धर्म पहेलियां 5

*


*♈1) मैं हु ज्ञान का खजाना ,वीर प्रभीजी की हु अंतिम देशना ।*
*मुझे सुनकर भव्य जीव, समय मात्र का प्रमाद मत करो ।।?*
*Answer:-  उत्तराध्ययन सूत्र !*

*♈2) मैं तो था पुरुषादानिय जी का शिष्य, महाव्रतो में अन्तर पाया ।*
*गौतमस्वामीजी से प्रश्न किया, वीरप्रभुजी का शाशन पाया?*
*Answer:- श्री केशी मुनिजी !*

*♈3) आवाज सुनकर वैराग्य पाया, दीक्षा को अंगीकार किया ।*
*देवता भी हारे थे मुझसे, अष्ट कर्मो का नाश किया ?*
*Answer :- नमिराजर्षि जी !*

*♈4) चाहे दिन हो या रात हो, सदा रहता मैं साथ में ।*
*जीवों की जयणा करता, साधुजी के आता काम मैं ?*
*Answer :-  रजोहरण !*

*♈5) कालिक नही उत्कालिक हु, दस अध्ययनों का मालिक हूँ ।*
*बडी दिक्षा में मुझे पढ़ते, चारित्र का खजाना हूँ ?*
*Answe :- दशवैकालिक सूत्र   !*

*♈6) इनका बडा उपकार है, यही ज्ञान के दाता हैं ।*
*परमात्मा को बताने वाले, यही जीवन त्राता है ?*
*Answer :- अरिहन्त परमात्मा !*

*♈7) मैं कितनी अभागिणी माता, पुत्रों का नही बचपन देखा ।*
*पुन: पुत्र पाकरके भी उसका नही यौवन देखा ?*
*Answer :-  देवकी राणी जी   !*

*♈8) पैसो से तो मैं गरीब था, तो भी साधर्मी की भक्ति करता ।*
*भगवान ने भी गुण है गाए ।*
*क्योंकी शुध्द सामायिक करता ?*
*Answer :-पुणिया श्रावक जी  !* 

*♈9). पाप मेरे से बहुत हुआ हैं, छह महीने में काट दिया ।*
*लोगो ने मुझे गालियाँ दी, फिर भी सहजता में जिया ?*
*Answer:-. अर्जुनमाली जी  !*

*♈10) एक श्रेष्ठ पुरुष था, नायक नही खलनायक था ।*
*सती का हरण किया था, मरकर नरक में गया था ?*
*Answer :- रावण जी !*

*



1️⃣ *बाहुबली की अतिशयकारी प्रतिमा देखो बड़ी निराली। किसने कब प्रतिमा बनवाई दक्षिण प्रान्त में है पधराई*⁉️
🅰️  बाहुबलीजी की प्रतिमा सेनापति श्री चामुंडराय ने सन् 982 मे बनवायी थी।

2️⃣ *पार्श्व प्रभु ने ध्यान लगाया शत्रु ने पत्थर बरसाया। शत्रु का तुम नाम बताओ समता से सब कर्म नशाओ।।*⁉️
🅰️ शम्बर नामक देव (कमठ का जीव) 

3️⃣ *मनवांछित वस्तु का दाता मांगे से मिलती है साता । तीर्थंकर का नाम बताओ चिन्ह बताकर इनाम पाओ।।*⁉️
🅰️शीतलनाथ भगवान का कल्पवृक्ष का चिन्ह।

4️⃣ *अष्टकर्म को किया है नाश रही न जिनको कुछ भी आश परमेष्ठी वे कौन कहाते बीच हमारे कभी न आते।।*⁉️
🅰️ सिद्ध परमेष्ठि । 

5️⃣ *मिथिला नगरी में हैं जनमें देव ले गया भाई को वन में । भाई-बहन का नाम बताना युगल जन्म है जिनका जाना।।*⁉️
🅰️सीता और भामंडल।

6️⃣ *दोनों भाई जुड़वाँ आवे, बहिन को देख विरक्ति पावे | कुंथलगिरी से मोक्ष पधारें ,हम सब उनका नाम उचारे ||*⁉️
🅰️कुलभुषण और देशभुषण 

7️⃣ *जल में जीव बहुत कहलाए, धर्म और विज्ञान बतलाएं।*
*एक बूंद में कितने जीव पाए, जीवों की संख्या आप बताएं ||*⁉️
🅰️36450

8️⃣ *जन्मभूमि है पूज्य तीर्थंकर सम ख्याति पाती। कितने तीर्थंकर है जन्में नगर अयोध्या ख्यात है जग में।।*⁉️
🅰️ पाँच तीर्थंकर - आदिनाथ भगवान, अजितनाथ भगवान, अभिनंदननाथ भगवान, सुमतिनाथ भगवान, अनंतनाथ भगवान।

9️⃣ *अष्टम नारायण कहलाये, महिमा अदभूत आगम गाये | रुक्मणी जिनकी थी पटरानी नाम बताओ कोई ज्ञानी ||*⁉️
🅰️ श्री कृष्ण 

🔟 *श्रीपाल को जिसने सताया, और समंदर मे जिसने गिरवाया| नाम बताओ उसका प्यारे,उसी सेठ का नाम उचारे*⁉️
🅰️धवल सेठ ।




