गुणस्थान
अमर गुणस्थान कितने और कौनसे ?
🆗३,१२,१३....यह 3 गुनस्थानों भी जीव की मृत्यु नहीं होती इसलिए उन्हें अमर गुणस्थान कहते हैं।
१२ वें गुणस्थान मेँ कितने कर्मो की सत्ता रहती है ?
🆗सात
निवृत्तिबादर गुणस्थान का दूसरा नाम क्या हे ?
🆗अपूर्वकरण
कौन से गुणस्थान वाले वितराग अवस्था मेँ रहते हुए भी मोक्ष नहीँ जाते हे ?
🆗11 , 12 , 13
तीसरे गुणस्थान में आयु का बंध करने पर जीव कौन सी गति मे जाता हे ?
🆗तीसरे में आयु का बंध नही होता
अमर गुण स्थान है
केवली के कितनेे गुणस्थान हे ..?
🆗 ,2(13 , 14)
तीर्थंकर कितने गुण स्थानोँ को स्पर्श नहीँ करते है.?
🆗1 , 2 , 3 , 5 , 11
सिद्ध भगवान मेँ कितने गुणस्थान पाए जाते हे ?
🆗0 नहीं
श्रीखंड के समान स्वाद कौन से गुणस्थान का होता है ?
🆗तीसरा मिश्र
तिर्यंच मे गुण स्थान होता है
🆗1 से 5 तक
नपुसंक वेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
पहले गुणस्थान तक✅
स्त्रीवेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
दूसरे गुणस्थान तक✅
पुरुष वेेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
९ वें गुणस्थान तक✅
अभवी मे कितने और कौनसे गुणस्थान होते हेँ ?
मनुष्य आयु का बंध कौन से गुणस्थान मेँ होता हे ?
१,२,४ गुणस्थान मेँ✅
देव आयु का बंध कौनसे गुणस्थान तक होता हे ?
१ से ९ तक ३ को✅
( छोडकर )
तीर्थंकर गोत्र किस गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
४- ८ गुणस्थान में ✅
पहले गुणस्थान तक✅
नरक आयु कौनसे गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
पहले गुणस्थान मेँ✅
तिर्यंच आयु कौन से गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
दूसरे गुणस्थान में✅
कौनसे गुणस्थान मे प्रवेश करते ही मोह का डर मत समाप्त हो जाएगा ?
12 वे गुणस्थान स्थान में✅
किस गुणस्थान में केवलज्ञान औऱ केवलदर्शन की प्राप्ति होती हैं और योग सहित होता है ?
A 13 वा सयोगी केवली गुणस्थानक।
१२ वें गुणस्थान मेँ कितने कर्मो की सत्ता रहती है ?
७ कर्मो की✅
कौन से गुणस्थान में वीतरागता की तरफ़ जाने का सिग्नल मिलता है ?
A8 वेगुण स्थान तक
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*༺꧁ नवकार करे भव से पार ꧂༻*
*वार:-मंगलवार*
*DSTE ~ 02/06/2020*
*🕰️समय : 8-45 से 9-15
🦚 *टॉपिक -: गुणस्थान*🦜
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Q 1, गुणस्थान का वर्णन कौन से आगम मे आया है ?
Ans 1, गुणस्थान का वर्णन समवयांग सूत्र में आया है।
Q 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम मार्गणा या जीवस्थान है।
Q 3,गुणस्थान से अभिप्राय ?
Ans 3,जीव के आत्मिक विकास की सीढ़ी।
Q 4, गुणस्थान नाम का प्रयोग कौनसे आचार्य ने सर्वप्रथम किया ?
Ans 4, सर्वप्रथम गुणस्थान शब्द का प्रयोग आचार्य कुन्दकुन्द ने अपने ग्रंथ समयसार मे किया।
Q 5, मिथ्यात्व आश्रव कौनसे गुणस्थान मे क्षय होता है ?
Ans 5, मिथ्यात्व आश्रव चौथे गुणस्थान मै क्षय हो जाता है। आगे के सभी गुणस्थान सम्यकत्वी के ही है।
Q 6, तीन घाती कर्म कौनसे गुणस्थान मे क्षय होते है ?
Ans 6, तीन घाती कर्म ज्ञानावर्णीय, दर्शनावर्निय,अंतराय तेरहवे गुणस्थान के शुरू मे ही क्षय हो जाते है।
Q 7,सबसे कम जीव कौन से गुणस्थान वाले ?
Ans 7, सबसे कम जीव 11वे गुणस्थान उपशांत कशाय छदमस्त वीतराग गुणस्थान वर्ती।
Q 8, कौन से गुणस्थान वाले जीव जो हर समय जीव के चारों गतियों मे पाये जाते है ?
Ans 8, प्रथम व चतुर्थ गुणस्थान वाले जीव हर समय चारों गतियों मे पाये जाते है।
Q 9, दो श्रेणि कौनसे गुणस्थान से निकलती है ?
Ans 9, दो श्रेणि क्षपक व उपशम श्रेणि आठवे गुणस्थान से निकलती है।
Q 10, मोहनीय कर्म की कितनी प्रक्रतियां दसवें गुणस्थान मे शेष रहती है ?
Ans 10, मोहनीय कर्म की 28 प्रक्रति मे 27 प्रकृति पहले ही उपशान्त या क्षय हो जाती है, सिर्फ सूक्ष्म लोभ बचा रहता है।
Q 11, कौनसे गुणस्थान वर्ती जीव सदैव पाये जाते है या कौनसा गुणस्थान शास्वत है ?
Ans 11, पहला, चौथा, पांचवा, छठा तेरहवा गुणस्थान शाश्वत है। इन गुणस्थानो मे जीव सदेव पाये जाते है।
Q 12, पांचवे गुणस्थान( श्रावक)मे कौनसे गति वाले जीव ज्यादा ?
Ans 12, पांचवे गुणस्थान (श्रावक) मे तिर्यनच गति वाले जीव ज्यादा।
Q 13, किस अपेक्षा से तिर्यनच गति वाले जीव पांचवे गुणस्थान मे ज्यादा ?
Ans 13, मनुष्य श्रावक संख्यात अढ़ाई द्वीप,अर्धपुष्करवर द्वीप तक, तिर्यंच श्रावक असंख्यात स्वयंभूरमण समुद्र तक।
Q14, सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे जीव का कालमान कितना?
Ans 14 सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे यानि दूसरे गुणस्थान मे जीव का उत्कृष्ट कालमान छ अवलिका है।
Q 15, इग्यारहवे गुणस्थान के लिये यह क्यो कहा जाता है " मरे तो मजा जिये तो सजा " ?
Ans 15, इग्यारहवे गुणस्थान मे जीव काल करे तो अनुत्तर विमान मे,नही तो नीचे गिरने से नरक व निगोद तक जा सकता है।
Q 16, दूसरे गुणस्थान की सबसे मुख्य विशेषता बताओ ?
Ans, 16, यह केवल सम्यकत्वी से मिथ्यात्वी मे जाने वाले जीव मे पाया जाता है। जैसे नाम से ही पता लगता है।
Q 17, अज्ञान कौनसे गुण स्थान मे पाया जाता है ?
Ans 17, अज्ञान केवल दो गुणस्थान पहला व तीसरे गुणस्थान मे पाया जाता है।
Q 18, तीसरे गुणस्थान की मुख्य बात बताये ?
