नव तत्व





टॉपिक :-*नव तत्व*

🅿01  जिनेश्वर  द्वारा निर्दिष्ट तत्त्वों का सम्यक् बोध किस मंगला चरण का भाव है
🅰 वस्तु संकीर्तन

🅿02  संता की अपेक्षा से आठ कर्मो की कितनी प्रकूतिया है
🅰148/158

🅿03 नौ तत्त्वों में अजीव स्वरुप कितने तत्त्व है
🅰  5

🅿04  नामकर्म का स्वभाव किसके समान है
🅰  चित्रकार

🅿05  अंतरायकर्म का उत्कूष्ट अबाधाकाल कितना है
🅰 3000 वर्ष

🅿06  नौ तत्त्वों में रुपी द्रव्य कितने हैं
🅰 6

🅿07 प्राप्त वस्तुओं का संतोष रखना , अप्राप्त वस्तुओं में लालसा नहीं, कौन सा यति धर्म है
🅰 मुक्ति

🅿08 करकंडू राजर्षि किस प्रकार से से सिद्ध हुए
🅰 प्रत्येक बुद्ध सिद्ध

🅿09  नव तत्वों की कुल कितने भेद हैं
🅰 276

🅿10  किस चरित्र के बाद केवल ज्ञान की प्राप्ति अवश्य होती ही है
🅰 क्षायिक  याथाख्यात

🅿11 चेतना धर्म की दो प्रकार कौन से हैं
🅰 दर्शन- ज्ञान

🅿12  धारण किए हुए अर्थ का चिंतन करना
🅰  अनुप्रेक्षा

🅿13 वस्तु की किस धर्म को लक्षण कहते हैं
🅰 असाधारण

🅿14  परिहार विशुद्धि कल्प की पूर्णाहुति कितने महीने में होती है
🅰 18 मास

🅿15  वासुदेव का आयुष्य किस वेद में आता है
🅰 अनपवर्तनीय निरूपक्रम

🅿16  प्रकाश की एक किरण 1 सेकंड में कितने मील दूर जाती है
🅰 1 लाख 86 हजार

🅿17  स्थावर दशक में पांचवा नंबर किस प्रकृति का है
🅰 अस्थिर

🅿18 कालचक्र में दो कोटा कोटी सागरोपम के कितने आ रहे हैं
🅰 2

🅿19 दूसरी भव में पहुंचाने के लिए कौन सा नाम कर्म विग्रह गति में मदद करता है
🅰 आनु पूर्वी

🅿20 ग्रहण किए हुए आहार को पचाने में कौनसा शरीर काम करता है
🅰 तेजस

🅿21 श्रावक जीवन मे ........की प्रधानता है
🅰 पुण्य बंद

🅿22 जिस पदार्थ को खाने से क्षुधा तृप्त हो जाती है उसे क्या कहते हैं
🅰 अशन

🅿23 एक ही समय में एक से अधिक एक साथ मोक्ष जाए तो वह क्या कहलाते हैं
🅰 अनेक सिद्ध

🅿24 सुधीर गुरु धर्म पर श्रद्धा रखना कौन सा सम्यक्तव कहलाता है
🅰 व्यवहार

🅿25 कर्म के उदय से आत्मिक परिणाम  का कौन सा भाव कहते हैं
🅰 औदारिक

🅿26 सिद्ध भगवान की उत्कृष्ट और गाना कितने धनुष स्वभाव है
🅰 333  1/3

🅿27 जघन्य से कितनी काया वाले उत्कृष्ट से कितने धनुष की काया वाले मोक्ष में जाते हैं
🅰 2  हाथ ,  500

🅿28 सिद्ध करने में जो कारण दिया जाता है उसे क्या कहते हैं
🅰 हेतु

🅿29  सर्वविरति चरित्र में कौन सा कक्षाएं बाधक होता है
🅰  प्रत्याख्यानी

🅿30 जीवो को प्रभु आज्ञा विरुद्ध कुकू करने को कौन सी क्रिया कहते हैं
🅰 आज्ञापनिकी

Topic.. 9 तत्व 🙏🏻🙏🏻
❇ 1 जानने योग्य तत्व है ।।
♦ज्ञेय ...जीव अजीव ।।
❇2 छोड़ने योग्य तत्व हैं ।।
♦हेय ....पाप आस्रव बंध ।।
❇3 ग्रहण करने योग्य तत्व है ।।
♦उपादेय.. पुण्य संवर निर्जरा मोक्ष ।।
❇4 जीव तत्व क्या है।।
जीव तत्व का अभिप्राय आत्मा    से है शरीर से नही ...
♦अरूपी हैं।।
❇5 किसके उदय से जीव संसार मे कष्ट पूर्वक यात्रा करता है ।।♦पाप कर्म ।।
❇6 जीव कब राग द्वेष रूपी दोषों का सेवन करता है ।।
♦आस्रव में ।।
❇7 व्रत , प्रत्याख्यान, त्याग ,संयम आदि से आते हुए कर्मो को रोकना ।।
♦संवर ।।
❇8 आत्मा और कर्म का मिले रहना कहलता है ।।
♦बंध I
❇9 संसार के समस्त दुखों से मुक्त होकर अपनी यात्रा पूण करना कहलता है ।।
♦मोक्ष ।।
❇10..9 तत्वों के कुल भेद हैं।।
♦276 ।।
❇11 दस प्राणों का धारक होने से जीव को कहते है ।।
♦प्राणी ।।
❇12 निर्जरा तत्व के कितने भेद है ।।
♦12 ।।
❇13 कोई भी जीव कितनी पर्याप्तियां पूण किये बिना नही मरता ।।
♦तीन..आहार शरीर इन्द्रिय ।
❇14 देवो की पर्याप्ता अपर्याप्तता करके कुल कितने भेद है।।
♦198 ।।
❇15 कौन से दो तत्व संसार के कारण है ।।
♦आस्रव और बंध।।
❇16 कौन से दो तत्व मोक्ष का कारण है ।।

♦संवर निर्जरा ।।
❇17 जीव तत्व का प्रतिपक्षी तत्व हैं ।।
♦अजीव ।।
❇18 रूपी द्रव्य के कितने भेद हैं ।।
♦एक ।।
❇19 सूक्ष्म से सूक्ष्म काल कहलाता हैं ।।
♦समय ।।
❇आतप नाम कर्म का उदय किन जीवो को नही होता हैं।।
♦20 अग्निकाय ।।
❇21 संसार मे हमारे साथ जो कुछ भी शुभ होता हैं वह है ।।
♦पुण्य ।।
❇22 पाप के मुख्य 2 प्रकार हैं ।।♦भावपाप ,द्रव्य पाप ।।
❇23 पाप भोगते हुए भी जिसने पुण्य बंध किया ।।
♦रोहिनिया जी ।।
❇24 अट्ठारह प्रकार के पापो    का सर्वथा त्याग करना कहलाता है ।।
♦व्रत या विरति ।।
❇25 मोक्ष तत्व के भेद है।।
♦9।।
❇26 सांसारिक वासनाओ से यश की लालसा से किया हुआ तप कहलाता हैं ।
♦बाल तप ।।
❇27 निर्जरा के प्रकार हैं ।।
♦2 अकाम निर्जरा , सकाम निर्जरा ।।
❇28 कर्म बंध के कारणों में तीसरा कारण हैं ।।
♦प्रमाद ।।
❇29 मोक्ष प्राप्ति के कितने उपाय है ।।
♦4 ज्ञान ,दर्शन ,चारित्र तप ।।
❇30 करोड़ों जन्म के उपार्जित कर्म किसके द्वारा क्षीण हो जाते है ।।
♦तप।।
31 तत्व में
मित्र कौन ?
चोर कौन ?
साहुकार कौन ?

मित्र - जीव ओर पुण्य
चोर - अजीव, पाप, बंध , आश्रव
शाहूकार - संवर , निर्जरा, मोक्ष

32सभी तत्व कहां कहां पर होते है ?
अलग अलग जगह का नाम आयेगा

जीव - 14 राजलोक
अजीव - लोकालोक
पुण्य - लोक में देश उनु
पाप - आश्रव - बंध संपूर्ण लोक में
संवर - निर्जरा - मध्य लोक में
मोक्ष - adhi द्वीप में
33मोक्षमें जाने के लिये जीव कौनसे तत्व की आराधना करता है ?