३६. योजन एक लाख विस्तारा, जीव द्रव्य से भरा है सारा।
नाम द्वीप का कौन बताएं , बीच सुमेरु उसके पाएं।।

उत्तर— एक लाख विस्तार वाला द्वीप :— जम्बूद्वीप ।
३१. तीन—तीन पद के हैं धारी, जीती जिनने धरती सारी । तीर्थंकर का नाम बताओं, कामदेव पदवी पाई जिहोंने।।

उत्तर— तीर्थंकर, चक्रवर्ती एवं कामदेव पद के धारी शान्तिनाथ जी, कुन्थुनाथ जी व अरहनाथ जी।

 देखो सती वो सीतारानी, अग्निपरीक्षा भय ना मानी।
किस आर्यिका से दीक्षा लीना, नाम बताओ सही सही ना।।

उत्तर— आर्यिका पृथ्वीमति।

चउकर भूमि देख के चलना, इधर—उधर दृग कभी न करना । मूलगुण कौन सा है कहलाता, मुनिवर को है पूज्य बनाता।।

उत्तर— ईर्यापथ समिति।

Q1️⃣-आठ माथा 2पग  व्यने वंदे सारों जग ❓
Ans1️⃣--पार्श्वनाथ  भगवान


. णमोकार शुभ मन्त्र कहाता, पढ़े सुने जो सुख वो पाता।
किसने हैं णमोकार सुनाया, मरकर कुत्ता स्वर्ग में जाया।।

उत्तर— श्री जीवन्धरकुमार ने मरते हुये कुत्ते को णमोकार मन्त्र सुनाया।


१३७. जिनशासन का ध्वज लहराया, बौद्धों को जिनने था हराया।
उन आचार्य का नाम बताओ, नाम बताकर इनाम पाओ।।

उत्तर— आचार्य अकलंक देव।

१४२. मैं मैं करता प्राण गँवाता, तीर्थंकर का चिन्ह कहाता।
नम्बर कौन से प्रभु का आता, सच बतलाना इनाम पाता।।

उत्तर— सत्रहवें कुन्थूनाथ जी का बकरा।

जो जीता हैं ,वो मरता नहीं जो मरता है वो जीता
नही
आत्मा औऱ शरीर



१४४. ऋषभदेव नेमीश्वर स्वामी, वेद पुराणों में भी नामी।
किस आसन से मोक्ष पधारे, शीश नवाते बच्चे सारे।।

उत्तर— पद्मासन।


. विमलनाथ तीर्थंकर जनमें, त्याग तपस्या की है वन में।
जन्मभूमि का नाम बताओ, शीश झुकाकर पुण्य कमाओ।।

उत्तर— कम्पिला (कम्पिला पुरी)


१४७. सियालनी ने तन को खाया, स्वर्ग सम्पदा उनने पाया।
मुनिवर तीन दिवस वे ध्यानी, नाम बताओ उनका ज्ञानी।।

उत्तर—सुखमाल मुनि

. दस—दस दो दो जिनकी गणना, हम तुम लेते जिन की शरणा।
श, ष, स से नाम गिनाओ, तीर्थंकर कितने बतलाओ।।

उत्तर— १. संभवनाथ २. सुमतिनाथ ३. सुपार्श्र्वनाथ ४. सुविधिनाथ ५. शीतलनाथ ६. श्रेयांसनाथ ७. शान्तिनाथ ८. सन्मति

५३. हरिवंश के सूर्य कहावे, मिथ्यातम को दूर भगावे।
तीर्थंकर वो कौन हमारे, भवसागर से हमको तारें।।

उत्तर— श्री मुनिसुव्रतनाथ जी एवं नेमीनाथ जी।


२५७. णमोकार न कंठ समाया, मुक्तिरमा फिर भी परिणाया।
उन मुनिवर का नाम बताओ, उज्ज्वल अपने भाव बनाओ।।

उत्तर— मुनि शिवभूति।


न्हवन का जल है रोग भगावे, कन्या को है लक्ष्मण भावे।
संयम का फल जिसने पाया, नाम बताओ उसका भाया।।

उत्तर— विशल्या।


२६३. नगर हस्तिनापुर वे आये, विक्रिया से है रुप धराये।
मुनि उपसर्ग दूर है कीना, नाम मुनि का कहो नगीना।।

उत्तर— मुनि श्री विष्णुकुमार जी।


२६६. देवों ने आहार कराया , पर मुनि को न पता बताया।
मुनिवर कौन महाव्रत धारी, शीश झुकाएँ जनता सारी।।

उत्तर— मुनि श्री चन्द्रगुप्त


राजपुत्री का कुष्ट मिटाया, ब्रह्मचर्य महिमा प्रकटाया।
पति—पत्नि का नाम बताओ, व्रत धर जीवन सफल बनाओ।।


उत्तर— जिनदत्त सेठ व जिनदत्ता सेठानी

 सीताराम के पुत्र कहावे, पाप नशावे मोक्ष है जावे।
सिद्धक्षेत्र का नाम बताओ, लवकुश मुनि को शीश नवाओ।।

उत्तर— श्री सिद्धक्षेत्र पावागढ़ जी।


१. कितना ज्ञान भरा है इसमें, भाव तो ज्ञानी ही जाने|
पर अज्ञानी जीव कभी भी, असली रूप ना पहचाने ||

🅰️शास्त्र


२. तीन लोक में अनुपम है, जो तीन लोक में सार |
उसकी महिमा बढ़ जाती है, जो करता उससे प्यार ||


🅰️आत्मा

६. मुझको सुनकर  गुण  - ग्राहक कुछ सज्जन से लोग |
दुर्जन कभी न इसे जानना चाहते न करते मेरा उपयोग||
🅰️जिनवाणी
६. मुझको लेकर गुन-गुन करते, कुछ सज्जन से लोग |
दुर्जन कभी न हाथ लगाते, न करते मेरा उपयोग||

🅰️सात राजु


. लघु भाई को मरते देखा, शत्रुंजय से लड़ते देखा|
बोद्ध जनों से किया विवाद, नाम बताओ उनका आज ||
🅰️अकलंक जी

. ऐसे शास्वत पर्व बताओ

महीने में 2,2,आते

संयम समता भाव जगाते

श्रावक के मन को है भाते                     

🅰️अष्टमी.,चतुर्दशी   

१०. धीर वीर हैं पाण्डव भाई, संख्या पाँच उन्हीं की गाई।
किनने मोक्ष कहाँ से पाया, सही बताओ मेरे भाया

उत्तर— युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन ने शत्रुंजय (पालिताणा) से।


१२. चतुर्णिकायों के सुर आते, अष्टाह्निक का पर्व मनाते।
उसी द्वीप का नाम बताओ, जिन प्रतिमा की महिमा गाओ।।

उत्तर— आठवाँ नन्दीश्वर द्वीप महिमा— ५२ अकृत्रिम चैत्यालय, प्रत्येक चैत्यालय में ५०० धनुष उँची प्रमाणवाली पद्मासन विराजित १०८—१०८ जिन प्रतिमा है।


१६. जिनपूजा है दुख की नाशा, इससे मिटती जग की आशा।कितने द्रव्य के नाम बताकर , पूजा करना तुम नित आकर।।

उत्तर— अष्टद्रव्य के नाम १ जल २ चन्दन ३ अक्षत ४ पुष्प ५ नैवेद्य ६ दीप ७ धूप ८ फल।


२९. सती अंजना के थे ललना, हनुरुह द्वीप में डला था पलना ।
हनुमान जी वे कहलाए , नाम दूसरा कौन बताए।।


उत्तर— हनुमान का दूजा नाम— श्री शैल था। (पद्मपुराणजी ग्रंथानुसार)


. नरक निगोद हमें ले जाता, पाप काम है बुरा कहाता ।
कितने है पाप बताओं, पाप त्याग कर मुक्ति पाओ।।
उत्तर— पाँच पाप— हिंसा, झूठ , चोरी, कुशील, परिग्रह।


५१. हार जीत का खेल कहाता, नरको में निश्चित ले जाता।
व्यसन बड़ा है यह दुखदाई, नाम बताओ मेरे भाई।।
उत्तर— जुआ खेलना।



५६. बाहुबली की अतिशयकारी, प्रतिमा देखो बड़ी निराली।
किसने कब प्रतिमा बनवाई, दक्षिण प्रान्त में है पधराई।।

उत्तर— गोमटेश बाहुबली की प्रतिमा सेनापति श्री चामुण्डराय ने सन ९८२ में बनवाई थी।


५७. गगन में देखो जिनका यान, चमक से होती है पहचान।
देव कौन से वे कहलाते, कभी—कभी वे यहाँ भी आते।।
उत्तर— ज्योतिष्क देव— सूर्य चन्द्रमा आदि।


६८. झूठी है संसार की माया, युद्ध क्षेत्र में समझ है आया।
गज पर ही कचलोंच है कीना, राजा कौन सा कहो नवीना।।
उत्तर— राजा मधु।

७२. रावण का था मान गलाया, मंदिर की रक्षा है कराया।
मुनिवर कौन अतुल बलशाली, कर्म काट मुक्ति है पाली।।

उत्तर— बालि मुनि।

. मल मूत्रों का बना पिटारा, दुर्जन जैसा तन का सहारा।
भावना कौन सी है कहलाती, है वैराग्य भाव उपजाती।।

उत्तर— अशुचि भावना।


कठिन है मिलना मानव काया, फिर मिलना है धर्म की छाया।
भावना कौन सी है कहलाती, सफल करो जीवन बतलाती।।

उत्तर—बोधि दुर्लभ भावना।

७३. जीता मरता जीव अकेला, संग में चलता गुरु न चेला।
भावना कौन सी है कहलाती, मोह भाव को दूर भगाती।।
उत्तर— एकत्व भावना।

७४. जन्म मरण यह जीव है करता, चहु गतियों में दुख ही भरता।
भावना कौन सी है कहलाती, मोक्ष मार्ग में प्रीत जगाती।।
उत्तर— संसार भावना।


स्वर्ग नरक की रचना सारी, नर तिर्यंच करे संचारी | भावना कौन सी है कहलाती, सिद्धशिला की याद दिलाती।।

उत्तर— लोक भावना।


तन जर्जर उपसर्ग हुआ हो, अतिभयंकर रोग हुआ हो।
काय कषाय को कृश है करना, व्रत है कौन सा हमें बताना।।
उत्तर— सल्लेखना व्रत।


. शत्रु भरा क्रोध भाव से, असभ्य बोले बहुत ताव से।
मारे पीटे सब कुछ सहना, धर्म कौन सा अपना गहना।।
उत्तर— उत्तम क्षमा धर्म।


 मन वा इन्द्रिय में न फंसना, वध से जीवों के है बचना।
बंधना भी मुक्ति का कारण, धर्म कौन सा दुख का वारण।।
उत्तर— उत्तमसंयमधर्म ।

९३. तीर्थंकर पद है दिलवाती, भव—भव की बाधा मिटवाती।
भावना कौन सी है कहलाती, घर में भी शोभा है पाती।।
उत्तर— सोलहकारण भावना।


९८. राजा राम अरु सीता रानी, पद्मपुराण में इनकी कहानी ।
दूजा नाम है कौन बताए, प्राण जाए पर वचन निभाए।।
उत्तर— श्री राम— श्री पद्म एवं सीता का जानकी।

धर्मिक पहेलियां

1⃣ जहा वाणी प्रगटी वीरकी, छः अक्षर का नाम।
गौतमजी जहाँ गणधर हुए बतलाओ वह धाम।।
🅰 1⃣समवशरण❗❗❗
🅿2⃣थी वह मधुर मिलन की बेला,
लगा था लेकिन वहाँ धर्म का मेला
प्रतिबोधित किया पत्नी व चोरों को
करके साधना सब कर्मों को दूर ढकेला
*🅰जम्बु स्वमीजी*🙏🏻
3⃣🤔गूंज रही थी चारों ओर शहनाई
 दुल्हन को लेने बारात जब आई
गिरी पगड़ी जो दूल्हे राजा की तोरण मैं
लेकर संयम आत्मज्योति जगाई🤔
*🅰आचार्य श्री उदयसागरजी*🙏🏻
4⃣🤔छह खंड का अधिपति भारत🇳🇪 देश नाम हुआ
जल कलमवत निर्लिप्त था आरीशा भवन🏦 मैं वेतराग हुआ
*🅰भरत चक्रवर्ती*🙏🏻

5⃣🤔वे राजा 🤴🏻तीर्थंकर आदि थे
मरुदेवी माता👸🏻,व पिता नाभिराय 🤴🏻थे🤔
*🅰भ. ऋषभदेवजी*🙏🏻

6⃣जुए मैं जिसे पति ने हारा चीर हरण जिसका हुआ🙈
पुत्र हत्यारे को दिया अभय पूर्व
भव का नियाणापूरा किया👰🏻
*🅰 महा सती द्रौपदीजी*🙏🏻

7⃣🤔एक महल🏰के दरवाजे चार
इस महल मैं जाने से हो जाता उद्धार
हर कोई चाहता इस महल मैं  जाना
जल्दी से बताओ तुम इसका अंसर
*🅰मोक्ष*🙏🏻

🤔8⃣ सामने रूप का अंबार
फिर भी जीत लिया कर्म विकार🤔
*🅰स्थूली भद्रजी*🙏🏻

🤔9⃣जन्म हुआ था जेल मे ,तीन खंड के स्वामी बने
कर धर्म दलाली,भावी  तीर्थंकर वह बने🤔
*🅰श्री कृष्णजी*🙏🏻

🤔🔟मैं हूँ अजर ,अमर,सारे जमाने की मुझको खबर
मुझको नही कोई दुख मुझमें हैं अनंत  सुख🤔
*🅰सिद्ध*🙏🏻
🤔1⃣1⃣सुंदर सलोनी जिसकी काया देव भी दर्शन को आये थे
सोलह रोग हुए देह मैं, परमेष्ठि पद पाए थे🤔
*🅰सनत चक्रवर्ती*🙏🏻

🤔1⃣2⃣प्रतीक रंग है जिसका काला
श्वेत वस्त्र है अंग पर डाला
27 गुण है किसके
जल्दी से बताओ नाम उनके🤔
*🅰साधु-साध्वीजी*🙏🏻

🤔1⃣3⃣तीनो लोक का मैं बताऊं हाल
मुजे पाके इंसान हो जाता है निहाल
पाया मुझको खंदक मुनि ने भी
जब उतारी गई थी उनकी खाल🤔
*🅰केवलज्ञान*🙏🏻

🤔1⃣4⃣व्यंग किया था पत्नी ने अनजाने मैं
इतिहास बनगया उस गुसलखाने मैं
चल पड़े संयम मार्ग पर दृढ़ता पूर्वक वे
समझ गए जब कि सार नही है कुछ जमाने मैं🤔
*🅰धन्ना सेठ*🙏🏻

🤔1⃣5⃣आप तीरे औरों को तारे
वंदन🙏🏻 करते सूरज🌞 चांद🌙 और तारे✨
करते है धर्म प्रवर्तन धरती पर
काल चक्र मैं होते है अड़तालीस सारे।🤔
*🅰तीर्थांकरजी*🙏🏻