Ans 18, तीसरा गुणस्थान अमर है, जीव इसमे काल नही करता।
Q 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा कौनसे गुणस्थान अमर है ?
Ans 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा बारहवे व तेरहवे गुणस्थान मे जीव काल नही करते, क्षपक श्रेणि वाले जीव नवें व 10 वे गुणस्थान मे भी काल नही करते।
Q 20, वीतराग अवस्था कौनसे गुणस्थान मे पाया जाता है ?
Ans 20, इग्यारहवे गुणस्थान से चौदहवे गुणस्थान वाले वीतरागी कहलाते है।
Q 21, छदमस्त अवस्था कितने गुणस्थान तक ?
Ans 21 छद्मस्त अवस्था पहले से बारहवे गुणस्थान तक।
Q 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान में जीव मे लेश्या कितनी ?
Ans 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान मे 1 से लेकर 6 लेश्या कृष्ण,नील,कापोत,तेज,पद्म शुक्ल पायी जाती है।
Q 23, छठे साधु जी के गुणस्थान मे कितनी लेश्या पायी जाती है ?
Ans 23, छठे साधु जी के गुणस्थान में भी सारी छ लेश्या पायी जाती है।
Q 24, केवली गुणस्थान (तेरहवा व चौदहवां) मे12 उपयोग मे से कितने उपयोग होते है ?
Ans 24, केवल दो ही उपयोग केवल ज्ञान,केवल दर्शन।
Q 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष, 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 बलदेव 9, वासुदेव, 9 प्रतिवासुदेव मे 5वा गुणस्थान कौन पा सकता है ?
Ans 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष मे कोई भी पंचम गुणस्थान को स्पर्श नही करता।
इस संदर्भ मे तेरापंथ धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्यश्री जीत मल जी स्वामि की ढाल का एक पद काफि प्रसिद्ध है :-
"जिन चक्री सुर युगलिया रे, वासुदेव बलदेव।
पंचम गुण पावै नही रे, ए रीत अनादि स्वमेव।
Q 26, वही चारित्र वही गुणस्थान ?
Ans 26, सूक्ष्म संप्राय चारित्र, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान। 10वा गुणस्थान।
Q 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान में उपयोग कितने ?
Ans 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान मे केवल चार उपयोग, केवल चार ज्ञान,मति, श्रुत, अवधि, मनपर्यय ज्ञान। दर्शन नही पाते। कालमान इतना कम दर्शन आने से पहले गुणस्थान बदल जाता है। केवल साकार उपयोग अनाकार उपयोग् नही।
Q 28, निवृति बादर गुणस्थान, अन्य नाम क्या है ?
Ans 28, अपूर्व करण गुणस्थान।
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Q 1, जीव के गुणस्थान के निर्धारण का आधार क्या है ?
Ans 1, आश्रव व मोहनीय कर्मो की प्रबलता व निर्बलता के आधार पर ही गुणस्थानो का निर्धारण होता है।
Q 2, समवायांग आगम व समयसार (आचार्य कुंद कुंद) के अलावा प्राचीन कौनसे ग्रंथों मे गुणस्थान का वर्णन आया है ?
Ans 2, दिगंबर आचार्य नेमिचंद्र द्वारा रचित गोम्मट्टसार मे भी गुणस्थान का वर्णन आया है। गुणस्थान के स्थान पर जीवसमास नाम प्रयोग मे लिया है। षटखंड आगम (पुष्प दंत जी, भूतबलि जी) मे भी जीव स्थान शब्द प्रयोग मे लिया।
Q 3, गुणस्थान के स्वरूप को समझाने के लिये कौनसी तीन आत्माओं के स्वरूप को बताया गया है ?
Ans 3,बहिरात्मा (मिथ्या दृष्टि) 2, अंतरात्मा (सम्यक दृष्टि) 3, परमात्मा (सर्वज्ञ)
Q 4, सारे ही 24 दंडक कौनसे गुणस्थान मे पाये जाते है?
Ans 4, प्रथम गुणस्थान मे सारे ही दंडक के जीव पाये जाते हैं।
Q 5,महासमुद्र कौनसा गुणस्थान है ?
Ans 5, महासमुद्र पहला गुणस्थान है। सबसे अधिक जीव इसी गुणस्थान मे।
Q 6, पहले गुणस्थान के बाद कौनसे गुणस्थान मे सबसे अधिक जीव ?
Ans 6,चौथे गुणस्थान अविरत सम्यक दृष्टि गुणस्थान मे, पहले गुणस्थान के बाद सबसे अधिक जीव पाये जाते हैं। चारों गति के सम्यकत्वी जीव।
वैसे तो पहले गुणस्थान के बाद सिद्ध आत्माये सर्वाधिक है, परंतु वह तो सारे गुणस्थान लाँघ चुके।
Q 7,सबसे कम जीव 11 वे गुणस्थान मे (पिछली पाठशाला का प्रश्न) उसके बाद 11 वे गुणस्थान से ज्यादा जीव कौनसे गुणस्थान मे ?
अल्प बहुत्व के प्रश्न है यह तीनों, चारो।
Ans 7, उस से (11वे गुणस्थान) अधिक बारहवें गुणस्थान वाले वीतरागी जीव।
Q 8, अभवि जीवों के कौन कौनसे गुणस्थान होते है ?
Ans 8,अभवि जीव का केवल एक ही गुणस्थान है पहला, सारे पहले गुणस्थान वाले अभवि नही होते, भवि भी होते है।
Q 9,उत्तरोतर आरोहण को गुणस्थान कहते हैं, दूसरा गुणस्थान सस्वादन गिरता हुआ रूप है, फिर यह गुणस्थान कैसे?
Ans 9, प्रथम गुणस्थान भव्य, अभव्य जीवों का होता है, परंतु दूसरा गुणस्थान केवल भव्य जीवों का ही गुणस्थान है। इसलिये इसे भी गुणस्थान मानते है।
Q 10, सस्वादन गुणस्थान( दूसरा गुणस्थान) वालों का संसार कितना शेष रहता है ?
Ans 10, सस्वादन गुणस्थान वर्ती जीव का संसार काल अर्द्ध पुद्गल् परावर्तन मात्र शेष रहता है।
Q 11,मिश्र गुणस्थान( तीसरा)कौनसी गति के जीवों मे पाया जाता है?
Ans 11,मिश्र गुणस्थान चारों गतियों के जीवों मे पाया जाता है।
Q 12, मिश्र गुणस्थान (तीसरा) चारों गतियों के कौनसे जीवों मे पाया जाता है ?
Ans 12,मिश्र गुणस्थान चारों गतियों के संगी पंचेन्द्रिय के पर्याप्त जीवों मे पाया जाता है।
Q 13, अविरति सम्यक दृष्टि गुणस्थान ( चौथा) मे दंडक कितने ?
Ans 13,अविरति सम्यक दृष्टि (चौथा) गुणस्थान मे दंडक 16, 5 स्थावर व तीन विकालेंद्रिय को छोड़कर। तीसरे गुणस्थान मे भी यही सोलह दंडक।
Q 14, तीसरे,चौथे गुणस्थान मे 16 दंडक, छठे मे कितने?
