धर्म पहेली4
१०. धीर वीर हैं पाण्डव भाई, संख्या पाँच उन्हीं की गाई।
किनने मोक्ष कहाँ से पाया, सही बताओ मेरे भाया
उत्तर— युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन ने शत्रुंजय (पालिताणा) से।
११. चाचा थे जिनके नारायण,युद्ध कला में वे पारायण । युगल भाई के नाम बताओ, नाम जपो तुम पुण्य कमाओ।।
उत्तर— अनंग लवण व मदनांकुश अथवा लवकुश।
१४. कलिकाल सर्वज्ञ कहाते, सुर भी जिनकी महिमा गाते।
उन गुरुवर का नाम बताओ, शीश नवाकर पुण्य कमाओ।।
उत्तर— आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी ।
१७. कौशल्या के राज दुलारे, सीता जी को सबसे प्यारे।
कौन कहाँ से मोक्ष पधारे, नाम बताओ वरना हारे।।
उत्तर— श्री रामचन्द्र, तुंगीगिरी (मांगीतुंगी) से मोक्ष पधारे।
. समयसार छोटा कहलाता , मुक्ति महल का पथ दिखलाता।
कवि का नाम बताओ भईया, छहढाला तो नाव खिवैया ।।
उत्तर— पं. दौलतराम जी ।
२३. छूकर के जो सबको जाने, स्पर्शन इन्द्रिय पहचाने।
आठ विषय हैं उसके होते , बोलो नाम समय क्यों खोते ।।
उत्तर— स्पर्शन इन्द्रिय के विषय १. हल्का २ भारी ३ कडा ४ नरम ५ रूखा ६ चिकना ७ ठण्डा ८ गरम।
२४पार्श्व प्रभु हैं सबसे न्यारे , कर्म शत्रु भी जिनसे हारे।
प्रभु की कुल आयु बतलाओ, प्रभु चरणों में शीश झुकाओ।।
उत्तर— पार्श्व प्रभु की आयु १०० वर्ष ।
। काली काया — चक्षु इन्द्रिय (नेत्र) से।
२९. सती अंजना के थे ललना, हनुरुह द्वीप में डला था पलना ।
हनुमान जी वे कहलाए , नाम दूसरा कौन बताए।।
उत्तर— हनुमान का दूजा नाम— श्री शैल था। (पद्मपुराणजी ग्रंथानुसार)
. तीन—तीन पद के हैं धारी, जीती जिनने धरती सारी । तीर्थंकर का नाम बताओं, कामदेव पदवी पा जाओ।।
उत्तर— तीर्थंकर, चक्रवर्ती एवं कामदेव पद के धारी शान्तिनाथ जी, कुन्थुनाथ जी व अरहनाथ जी।
३६. योजन एक लाख विस्तारा, जीव द्रव्य से भरा है सारा।
नाम द्वीप का कौन बताएं , बीच सुमेरु उसके पाएं।।
उत्तर— एक लाख विस्तार वाला द्वीप :— जम्बूद्वीप ।
. मुकुटबद्ध अन्तिम थे राजा, नाम बताओ लेलो बाजा।
भद्रबाहु से दीक्षा लीनी, नित ही गुरु की भक्ति कीनी।।
उत्तर— अन्तिम मुकुटबद्ध राजा दीक्षाधारी—
सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य।
पंचम चक्रवर्ती कहलाते एक से ज्यादा पदवी पाते , इन्द्र भी जिनको शीश झुकाते
नाम बताओ, पुण्य कमाओ पाप खपाओ।।
A शान्ति नाथ जी
गगन में देखो जिनका यान, चमक से होती है पहचान।
देव कौन से वे कहलाते, कभी—कभी वे यहाँ भी आते।।
Aज्योतिष देव
पुद्गल केपरमाणु आत्मा के साथ घुलमिल जाते है
दुध में पानी जैसे नजर नहीं आते हैं
बताओ क्या कहलाते है
A कर्म
पुण्य पुरुषों के पवित्र चरित्र का वर्णन जिसमें में हैं बंध
उन्हें कौन से कहते है ,ग्रंथ
A पुराण
।
किनने मोक्ष कहाँ से पाया, सही बताओ मेरे भाया
उत्तर— युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन ने शत्रुंजय (पालिताणा) से।
११. चाचा थे जिनके नारायण,युद्ध कला में वे पारायण । युगल भाई के नाम बताओ, नाम जपो तुम पुण्य कमाओ।।
उत्तर— अनंग लवण व मदनांकुश अथवा लवकुश।
१४. कलिकाल सर्वज्ञ कहाते, सुर भी जिनकी महिमा गाते।
उन गुरुवर का नाम बताओ, शीश नवाकर पुण्य कमाओ।।
उत्तर— आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी ।
१७. कौशल्या के राज दुलारे, सीता जी को सबसे प्यारे।
कौन कहाँ से मोक्ष पधारे, नाम बताओ वरना हारे।।
उत्तर— श्री रामचन्द्र, तुंगीगिरी (मांगीतुंगी) से मोक्ष पधारे।
. समयसार छोटा कहलाता , मुक्ति महल का पथ दिखलाता।
कवि का नाम बताओ भईया, छहढाला तो नाव खिवैया ।।
उत्तर— पं. दौलतराम जी ।
२३. छूकर के जो सबको जाने, स्पर्शन इन्द्रिय पहचाने।
आठ विषय हैं उसके होते , बोलो नाम समय क्यों खोते ।।
उत्तर— स्पर्शन इन्द्रिय के विषय १. हल्का २ भारी ३ कडा ४ नरम ५ रूखा ६ चिकना ७ ठण्डा ८ गरम।
२४पार्श्व प्रभु हैं सबसे न्यारे , कर्म शत्रु भी जिनसे हारे।
प्रभु की कुल आयु बतलाओ, प्रभु चरणों में शीश झुकाओ।।
उत्तर— पार्श्व प्रभु की आयु १०० वर्ष ।
। काली काया — चक्षु इन्द्रिय (नेत्र) से।
२९. सती अंजना के थे ललना, हनुरुह द्वीप में डला था पलना ।
हनुमान जी वे कहलाए , नाम दूसरा कौन बताए।।
उत्तर— हनुमान का दूजा नाम— श्री शैल था। (पद्मपुराणजी ग्रंथानुसार)
. तीन—तीन पद के हैं धारी, जीती जिनने धरती सारी । तीर्थंकर का नाम बताओं, कामदेव पदवी पा जाओ।।
उत्तर— तीर्थंकर, चक्रवर्ती एवं कामदेव पद के धारी शान्तिनाथ जी, कुन्थुनाथ जी व अरहनाथ जी।
३६. योजन एक लाख विस्तारा, जीव द्रव्य से भरा है सारा।
नाम द्वीप का कौन बताएं , बीच सुमेरु उसके पाएं।।
उत्तर— एक लाख विस्तार वाला द्वीप :— जम्बूद्वीप ।
. मुकुटबद्ध अन्तिम थे राजा, नाम बताओ लेलो बाजा।
भद्रबाहु से दीक्षा लीनी, नित ही गुरु की भक्ति कीनी।।
उत्तर— अन्तिम मुकुटबद्ध राजा दीक्षाधारी—
सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य।
पंचम चक्रवर्ती कहलाते एक से ज्यादा पदवी पाते , इन्द्र भी जिनको शीश झुकाते
नाम बताओ, पुण्य कमाओ पाप खपाओ।।
A शान्ति नाथ जी
गगन में देखो जिनका यान, चमक से होती है पहचान।
देव कौन से वे कहलाते, कभी—कभी वे यहाँ भी आते।।
Aज्योतिष देव
पुद्गल केपरमाणु आत्मा के साथ घुलमिल जाते है
दुध में पानी जैसे नजर नहीं आते हैं
बताओ क्या कहलाते है
A कर्म
पुण्य पुरुषों के पवित्र चरित्र का वर्णन जिसमें में हैं बंध
उन्हें कौन से कहते है ,ग्रंथ
A पुराण
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