खाने पीने की वस्तु
Topic -::- *खाने पीने की वस्तु के नाम ®️🕊️*
1️⃣ *कौनसे समुद्र का मंथन हुआ था*❓®️
🅰️ *क्षीर*🕊️
2️⃣ *क्षीर समुद्र में से सबसे बाद में क्या निकला*❓®️
🅰️ *अमृत*
3️⃣ *अमृत का विरूद्घ शब्द क्या है*❓®️
🅰️ *विष*🕊️
4️⃣ *धन्ना जी सार्थवाह ने किस चीज का दान देकर सम्यकत्व प्राप्त किया*❓®️
🅰️ *घी*🕊️
5️⃣ *एक अभक्ष्य = एक मंत्री जी*❓®️
🅰️ *पालक (जी)*🕊️
6️⃣ *राम चरित मानस के रचयिता कौनसे दास जी है*❓®️
🅰️ *तुलसी*🕊️
7️⃣ *श्रीफल,, लासी,, मातर,, सीडी,, लडडू,, ____ धारा*❓®️
*(नाकोडा़ भेरू जी की आरती मे आता है)*
🅰️ *तेल*🕊️
8️⃣ *नंद मणियार जी ने किस चीज से कर्म बांधे*❓®️
🅰️ *पानी*🕊️
9️⃣ *🍏🍎🍇🍈🍓🥭🙏🏻🙏🏻🙏🏻= पूजा*❓®️
*(अष्ट प्रकारी पूजा मे से एक)*
🅰️ *फल*🕊️
🔟 *केतु ग्रह शांति के लिए कौनसा रत्न पहना जाता है*❓®️
🅰️ *लहसुनिया*🕊️
1️⃣1️⃣ *दोनों हाथों में क्या होते है*❓®️
🅰️ *लडडू*🕊️
1️⃣2️⃣ *सबसे छोटा समुद्र = एक रूचि*❓®️
🅰️ *लवण*🕊️
1️⃣3️⃣ *कुमार नंदि सुनार राजा श्रेणिक जी के लिए सुवर्ण से 108 क्या बनाता था*❓®️
🅰️ *जौ*🕊️
1️⃣4️⃣ *हाय हाय। सती को परेशान करने वाली इस सेठानी जी को कोई कैसे भूल सकते है भला*❓®️
🅰️ *मूला*🕊️
1️⃣5️⃣ *हमें हर वर्ष पापों की आलो___ लेनी चाहिए*❓®️
🅰️ *चना*🕊️
1️⃣6️⃣ *🌹🚶🏻♂️🌙*❓®️
🅰️ *गुलाब जामुन*🕊️
1️⃣7️⃣ *वासुदेव श्रीकृष्ण जी को सभी कौनसे चोर के नाम से जानते है*❓®️
🅰️ *माखन*🕊️
1️⃣8️⃣ *शाश्वत तीर्थ शत्रुंजय जी पर स्थित ___लाज माता जी के दर्शन जरूर करने चाहिए*❓®️
🅰️ *हिंग*🕊️
1️⃣9️⃣ *एक राजा जी =एक ऐसा फल जो सबको बहुत पसंद है*❓®️
🅰️ *आम*🕊️
2️⃣0️⃣ *एक मुनि भी = एक मिठाई भी*❓®️
🅰️ *घेवरिया*🕊️
2️⃣1️⃣ *____ कुमार जी नट से केवली बने*❓®️
🅰️ *इलायची*🕊️
2️⃣2️⃣ *उपाश्रय बनाना है तो देदाशाह जी की तरह... चूने में क्या मिलाओगे*❓®️
🅰️ *केसर*🕊️
2️⃣3️⃣ *शासनपति जी के नाना जी कौनसे राजा जी है*❓®️
🅰️ *केक 🎂*🕊️
2️⃣4️⃣ *____🚗 राजा जी को उनकी पत्नी ने प्रतिबोधित किया*❓®️
🅰️ *इक्षु*🕊️
2️⃣5️⃣ *क्षितिप्रतिष्ठित शहर में रिपुमर्दन राजा जी और मदनरेखा रानी जी के घर ____ वती नामक पुत्री ने जन्म लिया*❓®️
🅰️ *मदिरा*🕊️
2️⃣6️⃣ *___झरा पार्श्वनाथ जी*❓®️
🅰️ *अमि (अमृत)*🕊️
2️⃣7️⃣ *शासनपति जी की निर्वाण स्थली पावा____ है*❓®️
🅰️ *पुरी*🕊️
2️⃣8️⃣ *___वला पार्श्वनाथ जी*❓®️
🅰️ *जीरा*🕊️
2️⃣9️⃣ *आज कल दुनिया जो ____ लगाता है,, वही ____ लगाता है*❓®️
🅰️ *मक्खन -- चूना*🕊️
3️⃣0️⃣ *मंदिर जी में अक्षत से हम जो सिद्धशिला बनाते है... उस पर कौनसा फल चढाते है... जो सबसे शुभ होता है*❓®️
🅰️ *श्रीफल*🕊️
फलों के खाने से इनके अंदर रहने
वाले असंख्यात त्रस जीवों का घात होता है।
प्रश्न 44 - तीन मकार कौन - कौन से हैं?
