इन्द्रिय। त्रस और स्थावर

त्रस और स्थावर

प्रश्न-३९५ संसारी जीव के कितने भेद हैं?
उत्तर-३९५ संसारी जीव के दो भेद हैं—१. त्रस २. स्थावर।
प्रश्न-३९६ स्थावर जीव किसे कहते हैं तथा इनके कितनी इंद्रियाँ होती हैं?
उत्तर-३९६ एकेन्द्रिय जीव को स्थावर जीव कहते हैं तथा इनके केवल शरीर रूप एक स्पर्शन इंद्रिय ही होती है।
प्रश्न-३९७ स्थावर जीव के कितने भेद हैं उनके नाम बताओ?
उत्तर-३९७ स्थावर जीव के पाँच भेद हैं—पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक एवं वनस्पतिकायिक।
प्रश्न-३९८ पृथ्वीकायिक जीवों का लक्षण उदाहरण सहित बताओ?
उत्तर-३९८ पृथ्वी ही जिनका शरीर हो वह पृथ्वीकायिक जीव हैं जैसे—मिट्टी, पाषाण, अभ्रक, सोना आदि। खान से निकलने वाली वस्तुएँ पृथ्वीकायिक हैं परन्तु उत्पत्ति स्थान से अलग होने के बाद उसमें जीव नहीं पाया जाता।
प्रश्न-३९९ जलकायिक जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-३९९ जल ही जिनका शरीर हो वह जलकायिक जीव कहलाते हैं जैसे-’बर्फ, ओला, ओस आदि।
प्रश्न-४०० अग्निकायिक जीव किसे कहते हैं?
उत्तर-४०० अग्निकायिक जीव अर्थात् अग्नि ही जिनका शरीर हो जैसे-दीपक की लौ, अग्नि, बिजली आदि।
प्रश्न-४०१ वायुकायिक जीव का लक्षण उदाहरण सहित बताओ?
उत्तर-४०१ वायुकायिक जीव अर्थात् वायु ही जिनका शरीर हो जैस-हवा, आंधी, तूफान आदि।
प्रश्न-४०२ वनस्पतिकायिक जीव की परिभाषा लिखो?
उत्तर-४०२ वनस्पतिकायिक जीव अर्थात् वनस्पति ही जिनका शरीर हो जैसे-वृक्ष, लता, फल, फूल आदि।
प्रश्न-४०३ कोयला बुझने के बाद उसमें जीव है या नहीं?
उत्तर-४०३ कोयला बुझने के बाद उसमें जीव नहीं हैं।
प्रश्न-४०४ संतरा, केला में जीव है या नहीं?
उत्तर-४०४ संतरा, केला आदि जब तब वृक्ष में लगे हैं तब तक जीव है उससे अलग होने के बाद नहीं।
प्रश्न-४०५ वनस्पतिकायिक जीवों की कितनी योनियाँ हैं?
उत्तर-४०५ वनस्पतिकायिक जीवों की १४ लाख योनियाँ हैं।
प्रश्न-४०६ पेड़-पौधे कितनी इंद्रिय के जीव हैं?
उत्तर-४०६ पेड़-पौधे एकेन्द्रिय जीव हैं।
प्रश्न-४०७ विकलत्रय जीव किन्हें कहते हैं?
उत्तर-४०७ दो इंद्रिय, तीन इंद्रिय और चार इंद्रिय जीवों को विकलत्रय कहते हैं।
प्रश्न-४०८ त्रस जीव किसे कहते हैं उनके भेद बताओ?
उत्तर-४०८ दो इंद्रिय आदि जीवों को त्रस जीव कहते हैं इनके चार भेद हैं-दो इंद्रिय, तीन इंद्रिय, चार इंद्रिय और पंचेन्द्रिय।
प्रश्न-४०९ तीन इंद्रिय जीव की परिभाषा बताओ?
उत्तर-४०९ जिनके स्पर्शन, रसना, घ्राण ये तीन इंद्रियाँ हों वे तीन इंद्रिय जीव हैं जैसे-चींटी, खटमल, बिच्छू आदि।
