तीर्थंकर क्लास के लिए
★★★★★★★★★★★
1⃣ छद्मस्तता के जाने से क्या आता है?
1⃣ केवल ज्ञान और केवल दर्शन।
1⃣ छद्मस्तता के जाने से क्या आता है?
1⃣ केवल ज्ञान और केवल दर्शन।
2⃣ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में क्या हुआ था ?
2⃣ आदिनाथ भगवान् के पांचो कल्याणक ।
2⃣ आदिनाथ भगवान् के पांचो कल्याणक ।
3⃣आरणक ने दीक्षा किससे प्रतिबोध पाकर ली?
3⃣ माँ से ।
3⃣ माँ से ।
4⃣ प्राण और कषाय के बोल कितने? दोनों को मिलाने से किसकी संख्या बनती है?
4⃣ १०और ४ बोल।गुणस्थान के १४ ।
4⃣ १०और ४ बोल।गुणस्थान के १४ ।
5⃣ अनावश्यक हिंसा से बचने के लिए हमे किस पर नहीं चलना चाहिए ? अपने या दूसरो की इच्छा से ली गयी दीक्षा कौन सी प्रवज्या कहलाती है ?
5⃣घास पर । छंद प्रवज्या ।
5⃣घास पर । छंद प्रवज्या ।
6⃣आदिनाथ भगवान् के ११वे भव का नाम ? समवशरण किसका विराम स्थल है ?
6⃣ वज्रनाभ चक्रवर्ती । वैर का ।
6⃣ वज्रनाभ चक्रवर्ती । वैर का ।
7⃣ संवर के कितने भेद है ? कर्मदान कितने ?
7⃣२०। १५।
7⃣२०। १५।
8⃣तीर्थंकर भगवन चौपद मे सर्वश्रेष्ठ हैं । हाँ या ना ?
8⃣ नहीं ।
8⃣ नहीं ।
9⃣ मैं क्या हूँ ?
9⃣ आत्मा ।
9⃣ आत्मा ।
मरुदेवी माता को मोक्ष किस नगरी में आया और आदिनाथ भगवान् को केवल ज्ञान किस नगरी में हुआ?
पुरीनताल नगरी ।
पुरीनताल नगरी ।
1⃣1⃣ फाल्गुन कृष्णा ग्यारस को किसका द्वार खुला ?
1⃣1⃣ इस अवसर्पिणी काल में स्वमंगल में विश्वमंगल का द्वार ।
1⃣1⃣ इस अवसर्पिणी काल में स्वमंगल में विश्वमंगल का द्वार ।
1⃣2⃣ पच्चीस बोल में अजीव में कितने बोल पाये जाते हैं और कौन से ?
1⃣2⃣ तीन १४,२० और २१ ।
1⃣2⃣ तीन १४,२० और २१ ।
1⃣3⃣किस दूरबीन से धर्मघोष ऋषि ने धर्म रुचि अंगार की गति जानी ?
1⃣3⃣ श्रुत ज्ञान की दूरबीन से ।
1⃣3⃣ श्रुत ज्ञान की दूरबीन से ।
1⃣4⃣ तीर्थंकर नाम कर्म किसके केवलज्ञान होते ही उदय में आता है ?
1⃣4⃣तीर्थंकर के ।
1⃣4⃣तीर्थंकर के ।
1⃣5⃣ कर्म अठफर्सी होते हैं?
1⃣5⃣ नहीं ।
1⃣5⃣ नहीं ।
1⃣6⃣ पुष्प चुला जी ने कौन सी प्रवज्या ली ?
1⃣6⃣ स्वप्न प्रवज्या।
1⃣6⃣ स्वप्न प्रवज्या।
1⃣7⃣ मक्खी में कौन सी इन्द्रिय नहीं पायी जाती ?
1⃣7⃣ श्रोतेन्द्रिय ।
1⃣7⃣ श्रोतेन्द्रिय ।
1⃣8⃣ जवानी में क्या है और क्या नहीं ?
1⃣8⃣ समझ है शक्ति है पर समय नहीं ।
1⃣8⃣ समझ है शक्ति है पर समय नहीं ।
1⃣9⃣ भगवान् महावीर के आत्मा ने कौन से भव में रोष प्रवज्या ली ?
1⃣9⃣ विश्वभूति के ।
1⃣9⃣ विश्वभूति के ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें