मेरे मुक्तक 2
नक्षत्रो की ऐसी चाल चली
की फ़क़ीर चंद हो गये अब सर
औऱ अभी कैसी वाट लगी कि
त्राहि 2 करे संसार
ये नक्षत्रजाने कब बदलेंगे
दूर 2 तक नही आसार
प्रिटी जी ने भली चलाई क्लास
नक्षत्रों पर करे विश्वास,दिलाई आस
अनुमोदना स्वीकार करे
रखें सब ध्यान आस पास
💢💢💢💢💢💢💢💢
वो अरिहंतसितारे 💫फलक के हम जुगनू से जिया करते हैं,🌹 पहचानोमैं कौन हु ,पर पहचानते ही कहाँ खुद को ,बस दूसरों को ही देखा करते है जिस दिन पहचान लिया खुद को फिर पहचान को शेष कहाँ कुछ रह जायेगा🌹 राष्ट्रीका जी ने , जो दृष्टि 👀दी उसे अपना लो तो जीने का नजरिया 👁️बदल जाएगा औऱ उनका ज्ञान 📚 सम्मान यहाँ पा जायेगा 💐अंजुगोलछा💐
💢💢💢💢💢💢💢💢
चान्दनी चांद🌙 के आने से होतीं है रोशनी सितारो🌟 से होती है ये धर्म औऱ ज्ञान की📚 महफिल मेरे सहभागीयो के आने से जमती है🙏 ये अंजुमन 🌙🌟सभी पधारे स्वजन का दिली तमन्नाओ से इस्तक़बाल करती हैं🙏 💢💢💢💢💢💢💢💢
🌹तस्वीरे कल्पना को साकार करती है ☄️ दर्शन के लिये आकार देती है।☄️ उस जमाने से हमे रूबरू कराती है।🌹 🌹ये ही कोशिश बड़ी कशिश के साथ क़ी मैंने भी🍃 कुछ हुआ गलत हुआ तो माफ करना सभी🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐*अंजुगोलछा*💐
💢💢💢💢💢💢💢💢
🌹जन्मदिन के शुभ अवसर पर 🌹क्या मैं उपहार दूँ🌹 🌹मैं शब्दावली के सुंदर कुसुम 🌹आप पे वार दूँ🌹 🌹शुभकामनाओ में प्रभु से 🌹सतरंगी 🌹 🌹आपके लिए सपने मांग लूं 🌹बस चाहती हूँ ,हर वक्त 🌹 🌹आप उन्नति के उन्नयन🌹 🌹शिखर पर पद धरते रहें 🌹बरस दर बरस🌹 🌹ये कारवे चलते रहे🌹 🎂🍰🧁🥧🍦🍨🍨🎂 शुभाकांक्षीणी 🍃अंजुगोलछा🍃
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
पच्चीस बोल में निहित सम्पूर्ण धर्म का सार दो तत्व जीव ,अजीव पर टिका सम्पूर्ण संसार छोटे छोटे इन बोलो के गूढ़ अर्थ से भर गए ज्ञानभंडार📚 पवन जी ले चुके इसकी तीन 2 क्लास, 📖 अपरमित है,सीमितता में कैसे बांधे पवन जी का सामर्थ्य ही है कि इसे साधे🖊️ नमन *अंजुगोलछा* का गूढ़ता को आसानी से समझा दिया । औऱ अद्भुत क्लास से सबको रिझा दिया
🌷🌷🌷 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
लिखे चाहे कितना भी कोई , कई चरित्र लिखे नहीं जाते 🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️ जिनकी तारीफ करें स्वयं महावीर जी 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ उनको अल्प ज्ञानी, मुझ सरीके लिपी बद्ध कर नहीं पाते 🖋️🖋️🖋️🖋️🖋️🖋️ जो नव निधि सिद्धि के स्वामी 💰💰💰💰💰💰💰 छोड़ दे पल में ,अपने तन की सार कैसे व्यक्त करें कोई, कहाँ से लाये उपयुक्त उदगार धन्य धन्य धन्ना अनगार 🔴⚪🟡🕉️🟢🔵 नेहा जी का है, विशुद्ध समर्पित ज्ञान 📖📖📖📖📖📖 🙏 *अंजुगोलछा का* कोटि 2 वंदन प्रणाम🙏
🌹🌺🌹🌸🌼🌹🌷🌹
