केशी श्रमण-गौतम स्वामी

 विषय  केशी श्रमण--- गौतम स्वामी का संवाद यानि उनके संशय का समाधान।।

 🏹 1⃣ शत्रु क्या है❓
🅰1⃣ नहीं जीती हुई आत्मा❗
🏹2⃣ विष लता कौन❓
🅰2⃣भव तृष्णा❗
🏹3⃣अमृत लता क्या है❓
🅰3⃣भव मुक्ति❗
🏹4⃣अग्नि क्या है❓
 🅰4⃣चार कषाय❗
🏹5⃣शीतल जल क्या है❓
🅰5⃣सम्यगज्ञान, दर्शन,चारित्र और तप❗
🏹6⃣दुष्ट घोड़े के समान क्या है❓
 🅰6⃣आश्रव सहित मन❗
🏹7⃣मुक्ति क्या है❓
🅰7⃣ वीतरागता ही मुक्ति है❗
🏹8⃣बंधन क्या है❓
🅰8⃣राग व्देष सहित प्रवृत्ति❗
🏹9⃣मित्र कौन है❓
🅰9⃣जीती हुई आत्मा❗
🏹🔟कुमार्ग क्या❓
🅰🔟हिंसा मय धर्म❗
🏹1⃣1⃣सुमार्ग क्या❓

🅰1⃣1⃣अहिंसा मय धर्म❗
🏹1⃣2⃣सागर कौनसा❓
 🅰1⃣2⃣जन्म मरण❗

🏹1⃣3⃣ व्दीप कौन❓
 🅰1⃣3⃣धर्मरुपी व्दीप❗
🏹1⃣4⃣नाविक कौन❓
🅰1⃣4⃣जीव नाविक है❗
🏹1⃣5⃣तिरने वाली नाव❓
 🅰1⃣5⃣संवर वाली काया❗
🏹1⃣6⃣डूबने वाली नाव❓
🅰1⃣6⃣आश्रव वाली काया❗
🏹1⃣7⃣नाव कौन❓
🅰1⃣7⃣काया❗
🏹1⃣8⃣अंधकार क्या❓
 🅰1⃣8⃣अज्ञान❗
🏹1⃣9⃣प्रकाश कौन❓
🅰1⃣9⃣ज्ञान❗
🏹2⃣0⃣सूर्य कौन है❓
🅰2⃣0⃣तीर्थंकर❗
🏹2⃣1⃣जातिवान घोड़ा कौन❓
 🅰2⃣1⃣संवर सहित मन❗
🏹2⃣2⃣ज्येष्ठ कुल किसका❓
🅰2⃣2⃣पार्श्वनाथ भगवान का❗
🏹2⃣3⃣कनिष्ठ कुल किसका❓
🅰2⃣3⃣भगवान महावीर का❗
🏹2⃣4⃣यम(नियम) क्या है❓
🅰2⃣4⃣  5 महाव्रत❗
🏹2⃣5⃣पाँच महाव्रत कहाँ पावें❓
🅰2⃣5⃣पहले व चौबीसवें तीर्थंकर के शासन में❗
🏹2⃣6⃣आत्मा का साध्य क्या❓
 🅰2⃣6⃣मोक्ष❗
🏹2⃣7⃣निश्चय साधन कौन❓
 🅰2⃣7⃣सम्यग् ज्ञान,दर्शन,चारित्र❗
🏹2⃣8⃣व्यवहार साधन कौन❓
 🅰2⃣8⃣मुँहपत्ति व रजोहरण❗
🏹2⃣9⃣केशी स्वामीजी कितने ज्ञान के धारी थे❓कौन कौनसे❓
🅰2⃣9⃣तीन- मति,श्रुति व अवधि ज्ञ❗
🏹3⃣0⃣विनय प्रतिपति पहले  किसने निभाई❓
🅰3⃣0⃣गौतमस्वामीजी ने❗
🏹3⃣1⃣दोनों महापुरुषों की चर्चा किस उद्यान में हुई❓
🅰3⃣1⃣तिन्दुक नामक बगीचे में❗
🏹3⃣2⃣चंद्र सूर्य के समान कौन शोभित हो रहे थे❓
🅰3⃣2⃣श्री केशी स्वामी व गौतम स्वामीजी❗


👉 *आज का टॉपिक*⁉️

💎 :~ *केशि ~गौतम*⁉️📝

🌹 *अरुणा जैन राजमंड्री (ओस्ट्रेलिया)की लेखनी* !!! ✍️

           "हैं प्रभु"🙏⁉️⁉️

 "अमीरों" के चेहरे पर कभी "मुस्कान" 😊 नहीं होती.... "गरीबों" के चेहरे पर कभी "थकान" नहीं होती....⁉️सब कुछ "खरीद" सकती हैं "दौलत" 💰इस "दुनिया" में....पर शुक्र है ⁉️ "मुस्कान" 😇 किसी की "गुलाम" 💞 नहीं होती....⁉️

आज शाम की ज्ञानशाला का पाठ लेकर आ रहे हैं परिवार के।।।

परम पुण्य वान

परम आदरणीय

💎 :~ *शिखरचंद जी भाईसा*

       *सुराणा लुधियाना* 💐

हम सब आपका हार्दिक स्वागत करते हैं!!👏👏

      *आपको प्रणाम सा*🙏🙏


Q 1, केशि गौतमीय संवाद  उतराध्ययन के कौनसे अध्ययन में है ?

Ans 1, केशि गौतमीय संवाद उतराध्ययन के 23 वे अध्ययन मे है।


Q 2, इस अध्ययन में कितने श्लोक है ?

Ans 2, इस अध्ययन मे ८९ (89) श्लोक है।


Q 3, केशि स्वामिजी कौन थे ?

Ans 3, कुमार श्रमण ( केशि स्वामि जी) जी भगवान पार्श्व नाथ जी के परंपरा के चौथे पटधर थे।


Q 4, पार्श्वनाथ भगवानजी के प्रथम पटधर कौन.?

Ans 4, प्रथम पटधर आचार्य शुभ दत्त हुए।


Q 5, केशि स्वामि जी के गुरु कौन थे ?

Ans 5, केशि स्वामि जी के गुरु आचार्य समुद्रसूरी जी थे। (तीसरे पटधर)


Q 6, केशि स्वामि जी व गौतम स्वामिजी जी का संवाद कौनसे शहर मे हुआ

Ans 6, केशि स्वामि जी व गौतम स्वामि जी का संवाद श्रावस्ती शहर मे हुआ।


Q 7, गौतम स्वामी जी कौनसे उद्यान मे रुके हुए थे ?

Ans 7, कोष्ठख उद्यान मे।


Q 8, संवाद कौनसे उद्यान मे हुआ ?

Ans 8, संवाद तिंदुक उद्यान मे हुआ, जहाँ केशि स्वामि जी ठहरे हुए थे।


पार्श्व परंपरा के आचार्य होने के कारण उन्हे ज्येष्ठ मानते हुए गौतम स्वामि जी तिंदुक उद्यान मे पधारे।


Q 9, ऋजु जड़ साधु कौन से तिर्थंकरो के समय हुए ?

Ans 9, ऋजु जड़ साधु भगवान ऋषभ देव के समय मे हुए।


Q 10 वक्र जड़ साधु कौनसे तिर्थंकरो के समय.?

And 10, वक्र जड़ साधु भगवान महावीर स्वामि के समय।


Q 11, शेष सभी तिर्थंकरो के समय कौनसे प्रकार के साधु होते थे ?

Ans 11, शेष 22 तीर्थंकरों के समय साधु जी ऋजु प्राज्ञ स्वभाव के होते थे ।


Q 12, ऋजु प्राज्ञ से क्या तात्पर्य ?

Ans 12, शाब्दिक अर्थ सरल व विद्वान। साधुत्व का आचार यथावत ग्रहण कर सरलता से पालन करते थे।


Q 13 , चातुर्याम धर्म से क्या तात्पर्य?

Ans 13, पांच महाव्रत के स्थान पर चार महाव्रत। ब्रह्मचर्य व परिग्रह एक साथ।


Q 14, चातुर्याम धर्म कौनसे तीर्थंकर के समय?

Ans 14, चातुर्याम धर्म प्रथम व अंतिम तीर्थंकर को छोड़कर शेष 22 तीर्थंकर के समय।


Q 15,  चातुर्याम धर्म के चौथे महव्रत का शाब्दिक नाम. ?

Ans 15, सर्व बाह्य- आदान विरति। चातुर्याम धर्म का चौथा महाव्रत।


Q 16, शत्रु कौन कहलाता है? केशि स्वामि ने गौतम स्वामि से पूछा?

Ans 16, एक न जीती हुई आत्मा शत्रु है, कषाय व इंद्रिया शत्रु हैं।


Q 17, अचेलक ( वस्त्र रहित) आचार धर्म की व्यवस्था कौनसे महामुनि ने की ?

Ans 17 महामुनि वर्धमान ने अचेलक आचार धर्म की व्यवस्था की।


Q 18, सचेलक आचार धर्म की व्यवस्था कौनसे तिर्थंकरो के समय से थी ?

Ans 18, मध्यवर्ती 22 तिर्थंकरो के सचेलक (वस्त्र सहित) आचार धर्म की व्यवस्था थी।


Q 19, , हज़ारों हज़ारों शत्रु किसे कहा?

Ans 19, हज़ारों हज़ारों शत्रु कषाय जनित वृतियों को कहा गया है।


Q 20, कौनसे एक को जीत लेने से 5 को 5 को जीत लेने से 10 शत्रुओ को जीता जा सकता है? एक कौन ?

Ans 20, केवल चित्त को।

10  शत्रु है एक आत्मा, 4 कषाय, 5 इंद्रियाँ।


21, साहासिक, भयंकर दुष्ट अश्व दौड़ रहा है, तुम उस पर चढ़े हुए हो, यह दुष्ट अश्व कौन है?

Ans 21, मन रूपी दुष्ट अश्व है।


Q 22,  गौतम स्वामि जी ने दुष्ट घोड़े को किस तरह नियंत्रित करने का उपाय बताया?

Ans 22, श्रुत (ज्ञान)  रूपी लगाम के द्वारा।


Q 23, केशि स्वामि से संबंधित एक अन्य प्रसिद्ध घटना है?

Ans 23, परदेशी राजा को प्रतिबोधित करना।


Q 24, क्या दोनो केशि स्वामि एक ही है ?

Ans 24, दोनो बात। एक भी, अलग अलग भी। परदेशी राजा को प्रतिबोधित करने वाले 4 ज्ञान के धनी। गौतम स्वामि जी से संवाद करने वाले केशि स्वामि 3 ज्ञान के धनी।


Q 25,, प्रथम श्लोक मे कौनसे तीर्थंकर प्रभु की गुणोत्किरणा की गयी है ?

Ans 25,, प्रथम श्लोक मे श्री पार्श्व नाथ प्रभुजी की गुणोत्किरणा की गयी है।






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