चक्रवर्ती
, चक्रवर्ती से मिलने ❓
*
*🎡3 ऋषभदेव जी की प्रथम श्राविका सुभद्रा के पती कौन थे ❓*
*🅰 भरत चक्रवर्ती जी ❗*
*🎡4 एकसाथ धर्म~अर्थ~काम फल की प्राप्ति किसे हुई ❗*
*🅰भरत चक्रवर्ती जी को❗*
धर्म~केवल्यप्राप्ति, अर्थ~चक्ररत्न, काम~पुत्ररत्न
*🎡5 एक चक्री मे कितने अष्टापदो का बल होता है ❓*
*🅰 40 लाख अष्टापदो का ❗*
*🔐6 चक्रवर्ती जी कितने खंडपर राज्य करते है❓*
*🅰 6 खंडपर ❗*
*🔐7.कौनसे चक्रवर्ती जी ने दिक्षा नही लि थी ❓*
*🅰 शुभुम चक्री जी, बह्मदत्त जी❗*
*🔐8 16 वे तीर्थंकर जी के शाशन मे कौनसे चक्रवर्ती जी हुए ❓*
*🅰 शांतिनाथ जी❗*
*🔐9 सबसे ज्यादा आयु कौनसे चक्रवर्ती जी ❓*
*🅰 भरत चक्रवर्ती जी❗*
*🔐10 सबसे कम आयु कौनसे चक्रवर्ती जी की ❓*
*🅰 ब्रह्मदत्त जी की ❗*
*🔐11 350 वर्ष का संयमकाल कौनसे चक्रवर्ती जी का था ❓*
*🅰 हरिषेण जी की का ❗*
*🔐12 कुरुमती कुरुमति करते करते किसने अपने प्राण त्यागे ❓*
*🅰 ब्रह्मदत्त जी ने ❗*
*🔐13 प्रथम चक्रवर्ती जी का जन्म किस देश मे हुआ ❓*
*🅰 कौशल देश ❗*
*🔐14 हस्तिनापूर कितने चक्रवर्ती की जन्म नगरी थी ❓*
*🅰 5 चक्रवर्ती जी ❗*
*🔐15 चुलनी माता ने अपने बेटे के लिए क्या बनवाया था ❓*
*🅰 लाक्षागृह ❗*
*🔐16 चक्रवर्ती जी के भोजन को क्या कहते है ❓*
*🅰 कल्याण भोजन ❗*
*🔐17 प्रतिदिन कितने मण अनाज लगता था ❓*
*🅰 4 करोड मण ❗*
*🔐18 चक्रवर्ती जी कितने लोगो के साथ भोजन करते है ❓*
*🅰 3 लाख व्यक्तियो के साथ ❗*
*🔐19 पुच्छिसुणं सूत्र मे चक्रवर्ती जी को किस नाम से संबोधित है ❓*
*🅰 दंतवक्र राजा (दांतवाक्य)❗*
*🔐20 चक्रवर्ती जी को आगम मे किस नामसे संबोधित किया गया है ❓*
*🅰नरदेव, भोग्या पुरुष ❗*
*🔐21 चक्रवर्ती के वियोग से किसकी मृत्यु होती है ❓*
*🅰 स्त्रीरत्ना की ❗*
*🔐22 भावी तीर्थंकर जानकर भरत जी ने किसे वंदन किया ❓*
*🅰 मरिची जी को ❗*
*🔐23 भरत जी के दिग्विजय समारोह मे कौन उपस्थित नही हुए ❓*
*🅰 महासती सुंदरी जी ❗*
*🔐24 भरत जी स्वागत समारोह पुर्ण करने के पश्चात कहा गये ❓*
*🅰 महासती सुंदरी जी के महल मे ❗*
*🔐25 मुद्रिका के निमित्यत मोक्ष किसे प्राप्त हुआ ❓*
*🅰 भरत चक्रवर्ती जी को ❗*
*🔐26 धर्मघोष मुनि जी के पास कौनसे चक्रवर्ती ने दिक्षा ली ❗*
*🅰 मघवा चक्रवर्ती जी ने ❗*
*🔐27 कौनसे चक्रवर्ती जी ने पंचम गुणस्थान का स्पर्श नही किया ❓*
*🅰 शांतिनाथ जी, कुंथुनाथ जी, अरहनाथ जी ये तीनो चक्रवर्ती जी ने ❗*
*🔐28 मानवो मे रुदन प्रवृत्ति किससे प्रारंभ हुई ❓*
*🅰 भरत चक्रवर्ती जी से ❗*
5⃣ *कौनसे चक्रवर्ती जी पूर्व भव में वसुंधर जी नामक राजा थे*❓
🅰 *जय जी चक्रवर्ती*
9⃣ *भरत चक्री जी ने शत्रुंजय जी पर जो प्रासाद बनवाया,, उसका नाम क्या है*❓
🅰 *त्रैलोक्य विभ्रम*
पधारी*❓
🅰 *भरत चक्री जी*
*🔐29 13 वा चक्रवर्ती बनने का प्रयास किसने किया ❗*
*🅰 कोणिकराजा ने ❗*
*🔐30 कौनसे दो चक्रवर्ती जी के महल बने थे ❓*
*🅰 भरत जी का आरिसा भवन, ब्रह्मदत्त जी के लिए लाक्षागृह ❗*
31 चक्रवर्ती की सेवा कितने देवता करते हैं
A16000 देवता
0।
के नाम और कर्म बंधन से मुक्ति🌹
1. चक्रवती कितनी यात्रा करने पर पूर्णतयः चक्रवती कहलाते है??