Ans 14, छठे से लेकर 14 गुणस्थान तक एक ही दंडक संगि पंचेन्द्रिय मनुष्य का पर्याप्त 21 वा दंडक। साधु जी के गुणस्थान।
पांचवें गुणस्थान वर्ती 2 दंडक, 20-21 । संगी पंचेन्द्रिय तिर्यंच व मनुष्य।
Q 15, प्रथम, द्वितीय गुणस्थान को छोड़कर शेष बारह गुणस्थान एकांत किसमे पाये जाते है ?
Ans 15, तीन से चौदह गुणस्थान एकांत पंचेन्द्रिय जाति मे पाये जाते है।
Q 16, एक से तेरह गुणस्थान मे कौनसी एक लेश्या पायी जा सकती है ?
Ans 16, एक से तेरह गुणस्थान वर्ती जीव मे शुक्ल लेश्या भी पायी जा सकती है।
Q 17, कौनसे गुणस्थान वाले जीव के केवल एक लेश्या ही होती है ?
Ans 17, आठवें से तेरहवे गुणस्थान वर्ती जीव के केवल एक ही लेश्या शुक्ल लेश्या होती है। 13ve मे परम शुक्ल लेश्या।
Q 18, उत्कृष्ट देशोन करोड़ पूर्व कालमान कौनसे गुणस्थानो की ?
Ans 18, चौथे, पांचवे व तेरहवे गुणस्थान का उत्कृष्ट कालमान देशोन करोड़ पूर्व हो सकता है।
Q 19, लगातार कौनसे छ गुणस्थानो का कालमान अंतर्मुहूरत है?
Ans 19, सातवे से लेकर बारहवे गुणस्थान तक उत्कृष्ट कालमान अंतर्मुहूरत है।
Q 20,उपशम श्रेणि ( 11 वा गुणस्थान) से च्युत हो कर कितनी आत्माये संसार. मे परिभ्रमण कर रही है ?
Ans 20, अनंत आत्माये ( असंख्यात् भी नही)उपशम श्रेणि से च्युत हो कर संसार मे परिभ्रमण कर रही है। हो सकता है उनमे से आप और हम भी हो।
Q 21,दिगंबर परंपरा वर्तमान मे आगम को लोप मानती है तो श्वेतांबर परंपरा व दिगंबर परंपरा मै गुणस्थान के स्वरूप मे दोनो मे क्या अंतर है ?
Ans 21,शोभाग्य है गुणस्थान विषय पर दिगंबर श्वेतांबर परंपरा में कोई मतभेद नही है।
🌸☘️🌻🌺🌸☘️🌻🌺
अपूर्वकरण ही हैं गुणस्थान
आध्यात्मिक विकास या पतन गुणस्थान का है माप दण्ड
♐♐♐♐♐♐♐
*मन चाहे*
क्षपक श्रेणी चढ़ेऔर मोक्ष पा जाएं
**शिखर जी** ने ये ही सिखाया, मन की केवल चाह
से नहीं
भावों के उद्भव **शिखर**बिना
संभव ही नहीं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपकी जितनी तारीफ करें है कम, इतने दुष्कर विषय की
किया आसान
स्वीकारें *अंजुगोलछा*
का प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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Q 1, गुणस्थान का वर्णन कौन से आगम मे आया है ?
Ans 1, गुणस्थान का वर्णन समवयांग सूत्र में आया है।
Q 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम मार्गणा या जीवस्थान है।
Q 3,गुणस्थान से अभिप्राय ?
Ans 3,जीव के आत्मिक विकास की सीढ़ी।
Q 4, गुणस्थान नाम का प्रयोग कौनसे आचार्य ने सर्वप्रथम किया ?
Ans 4, सर्वप्रथम गुणस्थान शब्द का प्रयोग आचार्य कुन्दकुन्द ने अपने ग्रंथ समयसार मे किया।
Q 5, मिथ्यात्व आश्रव कौनसे गुणस्थान मे क्षय होता है ?
Ans 5, मिथ्यात्व आश्रव चौथे गुणस्थान मै क्षय हो जाता है। आगे के सभी गुणस्थान सम्यकत्वी के ही है।
Q 6, तीन घाती कर्म कौनसे गुणस्थान मे क्षय होते है ?
Ans 6, तीन घाती कर्म ज्ञानावर्णीय, दर्शनावर्निय,अंतराय तेरहवे गुणस्थान के शुरू मे ही क्षय हो जाते है।
Q 7,सबसे कम जीव कौन से गुणस्थान वाले ?
Ans 7, सबसे कम जीव 11वे गुणस्थान उपशांत कशाय छदमस्त वीतराग गुणस्थान वर्ती।
Q 8, कौन से गुणस्थान वाले जीव जो हर समय जीव के चारों गतियों मे पाये जाते है ?
Ans 8, प्रथम व चतुर्थ गुणस्थान वाले जीव हर समय चारों गतियों मे पाये जाते है।
Q 9, दो श्रेणि कौनसे गुणस्थान से निकलती है ?
Ans 9, दो श्रेणि क्षपक व उपशम श्रेणि आठवे गुणस्थान से निकलती है।
Q 10, मोहनीय कर्म की कितनी प्रक्रतियां दसवें गुणस्थान मे शेष रहती है ?
Ans 10, मोहनीय कर्म की 28 प्रक्रति मे 27 प्रकृति पहले ही उपशान्त या क्षय हो जाती है, सिर्फ सूक्ष्म लोभ बचा रहता है।
Q 11, कौनसे गुणस्थान वर्ती जीव सदैव पाये जाते है या कौनसा गुणस्थान शास्वत है ?
Ans 11, पहला, चौथा, पांचवा, छठा तेरहवा गुणस्थान शाश्वत है। इन गुणस्थानो मे जीव सदेव पाये जाते है।
Q 12, पांचवे गुणस्थान( श्रावक)मे कौनसे गति वाले जीव ज्यादा ?
Ans 12, पांचवे गुणस्थान (श्रावक) मे तिर्यनच गति वाले जीव ज्यादा।
Q 13, किस अपेक्षा से तिर्यनच गति वाले जीव पांचवे गुणस्थान मे ज्यादा ?
Ans 13, मनुष्य श्रावक संख्यात अढ़ाई द्वीप,अर्धपुष्करवर द्वीप तक, तिर्यंच श्रावक असंख्यात स्वयंभूरमण समुद्र तक।
Q14, सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे जीव का कालमान कितना?
Ans 14 सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे यानि दूसरे गुणस्थान मे जीव का उत्कृष्ट कालमान छ अवलिका है।
Q 15, इग्यारहवे गुणस्थान के लिये यह क्यो कहा जाता है " मरे तो मजा जिये तो सजा " ?
Ans 15, इग्यारहवे गुणस्थान मे जीव काल करे तो अनुत्तर विमान मे,नही तो नीचे गिरने से नरक व निगोद तक जा सकता है।
Q 16, दूसरे गुणस्थान की सबसे मुख्य विशेषता बताओ ?
Ans, 16, यह केवल सम्यकत्वी से मिथ्यात्वी मे जाने वाले जीव मे पाया जाता है। जैसे नाम से ही पता लगता है।
Q 17, अज्ञान कौनसे गुण स्थान मे पाया जाता है ?
Ans 17, अज्ञान केवल दो गुणस्थान पहला व तीसरे गुणस्थान मे पाया जाता है।
Q 18, तीसरे गुणस्थान की मुख्य बात बताये ?