लॉक डाउन मे खाते 2 पक चुके, खा घर के 🏡पकवान 🥦🥑🥒🌶️🌽🥥🍌 आज सेजल जी🏨 ले आये चटपटा सामान 🥗🥧🍧🍨🍩🍿🍮🍨 सुन नाम 👅जिव्हा ललचा गई मानस,🧠 मे, खेल तरावट आ गई अजब पहेलियों के , गजब जबाब 🥁🎷🎺🎸🪕🎻 हमारा सलाम स्वीकारें जनाब 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 💐 *अंजुगोलछा*💐 गुण कँहा मोहताज है स्थान के, गुण को सदैव स्थान मिलता हैं। जो गुण ग्राहक है उन्हें,सदैव मुकाम मिलता है, जो गुणों से कराए परिचय हमारा ऐसे शिखर चंद जी साहब को हम सबका सम्मान भरा सलाम मिलता है । 🙏जै जिनैन्द्र 🙏 *अंजुगोलछा* 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*से* सेना पति ज्यो ग्रुप कीकमान संभाली है 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *ज* जयति शाशन की धर्म कीर्ति बढ़ाई है 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 *ल* लहर 2 सतीयों जी की गौरवशाली गाथा गाई है। 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 *जी* जीवन है ,धर्म के प्रति समर्पित होने के लिए अक्षरश अपनाई है 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
संगीता जी के लय से अंताक्षरी जुडी है। ज्ञान की क्रम बद्ध ये अटूट लड़ी है। बिखरने नही देगी ,समरसता धार खड़ी है, इस ज्ञान सरित में तरंगित ,लय ताल में डूब उभर जाएं संगीता जी को एक प्यार भरा सलाम देते जाएं
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
म से मोह माया का वर्जन है तो मुक्ति ,महात्मा महावीर जैसे आत्म मार्जन भी है मां की ममता है जिसमें निहित तो मधु जी की मधुरिमा अपरिमित म से जो मजमा लगाया उसके लिये मधु जी बधाई असीमित 🙏🙏
🍃बिखरे गुन्चो को चुन 🍃 गुलदस्ता बना दो💐 बिखरे गुहरों को चुन पुष्प हार बना दो📿 आज परीक्षा ✒️ली हैं अमृता जी ने कि बिखरे शब्दों को मायने( अर्थ) दो🎵 अमृता जी के इस पुरुषार्थ को मान दो 🙏सम्मान दो🙏 💐अंजुगोलछा💐 🌹
पहेलियां मानस को ,प्रबुद्ध बनाती है❄️ 🌷जीवन को सरस बनातीहैं 🌹इन पहेलियो के❄️ 🌹सुलझनमें,कुछ बढ़ी हो उलझन❄️ 🌷कुछ जिनाज्ञा का हुआ हो उल्लंघन❄️ 🌺तो कर बद्ध माफ़ी मांगती हूँ❄️ 🌹औऱ जिन्होंने भी पाठशाला 🌹attand की उनको शत 2 🙏नमन🙏 💐 *अंजू गोलछा का*💐 *अभिनन्दन* ❄️🌹❄️🌹❄️
🌹❄️🌹 रे रेख्ता ज्ञान को संजोया®️ 📖📖📖📖📖📖📖🕊️ खा खालिश,शुद्ध विशुद्ध ®️ 🌸🌺🌺🌺🌺🌺🌺🕊️ रा राजीव सा सौम्य निर्विवादित ज्ञान ®️ 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🕊️ ठो ठोर ठिकाना बना लिया ®️ ज्ञान का आगार🕊️ 🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️®️ ड़ डगमगाए कँहा फिर वो 🕊️ पाठशाला जिस कीआपने सम्भाली कमान®️ 🧮📝🖍️📐🏢📚📏🕊️ *अंजुगोलछा* 🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️ अनुमोदना कर रही, है वृहद आपका ज्ञान®️ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सुत्र और सुत्र कार 📝📝📝📝📝 महान दोनो धर्म आधार 📚📚📚📚📚📚 बनी आज दोनो की प्रस्तुति कि उषा जी सुत्र धार 🧵🙎♀️🧵🙎♀️🧵🙎♀️🧵 दिया जो धर्म ज्ञान 📖📖📖📖📖📖 अंजुगोलछा मान रही आपका आभार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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