साधु
साधु गोचरी
प्रश्न 1976 पाड़िहारीय वस्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर *जो वस्तु जांच कर (ग्रहण कर ) वापिस गृहस्थ को भुलाई (सौंपी )जा सकती है।*
प्रश्न 1977 साधु कितने कोस तक आहार-पानी ला-ले जा सकता है ?
उत्तर *दो कोस याने करीब 7 किलोमीटर तक।*
प्रश्न 1978 प्रासुक-एषणीय का क्या अर्थ है ?
उत्तर *अचित्त (जीव रहित) व कल्पनीय (साधु के ग्रहण करने योग्य)।*
प्रश्न 1979 साधु को कितने प्रकार का दान दिया जाता है ?
उत्तर *साधु को 14 प्रकार का दान दिया जाता है।*
प्रश्न 1980 साधु कितने व कौन कौन से कारणों से आहार ले सकता है ?
उत्तर *6 कारणों से ले सकता है।* *क्षुधा वेदना, सेवार्थ, ईर्या समिति, संयम साधना, प्राण-धारण एवं धर्म चिंतन के लिए।*
*कल पूछे गए सवालों के जवाब*
प्रश्न 1961 सचित्त और अचित्त किसे कहते हैं ?
उत्तर *जीव सहित वस्तु को सचित कहते हैं जैसे कच्चा पानी हरियाली नमक आदि।*
*जीव रहित वस्तु को अचित कहते हैं जैसे दूध रोटी पक्की हुई सब्जी आदि।*
प्रश्न 1962 नित्य पिंड तथा सत् पिंड किसे कहते हैं ?
उत्तर *रोजाना एक घर से भोजन आदि लेना नित्य पिंड है तथा एक दिन छोड़कर कभी आहार पानी लेने का नाम सत् पिंड है ।*
प्रश्न 1963 पूर्वकर्म दोष और पश्चात् कर्म दोष किसे कहते हैं ?
उत्तर *गोचरी के निमित्त बहराने से पहले किसी प्रकार की हिंसा कारी प्रवृत्ति को पूर्व कर्मदोष तथा बहराने के पश्चात उस निमित्त से किसी प्रकार की हिंसाकारी प्रवृत्ति को पश्चात कर्म दोष कहते हैं।*
प्रश्न 1964 कल्प से क्या तात्पर्य है और तीन प्रहर का कल्प क्या होता है ?
उत्तर *साधु के लिए आचरणीय को कल्प कहते हैं।*
*प्रथम प्रहर में लाया हुआ भोजन तीसरे प्रहर तक भी काम में लिया जा सकता है।*
प्रश्न 1965 साधु कितने दोषों को टालकर भिक्षा लेता है ?
उत्तर *42 दोषों को।*
8️⃣'अभ्याह्त' दोष_(अभिहडे) किस प्रकार के आहार को बहराने से लगता है❓
🅰️ स्थानक या रास्ते मे आहार देना
प्रश्न 1976 पाड़िहारीय वस्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर *जो वस्तु जांच कर (ग्रहण कर ) वापिस गृहस्थ को भुलाई (सौंपी )जा सकती है।*
प्रश्न 1977 साधु कितने कोस तक आहार-पानी ला-ले जा सकता है ?
उत्तर *दो कोस याने करीब 7 किलोमीटर तक।*
प्रश्न 1978 प्रासुक-एषणीय का क्या अर्थ है ?
उत्तर *अचित्त (जीव रहित) व कल्पनीय (साधु के ग्रहण करने योग्य)।*
प्रश्न 1979 साधु को कितने प्रकार का दान दिया जाता है ?
उत्तर *साधु को 14 प्रकार का दान दिया जाता है।*
प्रश्न 1980 साधु कितने व कौन कौन से कारणों से आहार ले सकता है ?
उत्तर *6 कारणों से ले सकता है।* *क्षुधा वेदना, सेवार्थ, ईर्या समिति, संयम साधना, प्राण-धारण एवं धर्म चिंतन के लिए।*
*कल पूछे गए सवालों के जवाब*
प्रश्न 1961 सचित्त और अचित्त किसे कहते हैं ?
उत्तर *जीव सहित वस्तु को सचित कहते हैं जैसे कच्चा पानी हरियाली नमक आदि।*
*जीव रहित वस्तु को अचित कहते हैं जैसे दूध रोटी पक्की हुई सब्जी आदि।*
प्रश्न 1962 नित्य पिंड तथा सत् पिंड किसे कहते हैं ?
उत्तर *रोजाना एक घर से भोजन आदि लेना नित्य पिंड है तथा एक दिन छोड़कर कभी आहार पानी लेने का नाम सत् पिंड है ।*
प्रश्न 1963 पूर्वकर्म दोष और पश्चात् कर्म दोष किसे कहते हैं ?
उत्तर *गोचरी के निमित्त बहराने से पहले किसी प्रकार की हिंसा कारी प्रवृत्ति को पूर्व कर्मदोष तथा बहराने के पश्चात उस निमित्त से किसी प्रकार की हिंसाकारी प्रवृत्ति को पश्चात कर्म दोष कहते हैं।*
प्रश्न 1964 कल्प से क्या तात्पर्य है और तीन प्रहर का कल्प क्या होता है ?
उत्तर *साधु के लिए आचरणीय को कल्प कहते हैं।*
*प्रथम प्रहर में लाया हुआ भोजन तीसरे प्रहर तक भी काम में लिया जा सकता है।*
प्रश्न 1965 साधु कितने दोषों को टालकर भिक्षा लेता है ?
उत्तर *42 दोषों को।*
8️⃣'अभ्याह्त' दोष_(अभिहडे) किस प्रकार के आहार को बहराने से लगता है❓
🅰️ स्थानक या रास्ते मे आहार देना
🙏ज्ञान वीतराग वाटिका🙏
ता.06.03.2019.
विषय:-आज साधुजी से संबंधित प्रश्न है,अंको में उत्तर देने है।
1.साधुजी के महाव्रत कितने है ?
🅰5.
2.साधुजी कितने प्रकार से संयम का पालन करते है ?
🅰17.
3.साधुजी की अशातना के कितने प्रकार है ?
🅰33.
4.साधुजी को दवाई संबंधी दान कितने है ?
🅰2.
5.साधुजी कितनी समिति का पालन करते है ?
🅰5.
6.साधुजी के गुण कितने है ?
🅰27.
7.साधुजी की प्रतिमा कितनी है ?
🅰12.
8.साधुजी के परिषह के कितने है ?
🅰22.
9.साधुजी कितने दोष टालकर आहार लेते है ?
🅰42.
10.साधु कितने महामोहनीय कर्मों का निवारण करते है ?
🅰30.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें