धर्म पहेली

👉�💲जैन पहेली 1⃣ 🍃मिथ्यात्वी का मैं हूँ प्रमुख । 🍃अरहन्त को दुःख देकर मिलता सुख 🍃कभी देता हूँ, साधुओं को मार 🍃कभी करता हूँ, गालियों की बौछार । _______________________ 🍂🍂 उत्तर -गौशालक 👉🏼💲जैन पहेली 2⃣ 🍃वीत भय नगरी का था मैं राजकुमार 🍃पिता से था मैं बड़ा नाराज छोड़ दिया घर बार जैन मुनियों का पड़ा मुझ पर प्रभाव 🍃श्रावक व्रत लिया मैंने धार _______________________🍂🍂 उत्तर - अभिचिकुमार 👉🏼 💲जैन धर्म पहेली 3⃣ 🍃मुझे मुनिपण में भी मिला पिता का प्यार अपार 🍃सुंदर ललना के मोह में मुनि धर्म दिया बिसार 🍃सम्भला जब माँ ने लगाई पुकार 🍃पुनः संयम लीना धार _______________________ 🍂🍂 उत्तर - अरनिक मुनि जी 👉🏼💲 जैन धर्म पहेली 4⃣ 🍃उसी भव् में था मैं चक्रवर्ती । परशुराम का किया संहार 🍃घातकी खंड को विजय करने को था तैयार 🍃पर समझ ना सका नवकार 🍃 _______________________ 🍂🍂 उत्तर - सुभौम चक्रवर्ती 👉🏼💲 जैन धर्म पहेली 5⃣ 🍃पंचम काल में जन्म लिया था । 🍃मानव जीवन सफल किया था 🍃मथुरा जी से मोक्ष को पाये 🍃नाम बताने आओ सारे ।। _______________________ 🍂🍂 उत्तर - जम्बूस्वामी 👉🏼💲 जैन धर्म पहेली 6⃣ 🍃मेरु सुदर्शन से बने रहे अचल 🍃रानी ने इनसे किया था छल 🍃मोक्ष पाकर पाया केवल ज्ञान 🍃पटना शहर में बना सिद्धिधाम _______________________ 🍂🍂 उत्तर - सेठ सुदर्शन जी 👉🏼💲 जैन धर्म पहेली 7⃣ 🍃राज्य में मृतयदंड देने का था काम । 🍃दूर दूर तक इनका था नाम । 🍃केवल किया एक व्रत का पालन 🍃भव भव से छूटे इनके प्राण । _______________________ 🍂🍂 उत्तर-यमपाल चांडाल 👉🏼💲 जैन धर्म पहेली 8⃣ 🍃तीन तीर्थकर की है ये जन्मभूमि । 🍃खड़गासन प्रतिमाये बनी है महान । 🍃बाणगंगा के तट पर बसा । 🍃ज्ञानमती माता की कृतियां महान ।। _______________________ 🍂🍂 उत्तर - हस्तिनापुर 👉🏼💲

मोक्षमार्ग में साथ निभाता, सुख का दाता दुक्ख नशाता।
पवित्र आतम को है बनाता, कर्म कौन सा शुभ कहलाता।।

पुण्य कर्म


मैं मारुँगा भाव बनाना, मन में बदला लेना ठाना।
कौन सा भेद है वह कहलाता, हिंसा का फल नरक वो पाता।।
संकल्पी हिंसा ✅

खेती करना धन है कमाना, जान बूझ न जीव सताना । कौन सी हिंसा हमें बताना, दान पुण्य कर पाप नशाना।।

उद्योगी हिंसा✅

नारी का तन जिसने पाया, इन्द्र है उसका स्वामी कहाया।
अगले भव से मोक्ष है जाना, उसका सच्चा नाम बताना।।

सोधर्म इंद्र की शचि इंद्राणी✅
।।


सम्यग्दृष्टि वे कहलाते, मुनि को पर न शीश नवाते।
महापुरुष वे कौन कहाए, हमको सच्चा मार्ग बताए।।

अरिहंत


देखो सबका मान गलाया, सम्यक दृष्टि शीश नवाया।।
कृति का सुन्दर नाम बताओं, समवशरण के सामने पाओ।।

मान स्तंभ✅


ऋषभ राजा ने ज्ञान कराया, वर्ण कौन सा हमें बताया।
कौन—कौन से तीन बताए, नाम बताकर ज्ञान बढ़ाओ।।

क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र ✅


महापुरुष है जिनको पाले, पाँच पाप को पूर्ण निकाले।
मुनिवर कौन से व्रती कहाते, पथ पर चलते मुक्ति पाते।।

पंच महाव्रत धारी✅


रहने को है भवन बनाया, झाडा पोंछा जीव नशाया।
कौन सी हिंसा वो कहलाती, कर विवेक से काम बताती।।

आरंभी हिंसा✅


जन्म महोत्सव इन्द्र मनाया, मेरु पर अभिषेक कराया।
जल है उसने कहाँ से लाया, नाम उदधि का बताओ भाया।।

क्षीर समुन्द्र से ✅


पहेली -सब को लूटता था मैं.. क्योकि मैं था चोर लेकिन कांटा ऐसा चुभा पाव में.. जो ले चला संयम की ओर..

✅🅰️ रौहिणेय चोर







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