🤔1⃣6⃣ गगन मैं देखो जिनका स्थान
चमक से होती उनकी पहचान
देव कौन से वे कहलाते 
,रोज़ रोज़ वे यहां भी आते🤔
*🅰ज्योतिषी देव-सूर्य चंद्रमाजी*🙏🏻

🤔1⃣7⃣देवों ने जय जय कार लगाई 
नगर कम्पिल बाजी बधाई💐🌺
तीर्थंकर है कौनसे जन्मे
नाम बताओ सोच के क्षण भर मैं🤔
*🅰विमल नाथजी*🙏🏻

🤔1⃣8⃣बालयति तीर्थंकर प्यारे ,शौरिपुर मे जन्म है धरे

नाम कौनसा इंद्र पुकारे सही बताओजग के तारे🤔
*🅰अरिष्टनेमिजी*🙏🏻

🤔1⃣9⃣पति संग वनवास गयी 
जोगी ने अपहरण किया
उतीर्ण हुई अग्नि परीक्षा मैं 
देवों ने जय जय कार किया🤔
*🅰महासती-सीताजी*🙏🏻

🤔2⃣0⃣अहिंसा के अवतार था
सब जीवों  से उन्हें प्यार था
कौन थे वे मोक्षगामी जिन पर 
तेजोलेश्या का हुआ प्रहार था🤔
🌹🅰2⃣0⃣भगवान महावीर स्वामी ❓
🅿2⃣1⃣,एक महल के दरवाजे चार
इस महल में जाने से हो जाता उदार
हर कोई चाहता है इस महल में जाना
जल्दी से बताओ आप सब विद्वान
🅰2⃣1⃣मोक्ष  सिद्ध स्थान 
🅿2⃣2⃣ जल में जीव बहुत कहलाए, धर्म और विज्ञान बतलाए।
एक बूँद में कितने जीव पाए,जीवो की संख्या आप बताए।
🅰2⃣2⃣ 36450
🅿2⃣3⃣ 363 मत को चलाया,वीर प्रभु का जीव कहाया।
आदिनाथ जी के समय मे आया,तीर्थंकर भी कहाया।।
🅰2⃣3⃣ मरीचि जी
🅿2⃣4⃣ ताले 48 डले थे , पहरेदार लिए भाले थे।
भीतर बंद किया उन मुनिको, नाम बताओ तुम हम सबको।।
🅰2⃣4⃣ मानतुंग आचार्य जी
🅿2⃣5⃣तीसरे आरे में जन्मती है,
                पंचम आरे में मर जाती है,
                यतना से मुझे रखो तो  जीवदायी हु,वरना प्राण हर लेती हु ❓❓
🅰2⃣5⃣अग्नि/तेजस्काय।
🅿2⃣6⃣ माता तुम्हारी वामादेवीजी, अश्वसेनजी पितु है सबसे न्यारा।
बाल ब्रह्मचारी कहलाकर ,मुनि बनकर के मोक्ष सिधारा ।।
🅰2⃣6⃣ पार्श्वनाथ जी
🅿2⃣7⃣ राग मोह का नाम नहीं हैं, भूख प्यास का काम नहीं है।
इस ही तन से मोक्ष जु पावे , महिमा उनकी सब जन गावे।।
🅰2⃣7⃣ पर्युषण महापर्व
🅿2⃣8⃣ अंत कटे तो स्वर्ण कहलाऊँ, प्रथम कटे दो तो मैं गिर जाऊ।
नही कटे कुछ तो तीर्थ कहलाऊँ, साधर्मी के मन को भाऊ।।
🅰2⃣8⃣ सोनगिरि❗❗
🅿2⃣9⃣ मुझको लेकर गुनगुन करते, 108 तिनको को लोग।
दुर्जन कभी न हाथ लगाते, न करते मेरा उपयोग।।❓
🅰 2⃣9⃣माला❗❗

🅿3⃣0⃣ कलियुग के धर्मदलाल,  हम सब के मन भाते
।सी,  वी, पी, ओर जे,जे,सा,, कई और   ग्रुप बनाकर , हमको ज्ञान बाटते जाते।❗❗🌹🙏🏼
🅰3⃣0⃣पतंग ❗
🅿3⃣1⃣ ऐसा कोनसा जिव हे जो सुबह 4 पैर से चलता है, दोपहर में 2 पैर से, एवम् शामको 3 पैर से चलता है ???
🅰3⃣1⃣मानव❗❗
🅿3⃣2⃣जलती है पर दिखती नहीं
है एक ऐसी आग
जब जलती है अंतर में 
विवेक जाता है दुर भाग
3⃣2⃣🅰क्रोध कषाय
🅿3⃣3⃣84 लाख जीव योनि में से एकनदिरय कितनी व पंचेनदिरय कितने है
🅰3⃣3⃣52 लाख एकनदिरय 
26 लाख पंचेनदिरय
🅿3⃣4⃣काला मुँह लाल शरीर
*कागज   को    वह  खाता*
*रोज शाम को पेट फाड़कर*
*कोई      उन्हें      ले      जाता*
🅰3⃣4⃣लेटर बॉक्स ❗❗❗❗


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06 - 11 - 2020 (2 से 2:30)

Krina Ji Shah

Topic -::-  *पहेलियाँ*🙏🏻😍😇
*(24 तीर्थंकर जी की पहेलियाँ जो मैने स्वयं बनाई है कुछ उलटा या गलत लिख दिया हो तो क्षमा करना)*

*❤️1️⃣❓प्रथम राजेश्वर, प्रथम संयमधर,*
*प्रथम तीर्थंकर प्यारा, शत्रुंजय मंडन,*
*नाभी नंदन, मरुदेवा ना दुलारा,* 
*त्रण जग ना पालनहारा, भवि जीव ना तारणहारा.....*⁉️
*🌸@ श्री आदिनाथ प्रभु जी*🐚

*🧡2️⃣❓दो-दो माता-पिता कि मिला स्नेह,*
*शासनपति कहलाते वह,* 
*उपसर्ग सहे अपार,* 
*वीरों वीरों के वीर कहलाते वह बताओ कोन है वो⁉️*
*🌸@ श्री महावीर स्वामी भगवान*🐚

*💛3️⃣❓राजुल को तारा,तारा रहनेमि को,* 
*बालब्रह्मचारी कहलाते,* 
*महा अभक्ष्य त्यागी है,*
*गिरनार जी से मोक्ष में गए 536 मुनिवर के साथ.....⁉️*
*🌸@ श्री नेमिनाथ जी*🐚

*💚4️⃣❓पांच कल्याणक हुए एक ही नगरी में,*
*वर्तमान चोबीसी के 12 वे तीर्थंकर जी है,*
*उनके पिता ओर उनके नाम में बस मात्रा के फेर..... ⁉️*
*🌸@ श्री वासुपूज्य स्वामी जी*🐚

*💙5️⃣❓तारंगा मंडन,*
*विजया नंदन,*
*जितशत्रु के दुलारे,*
*हाथी लंछन जेनो शोभे.....*⁉️
*🌸@ श्री अजितनाथ जी*🐚

*💜6️⃣❓अच्छेरे का अच्छेरा हुआ,*
*स्त्री तीर्थंकर जी जो हुऐ,*
*कर्म इतने कम थे की,*
*जब ली दीक्षा, पायो थोडे समय में ही केवलज्ञान.....*⁉️
*🌸@ श्री मल्लिनाथ प्रभु जी*🐚

*🖤7️⃣❓250 वर्ष तक चला शासन उनका,*
*नाग-नागीणी को तारा,*
*वर्तमान चौबीसी में सबसे पूण्यशाली कहलाते,*
*108 है उनके नाम.....*⁉️
*🌸@ श्री पार्श्वनाथ जी दादा*🐚

*🤍8️⃣❓साचा देव ते भावे करूं हुं वंदन तेमने,*
*एक ज्ञान छिपा है उनके नाम में.....*⁉️
*🌸@ श्री सुमतिनाथ जी*

*🤎9️⃣❓प्रथम तीर्थंकर जी ने जिनके हाथों से पारणा किया इनका ओर उनका नाम समान,*
*माता ओर पिता का नाम समान.....*⁉️
*🌸@ श्री श्रेयांसनाथ जी*🐚

*❣️🔟❓यह तीर्थंकर जी ओर शासनपति के काका श्री का नाम एक समान,*
*स्वस्तिक लंछन जेनो सोहे ऐवां........ मन मोहे⁉️*
*🌸@ श्री सुपार्श्वनाथ जी*🐚

*💕1️⃣1️⃣❓हस्तिनापुर जन्म नगरी है उनकी,*
*कबूतर को बचाया, अपने प्राण संकट में डालकर,*
*मृग लंछन है उनका.....*⁉️
*🌸@ श्री शांतिनाथ प्रभु जी*🐚

*💞1️⃣2️⃣❓भरूच तीर्थ के मूलनायक जी,*
*किया प्रतिबोध घोडे को,*
*साधु जी एक पदवी छीपी है उनके नाम में,*
*एक शेठ जी का नाम भी छिपा है उनके नाम में,*
*दोनो को मिलाकर बनता है प्यारे जिनराज का नाम*⁉️
*🌸@ श्री मुनिसुव्रत स्वामी जी*🐚

*💓1️⃣3️⃣❓सार्धमिक भक्ति करते किया तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन,*
*वर्ण कंचन है उनका,*
*सावत्थी मंडन,*
*सेना के नंद,*
*जितारी के दुलारे.....*⁉️
*🌸@ श्री संभवनाथ जी*🐚

*💗1️⃣4️⃣❓नाम समान,*
*समान है लंछन उनका,*
*कोसंबी तीर्थ जन्म नगरी उनकी,*
*सुसीमादेवी माय*
*श्रीधरराजा ताय*⁉️
*🌸@ श्री पद्मप्रभ स्वामी जी*

*💖1️⃣5️⃣❓पावन किया अयोध्या नगरी को जन्म लेकर वहाँ,*
*मरकट लंछन सोहे.....⁉️*
*🌸@ श्री अभिनंदन स्वामी जी*🐚

*💘1️⃣6️⃣❓यह नहीं करोगे तो मोक्ष कैसे पाओगे,*
*लंछन वज्र*
*एक तत्व है उनके नाम में.....*⁉️
*🌸@ श्री धर्मनाथ जी प्रभु*🐚

