नाता तोड़े और नाता जोड़े



Topic -::- नाता तोड़े और नाता जोड़े

1हमारे शत्रु का कय्या नाम है(एक शब्द)
*आत्मघातीशत्रु*
2आत्मघाती शत्रु किस तरह से
*आत्मा की घात करते है मोक्ष मार्ग में अवरोधक बनते है*
3 आत्म घाती शत्रु के मुख्यतय कितने भेद है
4
4आत्मघातीशत्रु के भेद कितने है
18
5 सबसे अधिक आत्मा की घात करने वाला शत्रु कौनसा
*राग*
6 आत्मघातीशत्रु से नाता तोड़के किनसे नाता जोड़ना है
*सिद्ध शीला में विराजमान सिद्ध प्रभु से*
7 एक वाक्य में इसे अपर नाम से चरितार्थ करे
*पापस्थानक से नाता तोड़े अंतिम गुणस्थानकसे नाता जोड़े*
8 द्वेष घाती शत्रु मेरे से चरितार्थ होता है
*अभिची कुमार*
*उदायन राजा का पुत्र*
*समस्त जीवों को क्षमा करता हु केवल एक को छोड़कर*
9प्रणातिपात शत्रु पर मैने विजय प्राप्त की यह मेरे द्वारा चरितार्थ होता है
*अर्जुनमालि जी*
10मैने राग से नाता तोड़ा यह मेरे द्वारा चरितार्थ होता है
*वैराग्य*
*जम्बू स्वामी जी*
11
9मण तेल होवे तो राधा नाचे यह मेरे द्वारा चरितार्थ होता है
*अभवि को मोक्ष जाना*
12  चन्द्र टले सूरज टले टले जगत व्यवहार इस आत्मघाती शत्रु पर विजय मेने प्राप्त की
*सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र*
13परिग्रह रूपी शत्रु से नाता तोड़कर किससे जोड़ना है
*अनाशक्ति से*
14कलह से नाता तोड़कर किससे जोड़े
सौहार्द भाव से
15 मैथुन  रूपी शत्रु से नाता तोड़ना मेरे से चरितार्थ होता है
स्थूलिभद्र जी
16 परिग्रह रूपी शत्रु नाता तोड़ना मेरे से चरितार्थ होता है
कमलावती रानी इक्षुकार राजा
17रति अरति से नाता तोड़ना किससे जोड़ना
समता से
18 अभ्यखायान से नाता तोड़ना किससे नाता जोड़ना
गुणानुराग से
19पैशुन्य से नाता तोड़ना है किससे नाता जोड़ना है
गुण दृष्टि से
20लोभ से नाता तोड़ा यह मेरे से चरितार्थहोता है
कपिल मुनि
21 में सब शत्रु में समाहित हु
मिथ्यादर्शन शल्य
22 कौनसा शल्य से नाता जोड़ना है
किसी से नहीं
23मैथुन रूपी शत्रु से नाता तोड़ना है तो किससे जोड़ना है
इन्द्रिय संयम
24 किस दर्शन से नाता जोड़ना है
सम्यग दर्शन से
25 किससे नाता जोड़ना है
*पूर्व भव में धर्म मर्म से नरतन रूपी चोला मिलाधर्म का मर्म न समझकर नर तन रूपी चोला  इस कषाय युक्त संसार  से नाता तोड़ना है धर्ममय मार्ग पर चलते हुए सिद्ध पद का वरण करे इससे नाता जोड़ना हैइस पर चिंतन करे*

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