A मोक्ष में जाने के लिए जीव संवर ,निर्जरा और अपेक्षा से पुण्य तत्व की आराधना करता है।

9 तत्व
सबसे ज्यादा शाश्वत तत्व किसके पास  होते है ?

Aजीव ओर मोक्ष , सिद्ध भगवंत के पास ...

पितृदुख से पिडा पाकर प्रवज्या किसने ली ?
A अतिमुक्त जी

परिषह से पतन हुआ और परिषह से  ही उत्थान हुआ ?
A अरणिक कुमार

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10 - 08 - 2020 (8:::30---9)

Jinendra Ji Babel

Topic -::- तत्व ज्ञान

*🔒1️⃣ जंबु वृक्ष को उसके तने से काटने के भाव वाली लेश्या कोनसी*
*🔑1️⃣ कृष्ण*

*🔒2️⃣ चित्र के अनुसार कृष्ण लेश्या का पहला लक्षण कोनसा*
*🔑2️⃣ पांच aashrv मे प्रवृति करने वाला*

*🔒3️⃣  बड़ी शाखा को कटने का भाव कोनसी लेश्या की प्रवृति होती ही*
🔑3️⃣नील 

🔒4️⃣ इस लेश्या का लक्षण क्या चित्र के अनुसार
🔑4️⃣ईर्षयालु आदी  प्रवृति 

🔒5️⃣ कपोत लेश्या कैसे भाव वाली होती है
*🔑5️⃣ पेड़ की टहनी  को काटऩे के भाव वाली*

*🔒6️⃣  इस लेश्या के लक्षण क्या*
*🔑6️⃣ वक्र वचन बोलने वाला आदि*

*🔒7️⃣ पेड़ के गुच्छे को kaट्ने के भाव वाली लेश्या कोनसी*
*🔑7️⃣तेजो*

*🔒8️⃣ इस लेश्या का colour कोनसा*
🔑8️⃣ लाल 

🔒9️⃣  अहंकार सहित नम्र वृति वाला कोनसी लेश्या के परिणाम वाला होता है
*🔑9️⃣ तेजो*

*🔒🔟  अल्प kashaay वाली लेश्या के भाव कैसे होते है*
*🔑🔟  केवल पके हुए  फलो को तोड़ने जैसे *

*🔑⏸️ पद्म लेश्या  मे अधिक क्रोध होता है क्या*
🔑⏸️नही

🔒1️⃣2️⃣ कृष्ण लेश्या किस परिणाम वाली होती है
🔑1️⃣2️⃣ दुष्ट भावों से युक्त परिणाम वाली

🔒1️⃣3️⃣ नील लेश्या के परिणाम क्या है
🔑1️⃣3️⃣ बिना विचारे कार्य करे मुर्ख आदि

🔒1️⃣4️⃣  शुक्ल लेश्या के परिणाम क्या है
🔑1️⃣4️⃣ अपनी आत्मा का दमन करे और पांच समिति से युक्त

🔒1️⃣5️⃣ लेश्या  किसे कहते है
🔑1️⃣5️⃣ मन के शुभ अशुभ भावों को लेश्या कहते है
🔑1️⃣5️⃣ जिनसे कर्म बंध और योगो मे prvtuti होती है उन मन के शुभ अशुभ भावों को लेश्या कहते हौ

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Jinendra Ji Babel

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04 - 08 - 2020 (8::30---9)

Jinendra Ji Babel

Topic -::- तत्व ज्ञान

*🔒1️⃣ संसार मे  ऐसा क्या है जो न घटता है न बढ़ता है*
*🔑1️⃣ षट द्रव्य 🔒2️⃣हिंसक वृति कराने वाला ध्यान कोंनसा*
*🔑2️⃣रौद्र ध्यान🔒3️⃣ बिना आग के आग लगाने वाला*
*🔑3️⃣चुगलखोर🔒4️⃣बिना आग के जले कौन*
*🔑4️⃣इर्ष्या वान🔒5️⃣मन का रोग क्या*
*🔑5️⃣ अधि🔒6️⃣तन का रोग क्या*
*🔑6️⃣व्याधि🔒7️⃣धन का रोग*
*🔑7️⃣उपाधी🔒8️⃣अधि व्याधि उपाधि की दवा क्या*
*🔑8️⃣समाधि🔒9️⃣जीव मे जीव क्या*
*🔑9️⃣ गर्भ का जीव🔒🔟जीव मे अजीव क्या*
*🔑🔟 बाल नाखून🔒⏸️*अजीव मै जीव क्या*
*🔑⏸️ मृत कलेवर🔒1️⃣2️⃣अजीव मे अजीव क्या*
*🔑1️⃣2️⃣वस्त्र मे मेल🔒1️⃣3️⃣ पुदगल की परछाई मे क्या है जो नरक निगोद और गर्भवास मे भी है*
*🔑1️⃣3️⃣अंधकार🔒1️⃣4️⃣ आर्त ध्यान मे मरे तो गति कोनसी*
*🔑1️⃣4️⃣ तिर्यंच 🔒1️⃣5️⃣ रौद्र ध्यान मे मरण हो तो आगे गति कौनसी*
*🔑1️⃣5️⃣नरक 🔒1️⃣6️⃣धर्म ध्यान मे मरण हो तो गति कोनसी*
*🔑1️⃣6️⃣देव या मनुष्य 🔒1️⃣7️⃣ शुक्ल ध्यान मे मरण होए तो गति कोनसी*
*🔑1️⃣7️⃣मोक्ष या देव 🔒1️⃣8️⃣देव गुरु धर्म की निंदा करने वाला यदि देव गति मे जाए तो कोनसा देव बनेगा*
*🔑1️⃣8️⃣किल्वषीक डेढ़
🔒1️⃣9️⃣वर्णादिक सहित भी है रहित भी है क्या*
*🔑1️⃣9️⃣ अजीव
🔒2️⃣0️⃣अनंत गुण धर्म विशेष वाली वस्तु के किसी एक अंश को क्या कहते है*
*🔑2️⃣0️⃣ नय🔒2️⃣1️⃣संसार मे वशिकरण का मंत्र क्या है*
*🔑2️⃣1️⃣मधुर वचन 🔒2️⃣2️⃣लोक के सच्चे नाथ कौन*
*🔑2️⃣2️⃣ तीर्थंकर 🔒2️⃣3️⃣ वे कोनसे जीव है जो न घटते न बढ़ते*
*🔑2️⃣3️⃣ अभवी जीव 🔒2️⃣4️⃣ रोटी कपड़ा मकान की कोनसी काय है* 6 द्रव्य मे एक
*🔑2️⃣4️⃣ पुदगलास्तिकाय🔒2️⃣5️⃣वह दर्शन जो सभी संसारी छद्मस्त जीवो मे होता ही है*
*🔑2️⃣5️⃣अचक्षु दर्शन🔒2️⃣6️⃣आश्रव से क्या होता है*
*🔑2️⃣6️⃣ कर्म बंध 🔒2️⃣7️⃣ पुण्य की 42 प्रकृतियो मे से इस जीव ने कितनी प्रकृतियो का अनंत बार सेवन किया है*
*🔑2️⃣7️⃣ 39 🔒2️⃣8️⃣ लोक मे अवधि ज्ञानी कितने पाए जाते है*
*🔑2️⃣8️⃣ असंख्य 🔒2️⃣9️⃣ जीव की न्यून तम उम्र कितनी  अवलिका होती है*
*🔑2️⃣9️⃣ 256 अवलिका 🔒3️⃣0️⃣तीन साता दो आगला आगे पीछे सोल    से संख्या मे लिख कर  एक मुहूर्त मे  अवलिका की संख्या जाने*
*🔑3️⃣0️⃣ 16777216  अवलिका का एक मुहूर्त होता है*

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02 - 10 - 2020 (8:30 से 9)

Manju Ji Bhantiya Sirkaali

Topic -::- नव तत्व

1,जीव  तत्व के भेद कितने है
🅰️ जघन्य 14 उत्कृष्ठ 563 

2,अजीव के भेद कितने ।
🅰️560 रूपी ,,अजीव के 30 भेद ,अजिव रूपी के 530

3,,आस्रव तत्व के कितने भेद है
🅰️जघन्य 5 मध्यम 20 उत्कृष्ठ 42 भेद 

4,,पुण्य तत्व के कितने भेद है
🅰️ 9 

5,संवर के कितने भेद है
🅰️ जघन्य 5 मध्यम 20 उत्कृष्ठ 57 भेद 

6,बन्ध तत्व के कितने भेद है
🅰️ चार 

7,निर्जरा तत्व के कितने भेद है
🅰️जघन्य 12 उत्कृष्ठ 354 

8,नव तत्व में जीव कितने है
🅰️ चार जीव ,संवर,निर्जरा,मोक्ष 

9, नव तत्व में अजीव तत्व कितने है
🅰️पांच  अजीव  पुण्य पाप आस्रव बन्ध 

10,नव तत्व में रूपी तत्व कितने है
🅰️6 जीव अजीव पुण्य पाप आस्रव बन्ध 

11,नव तत्व में अरूपी कितने है
🅰️चार अजीव संवर निर्जरा मोक्ष 

12,नव तत्व में हेय यानी छोड़ने योग्य कितने तत्व  है
🅰️ तीन पाप आस्रव बन्ध 

13,नव तत्व में ghyey तत्व  कितने है
🅰️ 2 जीव अजीव 

14,नव तत्व में उपादेय यानी स्वीकार करने योग्य कितने तत्व है
🅰️चार पुण्य संवर निर्जरा मोक्ष
 
15,नव तत्व के कुल कितने भेद होते है
🅰️276 

16,अजीव तत्व किसे कहते है
🅰️चेतन्य रहित हो उसे 

17,पुण्य तत्व किसे कहते है
🅰️जो आत्मा के अनुकूल हो जिसे भोगते समय आत्मा को मीठा लगे उसे पुण्य तत्व कहते है 

18,जीव तत्व किसे कहते है
🅰️चेतन्य सहित हो उसे जीव तत्व कहते है

19,पाप तत्व किसे कहते है
🅰️जो आत्मा के प्रतिकूल हो जिसे भोगते समय आत्मा को कड़वा लगे उसे पाप तत्व कहते है

20,संवर तत्व किसे कहते है
🅰️जिस क्रिया से आत्मा में  शुभा शुभ कर्म आना रुकता है उसे संवर कहते है 

21,निर्जरा तत्व किसे कहते है
🅰️आत्मा के साथ एकमेक हुए कर्म जिस क्रिया द्वारा क्षय हो जाये उसे निर्जर तत्व कहते है 

22,बन्ध तत्व किसे कहते है
🅰️आस्रव द्वारा आये हुए कर्म पुद्घगलो का आत्मा से पूर्वबद्ध कर्मो के साथ दूध मिश्री की तरह एक रूप हो जाना बन्ध तत्व कहलाता है 

23,तत्व कितने है
🅰️ तत्व नव है 

24, कोन  कोनसे है
🅰️ जीव अजीव पुण्य पाप आस्रव संवर निर्जरा बन्ध मोक्ष 

25,अनाहारक किसे कहते है
🅰️ जो किसी प्रकार का आहार नही लेते उसे अनाहारक कहते है 

26,कर्म का शत्रु कोन
🅰️ धर्म 

26, तन यंत्र में मन मन्त्र में
🅰️ स्कन्धक मुनि जी के 500 शिष्य 

27ज्ञान कहा से शरू होता है और कहा खत्म होता है
🅰️नवकार मन्त्र सेशुरू होता और केवल ज्ञान पर खत्म होता है 

28दर्शन कहा से शुरू होता और कहा खत्म होता है
🅰️अरिहंतो महादेवो पर शरू ओर क्षायिक सम्यक्त्व पर खत्म 

29,धर्म ध्यान कोनसे गुणस्थान से शुरू होता है
🅰️चौथेअविरति सम्यगदृष्टि गुणस्थान से 

30, धर्म क्रिया कोनसे गुणस्थान से शुरू होती है
🅰️पहले मिथ्यातत्व गुनस्थान से

31, श्रावक कोनसे गुणस्थान की कैटिगिरी में आता है
🅰️ देश विरति श्रावक गुणस्थान

32,कौन सी तिथि महीने में एक ही बार आती है ❓
🅰️ अमावस ओर पूर्णिमा

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Manju Ji Bhantiya

*ज्ञानार्जन परिवार*
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*समय -::- दोपहर 2 से 2:30*
*रात 8:30 से 9*


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1️⃣मोक्षमार्ग क्या है ❓❓
🅰️सम्यगदर्शनज्ञानचरित्रणी मोक्षमार्ग: ।।1।।
सम्यग दर्शन चारित्र ज्ञान हे तीनो मोक्ष मार्ग है।।

