फेस बुक के प्रश्न

 फेस बुक के प्रश्न
कौन सी नरक से आकर चक्रवर्ती बन सकते है।
A पहली नरक से
2 ,नरकी के जीव कौन से पंचेन्द्रिय जीव होते है
A सन्नी पंचेन्द्रिय

श्लाघनीय पुरुष में कौन दीक्षा नहो ले तो नरक में ही जाते है ?
A✅🅰️ चक्रवर्ती दीक्षा न ले तो नरक  , दिक्षा ले तो मोक्ष

सर्वश्रेष्ठ चारित्र कौन सा?
  A यथाख्यात

प्रमत्त संयत में कितने चारित्र पाये जाते है?
Aसामायिक
छेदो प्रस्थापनिय
परिहार विशुद्ध

केवल ज्ञान की जननी कोन....?
A समकित

भगवान तीर्थकर का जन्मोत्सव मनाने सर्वप्रथम दिशाकुमारिया क्यों आती है?
A शुद्धि करण के लिए

तीर्थंकर भगवान की
माता के द्वारा प्रथम स्वप्न मे चार दाँत वाला हाथी का क्या फल होता हैं ?

Aसाधु साध्वी श्रावक श्राविका
4 तीर्थ की स्थापना...
ज्ञान, दर्शन , चारित्र , तप ये 4 धर्म

सभी बलदेव आयुष्य पूर्ण करके मोक्ष में ही गए ?
A✅🅰️ 8 मोक्ष में
बलराम जी  5 वे देवलोक में गये.


श्लाघनीय पुरुष -मनुष्यो में ऐसे कौन से मनुष्य है जिनको कभी वृद्धावस्था नही आती ?

A
✅🅰️ सभी शलाका पुरुष को वृद्धावस्था आती नही

शत्रुंजय पर सब से प्रथम जिनालय किसने बनवाया था ?

Aभरत चक्रवर्ती जी

निरतिचार छेदोपस्थापनिय चारित्र
किसको कहते है,?

Aनिरतिचार यानी अतिचार से रहित।
शासन या संप्रदाय बदलकर , फिर से दीक्षा ले , जैसी की पार्श्वनाथ जी के शासन के साधुजी वीर प्रभुजी के शासन में दीक्षा ले वो...
इतवर सामायिक वाले साधुजी को छेदो प्रस्थापनिय चारित्र निरतिचार होते है।


भोग की दृष्टि से उत्तम पुरुष कौन ?
चक्रवर्ती

ज्ञानके अजीर्ण क्या है ?और किसे हुवा था ?

अज्ञान
स्थूलिभद्र जी, गोशालक

ज्ञान की माता कौन है ?ज्ञान का फल क्या है ?

A जिज्ञासा Vinay 
Virti
फल - विरती

द्वादशांगी का मतलब क्या है ?
Aगणधर जी द्वारा गूंथे गए 12 सूत्र

मेरा रूप बनाके इन्द्रो ने
मेरू पर्वत पर जन्मा भीषेक कीया था।
Aवृषभ




" नमो सुयस्स "
किसे नमस्कार किया जाता है ?
Aश्रुत ज्ञान को,

जिन्होंने शत्रुंजय का उद्धार किया वो शत्रुंजय से मोक्ष में या देवलोक गये वो कौन ?
A
✅🅰️ जावड़ शाह उनकी पत्नी, 5 पांडव


चक्रवर्ती के भोजन को कौनसा भोजन कहते है ?

A कल्याण भोजन

बन्धुमती की जिन छ: हत्यारों ने हत्या की उन्हें _____ गोष्ठी के नाम से जाना जाता था।

Aललित गोष्ठी

संसारी और सिद्ध दोनो में है वो क्या ?
A आत्मा

छेदोपस्थापनिय चारित्र
किसको कहते है,?
छे,चा,कितने भेद,?

A पूर्व पर्याय का छेदन करके , महाव्रतों का आरोपण करना यानी छेदो प्रस्थापनिय चारित्र ..
6 से 9 गुण स्थान में ये चारित्र ..

भगवान तीर्थकर का जन्मोत्सव मनाने सर्वप्रथम कौन आते हैं ?
Aभोगंकरा ,भोगवती,सुभोगा ,भोगमालिनी,तोयधारा ,विचित्रा,पुष्प-माला ,अनिंदिता-ये 8 अधोलोक वासिनी दिशा कुमारियां आती हैं ।✅

दिशा कुमारी पुष्प वर्षा के बाद क्या करती है?

Aये दिककुमारियां उसके पश्चात
गीत गाती है ,औऱ फिर माता को स्नान करवाती है

कौन से आगम में उदाहरण प्रधान कथानक का वर्णन है?
Aज्ञाता धर्मकथा

परिहार विशुद्ध चरित्र के कितने भेद,नाम,?

परिहार विशुद्धि चारित्र - परिहार याने
त्याग । जिस चारित्र में परिहार तप विशेष से चारित्र तथा कर्म निर्जरा रुप विशेष शुद्धि होती है, उसे परिहार विशुद्धि चारित्र कहते हैं। नौ साधु गच्छ से बाहर निकलकर १८ महिने के लिये परिहार कल्प का स्वीकार करें । ४ साधु ६ महिने तप करे, ४ साधु वैयावच्च करें, एक साधु वाचनाचार्य बने, फिर ६ महिने वैयावच्च करने वाले तप करे, तप करने वाले वैयावच्च करें, एक वाचनाचार्य बने । फिर वाचनाचार्य तप करे, १ से ७ साधु वैयावच्च करे, एक वाचनाचार्य बने । इस तरह १८ महिने में परिहार कल्प पूर्ण होता है।
अभिषेक सिंहासन कितने लबें चौडे है?

500धनुष्य लंबे और 250धनुष्य चौडे़ हैं ।✅


गुप्ति किसको कहते है,?
गुप्ति कितनी है,?


मन, वचन और काया की अशुभ प्रवृत्तियों को अल्पतम करना मतलब उत्तरोत्तर सिमित करते रहना गुप्ति है .मन,वचन काया के अशुभ योगों को उन्मार्ग से रोकना और आत्मगुणोंकी रक्षा करना.
    गुप्ति असत क्रिया की निवृत्ति है, निश्चय है, चारित्र का प्रधान मार्ग है.मन वचन काया का निग्रह है.
*अष्टप्रवचन माता के ज्ञान में द्वादशांगी का ज्ञान अंतर्भूत हो जाता है*
इनके पालन से परमात्मा की आज्ञा का पालन होता है.
सम्यकत्व निर्मल होता है.
संयम साधना की पूर्ण सफलता को पाने के लिये हर साधक को समिति गुप्ति की आराधना करनी चाहीये.
गुप्ति के प्रकार 3 है.
मनगुप्ति,  वचनगुप्ति, कायगुप्ति.
उत्तराध्ययन  सूत्र
अध्ययन नं 24.



पितृदुख से पिडा पाकर प्रवज्या किसने ली ?
A अतिमुक्त जी

परिषह से पतन हुआ और परिषह से  ही उत्थान हुआ ?
A अरणिक कुमार


वह कौन थे जिन्हें, जीव-जीव का भक्षण कर रहा था, ऐसा दृश्य देखकर
वैराग्य आया?

Aजय घोष मुनि..... जैसे ज्ञाता धर्म कथा में बताया है.... समडी के मुंह में साप

कौन से चारित्र से केवलज्ञान होता है?

Aयथा ख्यात

वह कौन थे जो अपने पाँच सौ अविनीत शिष्यों का त्याग कर एकल
विहारी बने और मोक्ष पधारे ?

A गर्गाचार्य जी

वह कौन थे जिन्होंने ज्येष्ठ पर्याय होने पर भी गौतमस्वामी जी से
प्रश्न विनय सहित पूछे थे ?


Aपार्श्वनाथ तीर्थंकर के शासन के.....केशी कुमार श्रमण

अभवी जीव भी अकाम निर्जरा कर सकता है क्या ?

Aहाँ

मुझे पहचानो, मेरे तप का जहाँ-जहाँ पारणा
होता था, श्रावक वहाँ-वहाँ जिनालय बनवाते थे?
A. कृष्णर्शी
B .विनयविजयजी
C.यशोविजयजी
D.हेमचंद्रसूरि

Ans A

कौन से चारित्र के जीव कम है?

A सूक्ष्म संपरय चारित्र✅

नौ तत्व की यथार्थ श्रद्धा रखने को क्या कहते हैं ?
A समकित

सुक्ष्मसम्पराय चारित्र पुरे भव चक्र में उत्कृष्ट से कितने बार प्राप्त हो सकता है?
A 9 बार
कलिकाल हेमचन्द्राचार्य जी ने इस काल में सम्यक्त्व प्राप्ति को किसके समान मानना बताया है ?
A।  केवल ज्ञान प्राप्ति के समान

भवी जीव यथाप्रवृर्तिकरण से आगे ग्रन्थि भेद न करें तो पुनः क्या हो जाता है ?
 A मिथ्यात्वी
यदि भवी जीव यथाप्रवर्तीकरण से आगे ग्रंथि भेद( राग-द्वेष ग्रंथि) पार नही करे तो वह अंतर्मूर्हत यथाप्रवर्तीकरण में रहते हुए फिर गिर जाता हैं । इसमे वह मिथ्यात्वी ही रहेगा उसकी मोहनीय कर्म की 26 की सत्ता ही रहेगी।

समकित के लक्षण कितने,?
समकित के बोल कितने,?
सम्यक् पराक्रम के बोल कितने,?