Ans 18, तीसरा गुणस्थान अमर है, जीव इसमे काल नही करता।
Q 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा कौनसे गुणस्थान अमर है ?
Ans 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा बारहवे व तेरहवे गुणस्थान मे जीव काल नही करते, क्षपक श्रेणि वाले जीव नवें व 10 वे गुणस्थान मे भी काल नही करते।
Q 20, वीतराग अवस्था कौनसे गुणस्थान मे पाया जाता है ?
Ans 20, इग्यारहवे गुणस्थान से चौदहवे गुणस्थान वाले वीतरागी कहलाते है।
Q 21, छदमस्त अवस्था कितने गुणस्थान तक ?
Ans 21 छद्मस्त अवस्था पहले से बारहवे गुणस्थान तक।
Q 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान में जीव मे लेश्या कितनी ?
Ans 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान मे 1 से लेकर 6 लेश्या कृष्ण,नील,कापोत,तेज,पद्म शुक्ल पायी जाती है।
Q 23, छठे साधु जी के गुणस्थान मे कितनी लेश्या पायी जाती है ?
Ans 23, छठे साधु जी के गुणस्थान में भी सारी छ लेश्या पायी जाती है।
Q 24, केवली गुणस्थान (तेरहवा व चौदहवां) मे12 उपयोग मे से कितने उपयोग होते है ?
Ans 24, केवल दो ही उपयोग केवल ज्ञान,केवल दर्शन।
Q 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष, 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 बलदेव 9, वासुदेव, 9 प्रतिवासुदेव मे 5वा गुणस्थान कौन पा सकता है ?
Ans 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष मे कोई भी पंचम गुणस्थान को स्पर्श नही करता।
इस संदर्भ मे तेरापंथ धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्यश्री जीत मल जी स्वामि की ढाल का एक पद काफि प्रसिद्ध है :-
"जिन चक्री सुर युगलिया रे, वासुदेव बलदेव।
पंचम गुण पावै नही रे, ए रीत अनादि स्वमेव।
Q 26, वही चारित्र वही गुणस्थान ?
Ans 26, सूक्ष्म संप्राय चारित्र, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान। 10वा गुणस्थान।
Q 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान में उपयोग कितने ?
Ans 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान मे केवल चार उपयोग, केवल चार ज्ञान,मति, श्रुत, अवधि, मनपर्यय ज्ञान। दर्शन नही पाते। कालमान इतना कम दर्शन आने से पहले गुणस्थान बदल जाता है। केवल साकार उपयोग अनाकार उपयोग् नही।
Q 28, निवृति बादर गुणस्थान, अन्य नाम क्या है ?
Ans 28, अपूर्व करण गुणस्थान।
🌹 *नवकार करें भव से पार* 🌹
📚📚📚 25 Bol 📚📚📚
🌹🌹ग्यारहवा बोल गुणस्थान 14🌹🌹
Part 11
1⃣ छठा गुणस्थान कौनसा है
🅰 प्रमत संयत
2⃣ संयत किसे कहते है
🅰 जो जीव पाप जनक व्यापारों से विधि पूर्वक निवृत हो जाता है उसे संयत कहते है
3⃣ प्रमत्त संयत किसे कहते है
🅰 संयत भी जब तक प्रमाद का सेवन करते है उसे प्रमत संयत कहते है
4⃣ प्रमत संयत गुणस्थान किसे कहते है
🅰 उनके स्वरुप विशेष को
5⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने परिषह है
🅰 22
6⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में जीव के कितने भेद होते है
🅰 एक सन्नी पंचेन्द्रिय का पर्याप्त
7⃣ प्रमत संयत गुणस्थान का लक्षण क्या है
🅰 सकल संयम को रोकने वाली प्रत्याख्यानावरण कषाय का अभाव होने से इस गुणस्थान में पूर्ण संयम तो हो जाता है किंतु संज्वलन आदि कषायों से उदय से संयम में मल उत्पन्न करने वाले प्रमाद के रहने से इसे प्रमत संयत कहते है और यही लक्षण है
8⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने चारित्र होते है
🅰 सामायिक, छेदोपस्थापनीय, परिहार विशुद्धि
9⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने दंडक होते है
🅰 मनुष्य का एक दंडक
1⃣0⃣ प्रमत संयत गुणस्थान वाले जीव कितने है
🅰 प्रत्येक हजार करोड़
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*DSTE ~ 26/08/2020*
*🕰️समय दोपहर 2.25 से 2.55۔*
🦚 *टॉपिक -: गुणसुत्र*🦜
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1️⃣ गुणस्थान कितने हैं?
🅰️14
2️⃣ मिथ्यात्व गुणस्थान में कितनी क्रिया पाई जाती है ?
🅰️ 24
3️⃣ सास्वादन गुणस्थान वाले जीव कितने क्षेत्र का स्पर्श करते हैं?
🅰️12 राजू क्षेत्र को
4️⃣मिश्र गुणस्थान किस के निमित्त से होता है?
🅰️दर्शन मोहनीय के निमित्त से होता है।
5️⃣11वे गुणस्थान वाला जीव कहां तक गिर सकता है?
🅰️पहले गुण स्थान तक भी आ सकता है ।
6️⃣13वे गुणस्थान वाला जीव क्या कहलाता है?
🅰️सर्वज्ञ सर्वदर्शी
7️⃣ अनुत्तर विमान के देवों में एक कौन सा गुण स्थान पाता है?
🅰️चौथा गुणस्थान
8️⃣ सीमन्धर आदि 20 विरहमान कौन है?
🅰️तीर्थंकर
9️⃣ नारकी जीवो में कौन से 4 गुण स्थान पाए जाते हैं?
🅰️1 से 4 गुणस्थान
1️⃣0️⃣ वैमानिक देवों के विमानों के रत्नों में कौन सा गुण स्थान है?
🅰️मिथ्यात्व गुण स्थान
1️⃣1️⃣ सहयोगी केवली गुणस्थान में कितनी लेश्या पाई जाती है?
🅰️एक परम शुक्ल लेश्या पाई जाती है
1️⃣2️⃣दसवा गुण स्थान कौन सा है ?
🅰️सूक्ष्म संपराय गुणस्थान
1️⃣3️⃣केवली भगवान में दो कौन से गुणस्थान पाए जाते हैं?
🅰️13वा और 14वा
1️⃣4️⃣ नंद मंडूक पूर्व भव में कौन था?
🅰️मनुष्य
1️⃣5️⃣ महाराज कुमारपाल कितने व्रतधारी श्रावक थे ?
🅰️12 व्रतधारी
1️⃣6️⃣किसके माध्यम से चंडकौशिक में जागरण आया?
🅰️भगवान महावीर के माध्यम से
1️⃣7️⃣ संसारी जीवो में कितनी कर्म प्रकृतियों का बंध होता है?
🅰️120 प्रकृतियों का
1️⃣8️⃣सत्ता के दो भेद कौन-कौन से हैं ?
🅰️बंध सत्ता, संक्रमण सत्ता
1️⃣9️⃣ वेदनीय कर्म की दो प्रकृतियां कौन सी है?
🅰️सातावेदनीया , असातावेदनीय
2️⃣0️⃣क्या अभवी जीव कभी भवी हो सकता है?