2️⃣तत्वार्थ का दूसरा नाम क्या है❓❓
🅰️मोक्ष सूत्र

3️⃣मोक्ष क्या है❓❓
🅰️आत्मा का हित अथवा 8 कर्मो से रहित होना मोक्ष है।।।

4️⃣ संसारि प्राणी मोक्ष किस कारण चाहते है❓❓
🅰️मोक्ष के बाद संसार मे पुन: आकर जन्म मरण के दुखो को सेहना नही पडता ,,सुख की प्राप्ति को ही मोक्ष कहते हे।।

5️⃣मोक्ष प्राप्ति का उपाय क्या है❓
🅰️मोक्ष प्राप्ति के लिये सम्यगदर्शन,,सम्यगज्ञान,सम्यग चारित्र की सीढिया चढ़्ना पडता है।।

6️⃣ तत्वार्थ सूत्र के रचयिता कोन है❓❓
🅰️उमास्वमीजी आचार्य।।।

7️⃣सम्यगदर्शन का लक्षण बताईये❓
🅰️तत्वार्थश्रद्धान सम्यग्दर्शंनम।।2।।
तत्वार्थ का श्रद्धा करना ही सम्यगदर्शन है।।

8️⃣सम्यग्दर्शंन के कितने भेद है और कौनसे❓❓
🅰️सम्यग्दर्शंन के उत्पति के हिसाब से 2 भेद है,,,
1 निसर्गज  2 अधिगमज

9️⃣निसर्गज सम्यग्दर्शंन क्या है❓❓
🅰️जो सम्यगदर्शन किसी के उपदेश जे बीना आपने आप पुर्वभव के संस्कारो से उत्पन्न होता हे उसे निसर्गज कहते है।।

1️⃣0️⃣ अधिगमज सम्यगदर्शन किसे कहते है❓❓
🅰️जो गुरु या किसी और के उपदेश से उत्पन्न होता हे उसे अधिगमज सम्यगदर्शन कहलाता  हे।।

1️⃣1️⃣सात तत्व कौन से है❓❓
🅰️1 जीव 2 अजीव 3आस्त्रव 4 बंध 5 संवर 6 निर्जरा 7 मोक्ष

1️⃣2️⃣ नौ पदार्थ कौन से है❓❓
🅰️1 जीव 2 अजीव 3आस्त्रव 4 बंध 5 संवर 6 निर्जरा 7 मोक्ष 8 पाप 9 पुण्य

1️⃣3️⃣ नाम स्थापना द्रव और भाव ये चार पदार्थ क्या  कहलाते है❓❓
🅰️ये चार पदार्थ को निक्षेप कहलाता है।।

1️⃣4️⃣निक्षेप क्या है❓❓
🅰️एक शब्द का लोक मे अथवा शास्त्रो मे अनेक अर्थोसे प्रयोग होता है।यह प्रयोग कहा किस अर्थ से किया है इस बात का स्पष्टीकरण करना याने निक्षेप है।।

1️⃣5️⃣जीवदी तत्वो का ज्ञान किसके द्वारा होता है❓❓
🅰️जीवदी तत्वो का ज्ञान प्रमाण और नयो से होता है।।

1️⃣6️⃣प्रमाण किसे कहते है❓❓प्रमाण के कितने भेद है❓❓
🅰️जो पदार्थ के सर्वदेश को ग्रहण करे उसे प्रमाण कहते  है।
1 प्रत्यक्ष प्रमाण 2 परोक्ष प्रमाण

1️⃣7️⃣परोक्ष प्रमाण रुप ज्ञान कौनसे है❓❓
🅰️मतिज्ञान और श्रुतज्ञान

1️⃣8️⃣मतिज्ञान और श्रुतज्ञान परोक्ष क्यो है❓❓
🅰️क्योकी ये ज्ञान इन्द्रिय और
मन की सहयता से उत्पन्न होते है।।
1️⃣9️⃣मती ज्ञान के कितने भेद है और कौन से❓❓
🅰️ 4 भेद
1 अवग्रह 2 इन्द्र 3 अवाय 4 धारणा

