भक्तमर9 से 10 से
काव्य नं. ९ के १० प्रश्नोत्तर
प्रश्न १. भगवान का नामोच्चारण क्या दूर करता है ?
उत्तर—समस्त दोषों को दूर करता है।
उत्तर—समस्त दोषों को दूर करता है।
प्रश्न २. आचार्य मानतुंग भगवन् ने पवित्र कथा का वर्णन किस प्रकार किया है ?
उत्तर—आचार्य श्री कहा है–कि हे जिनेन्द्र ! आपका निर्दोष स्तोत्र तो दूर रहे, आपके गुणों की चर्चा मात्र से ही पापों का समूल नाश हो जाता है।
उत्तर—आचार्य श्री कहा है–कि हे जिनेन्द्र ! आपका निर्दोष स्तोत्र तो दूर रहे, आपके गुणों की चर्चा मात्र से ही पापों का समूल नाश हो जाता है।
प्रश्न ३. सूर्य किरणें दूर रहने पर भी क्या करती हैं ?
उत्तर—सरोवरों में कमलों को विकसित करती हैं।
उत्तर—सरोवरों में कमलों को विकसित करती हैं।
प्रश्न ४. सूर्य किरणें कितनी होती है ?
उत्तर—सूर्य में १२,००० किरणें होती हैं।
उत्तर—सूर्य में १२,००० किरणें होती हैं।
प्रश्न ५. कथा किसे कहते है ?
उत्तर—महापुरुषों के जीवन चरित्र के ऐसे कथानक जो मोक्षमार्ग को प्रशस्त करने वाले हैं तथा मोक्ष पुरुषार्थ में कारणभूत सातिशय पुण्य का संचय कराने वाले धर्म, अर्थ, काम, पुरुषार्थ का सम्यक् निरूपण करते हैं वे कथा संज्ञा को प्राप्त होते हैं।
उत्तर—महापुरुषों के जीवन चरित्र के ऐसे कथानक जो मोक्षमार्ग को प्रशस्त करने वाले हैं तथा मोक्ष पुरुषार्थ में कारणभूत सातिशय पुण्य का संचय कराने वाले धर्म, अर्थ, काम, पुरुषार्थ का सम्यक् निरूपण करते हैं वे कथा संज्ञा को प्राप्त होते हैं।
प्रश्न ६. तो क्या पुण्य भी मोक्ष का कारण है ?
उत्तर—हाँ ! भगवान जिनेन्द्र के स्तवन, गुणगान से संचित निदान रहित पुण्य परम्परा से मुक्ति का कारण है।
उत्तर—हाँ ! भगवान जिनेन्द्र के स्तवन, गुणगान से संचित निदान रहित पुण्य परम्परा से मुक्ति का कारण है।
प्रश्न ७. निदान किसे कहते हैं ?
उत्तर—धर्म /पुण्य/ स्तवन आदि करते—करते सांसारिक सुखों की इच्छा करना ही निदान बंध कहलाता है?
उत्तर—धर्म /पुण्य/ स्तवन आदि करते—करते सांसारिक सुखों की इच्छा करना ही निदान बंध कहलाता है?
प्रश्न ८. काव्य नं. ९ की आराधना से किसको क्या फल मिला ?
उत्तर—सम्राट हेमब्रह्म एवं रानी हेमश्री को पुत्र की प्राप्ति हुई।
उत्तर—सम्राट हेमब्रह्म एवं रानी हेमश्री को पुत्र की प्राप्ति हुई।
प्रश्न ९. हेमब्रह्म कहां के सम्राट थे ?
उत्तर—कामरूप देश की भद्रावती नगरी में।
उत्तर—कामरूप देश की भद्रावती नगरी में।
प्रश्न १०. बिना श्रद्धा की भक्ति किस प्रकार की है ?
उत्तर—मुर्दे का शृंगार के समान, रेत से तेल निकालने के समान, पानी को मथकर मक्खन निकालने की इच्छा करने के समान है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें