥🌑🌑
*आज के पशु कीभी उनसे* *लाखगुनाहै,अच्छी जिंदगी*
*
🙏 *अंजुगोलछा* 🙏
छठा आरा की सज्झाय
छट्ठो आरो ऐवो आवशे
जाणशे जिनवर देव पृथ्वी प्रलय थायशे
वरशसे विरूवा मेह रे
छठा आरा -दुषम-दुषमा काल
१. पाँचवां आरा पूर्ण होने पर कौनसा आरा लगेगा?
१. उत्तर:- छठा आरा ।
२. छठा आरा कौनसा है?
२. उत्तर:-दुषम-दुषमा आरा ।
३. छठा आरे का कालमान कितना है?
३. उत्तर:- इक्कीस हजार वर्ष प्रमाण।
४.संवतर्क वायु के चलने पर क्या सब नष्ट हो जायेगा?
४. उत्तर:-नहीं,बहुत से मनुष्य व् तिर्यच मर जायेंगे ,कुछ बचेंगे।
५. कौनसे मनुष्यादि बचेंगे?
५. उत्तर:-जिनका आयुष्य एवं पुण्य प्रबल होगा।
६.बचे हुये मनुष्यों का क्या होगा?
६.उत्तर:- भरत क्षेत्र का आधिष्ठाता देव उठाकर ले जायेगा।
७. भरत क्षेत्र के क्या बचे हुये सभी मनुष्यों को वह देव ले जायेगा?
७. उत्तर:-नहीं,बचे हुये मनुष्यों में से भी बीज रूप कुछ मनुष्यादि को ले जायेगा।
८. उन मनुष्यों को ले जाकर वह देव क्या करेगा?
८.उत्तर:-बिलों में रख देगा।
९. ये बिल कहाँ पर है?
९. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत के दक्षिणी व् उत्तरी भाग पर जो गंगा और सिंधु महानदी है, उनके आठो किनरो में से प्रत्येक किनारे पर ९-९ बिल है।
१०. कुल मिलकर कितने बिल है?
१०. उत्तर ८×९=७२ बिल होते है।
११. वे बिल कैसे है?
११. उत्तर:-प्रत्येक बिल तीन-तीन मंजिले है।
१२. छठा आरे के मनुष्य कहाँ रहेँगे?
१२. उत्तर:- इन्हीं बिलों के अन्दर रहेँगे।
१३. छठा आरे लगते कितनी आयु होगी?
१३. उत्तर:- बीस वर्ष।
१४. छठा आरे उतरते कितनी आयु होगी?
१४. उत्तर:- १६ वर्ष।
१५. छठा आरे लगते कितनी अवगाहना होगी?
१५.उत्तर:- एक रत्नि - हाथ =२४ अंगुल प्रमाण।
१६. छठा आरे उतरते कितनी अवगाहना होगी?
१६. उत्तर:-मुण्ड हाथ प्रमाण।
१७. छठा आरे में परिवार कैसा होगा ?
१७. उत्तर:- बहुत पुत्र -पौत्रमय परिवार होगा।
१८. छठा आरे में आपसी संबंध कैसा होगा ?
१८. उत्तर:-माता -भगिनी के विचार से शून्य,बहुत प्रणय,प्रेम या मोहाशक्ती रहेगी।
१९. छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना पानी रहेगा?
१९. उत्तर:-रथ चलने के लिये अपेक्षित पथ जितना मात्र पानी बहने का विस्तार रहेगा।
२०.छठा आरे में गंगा-सिंधु महानदी में कितना गहरा पानी बहेगा ?
२०.उत्तर:- उनमें रथ के चक्र के छेद की गहराई जितना गहरा जल रहेगा।
२१.नदी के जल में किसकी बहुलता रहेगी?
२१. उत्तर:-विपुल मात्रा में अनेक मत्स्य,कच्छप-कछुए आदि रहेंगे। पानी कम रहेंगा,जीव ज्यादा होंगे।
२२.छठा आरे लगते कितनी पंसलिया रहेगी ?
२२. उत्तर:- ८ पंसलिया।
२३.छठा आरे उतरते कितनी पंसलिया रहेगी ?
२३. उत्तर:- ४ पंसलिया।
२४. छठे आरे के मनुष्यों की आहारेच्छा कितने समय से होगी?
२४. उत्तर:- अपरिमित आहार की इच्छा होगी।
२५. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कब पकड़ेंगे?
२५. उत्तर:- दिन एवं रात्रि में कड़क सर्दी व गर्मी होने से बाहर नहीं निकलेगे,सूर्योदय और सूर्यास्त के समय एक-एक मुहूर्त ही बिलों से बाहर निकलेंगे गंगा-सिंधु महानदी में से कच्छ-मच्छ को पकड़ेंगे।
२६. छठे आरे के मनुष्य कच्छ मच्छ को कैसे पकायेंगे ?
२६.उत्तर:-सूर्योदय के समय पकड़े हुये कच्छ-मच्छ आदि को रेत में गाड़ देंगे जिससे दिनभर सूर्य के उष्ण ताप से पक जायेंगे जिसको सूर्यास्त के समय बाहर निकालकर खा लेंगे और सूर्यास्त के समय पकड़े हूए कच्छ-मच्छ आदि को शाम को रेत में गाड़ देगें ,जिससे रात्रि भर चन्द्रमा की आतिशीतलता से पक जायेंगे,जिस्को सुबह सूर्योदय के समय बाहर निकालकर खा लेंगे।
२७.कितना आहार करने पर तृप्त होंगे ?
२७. उत्तर:- कितना ही आहार करेंगे तो भी तृप्त नहीं होंगे।
२८. बिलवासी जीव दिन में एवं रात्रि में कहाँ रहेंगे?
२८. उत्तर:- दिन के समय सख्त गर्मी पड़ेगी और रात्रि में सख्त सर्दी पड़ेगी इस शख्त सर्दी और गर्मी को मनुष्य व् पशु-पक्षी सहन नहीं कर सकेंगे,अतःदिन रात्रि के समय वे बिलों में ही रहेंगे।।
२९.बहत्तर बिलों में से कितने बिलों में मनुष्य रहेंगे?
२९. उत्तर:- ६३ बिलों में मनुष्य रहेंगे।
३०. पशु कितने बिलों में रहेंगे?
३०. उत्तर:-६ बिलों में पशु रहेंगे।
३१. पक्षी कितने बिलों में रहेंगे?
३१.उत्तर:- तीन बिलों में पक्षी रहेंगे।
३२.छठे आरे मे पशु-पक्षी क्या खायेंगे?
३२.उत्तर:- कच्छ-मच्छप के मांस का आहार मनुष्य करेंगे और हड्डियों का आहार पशु-पक्षी करेंगे।
३३. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
३३.उत्तर:-दीन,हीन,दुर्बल,सत्व हीन,तेजोहीन,बलहीन,उदास,दुर्गन्धित,रुग्ण,अपवित्र,दुर्वण् होंगे।
३४. छठे आरे के मनुष्य कौनसे वस्त्र पहनेगे?
३४. उत्तर:- निवस्त्र -(वस्त्र रहित)होंगे।
३५. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री माता बन सकेगी?
३५. उत्तर:- १२वर्ष की उम्र में स्त्री माता बन जायेंगी।
३६. छठे आरे कि स्त्रियां कितनी संतान का प्रसव करने वाली होगी?
३६. उत्तर:- कुत्तियाँ और शूकरी के समान एक साथ अनेक संतानो का प्रसव अनेक बार करने वाली होगी।
३७. छठे आरे में कितने वर्ष वाली स्त्री नाना-नानी बन जायेगी?
३७. उत्तर:- १२ वर्ष की अवस्था में नानी - दादी बन जायेगी।
३८. छठे आरे के जीव मरकर कहाँ जायेंगे?
३८. उत्तर:- प्रायः नरक गति व् तिर्यंच गति में ही जायेंगे।
३९. छठे आरे में सूर्य का प्रभाव कैसा रहेगा?
३९. उत्तर:- सूर्य अत्यधिक प्रचण्ड ताप मय होगा,जिससे धरती झुलस जायेगी।
४०. छठे आरे में चन्द्रमा का प्रभाव कैसा रहेगा?
४०. उत्तर:-चन्द्रमा अत्यधिक शीतल होकर रात्रि में ठण्ड युक्त्त शीतलता बरसायेगा।
४१. छठे आरे के मनुष्यों का संहनन कौनसा होगा?
४१. उत्तर:- एक-सेवार्तक संहनन
४२. छठे आरे के मनुष्यों का संस्थान कौनसा होगा?
४२. उत्तर:- एक-हुण्डक संस्थान होगा।
४३. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर कैसा होगा?
४३. उत्तर:-कुरूप ,कुवर्ण ,कुगंध, कुरस ,कुस्पर्श ,बड़े भयंकर लगेंगे।
४४. छठे आरे के मनुष्यों की मर्यादा कैसी होगा?
४४. उत्तर:- निर्लज्ज और मर्यादा रहित हीन आचार वाले होगें।
४५. छठे आरे के मनुष्यों का स्वभाव कैसा होगा?
४५.उत्तर:- कुड, कपट ,वैर, कलह, में आसक्त होगे।
४६. छठे आरा लगने पर कितने मेघ बरसेंगे ?
४६. उत्तर:- अनेक प्रकार के मेघ बरसेंगे।
४७. अरस मेघ किसे कहते है?
४७. उत्तर:-मनोज्ञ रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
४८. विरस मेघ किसे कहते है?
४८. उत्तर:-विकृत रस युक्त्त पानी बरसाने वाले मेघ।
४९. क्षार मेघ किसे कहते है?
४९. उत्तर:- साजी आदि क्षार के समान पानी बरसाने वाले मेघ।
५०. खात्र मेघ किसे कहते है?
५० उत्तर:-गोबर के समान जल बरसाने वाले मेघ।
५१. खट्टा मेघ किसे कहते है?
५१. उत्तर:- खट्टा मेघ पानी बरसाने वाले मेघ।
५२. अग्नि मेघ किसे कहते है?
५२. उत्तर:- अग्नि के समान दाहकारी जल बरसाने वाले मेघ।
५३. विधुत मेघ किसे कहते है?
५३. उत्तर:- बिजली गिराने वाले मेघ।
५४. विष मेघ किसे कहते है?
५४. उत्तर:- विष युक्त्त जहरीला पानी बरसाने वाले मेघ (जिसके पानी से प्राणी मर जाते है)।
५५. अशनि मेघ किसे कहते है?
५५. उत्तर:- ओले (गड़े) बरसाने वाले मेघ।
५६. इनके अलावा और कौन-कौन से मेघो द्वारा पानी बरसेगा?
५६.उत्तर:- व्रज आदि के समान पर्वतादि को तोड़ने वाले मेघ,अपेयमेघ- नहीं पीने योग्य पानी वाले मेघ ,तृषा को शांत न कर सकने वाले पानी युक्त्त मेघ,व्याधि-रोग और वेदना उत्पन्न करने वाले मेघ को अरुचिकर पानी वाले मेघ,प्रचण्ड वायु युक्त्त तीक्षण धाराओं साथ बरसेंगे।
५७. इन मेंघो के बरसने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
५७. उत्तर:- धरती रस शून्य हो जायेगी।
५८.मेघो के बरसने से ग्राम,नगर आदि की क्या स्थिति होगी?
५८. उत्तर:-ग्राम ,आकर,नगर,
खटे, कबर्ट ,मंडब ,द्रोण ,मुख् , पट्टण, आश्रम, आदि में रहने वाले मनुष्य,चतुष्पद,खग आदि सभी विनष्ट हो जायेंगे।
५९ .मेघो के बरसने से वनस्पति जगत की क्या स्थिति कैसी क्या रहेगी ?
५९. उत्तर:-बहुत प्रकार के वुक्ष,गुल्म,लताएं,बेलें,घास,दूब,पर्वक (गन्ने) आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
६० .मेघो के बरसने से पर्वत आदि की क्या स्थिति रहेगी ?
६०. उत्तर:-वैताढ़य पर्वत को छोड़कर शेष सभी पर्वत ,टील,छोटे पहाड़, रग़िस्तान,आदि सब का विनाश हो जायेगा।
६१ .मेघो के बरसने पर नदियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
६१.उत्तर:- गंगा और सिंधु इन दो महानदियो को छोड़कर शेष नादियाँ,पानी के झरने, गडढे,सरोवर,तालाब आदि सब विनष्ट हो जायेंगे।
६२. उस समय भरत क्षेत्र का आकर भाव प्रत्यवतार कैसा होगा?
६२.उत्तर:- उस समय इस भरत क्षेत्र की भूमि अंगार के समान,
मुमुर्र (छाणे की अग्नि) के समान, भस्मीभूत (गर्म राख़ के समान) तपे हुये लोहे के कड़ाहे के समान,ताप द्वारा अग्नि के समान,बहुत धूल वाली ,बहुत रज वाली,बहुत कीचड़ वाली,बहुत शौवाल वाली,बहुत,चलनि (कदर्म) वाली होगी। जिस पर पृथ्वी जिवों का चलना बड़ा ही कठिन होगा।
६३. उस समय धरती का आकर कैसा होगा?
६३. उत्तर :-पृथ्वी ढोल के तले की तरह सपाट हो जायेगी।
६४.उस प्रलय के पश्चात कितनी चीजो बचेंगी?
६४. उत्तर:- ५ चीजो(स्थान)बचेंगी।
६५. छठे आरे में पांच स्थान कौनसे बचेंगे?
६५. उत्तर:-
१. वैताढ़य पर्वत
२. गंगा नदी
३. सिंधु नदी
४. ऋषभकूट
५.लवणसमुद्र की खाड़ी।
६६. छठे आरे के मनुष्य कैसे होंगे?
६६.उत्तर:- अनिष्ट,अमनोज्ञ,अमनाम(मन को नहीं गमने वाले)अच्छे नहीं लगने वाले होंगे।
६७. छठे आरे के मनुष्यों का स्वर कैसे होंगे?
६७. उत्तर:-हीन स्वर,दिन स्वर, अनिष्ट स्वर,अमनोज्ञ स्वर,और यावत् अमनाम स्वर युक्त्त ,अनोदय और अप्रीति युक्त्त वचन वाले होंगे।
६८. क्या छठे आरे की संतान माता-पिता की आज्ञाकारिणी होगी?
६८. उत्तर:-माता-पिता आदि पूज्यजनो की आज्ञा का भंग करने वाली,विनय रहित,अकार्य में तत्पर रहने वाली होगी।
६९. छठे आरे के मनुष्यों की केश राशि कैसी होगी?
६९. उत्तर:- बढ़ें हुये नख,केश,दाढ़ी,मूछ,रौम वाले,काले,अतीव कठोर,श्याम वर्ण वाले,बिखरे हुये बालों वाले और सफ़ेद केशों वाले होगें।
७०. छठे आरे के मनुष्यों का शरीर किसका आवेष्टित होगा?
७०.उत्तर:-श्याम वर्ण का शरीर अनेक स्नायुओं से आवेष्टित होंगे
७१. छठे आरे के मनुष्यों का रूप कैसा होगा?
७१:- दुदर्शनीय रूप होगा।
७२. छठे आरे के मनुष्यों के कौनसे लक्षण होगा?
७२.उत्तर:-अनेक प्रकर के कुलक्षणो से युक्त्त होंगे।
७३. छठे आरे के मनुष्यों के अंगोपांग कैसे होंगे ?
७३. उत्तर:-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित और वली तरंग युक्त्त ( झुरियों से युक्त्त)टेढ़े-मेढे आंगोपांग से युक्त्त होंगे।
७४. छठे आरे के मनुष्यों के दांत कैसे होंगे ?
७४. उत्तर :-जरा-परिणत वृद्ध पुरुष के सद्दश संकुचित प्रविरल और टूटे-फूटे सड़े दांत होंगे।
७५. छठे आरे के मनुष्यों के मुँह कैसे होंगे ?
७५. उत्तर:- घड़े के समान भयंकर मुँह होंगे।
७६. छठे आरे के मनुष्यों के नेत्र कैसे होंगे ?
७६. उत्तर:-विषम नेत्र होंगे।
७७.छठे आरे के मनुष्यों के नाक कैसे होंगे ?
७७.उत्तर:- टेढ़ी नाक होगी।
७८.छठे आरे के मनुष्यों के नाख़ून कैसे होंगे ?
७८. उत्तर:- कठिन और तीक्षण नाख़ून होंगे।
७९.छठे आरे के हर समय कौनसे रोग रहेंगे?
७९.उत्तर:- खाज-खुजली,दद्रु-दाद,किडिभ-एक प्रकार का कोढ़, सिध्म-एक प्रकार का विशेष कोढ़,आदि भंयकर विविध व्याधियों से संत्रस्त रहेंग।
८०. शरीर की चमड़ी कैसी होगी?
८०.उत्तर:-फटी हुई कठोर चमड़ी होगी।
८१. शरीर के अंग कैसे होंगे?
८१. उत्तर :- विचित्र, कुगठन युत, कुप्रमाण युक्त्त, विषम संधि बंधन युक्त्त अंग होंगे।
८२. उनकी चाल कैसी होंगी?
८२. उत्तर :- ऊंट के सामान चाल / गति होंगी । सखलित गति होगी।
८३. कौनसी आकृति होगी?
८३. उत्तर :-कुआकृति होगी।
८४. शरीर की हड्डियां -पंसलिया कैसे होंगी?
८४.उत्तर:- ऊंची - नीची विषम हड्डियां और पंसलिया होंगी।
८५. शरीर की चेष्टाएं कैसे होंगी?
८५. उत्तर:-उत्साह एवं सत्व रहित विकृत चेष्टा युक्त्त होंगे।
८६.भोजन कैसा होगा?
८६.उत्तर:- कुभोजन-कुणिम आहारी होंगे।
८७. शरीर किससे पीड़ित रहेगा?
८७.उत्तर:-विविध प्रकार की व्याधियों से पीड़ित रहेगा।
८८. शरीर के अंग किससे भरे हुये होंगे?
८८. उत्तर:-बारम्बार शीत,उष्ण,तीक्षण और कठोर पवन से व्याप्त रज आदि से मलीन अंग होंगे।
८९.छठे आरे के मनुष्य किससे भ्रष्ट होंगे ?
८९.उत्तर:- प्रायःधर्म संज्ञा (धर्म भावना )एवं सम्यक्त्व से भ्रष्ट होंगे।
९०. इनके कुटुंब कैसे होंगे?
९०. उत्तर:- इनके बहत्तर कुटुम्ब(आश्र्य स्थान वाले)
बीजभूत (आगमी मनुष्य जति के लिये बिज रूप) होंगे।
९१. छठे आरे के मनुष्य किसका आश्रय लेकर रहेंगे?
९१. उत्तर:- ये गंगा सिंधु महानदियों के बिलों में और वैताढ़य पर्वत की गुफाओं का आश्रय लेकर रहेंगे।
९२. उपरोक्त्त छहों आरे किसके है?
९२.उत्तर:- अवसर्पिणी काल के।
९३. अवसर्पिणी काल के छहों आरे बीतने के बाद कौनसा कल चलता है?
९३.उत्तर:- उत्सर्पिणी काल।
९४. अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी काल कहाँ-कहाँ होता है?
९४. उत्तर:- केवल भरत और एरावत क्षेत्र में ही होता है।
९५. क्या महाविदेह क्षेत्र में उत्सर्पिणी अवसर्पिणी होता है?
९५. उत्तर:- नहीं होता है।
९६. महाविदेह क्षेत्र में कौनसा काल होता है?
९६. उत्तर:- अवस्थित काल होता है।
९७. ३० अकर्मभूमियों में क्या उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी काल होता है?
९७. उत्तर:- नो उत्सर्पिणी,नो अवसर्पिणी काल होता है।
९८. ५६ अन्तद्वीपों में क्या उत्सर्पिणी अवसर्पिणी काल होता है?
९८. उत्तर:- नो उत्सर्पिणी,नो अवसर्पिणी काल होता है।
९९. उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी काल कितने भरत एवं एरावत क्षेत्र में होता है?
९९. उत्तर:- ५ भरत एवं ५ ऐरावत क्षेत्रों में।
१०० .उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी काल कितने कर्मभूमियों में प्रवर्तमान है?
१००. उत्तर :-१०कर्मभूमि (५ भरत ,५ ऐरावत )।
१०१. अवस्तिथ काल कितनी कर्मभूमियों में प्रवर्तमान है?
१०१. उत्तर:- ५ कर्मभूमियों में (५ महाविदेह)।
यहाँ छठा आरा सम्पूर्ण हुवा।
जिनआज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा गया हो तो मिच्छामी दुक्कड़म।
सुर
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