A. 13यात्रा
2. 13यात्रा का चक्रवती से क्या सम्बंध बनता है??
A. 13यात्रा पर13तेले करते है
3. 13वा तेला कब करते है??
A. राजधानी में आने पर
4. चक्रवती की मुख्य रानी का महल कहा होता है??
A. कमल पर
5. उस कमल को किस नाम से जानते है??
A. पद्म द्रह
6. अन्य रानियों के महल किस पर होते है??
A. अन्य कमल पर
7. प्रथम तेला कब करते है??
A. मागध विजय पर
8. 12वा तेला कब करते है??
A. नगर प्रवेश पर
9. चक्रवती की गति क्या??
A. दीक्षा लेवे तो मोक्ष नहीं तो नरक गति
10. एक विद्याधर पर भी तेला करते है कौनसी विजय पर??
A. विद्याधर विजय पर
11. कितनी निधि प्राप्ति के लिए तेला करते है??
A. 9निधि
12. नव निधिया साथ रहती है हमेशा??
A. नहीं चक्रवती के चले जाने पर पुनः अपने स्थान पर चली जाती है
13. एक गणधर एक विजय??
A. प्रभास विजय
14. एक हिन्दू देवता का नाम एक विजय??
A. वरदाम विजय
15. चक्रवती अपना नाम किस पर अंकित करते है??
A. ऋषभ कूट पर्वत पर
16. तमिस्त्र गुफा के अधिष्ट देव कौन है??
A. कृतमालक
17. एक और गुफा कौनसी है??
A. खंड प्रपात गुफा
18. खंडप्रपात गुफा के अधिष्ट देव कौनसे है??
A. नर्तमालक देव
19. दो नदी दो विजय कौनसी??
A. गंगा सिंधु विजय
20. दो पर्वत दो विजय??
A. चुल्ल हिमवंत पर्वत
वैताढयपर्वत
21. दो गुफा दो विजय??
A. खण्ड प्रपात गुफा
तमिस्त्र गुफा
22. युगल जोड़े की तरह विजय तेले कितने??
A. 4
23. कौन कौन से??
A. खण्ड प्रपात गुफा
तमिस्त्र गुफा
नगर प्रवेश राजधानी
गंगा सिंधु नदी
चुल्ल हिमवंत पर्वत वैताढ्यपर्वत
24. मुख्य होते हुए भी नरक में जाने वाली कौन??
A. चक्रवती की पत्नी श्री देवी
25. ऋषभ कूट पर्वत के अलावा एक और पर्वत??
A. गंगा कूट पर्वत
❓1⃣ चक्रवर्ती के चौदह रत्न कौन-कौन से होते है?
🅰1⃣ सात एकेन्द्रिय और सात पंचेन्द्रिय।
❓2⃣ खड्ग रत्न क्या करता है?
🅰2⃣ युद्ध में चक्रवर्ती को अजेय शक्ति प्रदान करता है।
❓3⃣ हर चक्रवर्ती के पास कितने कांकिणी रत्न होते हैं?
🅰3⃣ एक-एक।
❓4⃣ पुरोहित रत्न का क्या उपयोग होता है?
🅰4⃣ शांति कर्म करता है।
❓5⃣ कांकिणी रत्न कितना विस्तृत होता है?
🅰5⃣ चार अंगुल प्रमाण।
❓6⃣ कांकिणी रत्न का प्रमाण कितना होता है?
🅰6⃣ अष्ठसुवर्ण।
❓7⃣ चर्म रत्न कितना विस्तृत होता है?
🅰7⃣ दो हाथ प्रमाण।
❓8⃣ चक्रवर्ती के वैद्य कितने होते है?
🅰8⃣ तीन करोड़।
❓9⃣ चक्रवर्ती के पत्तन कितने होते है?
🅰9⃣ अड़तालीस हज़ार।
❓🔟 चक्र,छत्र एवं दंड, इन तीनों का क्या परिमाण होता है?
🅰🔟 तीनों रत्न एक-एक वाम प्रमाण के होते है।
❓1⃣1⃣ खड्ग रत्न कितना विस्तृत होता है?
🅰1⃣1⃣ बत्तीस अंगुल प्रमाण।
❓1⃣2⃣ कितने मलेच्छ राजा चक्रवर्ती की सेवा करते है?
🅰1⃣2⃣ सोलह हज़ार।
❓1⃣3⃣ चक्रवर्ती के उद्यान कितने होते है?
🅰1⃣3⃣ उनपाचस हज़ार।
❓1⃣4⃣ चक्रवर्ती के पद विहारी सैनिक कितने होते है?
🅰1⃣4⃣ छियानवें करोड़।
❓1⃣5⃣ चक्रवर्ती के द्रौणमुख कितने होते है?
🅰1⃣5⃣ निन्यानवें हज़ार।
❓1⃣6⃣ प्रत्येक महल कितना मंजिलों वाला होता है?
🅰1⃣6⃣ बयालीस।
❓1⃣7⃣ मणि रत्न कितना विस्तृत होता है?
🅰1⃣7⃣ चार अंगुल लम्बा और दो अंगुल चौड़ा।
❓1⃣8⃣ चक्रवर्ती की उत्कृष्ट आयुष्य कितना होता है?
🅰1⃣8⃣ चौरासी लाख पूर्व का।
❓1⃣9⃣ चक्रवर्ती किस कूट पर अपना नाम अंकित करते है?
🅰1⃣9⃣ ऋषभदत्त कूट पर।
❓2⃣0⃣ कौन सा चक्रवर्ती अंधा था?
🅰2⃣0⃣ ब्रह्मदत्त।
❓2⃣1⃣ चक्रवर्ती का जघन्य आयुष्य कितना होता है?
🅰2⃣1⃣ सात सो वर्ष।
❓2⃣2⃣ चक्रवर्ती कितने नरकों से आता है?
🅰2⃣2⃣ प्रथम रत्नप्रभा नरक से आते है।
❓2⃣3⃣ चक्रवर्ती के अंगमर्दक कितने होते है?
🅰2⃣3⃣ छब्बीस लाख।
❓2⃣4⃣ चक्रवर्ती के नगर कितने होते है?
🅰2⃣4⃣ बहत्तर हज़ार।
❓2⃣5⃣ चक्रवर्ती के रत्नों की खानें कितनी होती है?
🅰2⃣5⃣ सोलह हज़ार।
❓2⃣6⃣ चक्रवर्ती के सोने-चांदी की खानें कितनी होती है?
🅰2⃣6⃣ बीस हज़ार।
❓2⃣7⃣ चक्रवर्ती के पंडित कितने होते है?
🅰2⃣7⃣ आठ हज़ार।
❓2⃣8⃣ कितने मुकुटधारी राजा चक्रवर्ती की सेवा में होते है?
🅰2⃣8⃣ बत्तीस हज़ार।
❓2⃣9⃣ कौनसे चक्रवर्ती स्वर्ग में गए?
🅰2⃣9⃣ मघवा और सनत्कुमार।
❓3⃣0⃣ चक्रवर्ती का भोजन क्या कहलाता है?