🅰️नहीं
🆗३,१२,१३....यह 3 गुनस्थानों भी जीव की मृत्यु नहीं होती इसलिए उन्हें अमर गुणस्थान कहते हैं।
१२ वें गुणस्थान मेँ कितने कर्मो की सत्ता रहती है ?
🆗सात
निवृत्तिबादर गुणस्थान का दूसरा नाम क्या हे ?
🆗अपूर्वकरण
कौन से गुणस्थान वाले वितराग अवस्था मेँ रहते हुए भी मोक्ष नहीँ जाते हे ?
🆗11 , 12 , 13
तीसरे गुणस्थान में आयु का बंध करने पर जीव कौन सी गति मे जाता हे ?
🆗तीसरे में आयु का बंध नही होता
अमर गुण स्थान है
केवली के कितनेे गुणस्थान हे ..?
🆗 ,2(13 , 14)
तीर्थंकर कितने गुण स्थानोँ को स्पर्श नहीँ करते है.?
🆗1 , 2 , 3 , 5 , 11
सिद्ध भगवान मेँ कितने गुणस्थान पाए जाते हे ?
🆗0 नहीं
श्रीखंड के समान स्वाद कौन से गुणस्थान का होता है ?
🆗तीसरा मिश्र
तिर्यंच मे गुण स्थान होता है
🆗1 से 5 तक
नपुसंक वेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
पहले गुणस्थान तक✅
स्त्रीवेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
दूसरे गुणस्थान तक✅
पुरुष वेेद का बंध कितने गुणस्थान तक होता हे ?
९ वें गुणस्थान तक✅
अभवी मे कितने और कौनसे गुणस्थान होते हेँ ?
मनुष्य आयु का बंध कौन से गुणस्थान मेँ होता हे ?
१,२,४ गुणस्थान मेँ✅
देव आयु का बंध कौनसे गुणस्थान तक होता हे ?
१ से ९ तक ३ को✅
( छोडकर )
तीर्थंकर गोत्र किस गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
४- ८ गुणस्थान में ✅
पहले गुणस्थान तक✅
नरक आयु कौनसे गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
पहले गुणस्थान मेँ✅
तिर्यंच आयु कौन से गुणस्थान मेँ बंधता हे ?
दूसरे गुणस्थान में✅
कौनसे गुणस्थान मे प्रवेश करते ही मोह का डर मत समाप्त हो जाएगा ?
12 वे गुणस्थान स्थान में✅
किस गुणस्थान में केवलज्ञान औऱ केवलदर्शन की प्राप्ति होती हैं और योग सहित होता है ?
A 13 वा सयोगी केवली गुणस्थानक।
१२ वें गुणस्थान मेँ कितने कर्मो की सत्ता रहती है ?
७ कर्मो की✅
कौन से गुणस्थान में वीतरागता की तरफ़ जाने का सिग्नल मिलता है ?
A8 वेगुण स्थान तक
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*༺꧁ नवकार करे भव से पार ꧂༻*
*वार:-मंगलवार*
*DSTE ~ 02/06/2020*
*🕰️समय : 8-45 से 9-15
🦚 *टॉपिक -: गुणस्थान*🦜
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🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚
Q 1, गुणस्थान का वर्णन कौन से आगम मे आया है ?
Ans 1, गुणस्थान का वर्णन समवयांग सूत्र में आया है।
Q 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम मार्गणा या जीवस्थान है।
Q 3,गुणस्थान से अभिप्राय ?
Ans 3,जीव के आत्मिक विकास की सीढ़ी।
Q 4, गुणस्थान नाम का प्रयोग कौनसे आचार्य ने सर्वप्रथम किया ?
Ans 4, सर्वप्रथम गुणस्थान शब्द का प्रयोग आचार्य कुन्दकुन्द ने अपने ग्रंथ समयसार मे किया।
Q 5, मिथ्यात्व आश्रव कौनसे गुणस्थान मे क्षय होता है ?
Ans 5, मिथ्यात्व आश्रव चौथे गुणस्थान मै क्षय हो जाता है। आगे के सभी गुणस्थान सम्यकत्वी के ही है।
Q 6, तीन घाती कर्म कौनसे गुणस्थान मे क्षय होते है ?
Ans 6, तीन घाती कर्म ज्ञानावर्णीय, दर्शनावर्निय,अंतराय तेरहवे गुणस्थान के शुरू मे ही क्षय हो जाते है।
Q 7,सबसे कम जीव कौन से गुणस्थान वाले ?
Ans 7, सबसे कम जीव 11वे गुणस्थान उपशांत कशाय छदमस्त वीतराग गुणस्थान वर्ती।
Q 8, कौन से गुणस्थान वाले जीव जो हर समय जीव के चारों गतियों मे पाये जाते है ?
Ans 8, प्रथम व चतुर्थ गुणस्थान वाले जीव हर समय चारों गतियों मे पाये जाते है।
Q 9, दो श्रेणि कौनसे गुणस्थान से निकलती है ?
Ans 9, दो श्रेणि क्षपक व उपशम श्रेणि आठवे गुणस्थान से निकलती है।
Q 10, मोहनीय कर्म की कितनी प्रक्रतियां दसवें गुणस्थान मे शेष रहती है ?
Ans 10, मोहनीय कर्म की 28 प्रक्रति मे 27 प्रकृति पहले ही उपशान्त या क्षय हो जाती है, सिर्फ सूक्ष्म लोभ बचा रहता है।
Q 11, कौनसे गुणस्थान वर्ती जीव सदैव पाये जाते है या कौनसा गुणस्थान शास्वत है ?
Ans 11, पहला, चौथा, पांचवा, छठा तेरहवा गुणस्थान शाश्वत है। इन गुणस्थानो मे जीव सदेव पाये जाते है।
Q 12, पांचवे गुणस्थान( श्रावक)मे कौनसे गति वाले जीव ज्यादा ?
Ans 12, पांचवे गुणस्थान (श्रावक) मे तिर्यनच गति वाले जीव ज्यादा।
Q 13, किस अपेक्षा से तिर्यनच गति वाले जीव पांचवे गुणस्थान मे ज्यादा ?
Ans 13, मनुष्य श्रावक संख्यात अढ़ाई द्वीप,अर्धपुष्करवर द्वीप तक, तिर्यंच श्रावक असंख्यात स्वयंभूरमण समुद्र तक।
Q14, सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे जीव का कालमान कितना?
Ans 14 सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे यानि दूसरे गुणस्थान मे जीव का उत्कृष्ट कालमान छ अवलिका है।
Q 15, इग्यारहवे गुणस्थान के लिये यह क्यो कहा जाता है " मरे तो मजा जिये तो सजा " ?
Ans 15, इग्यारहवे गुणस्थान मे जीव काल करे तो अनुत्तर विमान मे,नही तो नीचे गिरने से नरक व निगोद तक जा सकता है।
Q 16, दूसरे गुणस्थान की सबसे मुख्य विशेषता बताओ ?
Ans, 16, यह केवल सम्यकत्वी से मिथ्यात्वी मे जाने वाले जीव मे पाया जाता है। जैसे नाम से ही पता लगता है।
Q 17, अज्ञान कौनसे गुण स्थान मे पाया जाता है ?
Ans 17, अज्ञान केवल दो गुणस्थान पहला व तीसरे गुणस्थान मे पाया जाता है।
Q 18, तीसरे गुणस्थान की मुख्य बात बताये ?
Ans 18, तीसरा गुणस्थान अमर है, जीव इसमे काल नही करता।
Q 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा कौनसे गुणस्थान अमर है ?
Ans 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा बारहवे व तेरहवे गुणस्थान मे जीव काल नही करते, क्षपक श्रेणि वाले जीव नवें व 10 वे गुणस्थान मे भी काल नही करते।
Q 20, वीतराग अवस्था कौनसे गुणस्थान मे पाया जाता है ?
Ans 20, इग्यारहवे गुणस्थान से चौदहवे गुणस्थान वाले वीतरागी कहलाते है।
Q 21, छदमस्त अवस्था कितने गुणस्थान तक ?
Ans 21 छद्मस्त अवस्था पहले से बारहवे गुणस्थान तक।
Q 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान में जीव मे लेश्या कितनी ?
Ans 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान मे 1 से लेकर 6 लेश्या कृष्ण,नील,कापोत,तेज,पद्म शुक्ल पायी जाती है।
Q 23, छठे साधु जी के गुणस्थान मे कितनी लेश्या पायी जाती है ?
Ans 23, छठे साधु जी के गुणस्थान में भी सारी छ लेश्या पायी जाती है।
Q 24, केवली गुणस्थान (तेरहवा व चौदहवां) मे12 उपयोग मे से कितने उपयोग होते है ?
Ans 24, केवल दो ही उपयोग केवल ज्ञान,केवल दर्शन।
Q 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष, 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 बलदेव 9, वासुदेव, 9 प्रतिवासुदेव मे 5वा गुणस्थान कौन पा सकता है ?
Ans 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष मे कोई भी पंचम गुणस्थान को स्पर्श नही करता।
इस संदर्भ मे तेरापंथ धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्यश्री जीत मल जी स्वामि की ढाल का एक पद काफि प्रसिद्ध है :-
"जिन चक्री सुर युगलिया रे, वासुदेव बलदेव।
पंचम गुण पावै नही रे, ए रीत अनादि स्वमेव।
Q 26, वही चारित्र वही गुणस्थान ?
Ans 26, सूक्ष्म संप्राय चारित्र, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान। 10वा गुणस्थान।
Q 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान में उपयोग कितने ?
Ans 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान मे केवल चार उपयोग, केवल चार ज्ञान,मति, श्रुत, अवधि, मनपर्यय ज्ञान। दर्शन नही पाते। कालमान इतना कम दर्शन आने से पहले गुणस्थान बदल जाता है। केवल साकार उपयोग अनाकार उपयोग् नही।
Q 28, निवृति बादर गुणस्थान, अन्य नाम क्या है ?
Ans 28, अपूर्व करण गुणस्थान।
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Q 1, जीव के गुणस्थान के निर्धारण का आधार क्या है ?
Ans 1, आश्रव व मोहनीय कर्मो की प्रबलता व निर्बलता के आधार पर ही गुणस्थानो का निर्धारण होता है।
Q 2, समवायांग आगम व समयसार (आचार्य कुंद कुंद) के अलावा प्राचीन कौनसे ग्रंथों मे गुणस्थान का वर्णन आया है ?
Ans 2, दिगंबर आचार्य नेमिचंद्र द्वारा रचित गोम्मट्टसार मे भी गुणस्थान का वर्णन आया है। गुणस्थान के स्थान पर जीवसमास नाम प्रयोग मे लिया है। षटखंड आगम (पुष्प दंत जी, भूतबलि जी) मे भी जीव स्थान शब्द प्रयोग मे लिया।
Q 3, गुणस्थान के स्वरूप को समझाने के लिये कौनसी तीन आत्माओं के स्वरूप को बताया गया है ?
Ans 3,बहिरात्मा (मिथ्या दृष्टि) 2, अंतरात्मा (सम्यक दृष्टि) 3, परमात्मा (सर्वज्ञ)
Q 4, सारे ही 24 दंडक कौनसे गुणस्थान मे पाये जाते है?
Ans 4, प्रथम गुणस्थान मे सारे ही दंडक के जीव पाये जाते हैं।
Q 5,महासमुद्र कौनसा गुणस्थान है ?
Ans 5, महासमुद्र पहला गुणस्थान है। सबसे अधिक जीव इसी गुणस्थान मे।
Q 6, पहले गुणस्थान के बाद कौनसे गुणस्थान मे सबसे अधिक जीव ?
Ans 6,चौथे गुणस्थान अविरत सम्यक दृष्टि गुणस्थान मे, पहले गुणस्थान के बाद सबसे अधिक जीव पाये जाते हैं। चारों गति के सम्यकत्वी जीव।
वैसे तो पहले गुणस्थान के बाद सिद्ध आत्माये सर्वाधिक है, परंतु वह तो सारे गुणस्थान लाँघ चुके।
Q 7,सबसे कम जीव 11 वे गुणस्थान मे (पिछली पाठशाला का प्रश्न) उसके बाद 11 वे गुणस्थान से ज्यादा जीव कौनसे गुणस्थान मे ?
अल्प बहुत्व के प्रश्न है यह तीनों, चारो।
Ans 7, उस से (11वे गुणस्थान) अधिक बारहवें गुणस्थान वाले वीतरागी जीव।
Q 8, अभवि जीवों के कौन कौनसे गुणस्थान होते है ?
Ans 8,अभवि जीव का केवल एक ही गुणस्थान है पहला, सारे पहले गुणस्थान वाले अभवि नही होते, भवि भी होते है।
Q 9,उत्तरोतर आरोहण को गुणस्थान कहते हैं, दूसरा गुणस्थान सस्वादन गिरता हुआ रूप है, फिर यह गुणस्थान कैसे?
Ans 9, प्रथम गुणस्थान भव्य, अभव्य जीवों का होता है, परंतु दूसरा गुणस्थान केवल भव्य जीवों का ही गुणस्थान है। इसलिये इसे भी गुणस्थान मानते है।
Q 10, सस्वादन गुणस्थान( दूसरा गुणस्थान) वालों का संसार कितना शेष रहता है ?
Ans 10, सस्वादन गुणस्थान वर्ती जीव का संसार काल अर्द्ध पुद्गल् परावर्तन मात्र शेष रहता है।
Q 11,मिश्र गुणस्थान( तीसरा)कौनसी गति के जीवों मे पाया जाता है?
Ans 11,मिश्र गुणस्थान चारों गतियों के जीवों मे पाया जाता है।
Q 12, मिश्र गुणस्थान (तीसरा) चारों गतियों के कौनसे जीवों मे पाया जाता है ?
Ans 12,मिश्र गुणस्थान चारों गतियों के संगी पंचेन्द्रिय के पर्याप्त जीवों मे पाया जाता है।
Q 13, अविरति सम्यक दृष्टि गुणस्थान ( चौथा) मे दंडक कितने ?
Ans 13,अविरति सम्यक दृष्टि (चौथा) गुणस्थान मे दंडक 16, 5 स्थावर व तीन विकालेंद्रिय को छोड़कर। तीसरे गुणस्थान मे भी यही सोलह दंडक।
Q 14, तीसरे,चौथे गुणस्थान मे 16 दंडक, छठे मे कितने?
Ans 14, छठे से लेकर 14 गुणस्थान तक एक ही दंडक संगि पंचेन्द्रिय मनुष्य का पर्याप्त 21 वा दंडक। साधु जी के गुणस्थान।
पांचवें गुणस्थान वर्ती 2 दंडक, 20-21 । संगी पंचेन्द्रिय तिर्यंच व मनुष्य।
Q 15, प्रथम, द्वितीय गुणस्थान को छोड़कर शेष बारह गुणस्थान एकांत किसमे पाये जाते है ?
Ans 15, तीन से चौदह गुणस्थान एकांत पंचेन्द्रिय जाति मे पाये जाते है।
Q 16, एक से तेरह गुणस्थान मे कौनसी एक लेश्या पायी जा सकती है ?
Ans 16, एक से तेरह गुणस्थान वर्ती जीव मे शुक्ल लेश्या भी पायी जा सकती है।
Q 17, कौनसे गुणस्थान वाले जीव के केवल एक लेश्या ही होती है ?
Ans 17, आठवें से तेरहवे गुणस्थान वर्ती जीव के केवल एक ही लेश्या शुक्ल लेश्या होती है। 13ve मे परम शुक्ल लेश्या।
Q 18, उत्कृष्ट देशोन करोड़ पूर्व कालमान कौनसे गुणस्थानो की ?
Ans 18, चौथे, पांचवे व तेरहवे गुणस्थान का उत्कृष्ट कालमान देशोन करोड़ पूर्व हो सकता है।
Q 19, लगातार कौनसे छ गुणस्थानो का कालमान अंतर्मुहूरत है?
Ans 19, सातवे से लेकर बारहवे गुणस्थान तक उत्कृष्ट कालमान अंतर्मुहूरत है।
Q 20,उपशम श्रेणि ( 11 वा गुणस्थान) से च्युत हो कर कितनी आत्माये संसार. मे परिभ्रमण कर रही है ?
Ans 20, अनंत आत्माये ( असंख्यात् भी नही)उपशम श्रेणि से च्युत हो कर संसार मे परिभ्रमण कर रही है। हो सकता है उनमे से आप और हम भी हो।
Q 21,दिगंबर परंपरा वर्तमान मे आगम को लोप मानती है तो श्वेतांबर परंपरा व दिगंबर परंपरा मै गुणस्थान के स्वरूप मे दोनो मे क्या अंतर है ?
Ans 21,शोभाग्य है गुणस्थान विषय पर दिगंबर श्वेतांबर परंपरा में कोई मतभेद नही है।
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अपूर्वकरण ही हैं गुणस्थान
आध्यात्मिक विकास या पतन गुणस्थान का है माप दण्ड
♐♐♐♐♐♐♐
*मन चाहे*
क्षपक श्रेणी चढ़ेऔर मोक्ष पा जाएं
**शिखर जी** ने ये ही सिखाया, मन की केवल चाह
से नहीं
भावों के उद्भव **शिखर**बिना
संभव ही नहीं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपकी जितनी तारीफ करें है कम, इतने दुष्कर विषय की
किया आसान
स्वीकारें *अंजुगोलछा*
का प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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Q 1, गुणस्थान का वर्णन कौन से आगम मे आया है ?
Ans 1, गुणस्थान का वर्णन समवयांग सूत्र में आया है।
Q 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans 2, गुणस्थान का प्राचीन नाम मार्गणा या जीवस्थान है।
Q 3,गुणस्थान से अभिप्राय ?
Ans 3,जीव के आत्मिक विकास की सीढ़ी।
Q 4, गुणस्थान नाम का प्रयोग कौनसे आचार्य ने सर्वप्रथम किया ?
Ans 4, सर्वप्रथम गुणस्थान शब्द का प्रयोग आचार्य कुन्दकुन्द ने अपने ग्रंथ समयसार मे किया।
Q 5, मिथ्यात्व आश्रव कौनसे गुणस्थान मे क्षय होता है ?
Ans 5, मिथ्यात्व आश्रव चौथे गुणस्थान मै क्षय हो जाता है। आगे के सभी गुणस्थान सम्यकत्वी के ही है।
Q 6, तीन घाती कर्म कौनसे गुणस्थान मे क्षय होते है ?
Ans 6, तीन घाती कर्म ज्ञानावर्णीय, दर्शनावर्निय,अंतराय तेरहवे गुणस्थान के शुरू मे ही क्षय हो जाते है।
Q 7,सबसे कम जीव कौन से गुणस्थान वाले ?
Ans 7, सबसे कम जीव 11वे गुणस्थान उपशांत कशाय छदमस्त वीतराग गुणस्थान वर्ती।
Q 8, कौन से गुणस्थान वाले जीव जो हर समय जीव के चारों गतियों मे पाये जाते है ?
Ans 8, प्रथम व चतुर्थ गुणस्थान वाले जीव हर समय चारों गतियों मे पाये जाते है।
Q 9, दो श्रेणि कौनसे गुणस्थान से निकलती है ?
Ans 9, दो श्रेणि क्षपक व उपशम श्रेणि आठवे गुणस्थान से निकलती है।
Q 10, मोहनीय कर्म की कितनी प्रक्रतियां दसवें गुणस्थान मे शेष रहती है ?
Ans 10, मोहनीय कर्म की 28 प्रक्रति मे 27 प्रकृति पहले ही उपशान्त या क्षय हो जाती है, सिर्फ सूक्ष्म लोभ बचा रहता है।
Q 11, कौनसे गुणस्थान वर्ती जीव सदैव पाये जाते है या कौनसा गुणस्थान शास्वत है ?
Ans 11, पहला, चौथा, पांचवा, छठा तेरहवा गुणस्थान शाश्वत है। इन गुणस्थानो मे जीव सदेव पाये जाते है।
Q 12, पांचवे गुणस्थान( श्रावक)मे कौनसे गति वाले जीव ज्यादा ?
Ans 12, पांचवे गुणस्थान (श्रावक) मे तिर्यनच गति वाले जीव ज्यादा।
Q 13, किस अपेक्षा से तिर्यनच गति वाले जीव पांचवे गुणस्थान मे ज्यादा ?
Ans 13, मनुष्य श्रावक संख्यात अढ़ाई द्वीप,अर्धपुष्करवर द्वीप तक, तिर्यंच श्रावक असंख्यात स्वयंभूरमण समुद्र तक।
Q14, सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे जीव का कालमान कितना?
Ans 14 सस्वादन सम्यकत्वी गुणस्थान मे यानि दूसरे गुणस्थान मे जीव का उत्कृष्ट कालमान छ अवलिका है।
Q 15, इग्यारहवे गुणस्थान के लिये यह क्यो कहा जाता है " मरे तो मजा जिये तो सजा " ?
Ans 15, इग्यारहवे गुणस्थान मे जीव काल करे तो अनुत्तर विमान मे,नही तो नीचे गिरने से नरक व निगोद तक जा सकता है।
Q 16, दूसरे गुणस्थान की सबसे मुख्य विशेषता बताओ ?
Ans, 16, यह केवल सम्यकत्वी से मिथ्यात्वी मे जाने वाले जीव मे पाया जाता है। जैसे नाम से ही पता लगता है।
Q 17, अज्ञान कौनसे गुण स्थान मे पाया जाता है ?
Ans 17, अज्ञान केवल दो गुणस्थान पहला व तीसरे गुणस्थान मे पाया जाता है।
Q 18, तीसरे गुणस्थान की मुख्य बात बताये ?
Ans 18, तीसरा गुणस्थान अमर है, जीव इसमे काल नही करता।
Q 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा कौनसे गुणस्थान अमर है ?
Ans 19, तीसरे गुणस्थान के अलावा बारहवे व तेरहवे गुणस्थान मे जीव काल नही करते, क्षपक श्रेणि वाले जीव नवें व 10 वे गुणस्थान मे भी काल नही करते।
Q 20, वीतराग अवस्था कौनसे गुणस्थान मे पाया जाता है ?
Ans 20, इग्यारहवे गुणस्थान से चौदहवे गुणस्थान वाले वीतरागी कहलाते है।
Q 21, छदमस्त अवस्था कितने गुणस्थान तक ?
Ans 21 छद्मस्त अवस्था पहले से बारहवे गुणस्थान तक।
Q 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान में जीव मे लेश्या कितनी ?
Ans 22, पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान मे 1 से लेकर 6 लेश्या कृष्ण,नील,कापोत,तेज,पद्म शुक्ल पायी जाती है।
Q 23, छठे साधु जी के गुणस्थान मे कितनी लेश्या पायी जाती है ?
Ans 23, छठे साधु जी के गुणस्थान में भी सारी छ लेश्या पायी जाती है।
Q 24, केवली गुणस्थान (तेरहवा व चौदहवां) मे12 उपयोग मे से कितने उपयोग होते है ?
Ans 24, केवल दो ही उपयोग केवल ज्ञान,केवल दर्शन।
Q 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष, 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 बलदेव 9, वासुदेव, 9 प्रतिवासुदेव मे 5वा गुणस्थान कौन पा सकता है ?
Ans 25, तरेष्ठ शलखा पुरुष मे कोई भी पंचम गुणस्थान को स्पर्श नही करता।
इस संदर्भ मे तेरापंथ धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्यश्री जीत मल जी स्वामि की ढाल का एक पद काफि प्रसिद्ध है :-
"जिन चक्री सुर युगलिया रे, वासुदेव बलदेव।
पंचम गुण पावै नही रे, ए रीत अनादि स्वमेव।
Q 26, वही चारित्र वही गुणस्थान ?
Ans 26, सूक्ष्म संप्राय चारित्र, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान। 10वा गुणस्थान।
Q 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान में उपयोग कितने ?
Ans 27, सूक्ष्म संप्राय गुणस्थान मे केवल चार उपयोग, केवल चार ज्ञान,मति, श्रुत, अवधि, मनपर्यय ज्ञान। दर्शन नही पाते। कालमान इतना कम दर्शन आने से पहले गुणस्थान बदल जाता है। केवल साकार उपयोग अनाकार उपयोग् नही।
Q 28, निवृति बादर गुणस्थान, अन्य नाम क्या है ?
Ans 28, अपूर्व करण गुणस्थान।
🌹 *नवकार करें भव से पार* 🌹
📚📚📚 25 Bol 📚📚📚
🌹🌹ग्यारहवा बोल गुणस्थान 14🌹🌹
Part 11
1⃣ छठा गुणस्थान कौनसा है
🅰 प्रमत संयत
2⃣ संयत किसे कहते है
🅰 जो जीव पाप जनक व्यापारों से विधि पूर्वक निवृत हो जाता है उसे संयत कहते है
3⃣ प्रमत्त संयत किसे कहते है
🅰 संयत भी जब तक प्रमाद का सेवन करते है उसे प्रमत संयत कहते है
4⃣ प्रमत संयत गुणस्थान किसे कहते है
🅰 उनके स्वरुप विशेष को
5⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने परिषह है
🅰 22
6⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में जीव के कितने भेद होते है
🅰 एक सन्नी पंचेन्द्रिय का पर्याप्त
7⃣ प्रमत संयत गुणस्थान का लक्षण क्या है
🅰 सकल संयम को रोकने वाली प्रत्याख्यानावरण कषाय का अभाव होने से इस गुणस्थान में पूर्ण संयम तो हो जाता है किंतु संज्वलन आदि कषायों से उदय से संयम में मल उत्पन्न करने वाले प्रमाद के रहने से इसे प्रमत संयत कहते है और यही लक्षण है
8⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने चारित्र होते है
🅰 सामायिक, छेदोपस्थापनीय, परिहार विशुद्धि
9⃣ प्रमत संयत गुणस्थान में कितने दंडक होते है
🅰 मनुष्य का एक दंडक
1⃣0⃣ प्रमत संयत गुणस्थान वाले जीव कितने है
🅰 प्रत्येक हजार करोड़
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*DSTE ~ 26/08/2020*
*🕰️समय दोपहर 2.25 से 2.55۔*
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*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
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1️⃣ गुणस्थान कितने हैं?
🅰️14
2️⃣ मिथ्यात्व गुणस्थान में कितनी क्रिया पाई जाती है ?
🅰️ 24
3️⃣ सास्वादन गुणस्थान वाले जीव कितने क्षेत्र का स्पर्श करते हैं?
🅰️12 राजू क्षेत्र को
4️⃣मिश्र गुणस्थान किस के निमित्त से होता है?
🅰️दर्शन मोहनीय के निमित्त से होता है।
5️⃣11वे गुणस्थान वाला जीव कहां तक गिर सकता है?
🅰️पहले गुण स्थान तक भी आ सकता है ।
6️⃣13वे गुणस्थान वाला जीव क्या कहलाता है?
🅰️सर्वज्ञ सर्वदर्शी
7️⃣ अनुत्तर विमान के देवों में एक कौन सा गुण स्थान पाता है?
🅰️चौथा गुणस्थान
8️⃣ सीमन्धर आदि 20 विरहमान कौन है?
🅰️तीर्थंकर
9️⃣ नारकी जीवो में कौन से 4 गुण स्थान पाए जाते हैं?
🅰️1 से 4 गुणस्थान
1️⃣0️⃣ वैमानिक देवों के विमानों के रत्नों में कौन सा गुण स्थान है?
🅰️मिथ्यात्व गुण स्थान
1️⃣1️⃣ सहयोगी केवली गुणस्थान में कितनी लेश्या पाई जाती है?
🅰️एक परम शुक्ल लेश्या पाई जाती है
1️⃣2️⃣दसवा गुण स्थान कौन सा है ?
🅰️सूक्ष्म संपराय गुणस्थान
1️⃣3️⃣केवली भगवान में दो कौन से गुणस्थान पाए जाते हैं?
🅰️13वा और 14वा
1️⃣4️⃣ नंद मंडूक पूर्व भव में कौन था?
🅰️मनुष्य
1️⃣5️⃣ महाराज कुमारपाल कितने व्रतधारी श्रावक थे ?
🅰️12 व्रतधारी
1️⃣6️⃣किसके माध्यम से चंडकौशिक में जागरण आया?
🅰️भगवान महावीर के माध्यम से
1️⃣7️⃣ संसारी जीवो में कितनी कर्म प्रकृतियों का बंध होता है?
🅰️120 प्रकृतियों का
1️⃣8️⃣सत्ता के दो भेद कौन-कौन से हैं ?
🅰️बंध सत्ता, संक्रमण सत्ता
1️⃣9️⃣ वेदनीय कर्म की दो प्रकृतियां कौन सी है?
🅰️सातावेदनीया , असातावेदनीय
2️⃣0️⃣क्या अभवी जीव कभी भवी हो सकता है?
🅰️नहीं
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