तीक्खुतो
*
*टोपीक :- तीक्खुतो*
🅿1⃣तिक्खुत्तो पाठ कौन सै सूत्र सै लिया गया हो
🅰1⃣रायप्पसेणी आदि सूत्रो से
🅿2⃣इस पाठ का दूसरा नाम क्या है
🅰2⃣गुरू वंदन सूत्र
🅿3⃣मंगल कितने प्रकार के है
🅰3⃣ दो प्रकार के
🅿4⃣नमस्कार की विशेष विधि क्या है
🅰4⃣पांचो अंग झुकाकर नमना नमस्कार की विशेष विधि है
🅿5⃣पांच अंग कौन कौन से है
🅰5⃣दो घुटने,दो हाथ,एक मस्तक
🅿6⃣वन्दना तीन बार क्यो की जाती है
🅰6⃣वंदनीय मे रहे हूए ज्ञान,दर्शन चारित्र इन तीनो गुणो को वंदन करने के लिए वंदना तीन बार की जाती है
🅿7⃣तिक्खुतो के पाठ मे वंदामि शब्द का क्या अर्थ है
🅰7⃣वंदामि का अर्थ है_ वचन से गुरूदेव का गुणगान करना
🅿8⃣णमंसामि शब्द का अर्थ क्या है
🅰8⃣णमंसामि का अर्थ है_पांचो अंगो को नमाकर काया द्वारा नमन करना है
🅿9⃣वंदना कौन सी दिशा में करनी चाहिये
🅰8⃣णमंसामि का अर्थ है_पांचो अंगो को नमाकर काया द्वारा नमन करना है
🅿9⃣वंदना कौन सी दिशा में करनी चाहिये
🅰9⃣उत्तर पूर्व या ईशान कोण के सम्मुख वंदना करनी चाहिये
🅿1⃣0⃣तिक्खुत्तो के पाठ का प्रयोजन क्या है
🅰1⃣0⃣गुरूदेव को विनयपूर्वक वंदन करना है
🅿1⃣1⃣इस पाठ मे विनय के लिए कौन से शब्द प्रयुक्त हूए है
🅰1⃣1⃣वंदामि ,णमंसामि,सक्कारेमि,सम्माणेमि
🅿1⃣2⃣इस पाठ मे गुरु को वंदन करने की विधि बताने वाले कौन से शब्द है
🅰1⃣3⃣तिक्खुत्तो,आयाहिणं,पयाहिणं,करेमि
🅿1⃣4⃣गुरू की विशेषता बताने वाले शब्द इस पाठ में कौन से है
🅰1⃣4⃣कल्लाणं,मंगलं,देवयं,चेइयं
🅿1⃣5⃣अभिगम कितने है
🅰1⃣5⃣पांच
🅿1⃣6⃣वंदना करने से किस गुण की प्राप्ति होती है
🅰1⃣6⃣वंदना करने से जीव, नीच गौत्र को क्षय करके उच्च गौत्र का बंध करता है
🅿1⃣7⃣वंदना कितने प्रकार की होती है
🅰1⃣7⃣तीन प्रकार की होती हे
🅿1⃣8⃣जघन्य वंदना कैसे होती है
🅰1⃣8⃣संत संतियो को दूर से अथवा मार्ग मे देखते ही मत्थेएण वंदामि कहना
🅿1⃣9⃣मध्यम वंदना कैसे होती है
🅰1⃣9⃣जहां संत सती
विराजते है वहां उपाश्रय एवं स्थानक मे उन्हे विधि सहित तीन बार वंदना करना मध्यम वंदना है
🅿2⃣0⃣उत्कृष्ट वंदना कैसे होती है
🅰2⃣0⃣इच्छामि खमासमणो के पाठ से जो विधिवत् वंदना की जाती है वह उत्कृष्ट वंदना है
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*टोपीक :- तीक्खुतो*
🅿1⃣तिक्खुत्तो पाठ कौन सै सूत्र सै लिया गया हो
🅰1⃣रायप्पसेणी आदि सूत्रो से
🅿2⃣इस पाठ का दूसरा नाम क्या है
🅰2⃣गुरू वंदन सूत्र
🅿3⃣मंगल कितने प्रकार के है
🅰3⃣ दो प्रकार के
🅿4⃣नमस्कार की विशेष विधि क्या है
🅰4⃣पांचो अंग झुकाकर नमना नमस्कार की विशेष विधि है
🅿5⃣पांच अंग कौन कौन से है
🅰5⃣दो घुटने,दो हाथ,एक मस्तक
🅿6⃣वन्दना तीन बार क्यो की जाती है
🅰6⃣वंदनीय मे रहे हूए ज्ञान,दर्शन चारित्र इन तीनो गुणो को वंदन करने के लिए वंदना तीन बार की जाती है
🅿7⃣तिक्खुतो के पाठ मे वंदामि शब्द का क्या अर्थ है
🅰7⃣वंदामि का अर्थ है_ वचन से गुरूदेव का गुणगान करना
🅿8⃣णमंसामि शब्द का अर्थ क्या है
🅰8⃣णमंसामि का अर्थ है_पांचो अंगो को नमाकर काया द्वारा नमन करना है
🅿9⃣वंदना कौन सी दिशा में करनी चाहिये
🅰8⃣णमंसामि का अर्थ है_पांचो अंगो को नमाकर काया द्वारा नमन करना है
🅿9⃣वंदना कौन सी दिशा में करनी चाहिये
🅰9⃣उत्तर पूर्व या ईशान कोण के सम्मुख वंदना करनी चाहिये
🅿1⃣0⃣तिक्खुत्तो के पाठ का प्रयोजन क्या है
🅰1⃣0⃣गुरूदेव को विनयपूर्वक वंदन करना है
🅿1⃣1⃣इस पाठ मे विनय के लिए कौन से शब्द प्रयुक्त हूए है
🅰1⃣1⃣वंदामि ,णमंसामि,सक्कारेमि,सम्माणेमि
🅿1⃣2⃣इस पाठ मे गुरु को वंदन करने की विधि बताने वाले कौन से शब्द है
🅰1⃣3⃣तिक्खुत्तो,आयाहिणं,पयाहिणं,करेमि
🅿1⃣4⃣गुरू की विशेषता बताने वाले शब्द इस पाठ में कौन से है
🅰1⃣4⃣कल्लाणं,मंगलं,देवयं,चेइयं
🅿1⃣5⃣अभिगम कितने है
🅰1⃣5⃣पांच
🅿1⃣6⃣वंदना करने से किस गुण की प्राप्ति होती है
🅰1⃣6⃣वंदना करने से जीव, नीच गौत्र को क्षय करके उच्च गौत्र का बंध करता है
🅿1⃣7⃣वंदना कितने प्रकार की होती है
🅰1⃣7⃣तीन प्रकार की होती हे
🅿1⃣8⃣जघन्य वंदना कैसे होती है
🅰1⃣8⃣संत संतियो को दूर से अथवा मार्ग मे देखते ही मत्थेएण वंदामि कहना
🅿1⃣9⃣मध्यम वंदना कैसे होती है
🅰1⃣9⃣जहां संत सती
विराजते है वहां उपाश्रय एवं स्थानक मे उन्हे विधि सहित तीन बार वंदना करना मध्यम वंदना है
🅿2⃣0⃣उत्कृष्ट वंदना कैसे होती है
🅰2⃣0⃣इच्छामि खमासमणो के पाठ से जो विधिवत् वंदना की जाती है वह उत्कृष्ट वंदना है
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