🅰3⃣0⃣ कल्याण भोजन।
*
*आज का टॉपिक*~
*रत्न की खोज*💎💎
💎1⃣ सभी रत्नों में प्रधान रत्न कौनसा है❓
🌀🅰 वैडूर्य रत्न।
💎2⃣ रत्नों के कारण, सूर्य के समान प्रकाशमान होने से स्वयंप्रभ नाम किसे दिया गया है❓
🌀🅰 मेरु पर्वत।
💎3⃣ रत्नपुरी तीर्थं के साथ कौनसे तीर्थंकर परमात्मा जुड़े हुए हैं❓
🌀🅰 धर्मनाथ जी।
💎4⃣ जड़ रत्नों की वजह से चैतन्य रत्न को गुमाया❓
🌀🅰 देवानंदा जी।
💎5⃣ कौन-सा रत्न समान गोत्रीय मनुष्य पर प्रहार नहीं करता❓
🌀🅰 चक्र रत्न।
💎6⃣ चक्रवर्ती के कौनसे रत्न को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना पड़ता है❓
🌀🅰 अश्व रत्न।
💎7⃣ एक रत्न के पीछे पच्चीस रत्नों का आविष्कार किया❓
🌀🅰 श्री रत्नाकर सूरिश्वर जी।
💎8⃣ भृगु पुरोहित और यशा जी के दो रत्न❓
🌀🅰 देवभद्र जी।
यशोभद्र जी।
💎9⃣ कौनसे रत्न से प्रति वासुदेव की मृत्यु होती है❓
🌀🅰 सुदर्शनचक्र रत्न।
💎1⃣0⃣ रत्नावली तप की आराधना किसने की❓
🌀🅰 काली रानी।
💎1⃣1⃣ रत्न कंबल से संयम रत्न ज्यादा किमती है ऐसा कौन बोला ❓
🌀🅰 कोशा गणिका।
💎1⃣2⃣ रत्नश्रवा किस प्रति वासुदेव के पिता का नाम था❓
🌀🅰 रावण जी।
💎1⃣3⃣ कौनसा रत्न दुर्भेद्य वस्तुओं का भी छेदन कर सकता है❓
🌀🅰 खड्ग रत्न।
💎1⃣4⃣ वर्तमान जैन शासन के एक तपस्वी रत्न❓
🌀🅰 तपस्वी आचार्य श्री हंस रत्न विजयजी महाराज साहेब।
💎1⃣5⃣ मैंने *imported* रत्नकंबल खरीदे❓
🌀🅰 भद्रा माता।
💎1⃣6⃣ किस आचार्य रत्न को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है❓
🌀🅰 आचार्य रत्न विजय सुरिश्वर जी।
💎1⃣7⃣ रत्नजड़ित बैल किसके पास थे❓
🌀🅰 मम्मण सेठ।
💎1⃣8⃣ चक्रवर्ती का रत्न जो नियम से नरक का मेहमान बनता है❓
🌀🅰 स्त्री रत्न।
💎1⃣9⃣ चौदह रत्न के चिन्ह किस चक्रवर्ती के पैरों में अंकित थे❓
🌀🅰 भरत चक्रवर्ती।
💎2⃣0⃣ रत्नजड़ित 1008 कुंभ कलश चक्रवर्ती को *gift* में कौन देते हैं❓
🌀🅰 सिन्धुदेवी।
💎2⃣1⃣ किन दो रत्नों ने एक रत्न की रक्षा की थी❓
🌀🅰 देवानंदा जी और त्रीशला माता।
💎2⃣2⃣ रत्न किसका भेद है❓
🌀🅰 पृथ्वीकाय।
💎2⃣3⃣ आचार्य रत्नाकर सूरिश्वर जी ने किसकी रचना की❓
🌀🅰 रत्नाकर पच्चीसी।
💎2⃣4⃣ पांव पोंछ के रत्न के *Towel* किसने फेंक दिया❓
🌀🅰 शालीभद्र जी की ३२ पत्नीयां/ कोशा जी।
💎2⃣5⃣ लोहे को स्वर्ण बनाने वाला रत्न❓
🌀🅰 पारसमणी रत्न।
💎2⃣6⃣ भारत देश का सर्वोत्तम पुरस्कार कौनसा❓
🌀🅰 भारत रत्न।
💎2⃣7⃣ भारत रत्न से विभूषित प्रथम भारतीय महिला कौन थी❓
🌀🅰 श्री इन्दीरा गांधी।
💎2⃣8⃣ ज्योतिष देव के विमान किस रत्न के होते हैं❓
🌀🅰 स्फटिक रत्न।
💎2⃣9⃣ गुरु ग्रह की शांति के लिए कौनसा रत्न पहना जाता है❓
🌀🅰 पुखराज रत्न।
💎3⃣0⃣ रत्नकंबल बेचनेवाले व्यापारी का नाम क्या था❓
🌀🅰 सुदर्शन।
8️
*
1️⃣1️⃣1️⃣ *इस अवसर्पिणी काल में कितने चक्रवर्ती हुए?*
🅰️❓12चक्रवर्ती
1️⃣1️⃣2️⃣ *12 चक्रवर्ती क़े नाम लिखो?
*1भरतजी,2सगर जी,3मघवाजी
4सनतकुमारी जी,5शान्तिनाथ जी 6कुन्थु नाथ जी ,7अरनाथ जी 8सुभूम जी 9महापद्मजी10हरिषेण जी 11जयसेनजी 12ब्रहदत जी
🅰️ ❓
1️⃣1️⃣3️⃣ *12 चक्रबर्ती में कितने मोक्ष गए ?*
🅰️ ❓10चक्रवर्ती
1️⃣1️⃣4️⃣ *कितने चक्रवर्ती ने दीक्षा नहीं ली और वे कहाँ गए?*
🅰️❓2चक्रवर्ती 7वी नरक में
1️⃣1️⃣5️⃣ *नरक में कौनसे चक्रवर्ती गये नाम लिखो?*
🅰️ ❓सुभुम चक्रवर्ती ,ब्रहदत चक्रवर्ती
2) छत्र रत्न : चक्री के स्पर्श से बारह योजन का हो जाता है | यह छत्र रत्न सब को संपूर्ण ढंक देता है | यह शीतकाल में उष्णता और उष्णकाल में शीतलता प्रदान करता है |
3) चर्म रत्न : चक्री के स्पर्श से बारह योजन का हो जाता है | उसमें संपूर्ण सेना सहज ही समा जाती है | समुद्र पार करने के लिए जहाज के समान है | जरुरत पड़ने पर इस रत्न पर गृहपति के द्वारा बोए हुए धान्य आदि खा सकते है |
4) दंडरत्न : एक हजार योजन तक जमीन की खुदाई कर सकता है | मार्ग में आती विषम भूमि को समतल करने वाला यह रत्न वज्र का बना हुआ होता है |
5) खडग रत्न : यह तीक्षण धार वाला, किसी भी प्रकार की वस्तु को छेदन करने की क्षमता रखने वाला शत्रु सैन्य ( सेना ) का नाश करने वाला होता है |
6) काकिणी रत्न : जिससे वैताढ्य गुफा में ४९ मांडले की रचना की जाती है और इससे अन्धकार में भी सूर्य के समान प्रकाश होता है |
7) मणि रत्न : यह सर्व मणियों में श्रेष्ठ है ( सर्व रोग, उपद्रवों का नाश करता है |सूर्य सम प्रकाश करने वाला होता है |
8) अश्व रत्न : ( घोडा ) यह सुन्दर लक्षण वाला, अति बलवान, पराक्रम वाला, बारह योजन तक पैर से पीछे भी फिर सकता है |
9) गजरत्न : ( हाथी ) यह ऐरावत जैसा बलवान गद और तोड़ने में प्रवीण, शटर सैन्य का हनन करने वाला और ब्रह्मचारी होता है |
10) पुरोहित रत्न : १४ विद्याओं में कुशल तथा मन्त्र तंत्रादि में कुशल होता है |
11) सेनापति रत्न : यह अत्यंत बलवान, पराक्रमी, तेजस्वी और पवित्र होता है | यह अनेक क्षेत्रों को जीतकर आता है |
12) गृहपति रत्न : चक्रवर्ती के अन्नादि भंडार का अधिपति होता है | सेना के भोजन आदि व्यवस्था की जिम्मेदारी उसके ऊपर होती है |
13) वार्धकी रत्न : मकान, गाँव, नगर आदि बनाने में रास्ते में तंबू वगैरह, पूल का निर्माण आदि का काम करता है |
14) स्त्री रत्न : यह नारियों में शिरोमणि, संपूर्ण लक्षण युक्त, मधुरभाषी, चतुर होती है | जो अक्षत यौवना होती है | चक्रवर्ती के लिए ही भोग्य होती हैं |
प्रश्न. 8. : चक्रवर्ती के १४ रत्नों में कितने एकेन्द्रिय वाले है और कितने पंचेन्द्रिय वाले है ?
