कैसे कल्याण हुआ
1⃣ तीर्थ सिद्धा कौन हुए❓
🅰1⃣गौतम स्वामी
2⃣अतीर्थ सिद्धा कौन हुए ❓
🅰2⃣माता मरुदेवी जी
3⃣तीर्थंकर सिद्धा कौन हुए ❓
3⃣🅰24तीर्थकर
4⃣अतीर्थकर सिद्धा कौन हुए ❓
🅰4⃣धन्ना जी सुधर्मा स्वामी आदि (24तीर्थंकर को छोड़ कर)
5⃣स्वयं बुद्ध सिद्धा कौन हुए
🅰5⃣कपिल मुनि जी
6⃣प्रत्येक बुद्ध सिद्धा कौन हुए ❓
🅰6⃣नमि राजर्षि करकंडु दुमुख नग्गति
7⃣बुद्ध बोधित सिद्धा कौन हुए
🅰7⃣गौतम स्वामी के 500 शिष्य
8⃣स्त्री लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰8⃣मल्लीनाथजी चंदनबाला जी
9⃣पुरुष लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰9⃣गौतम जी आदि
1⃣0⃣नपुसंक लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰1⃣0⃣गांगेय अणगार
1⃣1⃣अन्य लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰1⃣1⃣वल्कल चिरीजी
1⃣2⃣गृहस्थ लिंग सिद्धा कौन हुए
मरुदेवी माता
1⃣2⃣सत्य बात निशंक भावपूर्वक कहने से
🅰1⃣2⃣आनंद श्रावक
1⃣3⃣कष्टो में भी व्रतो को दृढतापूर्वक पालन करने से
🅰1⃣3⃣अंबड़ जी के 700 शिष्य
1⃣4⃣शुद्ध मन से शील पालने से
🅰1⃣4⃣सेठ सुदर्शन
1⃣5⃣परिग्रह की ममता छोड़ने से
🅰1⃣5⃣कपिल जी
1⃣6⃣उदारता पूर्वक सुपात्रदान से
🅰1⃣6⃣सुमुख गाथापति
1⃣7⃣तप से डिगते हुए को स्थिर करने से
🅰1⃣7⃣सती राजमती
1⃣8⃣उग्र तपस्या करने से
🅰1⃣8⃣धन्ना मुनि जी
1⃣9⃣अग्लान भाव से वैयावृत्य करने से
🅰1⃣9⃣पंथक मुनि
2⃣0⃣सदैव अनित्य भावना भाते रहने से
🅰2⃣0⃣भरत चक्रवर्ती
2⃣1⃣अशुभ भाव रोकने से
🅰2⃣1⃣प्रशन्नचंद्र राजर्षि
2⃣2⃣अर्हत धर्म पर दृढ़ रहने से
🅰2⃣2⃣अर्हन्नक श्रावक
2⃣3⃣चतुर्विध संघ की वैयावच्च करने से
🅰2⃣3⃣सनतकुमारजी
2⃣4⃣उत्कृष्ट भाव पूर्वक साधु सेवा करने से
🅰2⃣4⃣बाहुबलिजी (पूर्व भव)
2⃣5⃣शुद्ध अभिग्रह करने से ---
🅰2⃣5⃣पाँच पांडव
*
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🅰1⃣गौतम स्वामी
2⃣अतीर्थ सिद्धा कौन हुए ❓
🅰2⃣माता मरुदेवी जी
3⃣तीर्थंकर सिद्धा कौन हुए ❓
3⃣🅰24तीर्थकर
4⃣अतीर्थकर सिद्धा कौन हुए ❓
🅰4⃣धन्ना जी सुधर्मा स्वामी आदि (24तीर्थंकर को छोड़ कर)
5⃣स्वयं बुद्ध सिद्धा कौन हुए
🅰5⃣कपिल मुनि जी
6⃣प्रत्येक बुद्ध सिद्धा कौन हुए ❓
🅰6⃣नमि राजर्षि करकंडु दुमुख नग्गति
7⃣बुद्ध बोधित सिद्धा कौन हुए
🅰7⃣गौतम स्वामी के 500 शिष्य
8⃣स्त्री लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰8⃣मल्लीनाथजी चंदनबाला जी
9⃣पुरुष लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰9⃣गौतम जी आदि
1⃣0⃣नपुसंक लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰1⃣0⃣गांगेय अणगार
1⃣1⃣अन्य लिंग सिद्धा कौन हुए
🅰1⃣1⃣वल्कल चिरीजी
1⃣2⃣गृहस्थ लिंग सिद्धा कौन हुए
मरुदेवी माता
1⃣2⃣सत्य बात निशंक भावपूर्वक कहने से
🅰1⃣2⃣आनंद श्रावक
1⃣3⃣कष्टो में भी व्रतो को दृढतापूर्वक पालन करने से
🅰1⃣3⃣अंबड़ जी के 700 शिष्य
1⃣4⃣शुद्ध मन से शील पालने से
🅰1⃣4⃣सेठ सुदर्शन
1⃣5⃣परिग्रह की ममता छोड़ने से
🅰1⃣5⃣कपिल जी
1⃣6⃣उदारता पूर्वक सुपात्रदान से
🅰1⃣6⃣सुमुख गाथापति
1⃣7⃣तप से डिगते हुए को स्थिर करने से
🅰1⃣7⃣सती राजमती
1⃣8⃣उग्र तपस्या करने से
🅰1⃣8⃣धन्ना मुनि जी
1⃣9⃣अग्लान भाव से वैयावृत्य करने से
🅰1⃣9⃣पंथक मुनि
2⃣0⃣सदैव अनित्य भावना भाते रहने से
🅰2⃣0⃣भरत चक्रवर्ती
2⃣1⃣अशुभ भाव रोकने से
🅰2⃣1⃣प्रशन्नचंद्र राजर्षि
2⃣2⃣अर्हत धर्म पर दृढ़ रहने से
🅰2⃣2⃣अर्हन्नक श्रावक
2⃣3⃣चतुर्विध संघ की वैयावच्च करने से
🅰2⃣3⃣सनतकुमारजी
2⃣4⃣उत्कृष्ट भाव पूर्वक साधु सेवा करने से
🅰2⃣4⃣बाहुबलिजी (पूर्व भव)
2⃣5⃣शुद्ध अभिग्रह करने से ---
🅰2⃣5⃣पाँच पांडव
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