उत्तर - मद्य, मांस और मधु (शहद)।
प्रश्न 45 - मद्य किसे कहते हैं? इसके पीे से क्या हानि है?
उत्तर - मद्य शराब को कहते हैं यह फलों, रसों आदि को
सड़ाकर बनाई जाती है। इसकी प्रत्येक बंूद में असंख्यात त्रस
जीव रहते हैं इसके सेवन से उन जीवों का घात होता है तथा
शराब शरीर और आत्मा दोनों का नाशा (बरबाद) करती है।
प्रश्न 46 - मांस किसे कहते हैं और इसके सेवन से क्या हानि
हैं?
उत्तर - दो इन्द्रिय से पंचेन्द्रिय प्राणियों तक के शरीर के
कलेवर को मांस कहते हैं। कच्चे, पक्के, किसी भी तरह के मांस
के सेवन से असंख्यात त्रस जीवों का घात होता है क्योंकि
किसी भी तरह के मांस में प्रत्येक समय उसी जाति के
सम्मूच्र्छन जीव पैदा होते रहते हैं।
प्रश्न 47 - मांस की प्राप्ति कैसे होती है?
उत्तर - मांस की प्राप्ति बिना जीव हिंसा के नहीं हो
सकती है।
प्रश्न 48 - क्या आंखे मांस सेवन में नहीं आते हैं?
उत्तर - अंडा मुर्गी के बच्चे पंचेन्द्रिय जीव का शरीर कलेवर है
अंडे के खाने से पंचेन्द्रिय का घात होता है इसलिए अंडा
खाने से मांस सेवन का ही दोष लगता है।
प्रश्न 49 - क्या अंडा शाकाहार है?
उत्तर - नहीं अंडा शाकाहार नहीं पूर्णतया मांसाहार ही
है।
प्रश्न 50 - शहद क्या है? इसके खाने में क्या दोष है?
उत्तर - शहद मधुमक्खियों का वमन है, इसमें उनके अंडे बच्चे भी
मिले रहते हैं। शहद खाने से उनका घात होता है तथा 1 बूंद
शहद खाने से सात गांव जलाने का पाप लगता है।
प्रश्न 51 - दूसरे प्रकार से अष्ट मूल गुण कौन-कौन से हैं?
उत्तर - 1.मद्य त्याग 2. मांस त्याग 3. मधु त्याग 4. मंच उदम्बर
फलोक का त्याग 5 पानी छान कर पीना 6. रात्रि में
भोजन का त्याग 7. जीव दया का पालन करना तथा
नित्यदेव दर्शन करना।
प्रश्न 52 - पानी कैसे छाना जाता है?
उत्तर - पानी कुयें से लेकर मोटे गाड़े छलने से छाना जाता है
विलछन की जिवानी की जाती है।
प्रश्न 53 - जिवानी किसे कहते हैं?
उत्तर - पानी छानने के बाद कपड़े के ऊपर विलछन बचती है
उसे सुरक्षित पानी के स्थान तक पहुंचाने की क्रिया को
जिवानी कहते हैं।
प्रश्न 54 - पानी छानने की क्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर - जलगालन क्रिया कहते हैं।
प्रश्न 55 - जल क्यों छाना जाता है?
उत्तर - पानी में जो सूक्ष्म जीव होते हैं बिना छने पानी
को पीने से उनका छात होता है। पानी छानने से ये जीव
ऊपर रह जाते हैं।
प्रश्न 56 - जैनाचार्यों
के अनुसार पानी की एक बूंद में कितने जीव होते हैं?
उत्तर - पानी की एक बूंद में असंख्यात जीव होते हैं।
प्रश्न 57 - वैज्ञानिकों के अनुसार पानी की एक बूंद में
कितने जीव होते हैं?
उत्तर - वैज्ञानिकों के अनुसार पानी की एक बूंद में 36450
जीव होते हैं।
प्रश्न 58 - पानी प्रासुक कैसे किया जाता है?
उत्तर - पानी प्रासुक दो प्रकार से किया जाता है।
1 - छने पानी में लौंग इलायची आदि मिलाने से पानी का
स्वाद बदल जाने से पानी प्रासुक हो जाता है।2 - छने हुए
पानी को उबालने से पानी प्रासुक हो जाता है।
प्रश्न 59 - छने हुए पानी की मर्यादा कितनी होती है?
उत्तर - अड़तालीस मिनट- 1 मुहूर्त की।
प्रश्न 60 - प्रासुक पानी की मर्यादा कितनी है?
उत्तर - प्रासुक पानी की मर्यादा छह घंटे की होती है।
प्रश्न 61 - पानी की मर्यादा समाप्त होने पर क्या करना
चाहिए?
उत्तर - छने हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर पानी
को पुनः छानना चाहिए। प्रासुक पानी तथा उबले हुए
पानी के लिए यह नियम नहीं है।
प्रश्न 62 - उबले हुए पानी की मर्यादा कितनी होती है?
उत्तर - उबले हुए पानी की मर्यादा 24 घंटे होती है।
प्रश्न 63 - उबले हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर शेष
पानी को क्या दोबारा काम में लेना चाहिए या उसे
दोबारा छानकर प्रासुक कर सकते हैं?
उत्तर - उबले हुए पानी की मर्यादा समाप्त होने पर उसे न
दुबारा प्रासुक कर सकते हैं न काम में ले सकते हैं। 24 घंटे बाद
वह अभक्ष्य हो जाता है।
प्रश्न 64 - रात्रि भोजन त्याग क्यों करना चाहिए?
उत्तर - दिन में सूर्य के प्रकाश में सम्मूच्र्छन जीवों की
उत्पत्ति नहीं होती है। वही अनंतानंत सम्मूच्र्छन जीवों की
उत्पत्ति रात्रि में सूर्य के प्रकाश के बिना निरंतर होती
रहती है।वे सम्मूच्र्छग्न जीव रात्रि में भोजन करने पर भोजन में
मिलते रहते हैं तथा दिखाई नहीं देते उनका घात होता रहता
है इसलिए रात्रि भोजन नहीं करना चाहिए, वैज्ञानिक भी
यही कहते हैं।
प्रश्न 65 - यदि दिन में भोजन बना कर रात्रि में कर लें या
रात्रि में बना दिन में कर लें तो क्या हानि है?
उत्तर - दिन में भोजन बनाकर रात्रि में करने से भी एक तो
विशेष राग रहेगा दूसरे सम्मूच्र्छन जीव तो फिर भी भोजन
करते समय भोजन में मिलकर पेट में जाने से उनका घात होगा।
यदि भोजन रात्रि में बनाकर दिन में करेंगे तो रात्रि में
भोजन बनाते समय सम्मूच्र्छन जीव उसमें मिलकर स्वयं मर
जायेंगे तब भी हिंसा अवश्य होगी इसलिए न रात्रि में
भोजन करना चाहिए, न रात्रि में बना हुआ भोजन दिन में
करना चाहिए और न दिन में बना हुआ भोजन रात्रि में करना
चाहिए।
प्रश्न 66 - भोजन कितने प्रकार का होता है?
उत्तर - भोजन चार प्रकार का होता है। खाद्य, स्वाद्य,
लेह्य और पेय।
प्रश्न 67 - खााद्य में कौन-कौन सी वस्तुयें आती हैं?
उत्तर - जिसे सामान्यतया दांतों से चबाकर खाया जाता
है वह खाद्य कहलाता है। जैसे-रोटी, परांठा, पूड़ी, कचैड़ी
आदि।
प्रश्न 68 - स्वाद्य में कौन-कौन सी वस्तुयें आती हैं?
उत्तर - जो वस्तुयें स्वादिष्ट होती हैं वे स्वाद्य कहलाती हैं
जैसे-चटनी, पापड, गुलाब जामुन, बरफी पेड़ आदि।
प्रश्न 69 - लेह्य में कौन-सी वस्तुयें आती हैं तथा लेह्य क्या
है?
