भिक्षु चरमोत्कर्ष प्रश्नावली
*भिक्षु चरमोत्सव प्रश्नावली के उत्तर*
1. आचार्य भिक्षु का स्वर्गवास कब और कहां हुआ?
उ. वि.सं. 1860 भाद्रव शुक्ला त्रयोदशी को सिरियिरी में।
2. आचार्य भिक्षु ने अंतिम आहार किससे और कितना लिया?
उ. भारमलजी से 50 चावल और 10 मोठ के दाने।
3. स्वामीजी के कितने प्रहर का अनशन आया?
उ. सात प्रहर का।
4. स्वामीजी के स्वर्गस्थ होने का सबसे अधिक दुःख किसे हुआ?
उ. चेलावास के यति हीर विजयजी को।
5. शासन प्रभाकर के अनुसार स्वामीजी का जीव अभी कहां है?
उ. पांचवें देवलोक के इन्द्र।
6. भिक्षु चरमोत्सव क्यों मनाया जाता है?
उ. आचार्य भिक्षु के निर्वाण दिवस को भिक्षु चरमोत्सव के रूप में मनाया जाता है?
7. क्या कभी देश के राष्ट्रपति ने भिक्षु चरमोत्सव समारोह की अध्यक्षता की है?
उ. हां, राष्ट्रपति ज्ञानी जेलसिंह ने वि.सं. 2039 में सिरियारी में भिक्षु चरमोत्सव समारोह की अध्यक्षता की।
8. आचार्य भिक्षु की (तेरापंथ की) मौलिक मर्यादाएं कौन सी हैं?
उ. 1. एक गुरु की आज्ञा में रहें।
2. अपना अपना शिष्य शिष्या न बनाएं।
3. योग्य व्यक्ति को दीक्षित करें।
4. विहार चातुर्मास आचार्य की आज्ञा से करे।
5. आचार्य जिसे उत्तराधिकारी चुने उसे सभी सहर्ष स्वीकार करे।
9. तेरापंथ का मूल सुरक्षा कवच कौनसा है?
उ. मर्यादा और अनुशासन।
10. आचार्य भिक्षु ने धर्म का वास्तविक स्वरूप क्या बताया?
उ. त्याग धर्म- भोग अधर्म, व्रत धर्म- अव्रत अधर्म, आज्ञा धर्म- अनाज्ञा अधर्म, हृदय परिवर्तन में धर्म- जबरदस्ती या प्रलोभन में नहीं।
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1. आचार्य भिक्षु का स्वर्गवास कब और कहां हुआ?
उ. वि.सं. 1860 भाद्रव शुक्ला त्रयोदशी को सिरियिरी में।
2. आचार्य भिक्षु ने अंतिम आहार किससे और कितना लिया?
उ. भारमलजी से 50 चावल और 10 मोठ के दाने।
3. स्वामीजी के कितने प्रहर का अनशन आया?
उ. सात प्रहर का।
4. स्वामीजी के स्वर्गस्थ होने का सबसे अधिक दुःख किसे हुआ?
उ. चेलावास के यति हीर विजयजी को।
5. शासन प्रभाकर के अनुसार स्वामीजी का जीव अभी कहां है?
उ. पांचवें देवलोक के इन्द्र।
6. भिक्षु चरमोत्सव क्यों मनाया जाता है?
उ. आचार्य भिक्षु के निर्वाण दिवस को भिक्षु चरमोत्सव के रूप में मनाया जाता है?
7. क्या कभी देश के राष्ट्रपति ने भिक्षु चरमोत्सव समारोह की अध्यक्षता की है?
उ. हां, राष्ट्रपति ज्ञानी जेलसिंह ने वि.सं. 2039 में सिरियारी में भिक्षु चरमोत्सव समारोह की अध्यक्षता की।
8. आचार्य भिक्षु की (तेरापंथ की) मौलिक मर्यादाएं कौन सी हैं?
उ. 1. एक गुरु की आज्ञा में रहें।
2. अपना अपना शिष्य शिष्या न बनाएं।
3. योग्य व्यक्ति को दीक्षित करें।
4. विहार चातुर्मास आचार्य की आज्ञा से करे।
5. आचार्य जिसे उत्तराधिकारी चुने उसे सभी सहर्ष स्वीकार करे।
9. तेरापंथ का मूल सुरक्षा कवच कौनसा है?
उ. मर्यादा और अनुशासन।
10. आचार्य भिक्षु ने धर्म का वास्तविक स्वरूप क्या बताया?
उ. त्याग धर्म- भोग अधर्म, व्रत धर्म- अव्रत अधर्म, आज्ञा धर्म- अनाज्ञा अधर्म, हृदय परिवर्तन में धर्म- जबरदस्ती या प्रलोभन में नहीं।
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