७ एकेंद्रिय -- चक्र, छत्र, चर्म, दंड, खडग, काकीणी और मणि रत्न |
बारह चक्रवर्ती
चक्रवर्ती का लक्षण-जो छह खंडरूप भरतक्षेत्र का स्वामी हो और बत्तीस हज़ार मुकुट बद्ध राजाओं का तेजस्वी अधिपति हो वह सकल चक्री होता है।
भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक चौबीस तीर्थंकर के समय में अनेक विभूतियाँ हुई हैं जो तिरेसठ शलाका पुरूषों से परिगणित हैं इनमें से एक विभूति चक्रवर्ती भी है| चौबीस तीर्थंकरों के काल में कुल बारह चक्रवर्ती का उल्लेख हुआ है| इनके नाम इस प्रकार हैं –
1. प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के काल के उनके ही पुत्र चक्रवर्ती भरत,
2.द्वितीय तीर्थंकर भगवान अजितनाथ के काल के चक्रवर्ती सगर,
3-4. पन्द्रहवें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ और सौलहवें तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथ के अन्तरकाल में चक्रवर्ती मधवा और चक्रवर्ती सनत्कुमार,
5-6-7. सोलहवें तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथ, सत्रहवें तीर्थंकर भगवान कुन्थुनाथ तथा अठारहवें तीर्थंकर भगवान अरनाथ| ये तीनों स्वयं तीर्थंकर और चक्रवर्ती दोनों थे|
8. अठारहवें तीर्थंकर भगवान अरनाथ व उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ के अन्तरकाल में चक्रवर्ती सुभौम,
9.उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ और बीसवें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रत के अन्तरकाल में चक्रवर्ती पद्म,
10.बीसवें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रत और इक्कीसवें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ के अन्तरकाल में चक्रवर्ती हरिषेण,
11.इक्कीसवें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ और बाईसवें तीर्थंकर भगवान अरिष्टनेमि के अन्तरकाल में चक्रवर्ती जयसेन,
12.बाईसवें तीर्थंकर भगवान अरिष्टनेमि व तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के अन्तरकाल में चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त|
इन बारह चक्रवतियों के पास नौ प्रकार की निधियाँ हैं| इनसे चक्रवर्ती मनोवांछित वस्तुएँ प्राप्त करते थे| चक्रवर्ती जब दिग्विजय कर लौटता है और गंगा नदी के पश्चिम तट पर अट्ठम तप करता है, उसके बाद उसे ये निधियाँ प्राप्त होती हैं| एक – एक निधि एक – एक हजार यक्षों से अधिष्ठित होती है| यह दस योजन लम्बाई वाली, नौ योजन चौड़ाई वाली तथा आठ योजना ऊँचाई वाली होती है| इनका मुखमण्डल वैडूर्य मणि के कपाट से ढके रहता है| चन्द्र, सूर्य के चिन्हों से चिन्हित तथा एक – सी आकार वाली ये निधियाँ स्वर्ण – रत्नों से सदा संवेष्ठित रहती हैं| इन निधियों के अधिष्ठायक पल्योपम आयु वाले नागकुमार जाति के देव होते हैं| ये नवनिधियाँ इस प्रकार हैं –
1.नैसर्प निधि – इस निधि की सहायता से चक्रवर्ती ग्राम – नगर – द्रोणमुख, मंडप आदि का सहज रूप में निर्माण कराते थे|
2.पांडुक निधि – यह निधि चक्रवर्तियों को मान, उन्मान और प्रमाण आदि का ज्ञान कराती है| धान्य और बीजों को उत्पन्न करने में भी सक्षम है|
3.पिंगल निधि – यह मनुष्यों व तिर्यञ्चों के सर्वविध आभूषणों की विधि का ज्ञान कराने वाली तथा उनके योग्य आमरण प्रदान करने वाली निधि है|
4.सर्वरत्न निधि – इससे माणिक्य, पद्मराग, वैडूर्य आदि बहुमूल्य रत्न प्राप्त किए जाते हैं|
5.महापद्म निधि – यह शुध्द व रंगीन वस्त्रों का उत्पादन करने वाली होती है|
6.काल निधि – यह वर्तमान, भूत व भविष्य तीनों काल का, कृषि आदि कर्मों का, कला और व्याकरण शास्त्रादि का सम्पूर्ण ज्ञान कराने वाली निधि है|
7.महाकाल निधि – यह सोना, चाँदी, मोती, प्रवाल तथा लोहा आदि खानें उत्पन्न कराने वाली निधि है|
8.माणव निधि – यह युध्दनीति और दण्डनीत आदि का तथा कवच, ढाल, तलवार आदि विभिन्न प्रकार के दिव्य आयुष्यों का परिज्ञान कराने वाली निधि है|
9.शंख निधि – यह अनेक प्रकार के वाद्य, नाट्य – नाटक आदि की विधि का समपूर्ण ज्ञान कराने वाली निधि है|
✍👏👏👏👏👏
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अति सुन्दर तथा ज्ञान वर्धक जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। तथा दिल से आभार 🙏🙏
जवाब देंहटाएंSame as above comment.🙏🙏🙏
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