उत्तर - खाने वाले जो पदार्थ लेही की तरह गाड़े होत हैं वे
लेह्य कहलाते हैं जैसे-रबड़ी, हलुआ, खिचड़ी खीर आदि।
प्रश्न 70 - पेय क्या हैं तथा इनमें कौन-कौन सी वस्तुयें आती
हैं?
उत्तर - जो पदार्थ पीने के काम में आता हैं वे पेय कहलाती हैं
जैसे-दूध, चाय, काफी, मट्ठा, लस्सी, उकाली आदि।
प्रश्न 71 - रात्रि भोजन त्याग किसने किया था? उसे क्या
फल प्राप्त हुआ?
उत्तर - सागरसेन मुनिराज से एक सियार ने रात्रि भोजन
त्याग का नियम लिया था। नियम का पालन करते हुए वह
मरा। मर कर प्रीतिंकर कुमार हो गया। दीक्षा लेकर मुनि बन
गया तथा समस्त कर्मों से छूट गया तथा मुक्त हो गया।
प्रश्न 72 - रात्रि भोजन का निषेध कहां-कहां किया गया
है?
उत्तर - रात्रि भोजन का निषेध आयुर्वेद के शास्त्रों में तथा
वैदिक ग्रंथों में भी किया गया है।
प्रश्न 73 - रात्रि भोजन न करने से क्या लाभ है?
उत्तर - 1 - रात्रि भोजन न करने से जीवों का घात नहीं
होता है।2 - स्वास्थ्य ठीक रहता है, बीमारियां दूर रहती
हैं।3 - स्वास्थ्य ठीक रहने से मन भी ठीक रहता हैं। कहा भी
है-
जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।जैसा पीवे पानी, वैसी होवे
वानी।।
प्रश्न 74 - रात्रि भोजन से क्या हानि है?
उत्तर - रात्रि भोजन में मिले हुए अनेक जीव दिखाई नहीं देते
हैं उनमें से कितने ही जीव विषैले होते हैं, जिनके पेट में चले
जाने से अनेक रोग हो जाते हैं, जैसे-
1 - भोजन के साथ यदि मक्खी पेट में चली जाये तो उल्टी
हो जाती है।2 - यदि छोटी छिपकली या कंसारी चली
जाय तो कोढ़ रोग हो जाता है।3 - यदि चीटीं चली जाय
तो बुद्धि बिगड़ जाती है।4 - यदि पत्थर का टुकड़ा मुंह में
चला जाय तो दांत टूटने की संभावना रहती है।5 - यदि पेट
म
ें जूं चली जाय तो जलोदर हो जाता है।6 - यदि बाल खाने
में आ जाय तो स्वर भंग हो जाता है।7 - कांटा खाने में आ
जाय तेा कंठ पीड़ा हो जाती है।8 - बिच्छू खाने में आ जाये
तेा तालु भंग हो जाता है।
प्रश्न 75 - धार्मिक दृष्टिकोण से रात्रि भोजन त्याग का
क्या फल है?
उत्तर - जो बुद्धिमान रात्रि में सब प्रकार के आहार का
त्याग कर देते हैं उन्हें 1 महीने में 15 दिन का तथा 1 वर्ष में 6
महीने के उपवास का फल मिलता है।
प्रश्न 76 - रात्रि भोजन करने वालों को आगम में क्या कहा
गया है?
उत्तर - आगम में रात्रि भोजन करने वालों को बिना सींग
और पूंछू के पशु कहा गया है।
प्रश्न 77 - दिन में भोजन किस समय करना चाहिए?
उत्तर - दिन में प्रातः की दो घडत्री बाद तथा सूर्यास्त से
दो घड़ी पहले ही भोजन करना चाहिए।
प्रश्न 78 - रात्रि भोजन करने वालों को कौन-सी पर्यायें
प्राप्त होती हैं?
उत्तर - रात्रि भोजन करने वालों को उल्लू, कौआ, बिल्ली,
गीध, भेडि़या, सूअर, सर्प, बिच्छु और गोह आदि नीच पर्यायें
प्राप्त होती हैं।
प्रश्न 79 - जीव दया का क्या महत्व है?
उत्तर - अहिंसा का दूसरा नाम दया है और धर्म का मूल दया
है, दया के बिना धर्म का पालन नहीं हो सकता जहां-जहां
दया है वहां-वहां धर्म है इसीलिए कहा है-
अहिंसा परमो धर्मः । यतो धर्मः ततो जय।
प्रश्न 80 - दया के कितने प्रकार होते हैं?
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