प्रश्न-४१० चार इंद्रिय जीव की परिभाषा बताओ?
उत्तर-४१० जिनके स्पर्शन, रसना, घ्राण और चक्षु ये चार इंद्रियाँ हों वे चार इंद्रिय जीव हैं जैसे-मधुमक्खी, मक्खी, बर्र, ततैया आदि।
प्रश्न-४११ पंचेन्द्रिय जीव किसे कहते हैं।
उत्तर-४११ जिनके स्पर्शनदि पाँचों ही इंद्रियाँ हों वे पंचेन्द्रिय कहलाते हैं जैसे-मनुष्य, देव, नारकी, पशु-पक्षी, तिर्यंच आदि।
प्रश्न-४१२ दो इंद्रिय से पाँच इंद्रिय तक के जीवों के दो-दो नाम बतावें?
उत्तर-४१२ दो इंद्रिय-लट, जोंक, तीन इंद्रिय-चींटी, खटमल, चार इंद्रिय में-बर्र, ततैया और पंचेन्द्रिय में नारकी, मनुष्य हैं।
प्रश्न-४१३ तुम त्रस हो या स्थावर?
उत्तर-४१३ हम त्रस हैं।
प्रश्न-४१४ अन्धे-बहरे मनुष्य के कितनी इंद्रियाँ होती हैं?
उत्तर-४१४ अन्धे-बहरे मनुष्य के पाँचों इंद्रियाँ होती हैं।
प्रश्न-४१५ पंचेन्द्रिय तिर्यंच जीवों के भेद बताओ?
उत्तर-४१५ पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के तीन भेद हैं-जलचर, स्थलचर और नभचर।
प्रश्न-४१६ जलचर जीव किन्हें कहते हैं?
उत्तर-४१६ जो जल में रहते हैं उन्हें जलचर कहते हैं जैसे-मगर, मछली, कछुआ आदि।
प्रश्न-४१७ स्थलचर जीव का लक्षण उदाहरण सहित लिखो?
उत्तर-४१७ जो पृथ्वी पर चलते हैं वे स्थलचर कहलाते हैं जैसे-बैल, घोड़ा, बंदर हाथी आदि। प्रश्न-४१८ नभचर जीव की परिभाषा लिखो?
उत्तर-४१८ जो आकाश में उड़ा करते हैं जैसे कबूतर, तोता, चिड़ियाँ आदि।
प्रश्न-४१९ पंचेन्द्रिय के दो भेद कौन से हैं?
उत्तर-४१९ पंचेन्द्रिय के दो भेद हैं-सैनी व असैनी।
प्रश्न-४२० सैनी किसे कहते हैं?
उत्तर-४२० जिसके मन हो शिक्षा और उपदेश को समझ सकते हों वे सैनी कहलाते हैं जैसे-हाथी, बैल, कुत्ता आदि।
प्रश्न-४२१ असैनी किसे कहते हैं?
उत्तर-४२१ जिनके मन नहीं है, शिक्षा और उपदेश को ग्रहण नहीं कर सकते हैं वे असैैनी कहलाते हैं। कोई-कोई तोते, पानी में रहने वाले साँप आदि असैनी ही होते हैं।
प्रश्न-४२२ मनुष्य, देव, नारकी व तिर्यंच इनमें कौन-कौन सैनी हैं कौन असैनी?
उत्तर-४२२ मनुष्य, देव और नारकी सैनी ही होते हैं। पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में कोई जीव असैनी होेते हैं बाकी सब सैनी ही होते हैं।
प्रश्न-४२३ कौन से जीव असैनी ही होते हैं?
उत्तर-४२३ एकेन्द्रिय, दो इंद्रिय, तीन इंद्रिय और चार इंद्रिय जीव असैनी ही होते हैं।
प्रश्न-४२४ षट्काय जीव किन्हें कहते हैं?
उत्तर-४२४ पाँच स्थावर और एक त्रस ये षट्काय जीव कहलाते हैं।

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