*💝1️⃣7️⃣❓मिथिलापुरी में जन्म पायो,*
*सम्मेतशिखर से मोक्ष में गए*
*नीलकमल लंछन सोहे*
*दो अक्षर का नाम है मेरा*⁉️
*🌸@ श्री नमिनाथ जी भगवान*🐚

*💟1️⃣8️⃣❓नाम समान,*
*समान लंछन,*
*ओर तो ओर जन्म नगरी भी समान,*
*बतलाओ बतलाओ प्यारे जिनराज का नाम.....*⁉️
*🌸@ श्री चंद्रप्रभ स्वामी जी*🐚

*💌1️⃣9️⃣❓🌺🦷जी उनका दूसरा नाम,*
*प्राणत स्वर्ग से आऐ थे,*
*विधि श्रेष्ठ करनी चाहिए यह बतलाते है.....⁉️*
*🌸@ श्री सुविधिनाथ जी*🐚

*❤️2️⃣0️⃣❓नमुं अनंत चोवीसी,*
*आऐ थे वह पुष्पोतर विमान से,*
*पाया जन्म अयोध्या में.....*⁉️
(प्रश्न में ही है जवाब)
*🌸@ श्री अनंतनाथ जी*🐚

*🧡2️⃣1️⃣❓वंथली तीर्थ के मूलनायक,*
*कंचन वर्णीय,*
*नंदा के नंद,*
*द्रढरथ के जाया.....*⁉️
*🌸@ श्री शीतलनाथ जी*🐚

*💛2️⃣2️⃣❓बलसाणा तीर्थ के स्वामी,*
*श्यामा-कृतवर्मा के राजदुलारे.....⁉️*
*🌸@ श्री विमलनाथ जी*🐚

*💚2️⃣3️⃣❓नाम है दो अक्षर का,*
*जोधपुर मुखय तीर्थ है उनका,*
*हस्तिनापुर जन्म नगरी सोहे....*⁉️
*🌸@ श्री कुंथुनाथ जी*🐚

*💙2️⃣4️⃣❓जयंत अनुत्तर विमान से आऐ थे,*
*खंडित नगरी के नाथ,*
*देवी-सुदर्शन के जाया,*
*प्रणमुं तुज पाया.....*⁉️
*🌸@ श्री अरहनाथ जी*🐚




🅿️1️⃣👉🏻 नरक निगोद हमें ले जाता, पाप काम है बुरा कहाता ।
पाँच पाप के नाम बताओं, पाप त्याग कर मुक्ति पाओ।। ⁉️
🅰️👉🏻 पाँच पाप— हिंसा, झूठ , चोरी, कुशील, परिग्रह ‼️

🅿️2️⃣👉🏻 नाभिराय मरुदेवी के नन्दन, हरते हैं जन जन का क्रन्दन।
कितनी आयु हमें बताना, ऋषभदेव को शीश नवाना।। ⁉️
🅰️👉🏻 श्री ऋषभदेव जी , कुल आयु:— ८४ लाख पूर्व वर्ष ‼️

🅿️3️⃣👉🏻 योजन एक लाख विस्तारा, जीव द्रव्य से भरा है सारा।
नाम द्वीप का कौन बताएं , बीच सुमेरु उसके पाएं।। ⁉️
🅰️👉🏻 एक लाख विस्तार वाला द्वीप :— जम्बूद्वीप  ‼️

🅿️4️⃣👉🏻 आतम की पहचान कराती, चखें सूंघती और दिखाती।
छूना सुनना और सुनाना, नाम इन्द्रियों के बतलाना।। ⁉️
🅰️👉🏻 पाँच इन्द्रियों के नाम— (१) स्पर्शन इन्द्रिय (त्वचा), (२) रसना इन्द्रिय (जिव्हा) (३) घ्राण (नासिका) (४) चक्षु (नेत्र) (५) कर्ण (कान) इन्द्रिय ‼️

🅿️5️⃣👉🏻 देवों में उत्सव है छाया, जन—जन ने उल्लास मनाया।
कह गये कल्याणक जिन के, पाँच कौन से तीर्थंकर के।। ⁉️
🅰️👉🏻 पाँच कल्याणक निम्न प्रकार के है। गर्भकल्याणक, जन्मकल्याणक, तपकल्याणक, 
केवलज्ञान कल्याणक,
 निर्वाण/ मोक्ष कल्याणक ‼️

🅿️6️⃣👉🏻 मानतुंग मुनिवर ने गाया, भक्तिभाव से बंध छुडाया।
उस रचना का नाम बताओ, तथा छन्द की गणना गाओ।। ⁉️
🅰️👉🏻 रचना का नाम— भक्तामर स्तोत्र छन्द संख्या — ४८ ‼️

🅿️7️⃣👉🏻 भटक—भटक कर दुख ही पाता , चउगतियों में कहीं न साता।
इन गतियों के नाम बताओ, सबसे पहले इनाम पाओ।। ⁉️
🅰️👉🏻 चार गतियाँ— नरकगति, तिर्यंचगति, मनुष्यगति, देवगति ‼️

🅿️8️⃣👉🏻 कोयल मीठा—मीठा गाती, किन्तु काया काली पाती।
कैसे तुमने ऐसा जाना, किस इन्द्रिय से है पहचाना।। ⁉️
🅰️👉🏻 मीठा गाती — कर्ण इन्द्रिय (कान) से। 