Aसमकित के 5 लक्षण है
व्यवहार समकित के 67 बोल है
सम्यक पराक्रम के 73 बोल है

स्त्री को कौन सा चारित्र नहीं होता ?

Aपरिहार विशुद्धि चरित्र

मुझे पहचानो, मे एक साध्वीजी जिसे "सूरी
पुरंदर" नाम से प्रसिद्ध एक महात्मा उनके द्वारा
रचित हर ग्रंथ मे मेरा नाम लिखते थे?

A.यक्षा महत्तरा
B.याकिनी महत्तरा
C.चंदनबाला महत्तरा
D.लक्ष्मणा महत्तरा

AnsBB.याकिनी महत्तरा✅
आचार्य हरीभद्र सूरी जी अपनी हर पुस्तक के अंत में “याकिनी महत्तरा सुनु” लिखने का कारण:-
एक बार एक उपाश्रय के समाने से गुजरते हुए उन्हें साध्वी श्री याकिनी महत्तरा के मधुर कण्ठ से निःश्रत ‘‘चक्कि दूगं.....’’ गाथा कान में पड़ी, जो ‘क्षेत्र समास’ ग्रंथ की एक गाथा थी। बहुतेरी कोशिशों के बाद भी अर्थ समझ में न आने पर हरिभद्र ने साध्वीश्री से अर्थ समझाने का अनुनय किया, तब साध्वी याकिनी महत्तरा ने उन्हें आचार्य श्री जिनदत्त के पास भेजा। आचार्य श्री से गाथा का अर्थ जानकर हरिभद्र ने जैन धर्म अंगीकार किया एवं अपने पंथ एवं हृदय परिवर्तन की निमित्त बनी साध्वी याकिनी महत्तरा को अपनी धर्म माता के रूप में स्वीकार किया।

वर्तमान निम्न से निम्न..... अवसरपीनी का नाम क्या है?
A हुंडा अवसर्पिणी काल,

इनमे से किस कारण से देव पश्चात्ताप करते है ?

A. मुझे भी मनुष्य भव मिला था पर मैं करोड़पति नहीं बन सका l

B. मुझे भी मनुष्य भव मिला था पर मैंने बहुत सारे शास्त्र (आगम) नहीं पढ़े l

C. मुझे भी मनुष्य भव मिला था पर मैं CA नहीं बन सका l

D. मुझे भी मनुष्य भव मिला था पर मैं  विदेश यात्रा  पर नहीं जा  सका l

Ans  B


"नमो अरिहंताणं" बोलने से कितने अरिहंतो को नमस्कार होता है?

वर्तमान में तो 20 अरिहंत (तीर्थंकर)
को,,,ओर सामान्य केवली,2 क्रोड़ को
नमष्कर होता है,,जो पांच महाविदेह क्षेत्र बिराजित है,,,

25 मिथ्यात्व है तो 25 ओर क्या है ?

25,भावना,,25,,,क्रिया,,,,25,गुण
उपाध्यायजी के,,,,,25,,,धनुष्य ऊँचाई मल्लिमथजी,,,25 योजन ऊंचा वैताध्य पर्वत,,,25,लाख नरकावास,,,25,अध्ययन आचारांग,,,,,25 लाख नरकावास दूसरी नरक का,,,ओर भी बहुत है,,,,,समवायंग सूत्र,

आत्म-शुद्धि का पाठ है -
A. इच्छाकारेणं
B. तस्स उत्तरी
C.लोगस्स
D. करेमिभंते
Ans। B



आचार्य के प्रति हुई आशातना की क्षमायाचना करने का पाठ है-
A. तिक्खुत्तो
B. इच्छामि खमासमणो
C.मत्थएण वंदामि
D. संलेखना
Ans B


अपने धर्म और साधर्मियों से प्रेम करना कहलाता है-
A. उपबृंहा
 B. वात्सल्य
C. प्रभावना
D.निर्विचिकित्सा
Ans B

पके हुए आम (Mango 🥭) में कितने जीव होते है ?
A. 1
B. 2
C. असंख्यात
D. अनंत

Ans B

B✅
श्री प्रज्ञापना सूत्र में फल और अंदर के बीज दोनों का जोव अलग अलग होते है ऐसा बताया है।
पूर्ण रूप से पके हुए स्वस्थ आम जिसके अन्दर का भाग पिला होता है उस आम में 2 जीव होते है।
पहला जीव आम के फल का, दूसरा जीव गुठली (बीज) का।

अगर आम कच्चा हो (केरी हो) तो उसमें असंख्यात जीव तक हो सकते है।

केवल ज्ञान की जननी कोन....?
A सम्यक्त्व

क्या असाता वेदनिय का संक्रमण साता में हो सकता है?
A yes

क्या ज्ञानावरनीय कर्म का संक्रमण दर्शनावरनीय कर्म में हो सकता है?
A ना

5 शरीर है , 5 जाती है तो 5 ओर क्या है ?

A 5,महाव्रत,,,,5,काम गुण,,,,5,,संवर द्वार,,,,5,आश्रव द्वार,,,,5 समिति,,,,5 निर्जरा,,,,,5 नक्षत्र के तारा,,,,5,ज्ञान,,,,5 इन्द्रिय,,,,5 चरित्र,,,,5,अस्तिकाय,psrmrsthi, kalyanak, pratikaman,pramad,shama, savadyay me,aachar

14  जीव के भेद है , 14 संमुर्च्छिम मनुष्य भी है तो 14 ओर क्या है ?

A 14 चारण श्रमण 14 गुन स्थान क
14 पूर्व14 माया 14 शुभ नाम कर्म भोगने के प्रकार 14 अशुभ नाम कर्म भोकने के प्रकार 14 सूत्र ज्ञान के भेद 14 योगासन 14 रत्न 14 सपना 14 श्रोता के गुण 14 वक्ता के गुण

यथाख्यात ख्यात चरित्र
किसको कहते है,?

Aख्यात मतलब कहना ,यथा मतलब जैसा है वैसा -- तीर्थंकर भगवंतोने जैसा कहा है वही शूद्ध चारित्र अर्थात कषायरहित रागद्वेष रहित ,जिसमे संपूर्ण वितराग अवस्था प्राप्त होती है वो यथाख्यात चारित्र.इस चारित्र के आचरण से जन्म जरा मरण रहित  ऐसा मोक्षरुप स्थान की प्राप्ति होती है.
इसमें छाद्मस्थिक और केवलीक दो भेद बताये है.
छाद्मस्थिक....छद्मस्थ उपशम श्रेणीवाले 11 वे गुणस्थान और क्षपक श्रेणीवाले 12 वे गुणस्थान पर होते है.
केवलीक..,.13और14 वे गुणस्थानपर होते है.

परिहार विशुद्ध चरित्र
किसको कहते है,?

Aजिसमें परिहार तप  विशेष से कर्म निर्जरा रुप शुद्धि होती है.जघन्य 18 महीनों के लिये और उत्कृष्ट यावत्जीवन के लिये ग्रहण करते है.ये चरित्र पांच भरत ऐरावत क्षैत्र में प्रथम और अंतिम तीर्थंकर के शासन में होता है.6 और 7 गुणस्थानक में होता है.
परिहार विशुद्ध चारित्र की प्राप्ति भवराशी में 7 बार होती है.
इसमें ज.पहले देवलोक और उ.आठवे देवलोक तक का बुकिंग होता है.

3 योग है, 3 गुप्ति है तो 3 ओर क्या है ?

A
१)३ करण
२)३ शल्य
३) आहार के प्रकार
४)३गर्व
५)३दंड
६)३ विराधना

3 वेद,आत्मा
योग
दंड
शुभलेश्या
आहार
स्थविर
वंदना
त्रिपदी
संथारा
रत्न
आहार
गुप्ति
कर्मभूमि क्षेत्र


✅🅰️ आप सब लोगो ने मुझसे भी ज्यादा जवाब लिखे है। सभी ज्ञानियो की बहुत बहुत अनुमोदना करती हूं
स्मिताजी का जवाब 👇
3 वेद
आत्मा
योग
दंड
शुभलेश्या
आहार
स्थविर
वंदना
त्रिपदी
संथारा
रत्न
आहार
गुप्ति
कर्मभूमि क्षेत्र

किशोरभैया का जवाब 👇
3,दंड,,,,3,गुप्ति,,,,3,,शाल्य,,,3
गर्व,,,3,,,विराधना,,,,3,,,पल्योपम
सगररोपम के स्थिति वाले देव नारकी,,,,3,तारा मृगशिर पुष्प के
3,योग,,,,3,वेद,,,,

कम से कम कितनी दीक्षा पर्याय वाले मुनि, परिहार विशुद्धि चारित्र का पालन कर सकते है?

Aबीस वर्ष की दीक्षा पर्याय वाले✅


णमाेत्थुणं को शक्रस्तव क्यों कहते है?

Aप्रथम देवलोक के अधिपति शकेन्द्र जी इस पाठ से सिद्ध ओर अरिहंत भगवंत की स्तुति करए है


जिस कर्म के उदय से जीव गति, जाति आदि प्राप्त करता है, वह कर्म है -
A.नाम कर्म
B. गोत्र कर्म
C.वेदनीय कर्म
D.अंतराय कर्म

A.नाम कर्म✅

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