2️⃣0️⃣ अवधिज्ञान कितने प्रकार का होता है और कौनसे❓❓
🅰️ 2 प्रकार
1 गुणप्रत्यय 2 भवप्रत्यय

2️⃣1️⃣ ऋजु का अर्थ क्या है❓❓
🅰️ ऋजु का अर्थ है सरलता।।

2️⃣2️⃣देव और नरकियो के अतिरिक्त किन्हे भवप्रत्यय
अवधिज्ञान होता है❓❓
🅰️तीर्थंकरो को

2️⃣3️⃣ क्या समस्त देव नारकियो को अवधिज्ञान होता है❓क्यो
🅰️नही,,सम्यग्दृष्टी देव नरकियो को अवधिज्ञान होता है और मिथ्यतावदृष्टी वालो को कुअवधिज्ञान होता है।।।

2️⃣4️⃣भव किसे कहते है❓❓
🅰️आयु और नामकर्म का निमित्त पाकर जो जीव की पर्याय होती है उसे भव कहते है।।।

2️⃣5️⃣भवप्रत्यय अवधिज्ञान किसे कहते है❓❓
🅰️जो अवधिज्ञान भव के निमित्त से होता है उसे भवप्रत्यय
अवधिज्ञान  कहते है।।


🦚 *टॉपिक -: तत्व ज्ञान*🦜
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚

1 - ज्ञानावरणीय कर्म किस गुण को दबाता है ?
उ - केवल ज्ञान को ।
2 - दर्शनावरणीय कर्म  किस गुण को दबाता है ?
उ - केवल दर्शन को ।
3 - वेदनीय कर्म किस गुण को दबाता है?
उ - अनंत आत्मिक सुखों को।
4- मोहनीय कर्म किस गुण को दबाता है?
उ - क्षायक सम्यक्तव को।
5- आयुष्य कर्म किस गुण को दबाता है?
उ - अटल अवगाहन को।
6 - नाम कर्म किस गुन को दबाता है?
उ - अमूर्तित्व को।
7 - गोत्र कर्म किस गुण को दबाता है?
उ- अगुरूलघुत्व को।
8- अंतराय कर्म किस गुण को दबाता है?
उ- आत्मा की अनंत शक्ति को।
9 - अनायास लक्ष्मी किस कर्म के कारण प्राप्त होती है?
उ- गुप्त दान देने से।
10 - जीव को मोक्ष में ले जाने में कितना समय लगता है?
उ - एक समय।
11 - जीव जिए तो सजा मरे तो मजा वह कौन सा गुण स्थान है?
उ- ग्यारहवां गुण स्थान।
12- दुख देने वाले पुद्गलो को क्या कहते हैं?
उ - पाप ।
13- जिन भावों के द्वारा कर्म आते हैं उसे क्या कहते हैं ?
उ - आश्रव ।
14 - जिन भावों के द्वारा कर्म टूटते हैं उसे क्या कहते हैं ?
उ - निर्जरा ।
15 - समस्त कर्मों का छूट जाना क्या कहलाता है ?
उ - मोक्ष ।
16 - तिर्यंच श्रावक कौन थे ?
उ - चंडकौशिक एवं नंदन मणीहार ।
17 - मनुष्य श्रावक ज्यादा है या तिर्यंच  श्रावक ?
उ - तिर्यंच श्रावक ।
18 - क्या समुद्र में मछलियां भी सामायिक करती हैं ?
उ - हाँ।
19 - तिर्यंच श्रावक कौन से देव लोक तक जा सकते हैं ?
उ - आठवें देवलोक तक ।
20 - ज्यादा तिर्यंच  पचेन्द्रिय  कहां पाए जाते हैं ?
उ- ढाई द्वीप के बाहर ।



🌹 *जीव से मोक्ष तक* 🌹
 *कर्मो को तोड़ने जोड़ने तक*
 *किये कर्मो के उपक्रम तक*
    *जीवन से मृत्यु तक* 🌹
  🌹 *औऱ उसके बाद तक*
 *कर्मो का सम्पूर्ण सार है*
 *ये ही तो 9 तत्वों का सत्व है*
 *जिसे उजागर किया लक्ष्मी 🌹जी ने* 🌹
 *उनको हमारा सादर प्रणाम है।*
*🙏🙏🙏🖊️✒️अंजु गोलछा🙏🙏🙏🙏*

*

*

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