काली काया — चक्षु इन्द्रिय (नेत्र) से ‼️

🅿️9️⃣👉🏻 कुन्दकुन्द आचार्य हमारे, हम सबको हैं प्राण से प्यारे ।
पाँच ग्रन्थ के नाम उचारे, गुरु रचित हैं हमें सहारे ।। ⁉️
🅰️👉🏻 कुन्दकुन्द आचार्य द्वारा रचित पाँच ग्रन्थ — समयसार, प्रवचनसार, नियमसार,पञ्चास्तिकाय, अष्टपाहुड ‼️

🅿️1️⃣0️⃣👉🏻 रानी चेलना ने समझाया, सम्यग्दृष्टि जिसे बनाया।
उस राजा का नाम बताओ, आगे क्या होगा बतलाओ।। ⁉️
🅰️👉🏻 श्रेणिक राजा जी , जो भविष्यकाल में महापद्म नाम के प्रथम तीर्थंकर होंगे ‼️

🅿️1️⃣1️⃣👉🏻 छूकर के जो सबको जाने, स्पर्शन इन्द्रिय पहचाने।
आठ विषय हैं उसके होते , बोलो नाम समय क्यों खोते ।। ⁉️
🅰️👉🏻 स्पर्शन इन्द्रिय के विषय १. हल्का २ भारी ३ कडा ४ नरम ५ रूखा ६ चिकना ७ ठण्डा ८ गरम ‼️

🅿️1️⃣2️⃣👉🏻 श्री पार्श्वप्रभु हैं सबसे न्यारे , कर्म शत्रु भी जिनसे हारे।
प्रभु की कुल आयु बतलाओ, प्रभु चरणों में शीश झुकाओ।। ⁉️
🅰️👉🏻 श्री पार्श्वप्रभु की आयु १०० वर्ष ‼️

🅿️1️⃣3️⃣👉🏻 विषयों को जो चखकर जाने, रसना इन्द्रिय वो पहचाने ।पाँच विषय हैं उसके होते, नाम बताओ अब क्यों सोते।। ⁉️
🅰️👉🏻 रसना इन्द्रिय के पाँच विषय १ खट्टा २ मीठा ३ कड़वा ४ चरपरा ५ कषायला ‼️

🅿️1️⃣4️⃣👉🏻 सम्यग्दृष्टि वो कहलाता, सात तत्व जो उर में लाता।
इन तत्वों के नाम बताओं, कर्म काट मुक्ति पा जाओं।। ⁉️
🅰️👉🏻 सात तत्व— १ जीव २ अजीव ३ आस्रव ४ बन्ध ५ संवर ६ निर्जरा ७ मोक्ष ‼️

🅿️1️⃣5️⃣👉🏻 समयसार छोटा कहलाता , मुक्ति महल का पथ दिखलाता।
कवि का नाम बताओ भईया, छहढाला तो नाव खिवैया ।। ⁉️
🅰️👉🏻 पं. दौलतराम जी  ‼️

🅿️1️⃣6️⃣👉🏻 कौशल्या के राज दुलारे, सीता जी को सबसे प्यारे।
कौन कहाँ से मोक्ष पधारे, नाम बताओ वरना हारे।। ⁉️
🅰️👉🏻 श्री रामचन्द्र जी , तुंगीगिरी (मांगीतुंगी) से मोक्ष पधारे ‼️

🅿️1️⃣7️⃣👉🏻 जिनपूजा है दुख की नाशा, इससे मिटती जग की आशा।
अष्ट द्रव्य के नाम बताकर , पूजा करना तुम नित आकर।। ⁉️
🅰️👉🏻 अष्टद्रव्य के नाम १ जल २ चन्दन ३ अक्षत ४ पुष्प ५ नैवेद्य ६ दीप ७ धूप ८ फल। ‼️

🅿️1️⃣8️⃣👉🏻 धीर वीर हैं पाण्डव भाई, संख्या पाँच उन्हीं की गाई।
किनने मोक्ष कहाँ से पाया, सही बताओ मेरे भाया ⁉️
🅰️👉🏻 युधिष्ठिर जी , भीम जी  और अर्जुन जी ने शत्रुंजय (पालिताणा) से‼️

🅿️1️⃣9️⃣👉🏻 जिन्हें सभी हैं शीश नवाते, परमेष्ठी हैं वे कहलाते।
कितने होते नाम बताएं, सदा शरण में इनकी जाएं।। ⁉️
🅰️👉🏻 परमेष्ठी पाँच होते हैं — अरिहंत जी , सिद्ध जी , आचार्य जी , उपाध्याय जी , साधु जी  ‼️

🅿️2️⃣0️⃣👉🏻 . अर्हत् सिद्धाचार्य उपाध्याय, साधु जी को हम नित ध्याँय।
सहीं मूलगुण सबके बोलो, कर्म काट मुक्ती पट खोलो।। ⁉️
🅰️👉🏻 अरिहंत परमेष्ठी ४६ सिद्ध परमेष्ठी ८ आचार्य परमेष्ठी ३६ उपाध्याय परमेष्ठी २५ साधु परमेष्ठी २८ ‼️


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